ऐसे करें कपास की फसल में पत्ते काटने वाली इल्ली का नियंत्रण

How to control foliar caterpillar in cotton crop
  • कपास की फसल में इस कीट का प्रकोप आम तौर पर अंकुरण की शुरुआती अवस्था में ही हो जाता है। इसके मादा कीट पत्तियों के दोनों और गुच्छों में लगभग 2000 अंडे देती है।

  • ये इल्ली कपास की पत्तियों के हरे पदार्थ को खाते हैं जिससे पत्तियां भूरे या गहरे भूरे या काले रंग में बदल जाते हैं।

  • इसके प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG @ 100 ग्राम/एकड़ या नोवालूरान 5.25% + इमामेक्टिन बेंजोएट 0.9% SC @ 600मिली/एकड़ या प्रोफेनोफोस 40% + सायपरमेथ्रिन 4% EC @ 400 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • इस कीट से प्रभावित पौधों को खेत से निकाल कर बाहर कर दें एवं कीटनाशक के छिड़काव के कुछ समय बाद फसल की अच्छी वृद्धि के लिए विगरमैक्स जेल @ 400 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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किसान को दिखा मिर्च समृद्धि ड्रिप किट का कमाल, मिली जबरदस्त शुरूआती बढ़वार

Chilli Samridhi Drip Kit

भारतीय कृषक खेतों में खूब मेहनत करते हैं, पर ज्यादातर किसान इसलिए अपनी मेहनत का अच्छा फल नहीं प्राप्त कर पाते क्योंकि वे अपनी जानकारी के अनुसार पारंपरिक कृषि पर जोर देते हैं। जबकि आज के जमाने में कृषि क्षेत्र में कई बड़े अनुसंधान हुए हैं जिसके परिणाम स्वरूप कई नए कृषि उत्पादों की मदद से कृषि आधुनिक होने के साथ साथ लाभकारी भी हो गई है। मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के हाथोला गांव के निवासी किसान कैलाश मुकाती जी ने ग्रामोफ़ोन की सानिध्य में अपनी पारंपरिक कृषि को आधुनिक बनाया जिसका लाभ अब उन्हें देखने को मिल रहा है।

पिछले दिनों ग्रामोफ़ोन के कृषि विशेषज्ञ कैलाश जी के मिर्च के खेत का मुआयना करने पहुंचे थे जिसकी खेती उन्होंने पूरी तरह ग्रामोफ़ोन की सलाह पर की है। कैलाश जी ने इस दौरान बताया की वे फसल की बढ़वार देख कर वे पूरी तरह संतुष्ट हैं। उन्होंने अपनी फसल में ग्रामोफ़ोन मिर्च ड्रिप किट का इस्तेमाल किया था जिसके फलस्वरूप पौधों का विकास दूसरे आसपास के किसानों के पौधों की तुलना में ज्यादा बेहतर हुई है।

किसान भाई ने ड्रिप किट के इस्तेमाल से विकसित पौधे और बिना ड्रिप किट के इस्तेमाल से विकसित पौधे की तुलना करते हुए बताया की जड़, तना, पत्तियां सब कुछ ड्रिप किट के कारण बेहतर विकास प्राप्त कर रही है और फल भी आने लगे हैं।

ग़ौरतलब है की ग्रामोफ़ोन मिर्च ही नहीं बल्कि अन्य फ़सलों जैसे मक्का, कपास, सोयाबीन, मूंग आदि के लिए भी समृद्धि किट और ड्रिप किट निकाल चुका है जिसका परिणाम बहुत अच्छा देखने को मिल रहा है। कैलाश मुकाती के साथ साथ अन्य कई किसानों ने इसके इस्तेमाल से बेहतर परिणाम प्राप्त किये हैं। अगर आप भी इनमें से किसी किट का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो ग्रामोफ़ोन के बाजार विकल्प पर जाना ना भूलें।

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बुआई के पूर्व सोयाबीन की फसल में की जाने वाली तैयारियां

Preparations to be done in soybean crop before sowing
  • सोयाबीन की बुआई के पूर्व ऐसे खेत का चयन करें जहाँ अधिक वर्षा की स्थिति में पर्याप्त जल निकासी की व्यवस्था हो।

  • पथरीली भूमि को छोड़कर कर सभी जगह सोयाबीन को बोया जा सकता है। खेत को समतल करके बुआई करने से पानी का निकास अच्छा होगा और पैदावार भी अच्छी प्राप्त होगी। मध्यम दोमट भूमि सोयाबीन की खेती के लिए उपयुक्त होती है।

  • खाली खेत की ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से 10 से 12 इंच गहराई तक करना चाहिए। एक बार हल चलाकर खेत को अच्छे से तैयार कर लें।

  • इसके बाद मिट्टी जनित कीटों के नियंत्रण के लिए मेट्राजियम कल्चर से मिट्टी उपचार करें। इस उपचार के द्वारा सफ़ेद ग्रब जैसे कीटों का नियंत्रण बहुत अच्छे से किया जा सकता है।

  • इसी के साथ पुरानी फसल के अवशेषों को सड़ाने के लिए डीकम्पोजर कल्चर का उपयोग करें। इसके कारण पुरानी फसल के अवशेष बहुत आसानी से उपयोगी खाद में बदल जाते हैं। इसका लाभ फसल को रोग मुक्त रखने में भी मिलता है।

  • बुआई के लिए ऐसी किस्म का चयन करें जो रोग एवं कीट प्रतिरोधी हो। बीजों का चयन करने के बाद बुआई के पहले बीजों की अंकुरण क्षमता परीक्षण अवश्य करें।

  • इससे सोयाबीन के बीज़ स्वस्थ हैं या नहीं यह भी पता चल जाता है साथ ही बुआई के लिए बीज की मात्रा की गणना करने में भी मदद मिलती है।

  • बुआई के पूर्व मिट्टी उपचार एवं बीज उपचार अवश्य करना चाहिए, ऐसा करने से मिट्टी एवं बीज़ जनित रोगों का नियंत्रण किया जा सकता है।

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मध्य प्रदेश के इन जिलों में बारिश का दौर रहेगा जारी, जानें मौसम पूर्वानुमान

Monsoon

मध्य भारत कई क्षेत्रों में बारिश जारी रहने की संभावना है। ख़ास कर के मध्य प्रदेश के दक्षिणी व पूर्वी जिले, छत्तीसगढ़ और झारखंड में भारी बारिश हो सकती है। मुंबई में भारी बारिश की संभावना अब कम हो गई है। पंजाब हरियाणा दिल्ली तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी मानसून जल्दी ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दस्तक दे सकता है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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अगले हफ्ते किस फसल के भाव में आ सकती है तेजी, जानें मंडी विशेषज्ञों की राय

Which crops can get a price rise next week

वीडियो के माध्यम से जानें अगले हफ्ते किस फसल के भाव में आ सकती है तेजी।

वीडियो स्रोत: मार्केट टाइम्स टीवी

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मक्का में बीज उपचार के माध्यम से फॉल आर्मी वॉर्म कीट का करें नियंत्रण

How To Control Fall ArmyWorm In Maize By Seed Treatment
  • मक्का खरीफ की मौसम की मुख्य फसल है और हम जानते हैं की खरीफ के मौसम में मिट्टी में बहुत नमी रहती है जिसके कारण मक्का में फॉल आर्मी वर्म कीट का प्रकोप बहुत अधिक मात्रा में होता है।

  • इस कीट के नियंत्रण के लिए मक्का की बुआई के समय ही उपाय करना बहुत आवश्यक होता है। ऐसा करने से मक्का की फसल को यह कीट नुकसान नहीं पहुंचा पाता है।

  • मक्का के बुआई से पहले खेत की जुताई करने से कीटों के प्यूपा को पक्षी खा जाते हैं।

  • फॉल आर्मी वर्म की रोकथाम के लिए बीजों को कीटनाशक से उपचारित करने के बाद ही बुआई करें।

  • इसके लिए सुझाये गए कीटनाशकों का उपयोग करें जैसे इमिडाक्लोप्रिड 48% FS @ 5 मिली/किलो बीज़ या क्लोरानिट्रानिलीप्रोल 19.8 + थियामेंथोक्साम 19.8 FS @ 6 मिली/किलो बीज़ से उपचारित करें।

  • जैविक बीज उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 5 ग्राम/किलो बीज उपचारित करें।

  • इसी के साथ कुछ और सावधानियाँ अवश्य अपनाएँ जैसे मक्का की बुआई पूरे खेत में एक साथ करें, अलग-अलग न करें।

  • फॉल आर्मी वर्म के प्रकोप को कम करने के लिए संकर मक्का किस्मों की बुआई करें क्योंकि इसका बीज कवच कड़ा होता है। मक्का के साथ अन्तर्वर्ती फसलों की भी बुआई कर सकते हैं।

स्मार्ट कृषि एवं उन्नत कृषि उत्पादों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। उन्नत कृषि उत्पादों व यंत्रों की खरीदी के लिए ग्रामोफ़ोन के बाजार विकल्प पर जाना ना भूलें।

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खरीफ की फसलों में बीज उपचार के दौरान अपनाई जाने वाली सावधानियाँ

Precautions to be followed during seed treatment in Kharif crops
  • खरीफ सीजन में मुख्य रूप से कपास, मिर्च, सोयाबीन, टमाटर आदि फसलों की बुआई की जाती है।

  • इन फसलों से अच्छे उत्पादन के लिए बुआई के पहले बीज़ उपचार करना बहुत लाभकारी होता है परंतु बीज उपचार करते समय सावधानी रखना बहुत आवश्यक होता है।

  • बीज उपचार को एफ.आई.आर (FIR) के क्रम में, यानी सबसे पहले कवकनाशी का उपयोग उसके बाद कीटनाशक का और सबसे आखिर में किसी भी जैविक उत्पाद (PSB / राइजोबियम) का उपयोग करें।

  • बीज़ को एक मिट्टी के बर्तन या पालीथीन शीट पर, फैला कर कवक नाशक एवं कीट नाशक के सूखे या तरल रूप को बीजों पर अच्छे से बिखेर कर मिला दें। इस प्रकार के उपचार में एक बात का ध्यान रखें कि रसायन अच्छे से बीजों पर चिपक जाये।

  • बीज उपचार की दूसरी विधि में रसायनों को बीजों पर चिपकाने वाले उत्पाद के साथ मिलाकर बीजों को उपचारित करें।

  • दवा की मात्रा या रसायन को बीजों पर लेपित करने के लिए आवश्यकता अनुसार पानी का उपयोग करें।

  • कवकनाशी एवं कीटनाशक की सुझाई गयी मात्रा का ही उपयोग करें।

  • बीजों को बुआई के समय से पहले उपचारित करके रख सकते है।

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मध्य प्रदेश समेत पूरे भारत में भारी बारिश के आसार, जानें मौसम पूर्वानुमान

monsoon

इस बार मानसून समय से पहले भारत के ज्यादातर राज्यों में पहुँच गया है। दक्षिण भारत मध्य भारत तथा पूर्वी भारत के साथ-साथ उत्तर प्रदेश दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में भी अब अच्छी बारिश के आसार हैं। जल्दी ही मानसून दिल्ली में भी दस्तक दे सकता है। मुंबई में अगले 3 दिनों तक भारी बारिश की संभावना है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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ग्रामोफ़ोन की नई पेशकश खेती प्लस से स्मार्ट खेती कर समृद्ध होंगे किसान

Gramophone's Kheti Plus

किसानों को व्यक्तिगत स्तर पर स्मार्ट कृषि सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए ग्रामोफ़ोन लेकर आया है एक नई सौगात जिसका नाम है खेती प्लस। यह एक प्रीमियम कृषि सेवा उत्पाद है जिसके अंतर्गत किसान को व्यक्तिगत आधार पर कृषि सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। इसकी मदद से किसान फसल से कम खर्च में ज्यादा उत्पादन प्राप्त कर पाएंगे।

खेती प्लस सेवा की ख़ास बातें

इस सेवा से जुड़ने वाले किसान अपनी फसल के पूरे फसल चक्र के दौरान ग्रामोफ़ोन के वरिष्ठ कृषि विशेषज्ञों के सलाह प्राप्त करते रहेंगे और बुआई से कटाई तक के पूरे चक्र में वैज्ञानिक पद्धति से स्मार्ट खेती करेंगे।

खेती प्लस से जुड़ने पर आपको क्या क्या लाभ मिलेगा?

स्वागत किट: स्वागत किट में आपको मिलेगा स्वागत पत्र, आधुनिक व वैज्ञानिक कृषि प्रक्रियाओं की जानकारी वाली कृषि गाइड, ग्रामोफ़ोन उपहार एवं मैक्सरूट, प्रोएमिनोमैक्स व विगरमैक्स जैसे बेहतरीन फसल पोषण उत्पादों से सुसज्जित फसल समृद्धि किट। 

कृषि कार्यमाला: इस सेवा से जुड़ने वाले किसान को सम्पूर्ण कृषि कार्यमाला भी दी जायेगी। यह कार्यमाला किसान द्वारा चयनित फसल की वैज्ञानिक खेती से संबंधित सभी कृषि कार्यों की एक सूचीबद्ध कार्यमाला होगी जिसका उपयोग किसान खेती के दौरान करेंगे। 

कृषि कार्यमाला के कार्यों की पूर्व सूचना: कृषि कार्यमाला के अंतर्गत आने वाले हर कार्य से पहले किसान को ग्रामोफ़ोन के कृषि विशेषज्ञों द्वारा फोन कॉल, एसएमएस और एप नोटिफिकेशन के माध्यम से पूर्व सूचना दी जाएगी ताकि आप इसकी तैयारी पहले से कर लें।

कृषि विशेषज्ञों से डायरेक्ट बात: इसके अलावा किसान की जरूरत के अनुसार कृषि समस्याओं के समाधान हेतु व्हाट्सअप ऑडियो/वीडियो कॉल निर्धारित होंगे और व्यक्तिगत रूप से त्वरित समाधान उपलब्ध कराए जाएंगे।

लाइव कृषि कक्षाएं: सेवा से जुड़े किसानों के लिए हर 15 दिन पर ग्रामोफ़ोन के वरिष्ठ कृषि विशेषज्ञों एवं कृषि क्षेत्र के अन्य गणमान्य विशेषज्ञों द्वारा लाइव कृषि कक्षाओं का आयोजन होगा। इस कक्षा में किसान कृषि की बारीकियां सीखने के अलावा अपनी कृषि समस्याओं का समाधान भी प्राप्त कर सकेंगे। 

ज्यादा मुनाफा कम लागत: किसान की कृषि खर्च को कम करते हुए फसल से अच्छा उत्पादन और बढ़िया मुनाफा दिलाने में ग्रामोफ़ोन खेती प्लस सेवा काफी मददगार होगा। 

स्मार्ट किसान समुदाय: खेती प्लस प्रोग्राम के साथ जुड़ने के साथ ही आप एक ऐसे समुदाय का हिस्सा बनेंगे जो स्मार्ट और आधुनिक खेती करते हुए समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

इतनी सारी सुविधाएँ आपको एक साथ मिलेंगी खेती प्लस सेवा से जुड़ने के बाद, तो देर किस बात की आज ही ग्रामोफ़ोन एप के बाजार विकल्प पर जाएँ और इस सेवा से जुड़कर इसका लाभ उठायें।  

खेती प्लस की सेवाओं का लाभ उठाने के लिए यहाँ क्लिक करें 

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क्वालिटी अनुसार इंदौर मंडी में 12 जून को क्या रहे प्याज के भाव

mandi bhaw of onion

वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के इंदौर मंडी में आज क्या रहे प्याज के भाव ?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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