आपकी प्याज फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के 20 से 25 दिन बाद -रस चूसक कीट एवं फफूंदजनित रोग का प्रबंधन

रस चूसक कीट एवं फफूंदजनित रोग का प्रकोप रोकने के लिए मेटलैक्सिल 8% + मैंकोजेब 64% WP (संचार) 60 ग्राम + फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% WG (पोलिस) 5 ग्राम प्रति पंप की दर से छिड़काव करे।

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आपकी प्याज फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के 7 से 10 दिन बाद -थ्रिप्स और उकठा रोग का प्रबंधन

जड़ों के विकास की लिए और इस समय फसल में तेला कीट व उकठा रोग के प्रकोप को रोकने के लिए ह्यूमिक एसिड (मैक्सरुट) 10 ग्राम + कार्बोन्डाजिम 12% + मेन्कोज़ेब 63% (करमानोवा) 30 ग्राम + थियामेथोक्साम 25% WG (थायोनोवा 25) 10 ग्राम / पंप की दर से छिड़काव करे।

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आपकी प्याज फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई से 1 दिन पहले- बीज़ उपचार

मृदा जनित कवक रोगो से बीज की रक्षा के लिए, बीज को कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोजेब 63% डब्ल्यूपी (करमानोवा) 2.5 ग्राम प्रति किलो बीज से उपचारित करें। बुवाई से तीन दिन पहले खेत में हल्की सिंचाई करें।

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आपकी प्याज फसल के लिए अगली गतिविधि

प्याज- बुवाई से 10 से 8 दिन पहले- नर्सरी चरण

 नर्सरी तैयार करते समय 25 किलोग्राम FYM + 25 ग्राम ट्राइकोडर्मा विरिडी (राइज़ोकेयर) + 25 ग्राम फिप्रोनिल 0. 3% Gr (फ़ैक्स ग्रेन्युल) + 25 ग्राम सीवीड,एमिनो,हुमीक & मायकोराइज़ा (मैक्समाइको) प्रति 30 वर्ग फीट क्षेत्र में मिलाएं।

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महिलाओं को इस योजना के अंतर्गत मिलते हैं 5000 रुपये

Women get 5000 rupees under this scheme

सरकार महिलाओं के लिए कई ख़ास योजनाएं चला रही है। इन्हीं योजनाओं में से एक है प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना। इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को लाभ मिलता है। यह योजना साल 2017 में की गयी थी। इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को सरकार की तरफ से 5000 रु की आर्थिक मदद दी जाती है। यह रकम महिलाओं को तीन किस्तों में मिलता है।

इस योजना का लाभ दिहाड़ी मजदूरी पर काम करने वाली महिलाएं ले सकती हैं या फिर आर्थिक तौर पर कमजोर महिलाएं भी इस योजना से लाभ ले सकती हैं। इस योजना का आवेदन आप घर बैठे कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए www.Pmmvy-cas.nic.in पर लॉगिन करें और उसके बाद आवेदन करें।

स्रोत: गुड रिटर्न्स डॉट कॉम

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मध्य प्रदेश के इन इलाकों में हो सकती है बारिश, देखें मौसम पूर्वानुमान

Weather report

मध्य भारत के राज्यों में हालाँकि बारिश की ज्यादा गतिविधि नहीं दिखाई दे रही है। हालांकि पूर्वी मध्य प्रदेश में बारिश की संभावना बनी रहेगी। पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी कुछ इलाकों में बारिश देखने को मिल सकती है। इसके अलावा दक्षिणी राजस्थान में बारिश काफी कम होने की संभावना है। इसके साथ ही गुजरात का मौसम शुष्क ही बना रहेगा।

स्रोत : स्काईमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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कपास की फसल से लें जबरदस्त उपज, कपास समृद्धि किट का करें उपयोग

Cotton Samriddhi Kit

  • ‘कपास समृद्धि किट’ आपकी कपास की फसल का सुरक्षा कवच बनेगा। इस किट में आपको वो सब कुछ एक साथ मिलेगा जिसकी जरूरत कपास की फसल को होती है।

  • खेत की अंतिम जुताई के समय ग्रामोफोन ‘कपास समृद्धि किट’ को 5 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद में प्रति एकड़ की दर से अच्छी तरह मिलाकर डालें और उसके बाद हल्की सिंचाई कर दें।

  • इस किट में लाभकारी बैक्टीरिया, कवकों एवं पोषक तत्वों का मिश्रण है इसका उपयोग खेत में बुआई के समय भुरकाव करने से फसल का विकास बहुत अच्छा होता है एवं पौधों को बहुत सी बीमारियों से बचाया जा सकता है। यह किट मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ाने में सहायता करती है।

  • आप कपास समृद्धि किट का इस्तेमाल ड्रिप के साथ भी कर सकते हैं इसके लिए कपास की ड्रिप समृद्धि किट है जो जल में पूर्णतः घुलनशील है एवं ड्रिप के लिए उपयोगी है।

कृषि एवं कृषि उत्पादों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। उन्नत कृषि उत्पादों की खरीदी के लिए ग्रामोफ़ोन के बाजार विकल्प पर जाना ना भूलें। उपर्युक्त बताये गए बीजों की खरीदी के लिए एप के बाजार विकल्प पर जाएँ।

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85% छोटे किसानों को मिलेगा लाभ, 10000 एफपीओ में खर्च होंगे 6865 करोड़ रुपये

FPO

पिछले दिनों कृषि भवन में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि व कृषि अवसंरचना निधि योजनाओं को लेकर परामर्श समिति की बैठक का आयोजन किया गया जिसमें केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने भी में भाग लिया।

इस बैठक में कैलाश चौधरी ने कहा की “10 हजार एफपीओ की योजना के लिए 6865 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे 85 प्रतिशत छोटे किसानों को लाभ मिलेगा। छोटे किसानों का रकबा, उत्पादन-उत्पादकता बढ़ाने की दृष्टि से इन एफपीओ की बड़ी भूमिका होगी। सामूहिक रूप से सिंचाई, खाद-बीज आदि सुविधाएं मिलने से खेती की लागत कम होगी।”

बता दें कि इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने की और इस दौरान कृषि मंत्रालय के अधिकारीगण एवं वर्चुअल माध्यम से परामर्श समिति के सदस्य सांसदगण उपस्थित रहे।

स्रोत: कृषि जागरण

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आपकी सोयाबीन फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के बाद 81 से 85 दिनों में- कटाई अवस्था

जब पत्तियां पीली होकर नीचे गिर जाती हैं, तो फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है। उचित परिपक्वता के लिए कटाई से 20 दिन पहले सिंचाई बंद कर दें। अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

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आपकी सोयाबीन फसल के लिए अगली गतिविधि

बुवाई के बाद 60 से 65 दिनों में- फली छेदक के प्रबंधन के लिए और दानों का आकार बढ़ने के लिए

पॉड बोरर के प्रबंधन के लिए क्लोरफ़्लूज़ुरान 5.4% EC ( आटाब्रान ) 600 मिली या नोवालूरान 5.25%+इमामेक्टिन बेंजोएट 0.9% SC ( बाराजाइड ) 600 मिली प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाये । यह छिड़काव में 00:00:50 1 किलो प्रति एकड़ मिलाये हैं। अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

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