Thrips control in Garlic

थ्रिप्स :- यह कीट छोटे एवं पीले रंग के होते है जो पत्तियों पर सफ़ेद धब्बे बना देते है यह पत्तियों से रस चूसते है |
नियंत्रण :- प्रोफेनोफोस @ 400 मिली /एकड़ या फिप्रोनिल 5% एससी @ 400 मिली प्रति एकड़ या एमामेक्टीन बेंजोएट 80-100 ग्राम/एकड़ या स्पिनोसेड @ 75 मिली/ एकड़ का स्प्रे करे| छिडकाव सिलिकोन आधारित साल्वेंट मिला कर करे और जमीन से फिप्रोनिल 0.03% GR @ 8 किलो प्रति एकड़ या फोरेट 10 G @ 8 किलो प्रति एकड़ देने की अनुशंसा है|

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Soil and its preparation in Garlic

मिट्टी और उसकी तैयारी: – विभिन्न मृदाओ पर लहसुन उगाया जा सकता है। लेकिन रेतीली दोमट, चिकनी दोमट और गहरी भुर भूरी मिट्टी लहसुन की फसल के लिए सबसे उपयुक्त हैं। 5-6 जुताई के द्वारा भूमि तैयार की जाती है। अधिकतम पीएच श्रेणी 5.8 और 6.5 के बीच हो। पीएच स्तर को बनाए रखने के लिए प्रति हेक्टेयर 50 किलोग्राम जिप्सम का उपयोग करें। (मिट्टी पीएच स्तर के अनुसार) भूमि को ऐसे तरीके से तैयार किया जाना चाहिए कि अत्यधिक पानी आसानी से बाहर निकाला जा सकता है और खरपतवार मुक्त बन सके| आखरी जुताई से पहले 15-20 टन अच्छी तरह से सड़ी गोबर की खाद खेत में देनी है |

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Management of Purple Blotch in Garlic

शुरुआत में छोटे, अंडाकार घाव ओर धब्बे जो आगे चल कर बैगनी भूरे हो जाते है पीले किनारों के चारो ओर दिखाई देते है | जब धब्बे बड़े होने लगते है पीले किनारे फ़ैल कर ऊपर नीचे घाव बनाते है| घाव पत्ति के बीच में बने होते है जिससे वो गिर जाता है | घाव पुरानी पत्तियों के सिरे से शुरू होते है |रोग को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए स्वस्थ बीज का उपयोग किया जाना चाहिए। गैर-संबंधित फसलों के साथ 2-3 साल का फसल चक्र का पालन करना चाहिए। फफुदीनाशक का छिड़काव, मैन्कोज़ेब 75% WP @ 45 ग्राम/ 15 लीटर पानी या हेक्साकोनोजोल 5% एससी @ 20 मिलीलीटर / 15 लीटर पानी या प्रोपिकोनाज़ोल 25% ईसी @ 15 मिलीलीटर / 15 लीटर पानी 30 दिन से 10-15 दिनों के अंतराल पर रोपण के बाद या जैसे ही बीमारी दिखाई देती है करना चाहिए |

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Root rot control in Garlic

नियंत्रण :-संक्रमित पोधों को देख कर जल्दी से हटा दे | रोपण के लिए रोग मुक्त कलियों का उपयोग करे |   लहसुन कलियों को गर्म पानी से उपचारित करने से संक्रमण 50% तक कम किया जा सकता है | रोपण के समय कलियों को मेन्कोजेब 2 ग्राम / ली. के घोल से उपचारित करे | खड़ी फसल मे 45 ग्राम प्रति पम्प कार्बेन्डाजिम 12% + मेन्कोजेब 60% का स्प्रे व ड्रेनचिंग करे |

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Management of Irrigation in Garlic

लहसुन में सिंचाई का प्रबंधन:-

  • रोपण के उपरान्त पहली सिंचाई कर देनी चाहिये|
  • अंकुरण के तीन दिन बाद फिर से सिंचाई करनी चाहिये |
  • इसके बाद 10-15 दिन मे सिंचाई करनी चाहिये |
  • गर्मी मे 5-7 दिन मे सिंचाई करनी चाहिये |
  • जब कंद परिपक्व हो जाये तब सिंचाई कम कर देना चाहिये |
  • कुल मिलाकर 15 सिंचाईयो की आवश्यकता पड़ती है |
  • फसल के पकने के दोरान भुमि मे नमी कम नहीं होना चाहिये अंत: कंद के विकास मे विपरीत प्रभाव पड़ता है |

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