मानसून फिर बदलेगा करवट, होगी भयंकर बारिश

know the weather forecast,

दक्षिणी पाकिस्तान पर एक गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है और एक निम्न दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी के ऊपर है। इन दोनों के प्रभाव से पूर्वी भारत सहित मध्य भारत में बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं। दिल्ली, पंजाब हरियाणा सहित पहाड़ों पर तेज बारिश के आसार हैं। 2 दिनों के बाद पूर्वी राजस्थान में भी बारिश संभव है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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धान की फसल में शीथ ब्लाइट की पहचान एवं रोकथाम

पर्णच्छद अंगमारी (Sheath Blight):– यह रोग राइजोक्टोनिया सोलेनी नामक कवक के कारण होता है। इस रोग से पानी और भूमि की सतह के पास पर्णच्छद पर रोग के प्रमुख लक्षण दिखाई देते हैं। इसके प्रकोप से पत्ती के पर्णच्छद पर 2 से 3 सेमी. लम्बे हरे और भूरे रंग के धब्बे बनते जाते हैं, जो कि बाद में भूसे के रंग के हो जाते हैं। धब्बों के चारों तरफ बैंगनी रंग की पतली धारी बन जाती है। जिनके कवक जाल अनुकूल वातावरण होने पर स्पष्ट दिखाई देते हैं। 

रोकथाम के उपाय 

  • इसके रोकथाम के लिए, नोवाकोन (हेक्साकोनाज़ोल 5% ईसी) @ 400 मिली या  कस्टोडिया (एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 11% + टेबुकोनाज़ोल 18.3% एससी) @ 240 मिली या नेटिवो (टेबुकोनाज़ोल 50% + ट्राइफ्लॉक्सीस्ट्रोबिन 25% डब्ल्यूजी) @ 80 ग्राम + सिलिकोमैक्स @ 50 मिली प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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देश की विभिन्न मंडियों में 19 अगस्त को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

14

गुवाहाटी

प्याज़

17

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

11

गुवाहाटी

प्याज़

13

गुवाहाटी

प्याज़

17

गुवाहाटी

प्याज़

18

गुवाहाटी

प्याज़

15

गुवाहाटी

प्याज़

16

गुवाहाटी

प्याज़

19

गुवाहाटी

प्याज़

21

गुवाहाटी

लहसुन

15

20

गुवाहाटी

लहसुन

22

28

गुवाहाटी

लहसुन

30

37

गुवाहाटी

लहसुन

38

42

गुवाहाटी

लहसुन

15

20

गुवाहाटी

लहसुन

22

27

गुवाहाटी

लहसुन

28

37

गुवाहाटी

लहसुन

38

42

लखनऊ

आलू

20

21

लखनऊ

प्याज़

9

10

लखनऊ

प्याज़

11

12

लखनऊ

प्याज़

13

14

लखनऊ

प्याज़

15

16

लखनऊ

प्याज़

9

11

लखनऊ

प्याज़

12

13

लखनऊ

प्याज़

14

लखनऊ

प्याज़

14

15

लखनऊ

अनन्नास

25

28

लखनऊ

हरा नारियल

40

42

लखनऊ

लहसुन

20

25

लखनऊ

लहसुन

30

40

लखनऊ

लहसुन

45

50

लखनऊ

लहसुन

15

20

लखनऊ

लहसुन

25

32

लखनऊ

लहसुन

35

40

लखनऊ

लहसुन

45

50

लखनऊ

फूलगोभी

25

30

लखनऊ

शिमला मिर्च

45

55

लखनऊ

हरी मिर्च

55

60

लखनऊ

भिन्डी

20

लखनऊ

नींबू

48

लखनऊ

खीरा

24

26

लखनऊ

अदरक

36

40

लखनऊ

गाजर

28

30

लखनऊ

मोसंबी

28

रतलाम

अदरक

30

32

रतलाम

आलू

18

20

रतलाम

टमाटर

28

35

रतलाम

हरी मिर्च

50

60

रतलाम

भिन्डी

20

22

रतलाम

नींबू

22

25

रतलाम

फूलगोभी

25

30

रतलाम

पत्ता गोभी

35

40

रतलाम

बैंगन

15

रतलाम

करेला

35

36

रतलाम

कटहल

12

14

रतलाम

खीरा

13

14

रतलाम

शिमला मिर्च

36

40

रतलाम

केला

32

रतलाम

अनार

45

55

रतलाम

सेब

85

रतलाम

पपीता

30

34

जयपुर

प्याज़

12

13

जयपुर

प्याज़

14

15

जयपुर

प्याज़

15

16

जयपुर

प्याज़

6

जयपुर

प्याज़

8

जयपुर

प्याज़

9

जयपुर

प्याज़

10

जयपुर

लहसुन

12

13

जयपुर

लहसुन

15

20

जयपुर

लहसुन

25

30

जयपुर

लहसुन

34

35

रतलाम

प्याज़

3

6

रतलाम

प्याज़

6

8

रतलाम

प्याज़

8

13

रतलाम

प्याज़

13

15

रतलाम

लहसुन

7

9

रतलाम

लहसुन

10

16

रतलाम

लहसुन

17

24

रतलाम

लहसुन

26

32

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे सोयाबीन के भाव?

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे आगर, अशोकनगर, बड़नगर, बदनावर, बड़ोद, ब्यावर, मंदसौर और छिंदवाड़ा आदि में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव

जिला

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

शाजापुर

आगर

2150

6191

अशोकनगर

अशोकनगर

4080

6242

उज्जैन

बड़नगर

5120

6190

धार

बदनावर

4900

6150

शाजापुर

बड़ोद

6000

6000

होशंगाबाद

बाणपुरा

5260

5260

रायसेन

बेगमगंज

5750

6000

शाजापुर

बेरछा

5600

6300

बैतूल

बैतूल

5500

6151

भोपाल

भोपाल

5515

5967

राजगढ़

ब्यावरा

4860

6180

बुरहानपुर

बुरहानपुर

3501

5975

छिंदवाड़ा

छिंदवाड़ा

5900

6200

देवास

देवास

3500

6180

धार

धामनोद

5475

5880

धार

धामनोद

4705

6075

धार

धार

3240

6140

विदिशा

गंज बासौदा

5301

6135

सागर

गढ़ाकोटा

5450

6050

डिण्डोरी

गोरखपुर

5650

6000

हरदा

हरदा

3199

6037

सीहोर

इछावर

4590

6210

अशोकनगर

ईसागढ़

5780

6150

जबलपुर

जबलपुर

4690

4690

अलीराजपुर

जोबाट

5800

5800

नरसिंहपुर

करेली

4900

5851

उज्जैन

खाचरोद

5556

6051

खंडवा

खंडवा

4000

6181

खरगोन

खरगोन

5500

5900

खरगोन

खरगोन

5513

6039

देवास

खातेगांव

3200

6190

देवास

खातेगांव

5825

6000

हरदा

खिरकिया

4360

6099

राजगढ़

खुजनेर

5900

6110

सागर

खुराई

5500

6100

शिवपुरी

कोलारस

4495

5995

शिवपुरी

कोलारस

4200

5985

धार

कुक्षी

5700

5900

धार

कुक्षी

5750

5900

विदिशा

लटेरी

5650

5650

विदिशा

लटेरी

3925

5965

उज्जैन

महिदपुर

6000

6000

नीमच

मनसा

3535

6070

धार

मनावरी

5800

6150

मंदसौर

मंदसौर

4800

6060

इंदौर

महू

3400

3400

इंदौर

महू

5791

6130

शाजापुर

नलकेहदा

2600

6180

राजगढ़

नरसिंहगढ़

5100

6250

नीमच

नीमच

3540

6151

स्रोत: एगमार्कनेट

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50% अनुदान पर बनवाएं प्याज़ भंडार गृह, जल्द करें आवेदन

भंडारण की उचित व्यवस्था न होने की वजह से किसानों को फसलों के सही दाम नहीं मिल पाते हैं। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार उपज प्रबंंधन के लिए पैक हाउस, समेकित भंडार गृह एवं प्याज़ भंडार गृह पर अनुदान प्रदान कर रही है, ताकि आर्थिक तौर पर कमज़ोर किसान भी अपनी फसल का भंडारण बिना किसी मुश्किल के कर सकें। इसके लिए प्रदेश सरकार किसानों को पैक हाउस, समेकित भंडारण एवं प्याज़ भंडार गृह के लिए अलग अलग अनुदान दे रही है।

पैक हाउस पर मिलने वाला अनुदान

शासन द्वारा पैक हाउस (9M*6M) के निर्माण की लागत 4 लाख रूपए निर्धारित की गई है। इसमें 2 लाख रूपए अनुदान के तौर पर दिए जा रहे हैं, यानी की किसानों को लागत की सिर्फ 50% राशि ही पैक हाउस के निर्माण में खर्च करनी होगी। इस योजना के लिए 26 जिलों के किसान आवेदन कर सकते हैं।

समेकित भंडारण पर मिलने वाला अनुदान

शासन द्वारा समेकित भंडारण (9M*18M) के निर्माण की लागत 50 लाख रूपए निर्धारित की गई है। इसमें किसानों को लागत का 35% अनुदान के तौर पर दिया जा रहा है, यानी कि किसानों को 17 लाख 50 हजार रूपए सरकार द्वारा उपलब्ध होंगे। इस योजना के लिए 5 जिलों के किसान आवेदन कर सकते हैं।

प्याज भंडार गृह पर मिलने वाला अनुदान

शासन द्वारा कम लागत वाले प्याज भंडार गृह (25 मी.टन) की लागत 1.75 लाख रुपए तय गई है। जिस पर कृषकों को लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इसमें किसानों को अधिकतम 87,500 रुपए अनुदान प्रदान किया जा रहा है। इस योजना के लिए 40 जिलों के किसान आवेदन कर सकते हैं।

यहां करें ऑनलाइन आवदेन

16 अगस्त 2022 से आवेदन करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इच्छुक किसान राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://mpfsts.mp.gov.in/mphd पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजना से जुड़ी सभी जानकारी भी इसी वेबसाइट पर प्राप्त कर सकते हैं। अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो बिना देरी करें जल्द आवेदन करें।

स्रोत: किसान समाधान

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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मध्यप्रदेश की चुनिंदा मंडियों में क्या चल रहे प्याज़ के ताजा भाव?

onion Mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों जैसे अलीराजपुर, बदनावर, बड़वाह, ब्यावर, छिंदवाड़ा, देवास, हरदा, खरगोन, मंदसौर और मनावर आदि में क्या चल रहे हैं प्याज़ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

विभिन्न मंडियों में प्याज़ के ताजा मंडी भाव

जिला

कृषि उपज मंडी

न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)

अलीराजपुर

अलीराजपुर

1000

1500

धार

बदनावर

500

1351

खरगोन

बड़वाह

800

1500

राजगढ़

ब्यावरा

400

1000

छिंदवाड़ा

छिंदवाड़ा

800

1000

सागर

देवरी

400

600

देवास

देवास

300

900

देवास

देवास

300

800

हरदा

हरदा

500

650

हरदा

हरदा

400

600

खरगोन

खरगोन

500

1500

खरगोन

खरगोन

500

2000

धार

कुक्षी

400

800

धार

मनावर

900

1100

मंदसौर

मंदसौर

480

1244

होशंगाबाद

पिपरिया

400

1200

रतलाम

सैलान

151

1256

इंदौर

सांवेर

550

850

सतना

सतना

800

800

सीहोर

सीहोर

300

1417

मंदसौर

शामगढ़

550

550

शाजापुर

शुजालपुर

500

1601

झाबुआ

थांदला

1000

1400

हरदा

टिमरनी

800

1200

स्रोत: एगमार्कनेट

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इस पूरे राज्य में होती है सिर्फ जैविक खेती

भारत की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा कृषि क्षेत्र संभालता है। लगभग सभी राज्यों में अलग अलग पद्धति से खेती की जाती है। कहीं धान तो कहीं मसाले एवं फलों की खेती मुख्य रूप से होती है। हालांकि बढ़ती मांग और आपूर्ति के बीच जैविक खेती का प्रयोग बहुत कम हो गया है। उपज बढ़ाने के लिए खेतों में अंधाधुंध रासायनिक खाद और कीटनाशकों का प्रयोग किया जा रहा है। जिसका दुष्प्रभाव पर्यावरण और मनुष्यों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, साथ ही साथ उत्पादों की गुणवत्ता में कमी देखने को मिल रही है।

पहला जैविक राज्य बना सिक्किम

देश को ऐसी स्थिति से उबारने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें जैविक खेती को बढ़ावा दे रही हैं। सरकार की ओर से जैविक खेती के लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। हालांकि खेती को पूर्णरूप से रसायनमुक्त बनाना इतना आसान नहीं है, क्योंकि इस पद्धति से लाभ प्राप्त करने के लिए लगभग चार से पांच वर्ष का समय लगता है। वहीं इन मुश्किलों के बीच पहाड़ों में बसे राज्य सिक्किम ने दुनिया में एक मिसाल कायम की है। 

ऐसे की जैविक खेती की शुरूआत

आज के समय सिक्किम राज्य में खेती करने के लिए किसी भी प्रकार के रसायन का उपयोग नहीं किया जाता है। यहां के सीढ़ीदार खेतों में पारम्परिक पद्धति से जैविक खेती की जाती है। दूसरे किसानों की तरह सिक्किम के किसानों के लिए भी जैविक खेती का यह सफर आसान नहीं रहा। वर्ष 2003 से शुरू हुए इस कदम में राज्य सरकार ने जैविक खेती करने के लिए पहले गांवों को गोद लेकर उन्हें ‘बायो-विलेज’ में तब्दील करने का संकल्प लिया। इसके बाद वहां के सभी किसानों को जैविक खाद उपलब्ध कराई गई और खेती के लिए जैविक प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

इस दौरान जैविक खेती के लिएकई जागरूकता अभियान चलाए गए। इसके लिए ऑर्गेनिक फार्म्स, ऑर्गेनिक स्कूल और घर-घर जाकर ऑर्गेनिक खादों के बारें में लोगों को जानकारी दी गई। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा खेती के लिए पोषण प्रबंधन, पद्धति, कीट प्रबंधन और प्रयोगशालाएं भी शुरू की गईं। इसके अलावा भूमि की उपज क्षमता बढ़ाने के लिए अम्लीय भूमि उपचार, जैविक पैकिंग समेत अनेकों जागरूकता अभियान चलाए गए। हालांकि इस दौरान सिक्किम राज्य को आय और उत्पादन दोनों में कमी देखने को मिली। फिर भी यहां के लोगों ने अपनी मेहनत और सब्र को बरकरार रखा।

मिला जैविक खेती का ऑस्कर पुरस्कार

फिर एक समय ऐसा आया जब किसानों की मेहनत और सब्र ने रंग दिखाया और वर्ष 2014 में सबसे ज्यादा जैविक खेती से उपज प्राप्त की गई। राज्य सरकार के इन नीतियों से जैविक खेती का दायरा प्रदेश में बढ़ता चला गया। इन्हीं प्रयासों के बीच वर्ष 2016 में सिक्किम को पहला ऑर्गेनिक राज्य घोषित किया गया। प्रदेश सरकार के इस कदम से 66 हजार किसानों को लाभ प्राप्त हुआ, साथ ही 50% पर्यटन में भी वृद्धि हुई। वर्ष 2018 में संयुक्त राज्य के खाद एवं कृषि संगठन यानी FAO ने सिक्किम को इस सर्वश्रेष्ठ नीतियों के लिए ऑस्कर अवार्ड से सम्मानित किया। आज सिक्किम देश के दूसरे राज्यों के लिए प्रेरणा बन चुका है। दूसरे राज्य के किसान भी सिक्किम की नीतियों को अपनाकर जैविक खेती के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की ओर बढ़ रहे हैं।

स्रोत: इंडिया टाइम्स

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एक बार फिर होगी भारी बर्षा, देखें संपूर्ण देश का मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

अगले दो-तीन दिनों के दौरान राजस्थान का मौसम शुष्क रहेगा। पंजाब हरियाणा तथा दिल्ली में भी बारिश बहुत कम होगी। बंगाल की खाड़ी के उत्तर में बना निम्न दबाव अब एक बार फिर झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और पूर्वी मध्य प्रदेश में बारिश देगा।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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कपास की फसल में डेंडु बनते समय पोषक तत्व प्रबंधन एवं जरुरी छिड़काव

किसान भाइयों, कपास की अधिक पैदावार लेने के लिये पोषक तत्व प्रबंधन एक महत्वपूर्ण उपाय है। कपास की फसल में डेंडु बनना बुवाई के 60-65 दिनों में शुरू हो जाता है। इस अवस्था में पोषण एवं कीट प्रबंधन उचित तरीके से इस प्रकार करें –  

पोषण प्रबंधन

  • कपास की अधिक पैदावार लेने के लिये, यूरिया 30 किलो + एमओपी 30 किग्रा + मैग्नीशियम सल्फेट 10 किग्रा, प्रति एकड़ के हिसाब से प्रयोग करना बहोत आवश्यक है। 

डेंडू निर्माण के लिए आवश्यक छिड़काव 

  • कपास की फसल में 5 से 10 % पूड़ी बनना शुरू हो जाये, तब इस अवस्था में, न्यूट्रीफुल मैक्स (फुल्विक एसिड का अर्क 20% + कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम ट्रेस मात्रा में – 5 % + अमीनो एसिड) @ 250 मिली या डबल (होमोब्रासिनोलाइड 0.04% डब्ल्यू/डब्ल्यू) 100 मिली प्रति एकड़, 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

उपयोग के फायदे 

  • न्यूट्रीफुल मैक्स – न्यूट्रीफुल फूल मैक्स पौध वृद्धि प्रवर्तक है। इसमें फुलविक एसिड का अर्क– 20% + कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम ट्रेस मात्रा में  5% + अमीनो एसिड आदि तत्व पाए जाते हैं। यह फूलो के रंग, डेंडु के गुणवत्ता को बढ़ाता है, एवं पोषक तत्वों की उपलब्धता में भी वृद्धि करता है। सूखे, पाले आदि के खिलाफ रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ावा देता है। 

  • एवं परागण की क्रिया पूरी हो जाती है, जिससे फूल व पूड़ी नहीं गिरते हैं। साथ ही ये पौधों को तनाव मुक्त रखता है। यह फसलों की उत्पादन के साथ साथ गुणवत्ता में भी वृद्धि करता है।

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देश की विभिन्न मंडियों में 18 अगस्त को क्या रहे फलों और फसलों के भाव?

Todays Mandi Rates

देश के विभिन्न शहरों में फलों और फसलों की कीमतें क्या हैं?

मंडी

फसल

न्यूनतम मूल्य (किलोग्राम में)

अधिकतम मूल्य (किलोग्राम में)

रतलाम

अदरक

30

32

रतलाम

आलू

18

20

रतलाम

टमाटर

28

35

रतलाम

हरी मिर्च

50

60

रतलाम

भिन्डी

14

18

रतलाम

नींबू

22

25

रतलाम

फूलगोभी

25

30

रतलाम

पत्ता गोभी

35

40

रतलाम

बैंगन

13

14

रतलाम

करेला

35

36

रतलाम

कटहल

18

20

रतलाम

खीरा

13

14

रतलाम

शिमला मिर्च

36

40

रतलाम

केला

35

36

रतलाम

अनार

45

55

रतलाम

सेब

85

रतलाम

पपीता

30

34

लखनऊ

आलू

20

21

लखनऊ

प्याज़

9

10

लखनऊ

प्याज़

11

12

लखनऊ

प्याज़

13

14

लखनऊ

प्याज़

15

16

लखनऊ

प्याज़

9

11

लखनऊ

प्याज़

12

13

लखनऊ

प्याज़

14

लखनऊ

प्याज़

14

15

लखनऊ

अनन्नास

25

28

लखनऊ

हरा नारियल

40

42

लखनऊ

लहसुन

20

25

लखनऊ

लहसुन

30

40

लखनऊ

लहसुन

45

50

लखनऊ

लहसुन

15

20

लखनऊ

लहसुन

25

32

लखनऊ

लहसुन

35

40

लखनऊ

लहसुन

45

50

लखनऊ

फूलगोभी

25

30

लखनऊ

शिमला मिर्च

45

55

लखनऊ

हरी मिर्च

55

60

लखनऊ

भिन्डी

20

लखनऊ

नींबू

48

लखनऊ

खीरा

24

26

लखनऊ

अदरक

36

40

लखनऊ

गाजर

28

30

लखनऊ

मोसंबी

28

जयपुर

प्याज़

12

13

जयपुर

प्याज़

14

15

जयपुर

प्याज़

15

16

जयपुर

प्याज़

6

जयपुर

प्याज़

8

जयपुर

प्याज़

9

जयपुर

प्याज़

10

जयपुर

लहसुन

8

10

जयपुर

लहसुन

15

18

जयपुर

लहसुन

22

25

जयपुर

लहसुन

28

30

रतलाम

प्याज़

3

6

रतलाम

प्याज़

6

8

रतलाम

प्याज़

8

13

रतलाम

प्याज़

13

15

रतलाम

लहसुन

7

9

रतलाम

लहसुन

10

16

रतलाम

लहसुन

17

24

रतलाम

लहसुन

26

45

शाजापुर

प्याज़

3

6

शाजापुर

प्याज़

9

11

शाजापुर

प्याज़

12

14

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