- लीफ माइनर (पत्ती सुरंगक) कीट आकार में बहुत ही छोटे होते हैं और ये पत्तियों के अंदर जाकर सुरंग बनाते हैं।
- इससे तरबूज़ की पत्तियों पर सफेद धारी जैसी लकीरें बन जाती हैं।
- इस कीट के वयस्क हल्के पीले रंग के एवं शिशु आकार में बहुत ही छोटे एवं पैर विहीन तथा पीले रंग के होते हैं। यह कीट पत्तियों में सुरंग बनाते हैं और इसी सुरंग में प्यूपा का निर्माण होता है।
- इस कीट का प्रकोप पत्तियों पर होता है और इससे प्रभावित पत्ती पर आड़ी सर्पिलाकार सुरंग बन जाता है। इसके कारण पौधों की प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में भी बाधा होती है और अततः पत्तियां गिर जाती हैं।
- इस कीट के नियंत्रण के लिए एबामेक्टिन 1.9% EC @ 150 मिली/एकड़ या क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 8.8 + थायोमेथोक्जाम 17.5% SC @ 200 मिली/एकड़ या सायनट्रानिलीप्रोल 10.26% OD@ 300 मिली/एकड़ का उपयोग करें।
भिंडी की फसल में बुआई के पूर्व ऐसे करें उर्वरक प्रबंधन
- तरबूज की उन्नत खेती के लिए बुआई के पूर्व उर्वरक प्रबंधन करने से खेत की मिट्टी में यदि किसी प्रकार के पोषक तत्वों की कमी होती है तो उसकी पूर्ति हो जाती है।
- इस प्रकार उर्वरक प्रबंधन करने से भिंडी के बीजों को अंकुरण के समय आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति में आसानी से हो जाती है।
- बुआई के समय DAP@ 75 किलो/एकड़ + पोटाश@ 30 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी में भुरकाव करें।
- भिंडी की फसल को बहुत से अलग अलग प्रकार की बीमारियों से रक्षा की भी करने की भी जरुरत पड़ती है।
- इसके लिए बुआई से पहले मिट्टी उपचार करना चाहिए या फिर बुआई के समय मिट्टी समृद्धि किट के द्वारा मिट्टी उपचार किया जाना चाहिए। इस किट में उन सभी आवश्यक उत्पादों को शामिल किया गया है जो भिंडी की फसल के लिए बहुत लाभकारी होते हैं।
ऑपरेशन ग्रीन से 22 फसलों को जोड़ने से किसानों को होगा लाभ
बजट 2021 के प्रावधानों में ऑपरेशन ग्रीन स्कीम से 22 फसलों को जोड़ने का निर्णय किया गया है। इस स्कीम की शुरुआत टमाटर, आलू एवं प्याज के साथ की गई थी। इस स्कीम का मुख्य लक्ष्य आलू, प्याज एवं टमाटर को बेहतर संरक्षण करने के साथ साथ इनकी आपूर्ति में वृद्धि करना था। साथ ही इस स्कीम का यह भी उद्देश्य था की टमाटर, आलू एवं प्याज के फसल का मूल्य स्थिर रहे और इसकी खेती करने वाले किसानों को इसका लाभ भी मिले।
बहरहाल आने वाले दिनों में इस स्कीम में 22 फसलों को और जोड़ा जाएगा जिससे किसानों को काफी लाभ होगा। इन 22 फसलों में मुख्यतः सब्जी व फलों को शामिल किया गया है।
स्रोत: जागरण
Share5 फरवरी से मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में बढ़ जाएंगी बारिश की गतिविधियां
मध्य प्रदेश के पूर्वी भागों, उत्तर प्रदेश के मध्य एवं पूर्वी क्षेत्र, बिहार, झारखंड एवं उत्तरी छत्तीसगढ़ में 5 फ़रवरी से बारिश की गतिविधियां बढ़ने की संभावना है।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareविगरमैक्स जेल के इस्तेमाल से आपकी फसल को मिलेंगे कई चमत्कारिक लाभ
- विगरमैक्स जेल आपकी फसल को जबरदस्त पोषण देता है।
- यह फसल की उपज को बढ़ाने में मदद करता है और उन्हें तनाव से दूर रखता है।
- यह मिट्टी में मौजूद सभी सूक्ष्म पोषक तत्वों को अवशोषित कर पौधों को उपलब्ध करवा कर विकास को बढ़ावा देता है।
- यह आपके खेत की मिट्टी की सघनता को बढ़ाता है।
- साथ ही मिट्टी में हवा और पानी की अवधारण क्षमता में भी सुधार करता है।
- यह प्रकाश संश्लेषण, कोशिका वृद्धि, कोशिका विभाजन और ऊर्जा हस्तांतरण जैसी प्रक्रियाओं से फसल के स्वस्थ विकास को बढ़ावा देता है।
ऑनलाइन पोर्टल E-Nam से जुड़ेगी 1000 नई मंडी, किसानों को होगा लाभ
किसानों को अपनी उपज बेचने के कई बार बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है। कभी उन्हें सही दाम नहीं मिलते तो कभी ख़रीदार नहीं मिलते। इसी समस्या को दूर करने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। इसी कड़ी में वित्त वर्ष 2021-22 के बजट भाषण में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1000 नई मंडी को E-Nam स्कीम से जोड़ने का ऐलान किया है।
बता दें की साल 2016 में ऑनलाइन पोर्टल ई-नाम की शुरुआत की गई थी | इसका पूरा नाम ई- नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट है। इसके माध्यम से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग करने की सुविधा मिल जाती है। बताया जाता है की इस प्लेटफॉर्म पर पहले से ही करीब 1.68 करोड़ किसान रजिस्टर हो चुके हैं।
स्रोत: कृषि जागरण
Shareमध्यप्रदेश के कई क्षेत्रों में हो सकता है मौसम में बदलाव, जानें मौसम पूर्वानुमान
मध्य भारत के क्षेत्रों में फिलहाल उत्तरी तथा पूर्वी मध्य प्रदेश के साथ साथ उत्तरी छत्तीसगढ़ में मौसम में बदलाव हो सकता है इसके अलावा मध्य भारत के अन्य क्षेत्रों में मौसम पूर्ववत बना रहेगा।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareप्याज की 40-50 दिनों की फसल में जरूर अपनाएं ये प्रबंधन प्रक्रिया
- प्याज की फसल की 40-50 दिनों की अवस्था में कवक जनित रोगों तथा कीटों से बचाव के साथ-साथ पोषण सम्बन्धी आवश्यकता की भी पूर्ति करनी पड़ती है।
- इसीलिए प्याज की फसल की इस अवस्था में तीन अलग-अलग रूपों में फसल प्रबंधन करना आवश्यक होता है।
- कवक रोगो से रक्षा के लिए: टेबुकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% WG @ 500 ग्राम/एकड़ मेटालैक्सिल 4% + मैनकोज़ेब 64% WP @ 600 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- कीटों से रक्षा के लिए: फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% WG@ 40 ग्राम/एकड़ या थियामेंथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 9.5% ZC@ 80 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- पोषण प्रबंधन: प्याज की इस अवस्था में पोषण प्रबंधन मिट्टी उपचार के रूप में किया जाता है। इसके लिए कैल्शियम नाइट्रेट @ 10 किलो/एकड़ + पोटाश @ 20 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- प्याज की फसल में छिड़काव करते समय एक बात का विशेष ध्यान रखें की उत्पाद का पत्तियों द्वारा अच्छे से अवशोषण हो सके या उपयोग हो सके। इसके लिए हर छिड़काव के समय प्रति पंप 5 मिली/पंप चिपको का उपयोग अवश्य करें।
चने की 75-90 दिनों की फसल में जरूर अपनाएं ये प्रबंधन उपाय
चने की फसल की 75 से 90 दिनों की अवस्था दरअसल परिपक्वता की अवस्था होती है। इसलिए इस समय फसल की सुरक्षा करना बहुत आवश्यक होता है।
कवक जनित रोगो के लिए: हेक्साकोनाज़ोल 5% SC @ 400 ग्राम/एकड़ या थायोफिनेट मिथाइल 70% W/P@ 300 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें। जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
कीट प्रबंधन के लिए: इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG @ 100 ग्राम/एकड़ या क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5% SC@ 60 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें। जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
पोषण प्रबंधन के लिए: 00:00: 50@ 1 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।
Shareउज्ज्वला योजना के तहत 1 करोड़ लोगों को मिलेगा फ्री एलपीजी गैस कनेक्शन
वर्ष 2021 के राष्ट्रीय बजट में 1 करोड़ लोगों को उज्ज्वला योजना के तहत फ्री एलपीजी गैस कनेक्शन देने की बात कही गई है। इससे खासकर के ग्रामीण महिलाओं को काफी लाभ मिलेगा।
बता दें की प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत बीपीएल कैटेगरी के लोगों को फ्री एलपीजी गैस कनेक्शन दिए जाते हैं। इस योजना के माध्यम से लगभग 8 करोड़ परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देने का लक्ष्य है।
उज्ज्वला योजना केंद्र सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सहयोग से चलाई जाती है। सरकार ने इस स्कीम की शुरुआत 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया से की थी।
स्रोत: पत्रिका
Share