पशुओं में लंगड़ा बुखार रोग के लक्षणों को पहचाने और करें बचाव

Harm and symptoms of lame fever disease in animals

पशुओं में होने वाले कुछ प्रमुख रोगों में से एक है लंगड़ा बुखार। लंगड़ा बुखार का सही समय पर इलाज नहीं करने पर पशुओं की मृत्यु तक हो सकती है। लंगड़ा बुखार को ब्लैक क्वार्टर रोग, कृष्णजंघा रोग, लंगड़िया रोग, जहरबाद रोग, एकटंगा रोग आदि कई नामों से जाना जाता है। इस रोग से छोटी आयु की गाय ज्यादा प्रभावित होती है। लंगड़ा बुखार के लक्षण नजर आने के 24 घंटों के अंदर पशुओं की मृत्यु हो सकती है। इस रोग का प्रकोप अप्रैल से जून महीने में अधिक होता है।

पशुओं में लंगड़ा बुखार के लक्षण

  • पशुओं का शारीरिक तापमान बढ़ जाता है।

  • पशुओं के पैर एवं पीठ के मांस में सूजन आ जाती है।

  • पैर में दर्द होने के कारण पशु लंगड़ा कर चलने लगते हैं।

  • पशु अधिक समय बैठे या लेटे रहते हैं।

  • कुछ समय बाद सूजन ठंडा हो जाता है और सूजन वाला भाग सड़ने लगता है।

  • सड़न वाले स्थान को दबाने पर चर-चर की आवाज आती है।

लंगड़ा बुखार से बचाव के उपाय

  • 4 महीने से ले कर 3 वर्ष तक के सभी पशुओं को प्रति वर्ष लंगड़ा बुखार का टीका लगवाएं।

  • पशुओं को लंगड़ा बुखार से बचाने के लिए पशु निवास की नियमित साफ-सफाई करें।

  • रोग से प्रभावित पशुओं को स्वस्थ्य पशुओं से अलग रखें।

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आज से कई राज्यों में प्री मानसून बारिश और ओलावृष्टि की संभावना

know the weather forecast,

आज से महाराष्ट्र के कई जिलों में बारिश शुरू हो जाएगी। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के भी कई जिलों में बारिश के आसार हैं। दो और तीन अप्रैल से कर्नाटक और केरल में भारी वर्षा की संभावना है जिससे कई जगह जल भराव की स्थिति बन सकती है। दक्षिण भारत में बारिश की गतिविधियां तेज हो जाएगी। 3 अप्रैल से पहाड़ों पर भी एक बार फिर बर्फबारी शुरू हो सकती है। उत्तर से बहने वाली सर्द हवाओं के रुकने से उत्तर पश्चिम, मध्य, और पूर्वी भारत में तापमान बढ़ेंगे।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मूंग की फसल को रस चूसक कीट से बचाने के बेस्ट उपाय

Measures to protect moong crop from sucking insect

दलहन फसलों में मूंग का एक विशेष स्थान है। लेकिन कई बार रस चूसक कीटों के प्रकोप के कारण मूंग की फसल को भारी नुकसान होता है। आज के लेख में आइये जानते हैं मूंग के रस चूसक कीटों के प्रबंधन के उपाय क्या हो सकते हैं?

थ्रिप्स: यह कीट मूंग की पत्तियों से रस चूसकर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। प्रभावित पत्तियां ऊपर की तरफ मुड़ने लगती हैं। प्रकोप बढ़ने पर पौधे पीले हो कर कमजोर हो जाते हैं और पौधों का विकास रुक जाता है। 

नियंत्रण: इसके नियंत्रण के लिए प्रकोप दिखाई देते ही, लैमनोवा (लैम्ब्डा सायहॅलोथ्रिन 4.9% एस सी) 250 मिली प्रति एकड़ या प्रोफेनोवा सुपर (प्रोफेनोफोस 40% + सायपरमेथ्रिन 4% इसी) 400 मिली प्रति एकड़ के दर से 150-200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

माहू: यह कीट फसल को कम समय में अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। यह पौधों के कोमल तने, पत्तियां, फूल एवं फलियों का रस चूसते हैं। इसके कारण पौधों में फूल कम निकलते हैं एवं फलियों में दाने नहीं बन पाते हैं। 

नियंत्रण: माहू पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ खेत में 5-6 पीली स्टिकी ट्रैप लगाएं। इसके साथ ही थियोनोवा 25 (थायोमिथाक्साम 25% डब्लूजी) 100 ग्राम प्रति एकड़, नोवामैक्स (जिबरेलिक एसिड 0.001%) @ 300 मिली प्रति एकड़ के दर से 150-200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

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जानिए फसलों के लिए क्यों बेहद महत्वपूर्ण होता है पोटाश?

Know the importance of potash in the crop

मिट्टी में किसी भी पोषक तत्व की कमी हो जाने से पौधों का सही विकास नहीं हो पाता। इसलिए खाद व उर्वरक का उपयोग संतुलित होना चाहिए ताकि फसल को पर्याप्त मात्रा में सभी प्रकार के आवश्यक पोषक तत्व मिल सकें।

पोटाश क्यों एक आवश्यक पोषक तत्व है?

  • पौधों की वृद्धि एवं विकास के लिए पोटाश बेहद आवश्यक है।

  • यह फसल को मौसम की प्रतिकूलता जैसे- सूखा, ओला, पाला तथा कीड़े-व्याधि आदि से बचाने में मदद करता है।

  • पोटाश जड़ों की समुचित वृद्धि करके फसलों को उखड़ने से बचाता है। इसके कारण पौधे की कोशिकाओं की दीवारें मोटी होती हैं ओर तने की कोष्ठ की परतों में वृद्धि होती रहती है, जिसके फलस्वरूप फसल के गिरने की समस्या नहीं सामने आती है।

  • जिन फसलों को पोटैशियम की पूरी मात्रा मिलती है उन्हें वांछित उपज देने के लिये अपेक्षाकृत कम पानी की आवश्यकता होती है, इस प्रकाश पोटैशियम के उपयोग से फसल की जल उपयोग क्षमता बेहतर होती है।

  • पोटाश फसलों की गुणवत्ता बढ़ाने वाला सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण तत्व है।

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प्राकृतिक खेती में मददगार होगा केंचुआ खाद, जानें बनाने की विधि

Earthworm composting method for natural farming

केंचुए को किसानो का मित्र माना जाता है। यह भूमि सुधार के काम में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है। केंचुआ रोज अपने वजन के बराबर कचरा/मिट्टी खाता है, और उसे मिट्टी की तरह दानेदार खाद में बदल देता है। खाद बनाने के लिए ‘एसिनाफोटिडा’ नामक प्रजाति उपयुक्त होते हैं।  

कच्चे गोबर के विघटन की प्रकिया के दौरान उससे गर्मी उतपन्न होती है जो केचुओं के लिए हानिकारक होती है, यह हानि टालने के लिए खेत में उत्पन्न होने वाले कचरे को अलग कर के 15 से 20 दिन तक सड़ाना आवश्यक होता है। साथ ही इसे 10 दिनों तक नमी देते रहना चाहिए ताकि विघटन के समय निकलने वाली गर्मी समाप्त हो जाए। इसकी गर्मी निकल जाने के बाद इसका वर्मी बेड में केंचुओ के भोजन के रूप  में उपयोग किया जा सकता है। 

वर्मी बेड तैयार करने की विधि:

केंचुआ खाद बनाने के लिए सबसे जरूरी है, छायादार जगह का होना। वर्मी बेड की लंबाई 20 फुट तथा चौड़ाई 2.5 से 4 फुट की होनी चाहिए। बेड बनाते समय सबसे पहले नीचे ईट के टुकड़े (3-4 इंच) उसके ऊपर रेत (2 इंच) एवं मिट्टी (3 इंच) का थर दिया जाता है, ताकि केंचुए बेड के अंदर सुरक्षित रह सकें। इसके बाद 6 से 12 इंच तक पुराना सड़ा हुआ कचरा केंचुए के भोजन के लिए डाला जाता है। 40 से 50 दिन बाद हलकी दानेदार खाद ऊपर दिखाई देने पर बेड में पानी देना बंद करें। ऊपर की खाद सूखने पर केंचुए धीरे धीरे अंदर जाएंगे इस तरह ऊपर की खाद निकाल सकते हैं। खाली किए गए बेड में पुनः दूसरा कचरा जो केंचुए के भोजन के लिए बनाया जाता है उसका उपयोग करके खाद बनाने की प्रक्रिया जारी रहती है। इस प्रकार एक बेड से करीब 500 से 600 किलो केंचुआ खाद प्राप्त हो सकती है।

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क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव, देखें मध्य प्रदेश के मंडियों का हाल

soybean mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर आगर सोयाबीन 3100 4225
आलीराजपुर आलीराजपुर सोयाबीन 3400 3800
अनुपुर अनुपपुर पीला 3750 3750
गुना एरन सोयाबीन 3981 3981
अशोकनगर अशोकनगर सोयाबीन 3490 4301
सीहोर आष्टा सोयाबीन 2481 4282
छतरपुर बड़ामलहेड़ा सोयाबीन 3840 4000
छतरपुर बड़ामलहेड़ा सोयाबीन 3806 4100
उज्जैन बड़नगर सोयाबीन 3526 3891
उज्जैन बड़नगर पीला 3250 4701
धार बदनावर सोयाबीन 3815 3815
धार बदनावर पीला 3200 4235
होशंगाबाद बानापुरा पीला 3650 4151
होशंगाबाद बानापुरा (F&V) काला 2850 4151
होशंगाबाद बनखेड़ी पीला 3600 3600
शिवपुरी बराड़ सोयाबीन 3800 4175
शिवपुरी बराड़ सोयाबीन 3800 4000
रायसेन बेगमगंज सोयाबीन 3400 3965
शाजापुर बेरछा सोयाबीन 3750 3860
भोपाल बैरसिया पीला 3000 4155
बेतुल बेतुल सोयाबीन 3955 3977
बेतुल बेतुल सोयाबीन-जैविक 3924 4040
बेतुल बेतुल पीला 3650 3650
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन 3731 4046
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन 3511 3950
भोपाल भोपाल सोयाबीन 3830 4180
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन 3235 4040
सागर बीना सोयाबीन 3966 4025
सागर बीना सोयाबीन 4146 4146
गुना बीनागंज सोयाबीन 3930 3930
बुरहानपुर बुरहानपुर सोयाबीन 2500 4077
मन्दसौर दलौदा सोयाबीन 3110 4272
मन्दसौर दलौदा सोयाबीन 4195 4195
दमोह दमोह सोयाबीन 3100 4100
सागर देवरी सोयाबीन-जैविक 3650 3701
देवास देवास सोयाबीन 1000 4260
धार धामनोद सोयाबीन 3100 3950
धार धामनोद पीला 3400 4000
धार धार सोयाबीन 1807 4180
नरसिंहपुर गाडरवाड़ा सोयाबीन 3604 3992
विदिशा गंज बासौदा सोयाबीन 2741 4190
सागर गढ़ाकोटा सोयाबीन 5310 5310
इंदौर गौतमपुरा सोयाबीन 3966 3966
डिंडोरी गोरखपुर पीला 3650 3730
नरसिंहपुर गोटेगांव सोयाबीन 3900 4008
देवास हाटपिपलिया सोयाबीन 2450 5105
देवास हाटपिपलिया सोयाबीन 3825 3986
हरदा हरदा पीला 2700 4061
खंडवा हरसूद सोयाबीन 3978 3978
सीहोर इछावर सोयाबीन 3200 4141
इंदौर इंदौर सोयाबीन 2000 4200
होशंगाबाद इटारसी सोयाबीन 3425 3951
सीहोर जावर सोयाबीन 3540 4600
सीहोर जावर पीला 2501 4236
आलीराजपुर जोबट सोयाबीन 3600 3800
देवास कन्नोड सोयाबीन 4001 4001
नरसिंहपुर करेली सोयाबीन 2700 4326
उज्जैन खाचरौद सोयाबीन 1200 4145
खंडवा खंडवा सोयाबीन 3550 4050
खंडवा खंडवा पीला 2000 4080
खरगोन खरगोन सोयाबीन 3535 3730
देवास खातेगांव सोयाबीन 2202 4200
देवास खातेगांव सोयाबीन-जैविक 3965 3965
शिवपुरी खटोरा सोयाबीन 2690 3644
हरदा खिरकिया पीला 3647 4038
राजगढ़ खुजनेर सोयाबीन 3700 3700
शिवपुरी कोलारस सोयाबीन 2305 4130
धार कुक्षी सोयाबीन 3550 4150
गुना कुंभराज सोयाबीन 4000 4000
विदिशा लटेरी पीला 3100 3660
देवास लोहारदा सोयाबीन 3910 4050
उज्जैन महिदपुर सोयाबीन 3500 4199
मन्दसौर मन्दसौर सोयाबीन 3400 4500
इंदौर महू सोयाबीन 1722 4250
इंदौर महू सोयाबीन 1000 4160
शाजापुर मोमनबड़ोदिया पीला 3375 3836
बेतुल मुल्ताई सोयाबीन 3980 4000
बेतुल मुल्ताई पीला 3775 3870
खंडवा मुंडी सोयाबीन 3800 3800
खंडवा मुंडी पीला 3800 3800
अशोकनगर मुंगावली सोयाबीन 3895 3895
उज्जैन नागदा सोयाबीन 2799 4133
उज्जैन नागदा सोयाबीन 2826 4075
शाजापुर नलकेहड़ा सोयाबीन 4190 4275
शाजापुर नलकेहड़ा पीला 4135 4209
नरसिंहपुर नरसिंहपुर पीला 3820 3860
सीहोर नसरुल्लागंज सोयाबीन 3946 3946
नीमच नीमच सोयाबीन 1270 4200
टीकमगढ़ निवाड़ी पीला 4100 4110
जबलपुर पाटन सोयाबीन 3270 3800
राजगढ़ पचौर सोयाबीन 2360 4015
खंडवा पंधाना पीला 3600 3975
झाबुआ पेटलावद सोयाबीन 3830 4375
होशंगाबाद पिपरिया सोयाबीन 3100 3700
धार राजगढ़ पीला 3751 4141
रतलाम रतलाम सोयाबीन 900 4231
सागर रहली सोयाबीन 3776 3961
सागर रहली सोयाबीन 2432 3901
रतलाम सैलाना सोयाबीन 2011 5151
इंदौर सांवेर सोयाबीन 3620 4185
सतना सतना सोयाबीन 3255 3755
छिंदवाड़ा सौंसर पीला 3200 3200
सीहोर सीहोर पीला 2000 4100
सीहोर सीहोर पीला 2000 4180
बड़वानी सेंधवा सोयाबीन 4000 4000
सागर शाहगढ़ सोयाबीन 3700 3800
शाहडोल शाहडोल सोयाबीन 3600 3850
शाजापुर शाजापुर सोयाबीन 3800 3800
मन्दसौर शामगढ़ सोयाबीन 3000 3950
विदिशा शमसाबाद सोयाबीन 2510 2510
सीहोर श्यामपुर पीला 3367 3502
विदिशा सिरोंज सोयाबीन 2055 4200
देवास सोनकच पीला 2300 4120
रतलाम ताल सोयाबीन 4011 4011
रतलाम ताल पीला 3505 4601
उज्जैन तराना सोयाबीन 1213 4100
झाबुआ थांदला पीला 4200 4200
हरदा टिमरनी सोयाबीन 3501 4080
उज्जैन उज्जैन सोयाबीन 1210 4351
उज्जैन उन्हेल सोयाबीन 2665 4166
विदिशा विदिशा सोयाबीन 3300 4200
विदिशा विदिशा सोयाबीन 2700 4262

स्रोत: एगमार्कनेट

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मध्य प्रदेश के मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव?

Mustard mandi bhaw

सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। देखिये मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सरसों के भाव!

मध्य प्रदेश की मंडियों में सरसों के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर आगर सरसों 4500 5700
भिंड आलमपुर सरसों 5650 5815
गुना एरन सरसों 5250 5720
अशोकनगर अशोकनगर सरसों 3700 5882
सीहोर आष्टा सरसों 4525 5416
सीहोर आष्टा सरसों(काला) 5208 5412
छतरपुर बड़ामलहेड़ा सरसों 5000 5210
शिवपुरी बदरवास सरसों 5665 5870
रीवा बैकुंठपुर सरसों 5200 5200
सागर बामोरा सरसों 5290 5400
होशंगाबाद बानापुरा सरसों 5501 5501
सागर बाँदा सरसों 4810 5135
मुरैना बनमोरकलां सरसों-जैविक 5520 5520
शिवपुरी बराड़ सरसों 5700 6050
भिंड भिंड सरसों 5795 5950
ग्वालियर भितरवार सरसों 5850 5850
राजगढ़ ब्यावरा सरसों 5160 5810
सागर बीना सरसों 5000 6711
गुना बीनागंज सरसों 5000 5700
अशोकनगर चंदेरी सरसों 5000 5730
छतरपुर छतरपुर सरसों(काला) 5635 5635
ग्वालियर डबरा सरसों 5680 6070
मन्दसौर दलौदा सरसों(काला) 5880 5880
दतिया दतिया सरसों 5505 5885
देवास देवास सरसों 5100 5710
विदिशा गंज बासौदा सरसों 5000 6270
सागर गढ़ाकोटा सरसों 4500 5365
भिंड गोहाद सरसों 5700 5970
भिंड गोहाद सरसों(काला) 5920 5920
भिंड गोहाद सरसों(काला) 5205 6040
भिंड गोहाद पीला (काला) 5755 6050
गुना गुना सरसों 5205 5850
देवास हाटपिपलिया सरसों 4965 5161
हरदा हरदा सरसों 2201 5351
खंडवा हरसूद सरसों 4999 5250
सीहोर इछावर सरसों 5171 5191
अशोकनगर ईसागढ़ सरसों 5825 5825
होशंगाबाद इटारसी सरसों 5080 5385
जबलपुर जबलपुर सरसों 5085 5160
जबलपुर जबलपुर सरसों 5950 5950
रतलाम जावरा सरसों 5650 5650
सीहोर जावर सरसों(काला) 5265 5290
राजगढ़ जीरापुर सरसों 5415 5730
मुरैना जोरा सरसों 5500 5500
मुरैना कैलारस सरसों 5185 5910
कटनी कटनी सरसों 4700 6851
देवास खातेगांव सरसों 4901 5380
शिवपुरी खटोरा सरसों 5730 5768
शिवपुरी खटोरा सरसों 5712 5770
हरदा खिरकिया सरसों 4400 4950
शिवपुरी कोलारस सरसों 5700 6000
शिवपुरी कोलारस सरसों 5200 6030
गुना कुंभराज सरसों 5410 5410
विदिशा कुरवाई सरसों 4500 4500
भिंड लहार सरसों 5600 5857
ग्वालियर लश्कर सरसों 5950 6000
ग्वालियर लश्कर सरसों(काला) 5510 5510
विदिशा लटेरी सरसों 4900 5200
छतरपुर लवकुशनगर(लौंदी) सरसों 5300 5400
शिवपुरी मगरोनी सरसों 5800 5800
उज्जैन महिदपुर सरसों 5300 5300
गुना मकसूदनगढ़ सरसों 5490 5654
मन्दसौर मन्दसौर सरसों 5190 7200
भिंड मेहगांव सरसों 5710 5900
मुरैना मुरैना सरसों 5740 5960
मुरैना मुरैना सरसों 5775 5940
भिंड घास काटना सरसों 5300 5860
अशोकनगर मुंगावली सरसों 5250 5785
सतना नागोद सरसों 4500 4500
सतना नागोद सरसों 5300 5300
शाजापुर नलकेहड़ा सरसों 5400 5565
नीमच नीमच सरसों 4100 5590
जबलपुर पाटन सरसों 4950 5250
जबलपुर पाटन सरसों(काला) 5255 5255
राजगढ़ पचौर सरसों 5150 5150
होशंगाबाद पिपरिया सरसों 5031 5450
अशोकनगर पिपरई सरसों 5770 5770
शिवपुरी पोहरी सरसों 5725 5930
शिवपुरी पोहरी सरसों 5495 6015
शिवपुरी पोहरी सरसों(काला) 5755 5930
मुरैना पोरसा सरसों 5600 5800
मुरैना पोरसा सरसों(काला) 5610 5650
गुना राघोगढ़ सरसों 5525 5525
छतरपुर राजनगर सरसों 5350 5360
रीवा रीवा सरसों(काला) 5280 5490
मुरैना सबलगढ़ सरसों 5735 5805
मुरैना सबलगढ़ सरसों 5675 5805
मुरैना सबलगढ़ सरसों(काला) 5640 5790
राजगढ़ सारंगपुर सरसों 5051 5351
सतना सतना सरसों 3805 6275
सीहोर सीहोर सरसों 5212 5470
सीहोर सीहोर सरसों(काला) 5200 5401
दतिया सेवड़ा सरसों 5655 5790
अशोकनगर शाडोरा सरसों 5785 5785
विदिशा शमसाबाद सरसों 5351 5441
श्योपुर श्योपुरबडोद सरसों 5555 5811
श्योपुर श्योपुरकलां सरसों 2455 6000
श्योपुर श्योपुरकलां सरसों 5775 5935
शिवपुरी शिवपुरी सरसों 5700 5905
विदिशा सिरोंज सरसों 5300 5805
देवास सोनकैच सरसों 5401 5401
हरदा टिमरनी सरसों 2201 5411
उज्जैन उज्जैन सरसों 4700 5361
विदिशा विदिशा सरसों 5220 6401
श्योपुर विजयपुर सरसों 3870 5955
श्योपुर विजयपुर सरसों 5500 5760

स्रोत: एगमार्कनेट

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पशुओं के नवजात बछड़े व बछिया को स्वस्थ रखने के उपाय

Measures to keep the newborn calf heifer of animals healthy

आज के नवजात बछिया कल के दुधारु पशु होते हैं, इसलिए इनका पालन पोषण और उचित प्रबंधन किसी भी डेयरी विकास के सफलता का आधार होता है। 

  • बछड़े/बछिया के जन्म लेने के तुरंत बाद ही उनके नाक एवं मुँह को साफ करना चाहिए।

  • नवजात के छाती पर धीरे-धीरे मालिश करें ताकि वह आसानी से सांस ले सके।

  • मुँह के अंदर दो उंगलियाँ डालें और उनको जीभ पर रखें, जिससे नवजात को दूध पीना आरंभ करने में मदद होगी। 

  • नवजात बछड़े/बछिया को सुरक्षित वातावरण में रखना चाहिए। 

  • जन्म के आधे घंटे के भीतर, नवजात पशु को खीस पिलाएं। खीस में दूध की तुलना में इसमें 4-5 गुना अधिक प्रोटीन, 10 गुना विटामिन ए और पर्याप्त मात्रा में खनिज तत्व होते हैं जो नवजात में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। 

  • तीसरे सप्ताह के दौरान कृमिनाशक दवा दें, और इसके बाद तीसरे एवं छठे माह की उम्र में भी ये दवा देना चाहिए। 

  • दूसरे सप्ताह से नवजात को अच्छी गुणवत्ता वाली सूखी घास और शिशु आहार खिलाना चाहिए। 

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अप्रैल में आंधी और तूफान का अलर्ट, जानें अपने क्षेत्र का मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

पहाड़ों पर भारी बर्फबारी होने की संभावना है, जबकि पूर्वोत्तर राज्यों, केरल और दक्षिणी कर्नाटक में भी बारिश के आसार हैं। अगले तीन दिनों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तरी महाराष्ट्र में तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। अप्रैल में गर्मी बढ़ेगी, हीटवेव का असर दिखाई देगा और उत्तर भारत में आँधी-तूफान की संभावना बन सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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खेत तलाई योजना से किसानों की सिंचाई में आने वाली समस्याएं होंगी दूर

Khet Talai Yojana

राजस्थान सरकार ‘खेत तलाई योजना’ के तहत किसानों को फार्म पॉन्ड (तालाब) बनाने के लिए अधिकतम 90% तक की सब्सिडी दे रही है। इससे किसान वर्षा जल का संचयन कर फसलों की सिंचाई कर सकेंगे।

योजना के लाभ:

  • अनुसूचित जाति/जनजाति, लघु एवं सीमांत किसान – 1,35,000 रुपये तक की सहायता

  • अन्य किसान – 1,20,000 रुपये तक की सहायता

  • जल संरक्षण और सिंचाई सुविधा में सुधार

  • कृषि उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि

कौन ले सकता है लाभ?

  • राजस्थान का कोई भी किसान जिसके पास 0.3 हेक्टेयर या अधिक कृषि भूमि हो

  • आधार कार्ड, बैंक पासबुक और भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र आवश्यक

कैसे करें आवेदन?

  • राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करें या नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर संपर्क करें।

  • आवेदन के बाद निरीक्षण और स्वीकृति के बाद सब्सिडी सीधे बैंक खाते में जमा होगी।

जल्द आवेदन करें और अपनी खेती को जल संकट से बचाएं!

स्रोत: कृषि जागरण

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