इंदौर के मंडी में आज क्या रहे आलू के भाव, देखें वीडियो

Indore Potato Mandi Bhaw,

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 21 मार्च के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे आलू  के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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इंदौर मंडी में 21 मार्च को क्या रहे प्याज भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 21 मार्च के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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रतलाम मंडी में 21 मार्च को क्या रहे नए गेहूँ के भाव?

Ratlam Mandi wheat Rate

नए गेहूँ भाव में आज कितनी तेजी या मंदी देखने को मिली? वीडियो के माध्यम से देखें की आज मंडी में कैसा चल रहा है गेहूँ का भाव !

स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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उड़द की कीमतों में तेजी की संभावना, देखें विशेषज्ञ रिपोर्ट

Urad prices likely to rise

उड़द के भाव में कई देशी विदेशी कारणों से तेजी आने की संभावना बन रही है। बाजार विशेषज्ञों का भी मनना है आने वाले दिनों में इसमें तेजी देखने को मिल सकती है। वीडियो के माध्यम से देखें की आखिर ऐसी उम्मीद क्यों बन रही है?

स्रो: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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तरबूज की क्वालिटी होगी अच्छी अगर अपनाए जाएं ये सुझाव

Follow these tips to increase the quality of watermelon fruit
  • किसान भाइयों तरबूज की फसल में यदि फलों की गुणवत्ता यानी क्वालिटी बहुत अच्छी रहती है तो किसानों को उत्पादन के साथ-साथ आय भी बहुत अच्छी मिल जाती है।

  • इसके लिए बुवाई के 45-50 दिन बाद NPK – 19:19:19 @ 50 किलोग्राम + म्यूरेट ऑफ़ पोटाश 50 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से मिट्टी में मिलाएं। 

  • पौधे में फूलों की संख्या एवं अच्छे फल निर्माण के लिए नोवामैक्स (जिब्रेलिक एसिड 0.001% एल) @ 300 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

  • बुवाई के 60-65 दिन बाद NPK – 0:00:50 @ 1 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से पत्तियों पर छिड़काव करें। 

  • पोटाश के उपयोग से तरबूज के फल का आकार बहुत अच्छा बनता है।  

  • फलों के उचित वृद्धि एवं विकास के लिए पिंचिंग की प्रक्रिया भी फायदेमंद होती है।

  • चिलेटेड कैल्शियम ईडीटीए @ 200 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करने से ब्लॉसम एन्ड रॉट की समस्या नहीं आती है साथ ही फल में चमक बनी रहती है।

अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

 

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मध्य प्रदेश समेत कई क्षेत्रों में बारिश, जानें बंगाल की खाड़ी के तूफान पर अपडेट

know the weather forecast,

बंगाल की खाड़ी में बने समुद्री तूफान “असानी” के प्रभाव से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी से अधिक भारी बारिश की संभावना है। 22 मार्च की सुबह एक डीप डिप्रेशन के रूप में उत्तरी म्यानमार के आसपास पहुंचेगा। बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर से आने वाली नम हवाओं के प्रभाव से दक्षिण भारत महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ तथा मध्य प्रदेश के दक्षिणी भागों में बारिश संभव है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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सावधान, मूंग में पर्ण कुंचन विषाणु जनित रोग होगा घातक

Moong leaf curl virus disease
  • किसान भाइयों मूंग की फसल में पर्ण कुंचन विषाणु जनित रोग का प्रकोप फसल की किसी भी अवस्था में हो सकता है। 

  • इस रोग का मुख्य वाहक थ्रिप्स नामक कीट होते हैं। 

  • इस रोग के लक्षण में नई पत्तियों के किनारों, शिराओं और उसकी शाखाओं के चारों और हरिमहीनता प्रकट होना प्रारंभ हो जाती है। पत्तियां नीचे की ओर सिकुड़कर मुड़ने लगती हैं। ऐसी पत्तियां धीरे से हिलाने से ही डंठल सहित नीचे गिर जाती हैं। फली बनने की अवस्था में पौधा छोटी और विकृत फली पैदा करता है।

प्रबंधन के उपाय:

  • बुवाई के 30 दिनों के अंदर संक्रमण दिखाई देने पर संक्रमित पौधों को नष्ट कर दें। 

  • विषाणु और थ्रिप्स को आश्रय देने वाले खरपतवारों को हटा दें।

  • प्रतिरोधी बीज किस्मों का उपयोग करें।  

  • थ्रिप्स प्रबंधन के लिए लैमनोवा (लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 5% ईसी) @ 250 मिली + प्रोफेनोवा सुपर (प्रोफेनोफोस  40 % + सायपरमेथ्रिन 4% ईसी) @ 400 मिली + फिपनोवा (फिप्रोनिल 5% एससी) @ 400 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव कर सकते हैं। 

  • प्री वेंटल (पॉलीफॉर्मफॉस) @ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव भी फायदेमंद रहता है। 

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जरूर अपनाएं स्मार्ट खेती के ये उपयोगी टिप्स

Must follow these useful tips of smart farming
  • किसान भाइयों स्मार्ट खेती से आशय यह है की किसान खेती करने के नए तरीके एवं खेती को लाभ पहुंचाने वाले उत्पादों का उपयोग कर खेती करें।  

  • स्मार्ट खेती के अंतर्गत कीट रोग एवं पोषण संबधी फसल की आवश्यकता को टेक्नोलॉजी के माध्यम से पूरा किया जाता है। 

  • इस प्रकार की खेती में मोबाइल एप्लीकेशन, वृहद आंकड़े, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीनों का उपयोग होता है।  

  • कृषि में भी सूचना संचार प्रौद्योगिकी का प्रयोग किसान की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है।

  • युवा कृषक पारंपरिक खेती की जगह स्मार्ट खेती तकनीक अपनाकर अपनी खेती में व्यापक सुधार कर सकते हैं। 

  • स्मार्ट खेती के माध्यम से किसान की लागत कम एवं उपज ज्यादा होती है।

ग्रामोफ़ोन एप के माध्यम से आप भी कर सकते हैं स्मार्ट खेती। आज ही अपने खेत को “मेरी खेती” विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में रोगों व कीटों के प्रकोप की समयपूर्व जानकारी प्राप्त करते रहें।

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बंगाल की खाड़ी पर बनने वाला तूफान मचा सकता है भारी तबाही

know the weather forecast,

बंगाल की खाड़ी पर बन रहा समुद्री तूफान अगले 2 दिनों के दौरान अंडमान और निकोबार दीप समूह में भारी से अधिक भारी बारिश दे सकता है। यह उत्तरी म्यानमार की ओर बढ़ेगा तथा 22 मार्च को लैंडफॉल करेगा। राजस्थान गुजरात पश्चिमी मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र के कई भागों में भीषण लू जारी रहेगी। दिल्ली सहित उत्तर भारत में तापमान सामान्य से ऊपर बने रहेंगे।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को 31000 रूपये प्रत‍ि हेक्‍टेयर देगी सरकार

Government will give Rs 31000 per hectare to farmers for natural farming

खेती में रासायनिक खाद के अधिक उपयोग से मृदा स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इससे बचने का एकमात्र विकल्प प्राकृतिक खेती है, जिसकी सहायता से खेत की उपज और मिट्टी की उर्वरक क्षमता दोनों को बढ़ाया जा सकता है। वहीं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से देशभर में योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके तहत सरकार किसानों को बीज, जैव उर्वरक, जैव कीटनाशक, जैविक खाद, कम्पोस्ट, वानस्पतिक अर्क आदि के लिए व‍ित्‍त‍ीय सहायता उपलब्‍ध करा रही है। इसके लिए सरकार किसानों को 31 हजार रुपये प्रत‍ि हेक्‍टेयर की वित्तीय राशि दे रही है। जो कि किसान भाईयों को 3 वर्ष तक उपलब्ध कराई जाएगी।

इसी के साथ ही केंद्र सरकार गंगा नदी के किनारे परम्परागत कृषि विकास योजना और भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति के माध्यम से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है। वहीं सरकार इन योजनाओं के अनुरूप नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत कुल 120.49 करोड़ रुपये का फंड अभी तक क‍िसानों के ल‍िए जारी कर चुकी है। इसकी सहायता से कई किसान भाई लाभान्वित हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ मृदा स्वास्थ्य में सुधार के उद्देश्‍य से रासायनिक उर्वरकों के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे पौधों के पोषक तत्वों के अकार्बनिक और जैविक दोनों स्रोतों के संयुक्त उपयोग से खेती में लाभ प्राप्त कर सकें।

स्रोत: टीवी9

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