मध्यप्रदेश में शुक्रवार से शुरू हुई भारी बरसात, अगले कुछ दिन रहेगी जारी

Possibility of heavy rains in many states, Orange alert issued

देश के कई इलाकों में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त है। बात करें मध्यप्रदेश की तो, शुक्रवार शाम से ही मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी बारिश जारी है। मौसम विभाग का मानना है की आने वाले समय में भी भारी बरसात जारी रह सकती है। 

इसके अलावा भारतीय मौसम विज्ञान विभाग  ने मुंबई, ठाणे, रायगढ़ और कोंकण के अन्य क्षेत्रों में भारी बारिश के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ भी जारी किया है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बंगाल के दक्षिणी हिस्सों में भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। विभाग ने मध्य प्रदेश के छह जिलों होशंगाबाद, जबलपुर,बेतुल, नरसिंहपुर, सिवनी और हरदा जिले को रेड अलर्ट जारी किया है। 

स्रोत: जागरण

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आलू समृद्धि किट का महत्व

Potato
  • ग्रामोफ़ोन की नई पेशकश आलू समृद्धि किट मिट्टी में पाए जाने वाले आवश्यक पोषक तत्वों को घुलनशील रूप में परिवर्तित करके पौधे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • इस किट के माध्यम से मिट्टी में पाए जाने वाले हानिकारक कवकों को खत्म करके पौधे को होने वाले नुकसान से बचाती है।
  • यह उत्पाद उच्च गुणवत्ता वाले प्राकृतिक अवयवों से बना है, यह मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की गतिविधि को बढ़ाने में सहायक है।
  • यह मिट्टी के पीएच को बेहतर बनाने में मदद करता है और जड़ों को एक अच्छी शुरुआत प्रदान करता है। इससे जड़ पूरी तरह से विकसित होती है, जो फसल के अच्छे उत्पादन का कारण बनती है।
  • यह किट मिट्टी की संरचना में सुधार करके मिट्टी में पोषक तत्वों की उपलब्धता को कम नहीं होने देता है। यह जड़ प्रणाली द्वारा पोषक तत्वों में सुधार कर के जड़ विकास को बढ़ावा देता है।
  • जड़ों के द्वारा मिट्टी से पोषक तत्वों के अवशोषण में भी यह मदद करता है और मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की गतिविधि को बढ़ावा देता है।
  • यह खेत में पड़ी पिछली फसल के अवशेषों को नष्ट करके उपयोगी खाद में बदल कर फसलों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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किसान रेल की हुई शुरुआत, मध्य प्रदेश के इन स्टेशनों पर भी रुकेगी ये रेल

Kisan Rail

किसानों को अपनी उपज के परिवहन हेतु भारतीय रेलवे की तरफ से 20 अगस्त से ‘किसान ट्रेन’ की शुरुआत कर दी गई है। इस ट्रेन से किसानों के फल, फूल, सब्जी, दूध और दही जैसे समान देश के दूसरे हिस्सों में जल्द पहुँचाए जाएंगे।

यह ट्रेन महाराष्ट्र के देवलाली से शुरू हो कर बिहार के दानापुर तक जाएगी। यह ट्रेन कुल 1519 किलोमीटर की दूरी 32 घंटे में तय करेगी। इस ट्रेन से मध्यप्रदेश के किसान भी अपने उत्पाद जल्द दूसरे गंतव्य तक पहुंचा पाएंगे।

रेल मंत्रालय के अनुसार मध्य प्रदेश के किसान को इसका लाभ देने के लिए मध्यप्रदेश के कई स्टेशन पर इस ट्रेन को रोका जायेगा। यह ट्रेन मध्यप्रदेश के बुरहानपुर, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, सतना, कटनी और मनिकपुर आदि स्टेशन पर रुकेगी।

स्रोत: ज़ी न्यूज़

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आलू की उन्नत खेती में मददगार होगी ग्रामोफ़ोन आलू समृद्धि किट

Potato Samriddhi Kit
  • आलू की फसल से अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए ग्रामोफोन लेकर आया है आलू समृद्धि किट।
  • यह किट भूमि सुधारक की तरह कार्य करती है। इस किट में चार आवश्यक बैक्टीरिया NPK एवं ज़िंक हैं, जो मिट्टी में NPK की पूर्ति करके फसल के विकास में मदद करते हैं।
  • ज़िंक का जीवाणु मिट्टी में अधुलनशील जिंक को घुलनशील रूप में फसल को प्रदान करने का कार्य करता है।
  • इस किट में जैविक फफूंदनाशक ट्राइकोडर्मा विरिडी है जो मृदा जनित रोगजनकों को मारता है जिससे जड़ सड़न, तना गलन आदि जैसी गंभीर बीमारियों से पौधे की रक्षा होती है।
  • इस किट में समुद्री शैवाल, एमिनो एसिड ह्यूमिक एसिड एवं मायकोराइज़ा जैसी सामग्री का संयोजन है जो मिट्टी की विशेषताओं और गुणवत्ता में काफी सुधार करेगा, साथ ही मायकोराइज़ा सफेद जड़ के विकास में मदद करेगा।
  • ह्यूमिक एसिड प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया में सुधार करके आलू की फसल के बेहतर वानस्पतिक विकास में सहायता करता है।
  • कम्पोस्टिंग बैक्टेरिया खेत में पड़े पिछली फसल अवशेषों को सड़ा कर एवं गला कर डिकम्पोस्ट कर देता है एवं लाभकारी खाद में बदल देता है यह उत्पाद लाभकारी जीवाणु की संख्या में वृद्धि करता है।
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निमेटोड का नियंत्रण कैसे करें?

What is Nematode
  • निमेटोड यानी सूत्रकृमि पतले धागे के समान होते है। इनका शरीर लंबा बेलनाकार व बिना खंडों का होता है।
  • निमाटोड मिट्टी के अंदर रहकर फसल की जड़ों में गाठ बनाकर रहता है एवं फसल को नुकसान पहुँचाता है।
  • इस कीट के नियंत्रण के लिए जैविक उपचार ही सबसे अच्छा समाधान होता है।
  • इस कीट के नियंत्रण के लिए मिट्टी उपचार करना सबसे अच्छा उपाय है।
  • रासायनिक उपचार के रूप में कारबोफुरान 3% GR @ 10 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार करें।
  • फसल की बुआई के पूर्व 50-100 किलो FYM में पेसिलोमायसीस लिनेसियस (नेमेटोफ्री) @ 1 किलो/एकड़ की दर से मिलाकर खाली खेत में भुरकाव करें।
  • जब भी इस उत्पाद का उपयोग किया जाये तब इस बात का ध्यान रखें की खेत में पर्याप्त नमी हो।
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मध्य प्रदेश के 34 हजार किसानों को प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ मिलेगा

Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana

सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत इस साल मध्यप्रदेश में 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इससे करीब 34 हजार किसान लाभान्वित होंगे। यह जानकारी उद्यानिकी राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री भारत सिंह कुशवाहा ने दी। इस विषय पर हुई बैठक में श्री कुशवाहा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों के लिए निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने पर विशेष ध्यान दें।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में फल-फूल एवं सब्जी के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं में स्थानीय किसानों की मांग के अनुरूप लक्ष्य निर्धारित किए जाएं। राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में इस वर्ष 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचित करने का लक्ष्य है। योजना में 34 हजार कृषक लाभाविन्त होंगे।

स्रोत: कृषक जगत

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लहसुन की फसल में मिट्टी उपचार कैसे करें

  • लहसुन की फसल में बुआई से पहले मिट्टी उपचार करने से मिट्टी जनित रोगों का नियंत्रण हो जाता है। मिट्टी उपचार के पहले 50-100 किलो FYM के साथ मेट्राजियम @ 1 किलो कल्चर को मिलाकर खाली खेत में भुरकाव करें।
  • इसके अलावा दूसरे आवश्यक तत्व यूरिया @ 40 किलो/एकड़ + डीएपी @ 20 किलो/एकड़ + एसएसपी @ 60 किलो/एकड़ + पोटाश @ 40 किलो/एकड़ की दर से बुआई से पूर्व खेत में भुरकाव करें।
  • यह सभी तत्व लहसुन की बुआई के समय अच्छे अंकुरण के लिए बहुत आवश्यक होते हैं।
  • इसके साथ ही ग्रामोफ़ोन लेकर आया है लहसुन समृद्धि किट, इस किट में कई उत्पाद संलग्न हैं, जैसे एनपीके बैक्टीरिया का कंसोर्टिया, ज़िंक सोलुब्लाइज़िंग बैक्टीरिया, ट्राइकोडर्मा विरिडी, ह्यूमिक एसिड, समुद्री शैवाल, अमीनो एसिड एवं मायकोराइज़ा।
  • इन सभी उत्पादों को मिलाकर इस किट को तैयार किया गया है। इस किट का कुल वज़न 3.2 किलो है जो एक एकड़ के खेत के लिए पर्याप्त है।
  • इसे बुवाई के पहले 50-100 किलो FYM के साथ मिलाकरखाली खेत में भुरकाव करें।
  • यह किट लहसुन की फसल को सभी जरूरी पोषक तत्व प्रदान करती है।
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लहसुन की फसल में बीज़ उपचार कैसे करें?

  • लहसुन की उन्नत खेती के लिए बुआई से पहले बीज उपचार करना बहुत आवश्यक माना जाता है।
  • ऐसा करने से फसल को बहुत प्रकार की कवक जनित बीमारियों के प्रकोप से बचाया जा सकता है साथ ही फसल को एक अच्छी शुरुआत भी मिलती है।
  • हम बीज उपचार रासायनिक एवं जैविक दो विधियों से कर सकते हैं।
  • रासायनिक उपचार: बुआई से पहले प्याज़ के बीजों को कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% @ 2.5 ग्राम/किलो बीज या कार्बोक्सिन 17.5% + थायरम 17.5% @ 2.5 ग्राम/किलो बीज की दर से बीज उपचार करें।
  • जैविक उपचार: ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 5 ग्राम + PSB बैक्टेरिया @ 2 ग्राम/किलो बीज या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ @ 5 ग्राम/किलो बीज की दर बीज उपचार करें।
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मंडी भाव: मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या है गेहूं, मक्का, सोयाबीन का भाव

Mandi Bhav

इंदौर के गौतमपुरा मंडी में प्याज़ का भाव 450 रूपये प्रति क्विंटल चल रहा है। वहीं खरगोन मंडी की बात करें तो यहाँ गेहूं, चना और मक्का का भाव क्रमशः 1680, 4070, 1170 रूपये प्रति क्विंटल चल रहा है।

उज्जैन के बडनगर मंडी में गेहूं का मॉडल रेट 1660 रूपये प्रति क्विंटल, सरसों 4490 रूपये प्रति क्विंटल, डॉलर चना 5499 रूपये प्रति क्विंटल, मटर 4000 रूपये प्रति क्विंटल, मेथीदाना 3871 रूपये प्रति क्विंटल, लहसुन 6500 रूपये प्रति क्विंटल और सोयाबीन का भाव 3550 रूपये प्रति क्विंटल चल रहा है।

इसके अलावा बात रतलाम के ताल मंडी की करें तो यहाँ गेहूं का भाव 1700 रूपये प्रति क्विंटल और सोयाबीन का भाव 3580 रूपये प्रति क्विंटल चल रहा है।

स्रोत: किसान समाधान

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प्याज़ की नर्सरी में ऐसे करें मिट्टी उपचार

How to do soil treatment in Cotton crop?
  • जिस खेत या क्यारी में प्याज़ के बीज की बुआई की जानी उस खेत या क्यारी का बुआई पूर्व मिट्टी उपचार करना बहुत आवश्यक होता है।
  • मिट्टी उपचार करने से मिट्टी जनित कीटों एवं कवकों से पौध की रक्षा हो जाती है।
  • आपको पता होगा की फसलों के जो अवशेष खेत में रह जाते है उन अवशेषों में हानिकारक कवकों एवं कीटों के उत्पन्न होने संभावना बनी रहती है।
  • इन्हीं कवकों एवं कीटों के नियंत्रण लिए बुआई के पूर्व मिट्टी उपचार करना बहुत आवश्यक होता है। मिट्टी उपचार हम रासायनिक एवं जैविक दो विधियों से कर सकते हैं।
  • रासायनिक उपचार: फिप्रोनिल 0.3% GR@ 25 ग्राम/नर्सरी उपचारित करना चाहिए।
  • जैविक उपचार: FYM @ 10 किलो/नर्सरी और ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 25 ग्राम/नर्सरी और सीवीड, एमिनो, मायकोराइज़ा@ 25 ग्राम/नर्सरी उपचारित करें।
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