लहसुन व प्याज की फसल को बदलते मौसम के प्रभावों से बचाएं

Changing weather effects on Garlic and Onion crops
  • मौसम में लगातार परिवर्तन होने से प्याज़ एवं लहसुन की फसल बहुत अधिक प्रभावित हो रही है।

  • इसके प्रभाव के कारण प्याज़ एवं लहसुन की फसल के पत्ते पीले एवं इनके किनारे सूखने लगते हैं।

  • कहीं कहीं फसल में सही एवं समान वृद्धि नहीं होती है।

  • प्याज़ एवं लहसुन की फसल में पत्तियों पर अनियमित धब्बे दिखाई देते हैं।

  • इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए एवं मौसम की विपरीत परिस्थिति के कारण फसल को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए कासुगामाइसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W@ 300 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • समुद्री शैवाल @ 400 मिली/एकड़ या ह्यूमिक अम्ल 100 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।

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बुवाई के बाद बीज अंकुरण बढ़ाने के लिए इन खास उपायों का करें उपयोग

Special measures to increase germination after sowing the crop
  • अधिकतर क्षेत्रों में रबी के मौसम की फसल बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है।

  • मौसम में हो रहे परिवर्तनों के कारण कहीं कहीं फसल का अंकुरण बहुत अच्छे से नहीं हो पा रहा है। ऐसी स्थिति में किसान कुछ सरल उपाय अपनाकर फसल के अंकुरण प्रतिशत को बहुत हद तक बढ़ा सकते हैं।

  • बुवाई के समय खेत में अंकुरण के लिए पर्याप्त नमी होना बहुत आवश्यक है। पर्याप्त नमी में पौधे का अंकुरण अच्छा होता है और पौधों में नई जड़ें बनने लगती हैं।

  • जड़ों के अच्छे विकास एवं बढ़वार के लिए बुवाई के 15-20 दिनों के अंदर जैविक उत्पाद मैक्समायको 2 किलो/एकड़ का उपयोग मिट्टी उपचार के रूप में करें।

  • इसी के साथ समुद्री शैवाल @ 1.0 किलो/एकड़ या ह्यूमिक अम्ल @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार करें।

  • ग्रामोफोन के समृद्धि किट में उपलब्ध NPK कन्सोर्टिया 3 किलो प्रति एकड़ मिट्टी में उपयोग करने से अच्छे बीज अंकुरण के साथ जड़ों में भी अच्छा विकास देखने को मिलता है।

  • यदि मिट्टी में किसी भी प्रकार के कवक जनित रोगों का प्रकोप दिखाई दे तो उचित कवकनाशी का उपयोग कर सकते हैं।

  • इन उपायों को अपनाकर फसलों का अंकुरण बहुत हद तक बढ़ाया जा सकता है।

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कई राज्यों में भारी बारिश का अनुमान, बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर बनेगी वजह

know the weather forecast,

अरब सागर में बना डिप्रेशन महाराष्ट्र तथा कर्नाटक के कई जिलों में बारिश दे सकता है परंतु इसका प्रभाव अब धीरे-धीरे कम हो जाएगा। आंध्रप्रदेश के तट पर बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु सहित दक्षिणी कर्नाटक में बारिश देगा। दिल्ली सहित उत्तर भारत में तेज हवाओं के चलते प्रदूषण में कुछ कमी आ सकती है।

स्रोत: स्काईमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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टमाटर की फसल में फूलों की वृद्धि के समय इस प्रकार करें प्रबंधन

Flower promotion nutrients in Tomato
  • टमाटर की फसल में फूल वाली अवस्था बहुत ही महत्वपूर्ण होती है क्योंकि फसल में फलों का उत्पादन फूलों की संख्या पर ही निर्भर करती है।

  • बुआई के 30-45 दिनों बाद टमाटर की फसल में फूल वाली अवस्था प्रारम्भ होती है।

  • नीचे दिए गए कुछ उत्पादों के द्वारा टमाटर की फसल में फूलों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है।

  • होमोब्रासिनोलॉइड 0.04% w/w 100-120 मिली/एकड़ का छिड़काव करें।

  • समुद्री शैवाल 300 मिली/एकड़ का छिड़काव के रूप में उपयोग करें।

  • जिब्रेलिक एसिड @ 200 मिली/एकड़ का छिड़काव के रूप में उपयोग करें।

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दिवाली धमाका के लकी ड्रा में इन किसानों ने जीते चांदी के सिक्के, देखें लिस्ट

Diwali Dhamaka winners

इस बार दीपावली के अवसर पर किसानों के लिए ग्रामोफ़ोन की तरफ से दिवाली धमाका ऑफर का आयोजन किया गया था। इस ऑफर में हजारों किसानों ने 10000 से अधिक की खरीदी की और चांदी के सिक्कों के लकी ड्रा में शामिल हुए। लकी ड्रा में से चुने गए 25 लकी विजेताओं की घोषणा इस लेख के माध्यम से की जा रही है। इन सभी किसानों को उपहार स्वरूप चांदी के सिक्के भिजवाए जाएंगे।

सभी विजेता किसानों की सूची

क्रम संख्या

नाम

क्षेत्र

राज्य

उपहार

1

दिलीप सिंह पंवार

उज्जैन

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

2

भैदाश आर्य

सेंधवा

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

3

निर्मल उपाध्याय

खातेगांव

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

4

जयताल जी

बरवाह

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

5

गौरीशंकर राठौर

हरसूद

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

6

राजेन्द्र सिंह

देवास

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

7

अरविंद सिंह

डालौदा

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

8

अनिल पटेल

खंडवा

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

9

भरत सिंह गुर्जर

शाजापुर

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

10

सुरेंद्र

बरन

राजस्थान

चांदी का सिक्का

11

राज कुमार मीना

होशंगाबाद

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

12

जगदीश बर्दे

सेंधवा

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

13

गोविंद पाटीदार

शाजापुर

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

14

राधे श्याम भायाल

कुक्षी

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

15

नाहुर खा

रतलाम

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

16

वीरेंद्र तवारी

खरगोन

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

17

राधेश्याम पटेल

सीहोर

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

18

किशोर गुर्जर

पंधाना

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

19

राधेश्याम यादव

देवास

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

20

दिनेश

गुलाना

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

21

अंतर सिंह

बड़नगर

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

22

केदार पटेल

खंडवा

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

23

सतीश

तराना

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

24

उल्लास चौहान

सतवास

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

25

मनोहर सिंह राजपूत

गुलाना

मध्य प्रदेश

चांदी का सिक्का

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जैविक खेती कैसे की जाती है, जानें इसके फायदे

What is organic farming and its benefits
  • जैविक खेती दरअसल खेती की वो पद्धति है जिसमें पर्यावरण को नुकसान पहुँचाए बिना एवं प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखते हुए भूमि, जल एवं वायु प्रदूषण किये बिना अधिक उत्पादन प्राप्त किया जाता है।

  • जैविक खेती में रसायनों का उपयोग कम से कम होता है।

  • जैविक खेती रासायनिक कृषि की अपेक्षा कम लागत वाली भी होती है।

  • इसमें सिंचाई की कम लागत आती है क्योंकि जैविक खाद जमीन में लम्बे समय तक नमी बनाये रखतें हैं जिससे सिंचाई की आवश्यकता रासायनिक खेती की अपेक्षा कम पड़ती है।

  • जैविक खेती में मिट्टी को एक जीवित माध्यम माना गया है जो पौधों व जीवों के अवशेष को खाद के रूप में भूमि को प्राप्त होते हैं।

  • जैविक खेती के प्रयोग से उगाई गई फसलों पर बीमारियों एवं कीटों का प्रकोप बहुत कम होता है।

  • इसका परिणाम यह होता है कि फसलें पूर्ण रूप से रसायन मुक्त और स्वस्थ होती हैं।

  • स्वास्थ्य की दृष्टि से जैविक उत्पाद सर्वश्रेष्ठ होते हैं एवं इनके प्रयोग से कई प्रकार के रोगों से बचा जा सकता है।

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10000 में बुक कराएं ये कार, सिर्फ 40 पैसे में चलेगी 1 किलोमीटर

Book this car for 10000 will run 1 kilometre in just 40 paise

पेट्रोल व डीजल के बढ़ते रेट की वजह से अब लोग इलेक्ट्रिक कारों को खरीदना पसंद कर रहे हैं। इसी को देखते हुए मुंबई की एक कंपनी ने एक ऐसी इलेक्ट्रिक कार तैयार की है जिसके बारे में कहा जा रहा है की यह दुनिया की सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार है।

यह इलेक्ट्रिक कार स्ट्रोम मोटर्स ने लांच किया है और इसका नाम स्ट्रोम आर3 रखा है। भारत में भी इस कार की बुकिंग हो गई है। इस कार में तीन पहिये हैं पर यह दिखने में थ्री-व्हीलर की तरह नहीं लगता और यह बिलकुल कार की तरह नजर आता है। खबरों के अनुसार यह कार एक बार चार्ज कर लेने पर करीब 200 किमी का सफर तय कर सकती है। इस कार बुकिंग 10000 रूपये से की जा सकती है।

स्रोत: आज तक

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आपकी जरूरतों से जुड़ी ऐसी ही अन्य महत्वपूर्ण सूचनाओं के लिए प्रतिदिन पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख और अपनी कृषि समस्याओं की तस्वीरें समुदाय सेक्शन में पोस्ट कर प्राप्त करें कृषि विशेषज्ञों की सलाह।

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मध्य भारत में बदलेगा मौसम, अरब सागर में बने लो प्रेशर का होगा असर

know the weather forecast,

अरब सागर में बने लो प्रेशर की वजह से मध्य भारत में बदलेगा मौसम। दक्षिण भारत के कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई शहरों में प्रदूषण का स्तर अति खतरनाक स्थिति में।

स्रोत: मौसम तक

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ग्रामोफ़ोन से खरीदी करने वाले किसान भाइयों को मिले आकर्षक दिवाली उपहार

Farmers who buy from Gramophone get attractive Diwali gifts

इस बार दिवाली के अवसर पर ग्रामोफ़ोन से खरीदी करने वाले किसान भाइयों को मिले आकर्षक दिवाली उपहार। दिवाली धमाका ऑफर के अंतर्गत 1000 रूपये और उससे अधिक की खरीदी करने वाले सभी किसानों को यह दिवाली उपहार दिए जा रहे हैं। देखें तस्वीरें।

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गेहूँ की बुवाई के समय इस प्रकार करें उर्वरक प्रबंधन

Fertilizer management in wheat at the time of sowing
  • गेहूँ रबी के मौसम की एक मुख्य फसल है और इसकी बुवाई के समय उचित उर्वरक प्रबंधन करने से फसल को अच्छी शुरुआत मिलती है। इसके साथ ही जड़ें अच्छी बनती है एवं कल्ले अच्छे फूटते हैं।

  • इस समय उचित उर्वरक प्रबंधन करने के लिए यूरिया @ 20 किलो/एकड़ + DAP@ 50 किलो/एकड़ + MOP @ 25 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।

  • यूरिया नाइट्रोज़न का स्त्रोत है, DAP नाइट्रोज़न एवं फास्फोरस का स्त्रोत है एवं MOP आवश्यक पोटाश की पूर्ति करता है इस प्रकार गेहूँ की फसल में बुवाई के समय पोषण प्रबंधन करने से उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है l

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