- इस कीट का आक्रमण सोयाबीन की फसल की शुरूआती अवस्था में ही हो जाता है।
- पहले यह कीट पौधे के नरम भागों को नुकसान पहुँचाती है और बाद में यह सोयाबीन की फली एवं बीजों को नुकसान पहुँचाती है।
- यह फली एवं फल छेदक इल्ली सोयाबीन की फली को बहुत अधिक को नुकसान पहुँचाती है।
- इसके प्रबधन के लिए प्रोफेनोफोस 40% + साइपरमेथ्रिन 4% EC @ 400 मिली/एकड़ या इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG @100 ग्राम/एकड़ या फ्लूबेण्डामाइड 20% WG @100 ग्राम/एकड़ या लैम्डा साइहेलोथ्रिन 4.6% + क्लोरानिट्रानिलीप्रोल 9.3% ZC @ 80 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- इसके जैविक प्रबंधन के लिए बवेरिया बेसियाना @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
आने वाले 3 से 4 दिनों में मध्यप्रदेश के इन जिलों में हो सकती है भारी बारिश
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अगस्त महीने में एक नया सिस्टम सक्रिय होने वाला है और ऐसा होने के बाद नए सिरे से बारिश का सिलसिला शुरू हो जाएगा। ग़ौरतलब है की पिछले चौबीस घंटे में मध्यप्रदेश के कई जिलों में इसका दिखा है। मौसम विभाग की तरफ से कई जिलों में बारिश होने की संभावना जताई है।
मौसम विभाग के मुताबिक अनूपपूर, उमरिया, डिंडौरी, दमोह, छतरपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड आदि जिलों में कही कही भारी बारिश की संभावना है। इसके साथ ही रीवा, शहडोल, ग्वालियर, चंबल आदि क्षेत्रों में गरज के साथ बारिश की संभावना जताई गई है।
बात करें देश के अन्य राज्यों की तो मौसम विभाग के अनुसार उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम और पूर्वोत्तर राज्यों में आने वाले 3 से 4 दिनों में भारी बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में 29 से 31 जुलाई के बीच बारिश हो सकती है।
स्रोत: एमपी ब्रेकिंग न्यूज़
Shareमिर्च की फसल में 45 से 60 दिनों में उर्वरक प्रबंधन
- मिर्च की फसल में जिस प्रकार रोपाई के समय या रोपाई के बाद पोषण/उर्वरक प्रबंधन बहुत आवश्यक होता है ठीक उसी प्रकार मिर्च की फसल जब 40 दिनों की हो जाती है तो उसके बाद 45 से 60 दिनों में भी पोषण/उर्वरक प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है।
- इस समय पोषण/उर्वरक प्रबंधन करने से मिर्च की फसल में फूल अच्छे बनते हैं एवं फूल गिरने की समस्या भी फसल में नहीं होती है।
- इस समय जो पोषण/उर्वरक प्रबधन किया जाता है वह मिट्टी उपचार के रूप में किया जाता है।
इसके लिए निम्न उत्पादों का उपयोग किया जाता है
- यूरिया @ 45 किलो/एकड़ + DAP@ 50 किलो/एकड़ + मैगनेशियम सल्फेट @ 10 किलो/एकड़ + सूक्ष्म पोषक तत्व @ 10 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार के रूप में उपयोग करें।
मिर्च की फसल में 40-50 दिनों में छिड़काव प्रबंधन
- जिस प्रकार बुआई के समय एवं बुआई के 25-30 दिनों में कीट, रोगों एवं कवक जनित रोगों के नियंत्रण के लिए एवं अच्छी वृद्धि एवं विकास के लिए छिड़काव प्रबंधन किया जाता है ठीक उसी तरह बुआई के 40-50 दिनों में भी छिड़काव किया जाना बहुत जरूरी होता है।
- खरीफ की फसल होने के कारण मिर्च की फसल जिस खेत में बोई जाती है वहां नमी अधिक होती है इस कारण बहुत से कवक जनित रोगों का प्रकोप मिर्च की फसल पर होता है।
- इन रोगों के नियंत्रण के लिए टेबूकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% WDG @ 500 ग्राम/एकड़ या हेक्साकोनाज़ोल 5% SC @ 400 मिली/एकड़ या थायोफिनेट मिथाईल 70% WP @ 300 ग्राम/एकड़ या कासुगामायसीन 3% SL@ 400 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- जैविक उपचार में कवक जनित रोगों के लिए सुडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ उपयोग करें।
- यदि खेत में मकड़ी का प्रकोप है तो इसके नियंत्रण के लिए एबामेक्टिन 1.9 % EC @ 150 मिली/एकड़ या प्रॉपरजाइट 57% EC@ 400 मिली/एकड़ का उपयोग करें।
- रस चूसक कीट के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8%SL @ 100 मिली/एकड़ या थियामेंथोक्साम 25% WG@ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- कीट जनित रोगों के लिए बवेरिया बेसियाना @250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- मिर्च की फसल की अच्छी वृद्धि एव विकास के लिए होमोब्रेसिनोलाइड @ 100 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
आने वाली है पीएम किसान योजना की अगली क़िस्त, अगर नहीं मिल रहा लाभ तो करें ये काम
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत छठी क़िस्त एक अगस्त से किसानों के बैंक खातों में भेजी जायेगी। कोरोना वायरस की वजह से लगे देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान बहुत सारे ऐसे भी किसान को इस योजना के तहत पांचवीं क़िस्त प्राप्त हुई थी। हालांकि कई ऐसे भी किसान थे जो इस क़िस्त से वंचित रह गए थे।
आप इस बार की क़िस्त से वंचित ना रह जाएँ इसलिए अपनी ग़लतियों का सुधार अभी से कर लें। आप ये घर पर बैठे ही कर सकते हैं। इसके लिए आपको इस योजना की ऑफिशियल वेबसाइट (https://pmkisan.gov.in/) पर जाना होगा। वेबसाइट पर दर्ज फार्मर कॉर्नर के अंदर जाकर Edit Aadhaar Details ऑप्शन पर क्लिक करें और गलतियों का सुधार कर लें। अगर इसके बाद भी समस्या आये तो आप हेल्पलाइन (155261 या 1800115526) पर संपर्क करें। इसके अलावा आप 011-23381092 पर भी बात कर सकते हैं।
स्रोत: लाइव हिंदुस्तान
Shareकपास की फसल में 60-70 दिनों में छिड़काव प्रबंधन
- कपास की फसल में 60-70 दिनों में सबसे ज्यादा प्रकोप गुलाबी इल्ली का होता है।
- यह इल्ली शुरूआती दौर में कपास के फूल पर पायी जाती है।
- ये फूल से कपास के परागकण खाने के साथ-साथ जैसे ही कपास का टिंडा तैयार होता है उसके अंदर चली जाती है और टिंडे के अंदर के कपास के बीज को खाना शुरू कर देती है।
- इसी के साथ रस चूसक कीट एफिड, जेसिड, थ्रिप्स, सफेद मक्खी का भी प्रकोप कपास की फसल में होता है।
- इनके नियंत्रण के लिए 60-70 दिनों में छिड़काव करना बहुत आवश्यक होता है।
- इसके लिए नोवालूरान 5.25% + इमामेक्टिन बेंजोएट 0.9% SC@ 600 मिली/एकड़ या या लैम्डा साइहेलोथ्रिन 4.6% + क्लोरानिट्रानिलीप्रोल 9.3% ZC@ 80 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- पायरीप्रोक्सीफैन 10% + बॉयफैनथ्रिन 10% EC 250 मिली/एकड़ या इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG @ 100 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।
- अच्छी वृद्धि एवं विकास के लिए एमिनो एसिड @ 300 मिली/एकड़ + 00:52:34 @ 1 किलो/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
सोयाबीन की फसल में 35 से 40 दिनों में छिड़काव प्रबंधन
- सोयाबीन की फसल में बुआई के समय एवं बुआई के 25-30 दिनों में कीट एवं कवक जनित रोगों के नियंत्रण के साथ ही अच्छी वृद्धि एवं विकास के लिए छिड़काव प्रबंधन किया जाता है ठीक उसी तरह बुआई के 35 से 40 दिनों में भी छिड़काव प्रबंधन किया जाना बहुत जरूरी होता है।
- खरीफ की फसल होने के कारण सोयाबीन की फसल जिस खेत में बोई जाती है वहाँ नमी अधिक होती है। इस कारण बहुत से कवक जनित रोगों का प्रकोप सोयाबीन की फसल पर होता है।
- इन रोगों के नियंत्रण के लिए हेक्साकोनाज़ोल 5% SC @ 400 मिली/एकड़ या थायोफिनेट मिथाईल 70% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या कासुगामायसीन 3% SL@ 400 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- कीट जनित रोगों के नियंत्रण के लिए प्रोफेनोफोस 40% + सायपरमेथ्रिन 4% EC@ 400 मिली/एकड़ या इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG @ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- सोयाबीन के फसल से फूल और फूल को झड़ने से रोकने के लिए होमोब्रेसिनोलाइड @100 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
अगले 24 घंटों में इन राज्यों में हो सकती है हल्की से मूसलाधार बारिश, कई राज्यों में हाई अलर्ट
जुलाई महीने के अंत आते आते पूरे देश में मानसून ने अपनी पकड़ बना ली है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब के अधिकतर क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में आने वाले 24 घंटे में मूसलाधार बारिश होने की संभावना है।
पिछले 24 घंटों के दौरान कोंकण गोवा, केरल, तमिलनाडु, तटीय कर्नाटक, रायलसीमा, दक्षिणी मध्य प्रदेश, दक्षिणी राजस्थान, विदर्भ, मराठवाड़ा, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश हुई है। वहीं उत्तर और पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, ओडिशा, गंगीय पश्चिम बंगाल, तटीय आंध्र प्रदेश, लक्षद्वीप, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हुई है।
आने वाले 24 घंटों में मौसम विभाग का पूर्वानुमान है की कोंकण गोवा और तटीय कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, दक्षिण राजस्थान, दक्षिणी मध्य प्रदेश और अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा और केरल में हल्की बारिश के बीच एक-दो स्थानों पर मध्यम बौछारें गिर सकती हैं।
स्रोत: कृषि जागरण
Shareकपास में चित्तीदार बोलवर्म का ऐसे करें प्रबंधन
- यह कपास की फसल का मुख्य कीट है, यह कपास की फसल में फूल आने की शुरूआती चरणों के दौरान आक्रमण करता है।
- इसके प्रकोप के कारण कपास की फसल की कलियाँ सूख जाती हैं।
- यह कीट झुंड में आक्रमण करता है जिसके कारण फूल परिपक्व होने के पहले ही सूख कर गिर जाते हैं।
- इसके प्रबंधन के लिए प्रोफेनोफोस 50% EC @ 500 मिली/एकड़ या इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG@ 100 ग्राम/एकड़ या क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5% SC @ 60 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- जैविक उपचार के लिए बवेरिया बेसियाना @500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
अब किसान बनेंगे बीज बैंक के मालिक, ये है लाइसेंस लेने की प्रक्रिया
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण विभाग बीज बैंक योजना को वृहत स्तर पर शुरू करने जा रही है। इसके अंतर्गत पूरे देश के हर जिले में बीज बैंक बनाये जाएंगे और इसमें काम करने के लिए किसानों को लाइसेंस दिया जाएगा।
बीज बैंक योजना के अंतर्गत पूरे देश के 650 जिले में बीज बैंक बनाये जायेंगे और किसानों को इसके लाइसेंस दिए जायेंगे। इस योजना के अंतर्गत लाइसेंस लेने की योग्यता भी निश्चित की गई है। लाइसेंस लेने की अर्जी देने वाले किसान को 10वीं पास होना होगा। इसके अलावा किसान के पास अपनी, बटाई या पट्टेदारी में कम से कम 1 एकड़ जमीन होनी चाहिए।
इस योजना के अंतर्गत सरकार की तरफ से एक मुश्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. साथ ही भंडारण की सुविधा, प्रशिक्षण की सुविधा और उपलब्ध संसाधनों पर सब्सिडी भी दी जाएगी। खास बात यह है कि बीज बैंक का लाइसेंस प्राप्त करने वाले किसान को बाजार उपलब्ध कराने की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
स्रोत: कृषि जागरण
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