- खीरा एक उथली जड़ वाली फसल है इस कारण इसमें अधिक गहरी अन्तर शस्य क्रियाएँ आवश्यक नही होती है।
- छँटाई करने हेतु सभी द्वितीयक शाखाओं को पाँच गाँठों के साथ काट देने से इसकी फलों की गुणवत्ता में सुधार होता हैं एवं उपज बढ़ती है।
- पौधे को सहारा देकर उगाया जाता है, जिससे फलों में सड़न की समस्या कम हो जाती है।
तरबूज की फसल में मल्चिंग/पलवार का महत्व
- प्लास्टिक मल्चिंग तरबूज की फसल में लगने वाले कीड़ों, बीमारियों और खरपतवारों से बचाती है।
- काले रंग की पॉलिथीन के द्वारा खरपतवारों का नियंत्रण किया जाता है और साथ ही हवा, बारिश व सिंचाई से होने वाले मृदा कटाव को भी यह रोकती है।
- पारदर्शी पॉलीथिन का उपयोग मृदा जनित रोगों और नमी संरक्षण को नियंत्रित करने में किया जाता है।
तोरई की उन्नत खेती से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य जो बेहतर उत्पादन में होंगे सहायक
- तोरई कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा और विटामिन ए का अच्छा स्रोत है।
- इसकी खेती गर्म और आर्द्र जलवायु में की जाती है।
- इसके लिए तापमान 32-38 डिग्री सेंटीग्रेड का होना चाहिए।
- तोरई की बुआई के लिए नाली विधि ज्यादा उपयुक्त मानी जाती है।
- गर्मी के दिनों में इसकी फसल को लगभग 5-6 दिनों के अन्तराल पर सिंचाई देनी चाहिए।
- इसकी तुड़ाई में अगर देरी हो तो इसके फलों में कड़े रेशे बन जाते हैं।
तुरई की आरती किस्म (VNR SEEDS) की खेती से किसानों को होगी बेहतर आमदनी
| क्र. | तुरई की आरती किस्म (VNR SEEDS) | |
| 1. | बुआई का समय | मार्च |
| 2. | बीज की मात्रा | 1-2 किलो/एकड़ |
| 3. | पंक्ति के बीच की दूरी की | 120 -150 सेमी |
| 4. | पौधों के बीच की दूरी | 90 सेमी |
| 5 | बुआई की गहराई | 2- 3 सेमी |
| 6. | रंग | आकर्षक हरा |
| 7 | आकार | लम्बाई 24-25 सेमी, चौड़ाई 2.4 इंच |
| 8 | भार | 200-225 ग्राम |
| 9 | पहली तुड़ाई | 55 दिन |
जाने कद्दु, करेला, ककड़ी, तरबूज, खरबूज, लौकी और गिल्की की खेती के लिये उपयुक्त जलवायु कैसी होनी चाहिए?
- गर्म एवं नमी युक्त मौसम इस फसल के लिये उपयुक्त होता है।
- इस फसल की अच्छी वृद्धि एवं विकास के लिये रात व दिन का तापमान 18-22 C एवं 30-35 C के मध्य होना चाहिये।
- 25-30 C तापमान पर बीज अंकुरण बहुत तेजी से होता हैं।
- अनुकूल तापमान होने पर मादा फुलो एवं फलो की संख्या प्रति पौधा मे वृद्धि होती है।
आलू के छिलकों को फेंकने के बजाय सेवन करें, मिलेंगे आश्चर्यजनक फ़ायदे
- आलू की तरह ही इसके छिलके में भी भरपूर मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में बहुत मदद करता है।
- यह यूवी किरणों से बचाव तथा त्वचा की सुरक्षा करता है।
- मेटाबॉलिज्म के लिए भी यह फ़ायदेमंद होता है।
- शरीर को अच्छी मात्रा में आयरन दिलाता है, जिससे एनीमिया होने का खतरा कम हो जाता है।
प्याज व लहसुन के कंद को सड़न से बचाने हेतु इन बातों का रखें ध्यान
- प्याज, लहसुन के अधिक समय तक भण्डारण के लिए भण्डारगृहों के तापमान तथा आद्रता का ध्यान रखना चाहिए।
- जुलाई से सितम्बर तक नमी 70 प्रतिशत से अधिक होती है, इसकी वजह से इसमें सड़न बढ़ जाती है।
- अक्टूबर-नवंबर में कम तापमान से सुषुप्तावस्था टूट जाती एवं प्रस्फुटन की समस्या बढ़ जाती है।
- अच्छे भण्डारण के लिए भंडार गृहों का तापमान 25-30 डिग्री सें. तथा आर्द्रता 65-70 प्रतिशत के मध्य होनी चाहिए।
खेतों की उपज बढ़ाने के मिशन में ग्रामोफ़ोन के ग्राम सलाहकार ने जीता खिताब
आज भारत के किसानों को अगर किसी चीज की आवश्यकता है तो वह है सही समय पर सही विकल्प की, और ये बात हम सब ग्रामोफ़ोन में जानते तथा समझते है। इसीलिए ग्रामोफ़ोन के निरंतर प्रयासों की वजह से आज 3 लाख से ज़्यादा किसान ग्रामोफ़ोन से जुड़ गए हैं और समृद्धि की नई कहानी की रचना कर रहे हैं।
किसानों को समृद्ध बनाने में ग्रामोफ़ोन के जज़्बे को अगर कोई जीवंत करता है तो वह है ग्रामोफ़ोन ग्राम सलाहकार। ऐसे ही एक जुझारू और कर्मठ सलाहकार है श्री संजय पाटीदार, जिन्होंने किसानों की मदद के लिए ग्रामोफ़ोन द्वारा लांच की गई “सॉइल समृद्धि किट” की मदद से अपने क्षेत्र के किसानों की खेतों की उर्वरता बढ़ा दी है।
किसानों की समृद्धि का अंकुर फूटता है मिट्टी की उर्वरकता से और मिट्टी की उर्वरकता बढ़ाने के उद्देश्य से ग्रामोफ़ोन द्वारा सुझाई गई युक्ति “सॉइल समृद्धि किट” मिट्टी की उर्वरकता बढ़ने हेतु एक कारगर विकल्प है।
हमारे ग्राम सलाहकार संजय ने सॉइल समृद्धि किट के लांच होते ही संकल्प लिया की वे इस किट के फ़ायदों की जानकारी ज़्यादा से ज़्यादा किसानों को देंगे। इसके लिए संजय ने अनगिनत फार्मर मीटिंग और विजिट्स की और किसानों को बताया की सॉइल समृद्धि किट कैसे पौधे के विकास, उपज और गुणवत्ता को बढ़ाता है, जिससे किसानों को अपनी उपज का सही मूल्य मिल सकता है।
संजय का दृढ संकल्प, सही प्लानिंग तथा कड़ी मेहनत रंग लायी है और उन्होंने पहला सॉइल समृद्धि किट सेंचुरियन बनने का खिताब अपने नाम कर लिया। संजय पाटीदार एक अनोखे उदाहरण के तौर पर उभरे हैं जिन्होंने ये साबित कर दिया है की किसान के जीवन को समृद्ध करने की अगर मंशा हो तो कुछ भी असंभव नहीं है।
Shareकिसानों के हितों का ध्यान रखते हुए सरकार ने प्याज़ के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाया
प्याज़ की खेती करने वाले किसानों के हितों का ध्यान रखते हुए सरकार ने 26 फरवरी के दिन प्याज़ के निर्यात पर लगाया गया छह माह पुराना प्रतिबंध हटा दिया है। इससे किसानों को अपनी प्याज़ की फसल के लिए बड़ा बाजार मिलेगा और उन्हें मुनाफ़ा भी ज्यादा मिलेगा।
ग़ौरतलब है की सितंबर 2019 में प्याज़ की बढ़ी हुई कीमतों को देखते हुए सरकार ने इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। पर अब स्थितियाँ बदल गई हैं और प्याज़ के रेट स्थिर हो गए हैं। इसके साथ साथ देश में प्याज़ की बम्पर पैदावार भी हुई है जिसे देखते हुए खाद्य मंत्री रामविलास पासवान प्याज़ के निर्यात पर से प्रतिबंध हटाने की घोषणा की है।
Shareकेंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने में बीजों की भूमिका को बताया अहम
किसी भी फसल से बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए जिस चीज की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है वो है उन्नत किस्म के बीज। बीज की इसी महत्ता को केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने समझा और नई दिल्ली में आयोजित भारतीय बीज कांग्रेस – 2020 को संबोधित करते हुए इस पर वक्तव्य भी दिया।
कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा है कि “भारत एक कृषि प्रधान देश है, हमारे देश की अर्थव्यवस्था गांव और कृषि पर निर्भर है, कृषि और गांव के ताने बाने के परिणाम स्वरूप अर्थव्यवस्था को लगने वाले झटकों से उबरने में सफलता मिली है।” बीज की भूमिका पर बात करते हुए उन्होंने कहा की “बीज उत्पादकों के अनुसंधान और वैज्ञानिकों के योगदान के फलस्वरूप आज देश खाद्यान्न की दृष्टि से आत्मनिर्भर ही नहीं बल्कि आवश्यकता से अधिक उत्पादन करके एक कीर्तिमान स्थापित करने में भी सफल हुआ है।”
किसानों का सच्चा साथी ग्रामोफ़ोन भी बेहतर कृषि हेतु बीजों की अहमियत को समझता है और इसीलिए उन्नत किस्म के बीज किसान भाइयों के घर तक बिना किसी डिलीवरी चार्ज के पहुँचाता है। उन्नत किस्म के बीज अपने घर पर मंगाने के लिए किसान भाई ग्रामोफ़ोन कृषि एप के ‘बाजार’ सेक्शन से इसके लिए ऑर्डर कर सकते हैं या फिर टोल फ्री नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल कर के भी बीज मंगवा सकते हैं।
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