खेती में नुकसान झेलने वाले म.प्र के किसानों को आर्थिक मदद देती है भावांतर भुगतान योजना

Bhavantar Bhugtan Yojana provides financial help to farmers of MP who suffer losses

खेती में होने वाले नुकसान के समय किसानों को वित्तीय सहायता देने उद्देश्य मध्यप्रदेश सरकार ‘मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना’ चलाती है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को नुकसान होने की स्थिति में, नुकसान भरपाई सीधे किसान के एकाउंट में पैसे भेजकर की जाती है।

किसानों को नुकसान आम तौर पर फसल का वाजिब भाव नहीं मिल पाने की वजह से होता है। इसी नुकसान की भरपाई करते हुए उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए भावांतर योजना काम आती है।

इस योजना से फसल की कीमतें गिर जाने पर मध्य प्रदेश सरकार बाजार भाव और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के बीच के अंतर की राशि किसानों को देती है। यह राशि किसानों के खाते में जमा की जाती है।

कैसे उठायें इस योजना का लाभ?
भावांतर योजना का फायदा उठाने के लिए किसानों को अपनी उपज को बेचने से पहले रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है। इसका रजिस्ट्रेशन मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बनाए एमपी उपार्जन पोर्टल पर कराया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद किसान को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिलना सुनिश्चित हो जाता है। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की भी जरूरत नहीं पड़ती है।

स्रोत: नई दुनिया

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प्री-मानसून से अगले दो दिनों में हो सकती है बारिश, तय समय पर आएगा मानसून

There may be Rain in the next two days from Pre Monsoon, Monsoon will come on time

मानसून अपने तय समय 2 से 9 जून तक केरल में दस्तक देगा और फिर देश के अलग अलग हिस्सों में बारिश कराएगा। बहरहाल इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने बताया है कि मानसून के आने से पहले ही प्री-मानसून के अंतर्गत अगले कुछ दिन भारत में व्यापक बारिश होने की संभावना है।

प्री-मानसून का असर 29 मई की रात से ही देखा जा रहा है और ऐसी संभावना है कि इसके चलते कुछ राज्‍यों में 31 मई तक तेज बारिश हो सकती है। प्री-मानसून के इस बारिश से मुख्यतः मध्‍य प्रदेश, पश्चिमी हिमालय, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड प्रभावित हो सकते हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में भी बारिश होने की संभावना है।

आने वाले 24 घंटों में ख़ास कर उत्तरी पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश और दिल्ली के कुछ इलाकों में धूल भरी आंधी चलने या बादलों की गर्जना के साथ हल्की वर्षा होने के आसार हैं। अगले 24 घंटों के दौरान पश्चिम बंगाल में बिहार के कई हिस्सों और झारखंड के पूर्वी हिस्सों में बारिश की गतिविधियाँ संभव हैं। उत्तर प्रदेश और ओडिशा में भी कुछ स्थानों पर हल्की बारिश के आसार हैं।

स्रोत: नई दुनिया

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ग्रामोफ़ोन की मदद से सोयाबीन की खेती विष्णु ठाकुर के लिए बन गई लाभ का सौदा

इंदौर जिले के देपालपुर तहसील के बिरगोदा गांव के रहने वाले किसान भाई विष्णु ठाकुर पिछले 10 वर्षों से खेती कर रहे हैं और मुख्यतः वे सोयाबीन, गेंहू, चना, लहसुन, आलू जैसी फ़सलों की खेती करते हैं। विष्णु जी खेती के दौरान अपनी फ़सलों में लगने वाली बीमारियों की वजह से परेशान रहते थे और इसी वजह से उन्हें अपनी फसल से अच्छा उत्पादन भी नहीं मिल पाता था।

जब विष्णु अपनी फ़सलों से संबंधित इन समस्याओं से परेशान थे उसी दौरान उन्हें ग्रामोफ़ोन के बारे में पता चला और वे इससे जुड़ गये। ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के बाद उनके समस्याओं का निदान मिलने लगा। इस बारे में बात करते हुए उन्होंने टीम ग्रामोफ़ोन को बताया की “ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के बाद आज मेरी फ़सलों में सुधार हुआ है। पहले मेरी फसलें जो घाटे का सौदा या फिर ‘ना नफा ना नुकसान’ की तरह होती थीं वहीं अब यह मुनाफ़ा दे रही हैं। विष्णु मानते हैं की ग्रामोफ़ोन ने खेती को ‘लाभ का धंधा’ बना दिया है।

बहरहाल विष्णु को अपनी परेशानियों से निजात दिलाने में ग्रामोफ़ोन ने मदद की। इसी का नतीजा था की उनका सोयाबीन का उत्पादन पूर्व में हुए उत्पादन का लगभग दोगुना हो गया। जहाँ पहले विष्णु को सोयाबीन की खेती से 195000 रूपये का मुनाफ़ा हुआ वहीं ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के बाद यह मुनाफ़ा बढ़ कर 380000 रूपये हो गया।

अगर आप भी अपनी खेती को लेकर किसी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं तो विष्णु की तरह आप भी ग्रामोफ़ोन के साथ जुड़ कर अपनी परेशानियों का निदान प्राप्त कर सकते हैं। ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के लिए आप टोल फ्री नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल कर सकते हैं या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर लॉगिन कर सकते हैं।

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अरब सागर से आ रही है अम्फान जैसी आफ़त, फ़सलों को हो सकता है भारी नुकसान

Will Amphan effect the monsoon, differences in scientists, know when monsoon will come

पश्चिम बंगाल एवं ओडिशा में आए अम्फान तूफान के कारण किसानों के भारी नुकसान की ख़बरे अभी चल ही रही थी कि अचानक अब दक्षिण पश्चिम राज्य केरल के निकट अरब सागर में एक और चक्रवात के आने की प्रबल संभावना बन रही है। इस तूफ़ान का असर पश्चिमी राज्यों के अलावा उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के कुछ भागों में भी देखने को मिल सकता है। इससे फ़सलों को भारी नुकसान भी हो सकती है।

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक इस चक्रवात का सबसे बुरा प्रभाव गुजरात पर पड़ सकता है। भारतीय मौसम विभाग ने हालांकि चक्रवात को लेकर फिलहाल कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा है लेकिन इतना ज़रूर कहा है की अगर अगले पांच दिन में स्थिति बेहतर नहीं हुई तो भयंकर चक्रवात के आने का अंदेशा है। मौसम विभाग के अनुसार 30 मई के बाद ही इस विषय पर कुछ भी कहना सही होगा, लेकिन लोगों को सचेत रहने की जरूरत है।

स्रोत: कृषि जागरण

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टिड्डी दल के बड़े हमले को देखते हुए म.प्र के कृषि मंत्री ने किया मुआवज़े का ऐलान

Locusts team knocked in Madhya Pradesh, Can cause heavy damage to crops

राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में फ़सलों का सबसे बड़े दुश्मन टिड्डी दल का हमला हो चुका है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है की टिड्डियों का इतना बड़ा हमला खासकर के मध्यप्रदेश में 27 साल बाद हुआ है। इस बड़े टिड्डी हमले को देखते हुए सरकार की तरफ से भी एहतियाती कदम उठाये जा रहे हैं।

इस मसले पर मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने बताया कि टिड्डी दल के प्रकोप के कारण किसानों को होने वाले नुकसान का सर्वेक्षण कराया जाएगा। सर्वेक्षण का कार्य राजस्व विभाग और कृषि विभाग के अमले का संयुक्त दल बनाकर कराया जाएगा। इस सर्वेक्षण में जिन किसानों को अधिक मात्रा में नुकसान हुआ है उन्हें आरबीसी 6 (4) के अंतर्गत मुआवजा देकर क्षति पूर्ति की जाएगी। इसके साथ ही राज्य स्तर से इसके लिए आवश्यक निर्देश भी जल्द जारी किए जाने की बात मंत्री श्री कमल पटेल ने कही।

स्रोत: नई दुनिया

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बढ़ेगा किसानों का मुनाफ़ा, खरीफ फ़सलों के समर्थन मूल्य को बढ़ाने की हो रही है तैयारी

कोरोना संकट के बीच किसानों के लिए एक और खुशख़बरी आने वाली है। ख़बरों के अनुसार किसानों को अतिरिक्त लाभ दिलाने के लिए अब केंद्र सरकार खरीफ फ़सलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है तो मुख्य रूप से धान, कपास और दाल जैसी फ़सलों का समर्थन मूल्य बढ़ जाएगा।

इस संबंध में केंद्र सरकार को कमीशन फॉर एग्रीकल्चरल कॉस्ट्स एंड प्रइसेज़ (सीएसीपी) ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। अब इस रिपोर्ट को केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। अगर इन सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया तो किसानों को फसल का ज्यादा दाम मिलेगा और उनकी आय बढ़ेगी।

मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार सीएसीपी ने 17 खरीफ फ़सलों के समर्थन मूल्य को बढ़ाने की सिफारिश की है और इसमें धान सबसे प्रमुख है। सीएसीपी ने धान की एमएसपी को सीएसीपी ने 2.9% बढ़ाकर 1888 रुपए प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की है। बता दें की फिलहाल धान की एमएसपी 1815 रुपए प्रति क्विंटल है।

सीएसीपी ने कॉटन की एमएसपी में 260 रुपए प्रति क्विंटल का इज़ाफा करने कि सिफारिश की है। वहीं प्रमुख दालों की भी एमएसपी बढ़ाने की सिफारिश की गई है जिसमें तुअर, उड़द, और मूंग दाल शामिल हैं। इसके अंतर्गत तुअर दाल 200 प्रति क्विंटल, उड़द दाल 300 रुपए प्रति क्विंटल, मूंग दाल 146 रुपए प्रति क्विंटल का इज़ाफा करने को कहा गया है।

स्रोत: कृषि जागरण

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म.प्र में 27 साल बाद टिड्डियों का बड़ा हमला, करोड़ों की मूंग की फसल पर मंडराया ख़तरा

After 27 years in MP, large locust attack, Threat on Moong crop of 8000 crores

फ़सलों का सबसे बड़े दुश्मन टिड्डी दल ने कई सालों बाद इस बार मध्यप्रदेश में ज़ोरदार दस्तक दी है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है की टिड्डियों का इतना बड़ा हमला मध्यप्रदेश में 27 साल बाद हुआ है। यही नहीं अभी इस हमले के मानसून तक जारी रहने की आशंका भी जताई जा रही है।

पाकिस्तान से राजस्थान और राजस्थान से मध्यप्रदेश में प्रवेश करने वाले ये टिड्डी दल मालवा निमाड़ होते हुए मध्यप्रदेश के कई क्षेत्रों में फ़ैल रहे हैं। इससे बचने के लिए किसान ढोल, थाली, पटाखे ओर स्प्रे का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि ये दल भाग जाएँ।

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार अगर समय रहते इस समस्या पर नियंत्रण नहीं हो पाता है तो इससे 8000 करोड़ रुपये की मूंग की फसल बर्बाद हो सकती है। यही नहीं इसका खतरा कपास और मिर्च की हाल ही में लगाई गई फसल पर भी बना हुआ है।

बहरहाल इस समस्या से बचने के लिए किसानों को रात के समय अपने स्तर पर समूह बनाकर खेतों में निगरानी करनी चाहिए क्योंकि टिड्डी दल शाम 7 से 9 बजे आराम करने के लिए खेतों में बैठते हैं और रात भर में फसल को खूब नुकसान पहुँचाते हैं।

इसके अलावा टिड्डी दल के आने पर खेतों में तेज आवाज़ जैसे थालियां बजाकर , ढोल बजाकर, डीजे बजा कर, खाली टिन के डिब्बे बजाकर, पटाखे फोड़ कर, ट्रैक्टर का साइलेंसर निकालकर आवाज करके टिड्डी दल को आगे की तरफ भगा सकते हैं।

स्रोत: NDTV

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6000 रुपए के अलावा पीएम किसान स्कीम से होने वाले इन बड़े फ़ायदों का पता है आपको?

PM kisan samman

ये तो हम सब जानते हैं की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर किसानों की 2000-2000 रुपए की तीन किस्तों में 6,000 रुपए सालाना दिए जाते हैं। पर शायद आपको यह पता नहीं होगा की इस योजना से जुड़ने के बाद किसानों को और भी कुछ लाभ बड़ी आसानी से मिल जाते हैं।

पीएम किसान योजना से जुड़े किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड भी बड़ी आसानी से मिल जाता है। दरअसल पीएम किसान स्कीम से अब किसान क्रेडिट कार्ड को भी जोड़ दिया गया है।

इसके अलावा पीएम किसान योजना से जुड़े किसानों को पेंशन योजना का भी फायदा आसानी से मिल जाता है। ग़ौरतलब है की पेंशन योजना का नाम पीएम किसान मानधन योजना है जिसके लिए आम तौर पर बहुत सारे दस्तावेजों की जरुरत पड़ती है। पर अगर आप पीएम किसान स्कीम से जुड़े हुए हैं तो आपको पेंशन योजना का लाभ उठाने के लिए किसी डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं होगी।

स्रोत: ज़ी बिजनेस

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अब महाराष्ट्र, UP सहित कई क्षेत्रों के निर्यातकों से सीधे जुड़ेंगे म.प्र के किसान: कृषि मंत्री श्री कमल पटेल

Now farmers of MP will directly connect with exporters of many states including Maharashtra, UP

मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने मंत्रालय से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एक बैठक की जिसमे उन्होंने निर्यातकों से सीधी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया की कृषि एवं प्र-संस्करण खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के माध्यम से महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश समेत अन्य कई प्रदेशों के 10 से ज्यादा निर्यातकों ने मध्यप्रदेश के कृषि उत्पादों में दिलचस्पी दिखाई है।

इस बैठक के दौरान निर्यातकों ने मंत्री श्री पटेल से यह अनुरोध किया कि “अगर प्रदेश सरकार उन्हें सुविधाएँ प्रदान करती है तो वे प्रदेश के किसानों से अनुबंध कर अन्य प्रदेशों में कृषि उत्पादों का निर्यात करेंगे।” निर्यातकों के इस अनुरोध पर मंत्री श्री पटेल ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा की “प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान किसानों के हित में निर्णय लेंगे और सरकार आवश्यक सहयोग और सुविधाएँ निर्यातकों को मुहैया कराएगी।”

मंत्री श्री पटेल ने इस दौरान कहा कि “किसानों को उनकी उपज का फायदा पहुँचाने के लिये प्रदेश में सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही है। कोल्ड स्टोरेज, ग्रेडिंग, निर्यात के लिए तय मापदण्डों से अवगत कराने विशेषज्ञ समूह आदि सुविधाएँ उपलब्ध कराने जा रहे हैं।”

स्रोत: कृषक जगत

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7 करोड़ किसानों को बड़ी राहत, 3 महीने तक कृषि ऋण ना जमा करने की मिली छूट

Gramophone's onion farmer

कोरोना वैश्विक महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए पिछले दो महीने से भी ज्यादा वक़्त से देशव्यापी लॉकडाउन चल रहा है। इस लॉकडाउन की वजह से किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पर रहा है। इन्हीं परेशानियों को देखते हुए अब 7 करोड़ KCC धारक किसानों को बड़ी राहत दी गई है। किसानों द्वारा लिए गए ऋण की अगली क़िस्त जमा करने की तिथि थीं महीने आएगी बढ़ा दी गई है।

बता दें की क़िस्त जमा करने की तिथि को पहले भी एक बार बढ़ा कर 31 मई कर दिया गया था। अब इस बढ़ी हुई तिथि को एक बार फिर तीन महीने के लिए आगे बढ़ा कर 31 अगस्त कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अगर आप आगामी 3 महीने तक लोन की क़िस्त नहीं भरते हैं तो भी बैंक आप पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं डालेगा।

स्रोत: कृषि जागरण

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