देश पर मंडरा रहे बड़े जल संकट को बेहतर जल प्रबंधन से कर सकते हैं दूर

Better water management can overcome big water crisis hovering over the country

हमारा देश आने वाले सालों में भीषण जल संकट का सामना कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है की भारत में लोग पानी का महत्व नहीं समझ रहे हैं और इसकी खूब बर्बादी कर रहे हैं। ऐसे में पानी की इसी बर्बादी के कारण आने वाले समय में देश के लगभग 60 करोड़ लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।

वर्तमान की बात करें तो लगभग दो लाख लोगों की एक बड़ी आबादी को स्वच्छ पानी नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण वे या तो अपनी जान गंवा रहे हैं या फिर गंभीर रोगों से ग्रसित हो रहे हैं।

क्या है इसका समाधान
ऐसा नहीं है की भारत में जल की कोई बड़ी समस्या है, पर भारत में जल प्रबंधन पर जोड़ नहीं दिया जाता है जिस कारण हर साल देश के कई राज्यों में बारिश के पानी को बह जाने दिया जाता है। यही कारण है की देश में कुछ जगहों पर बाढ़ तो कुछ जगहों पर सूखा देखने को मिलता है। सच तो यही है की भारत में जल का बेहतर प्रबंधन कर के ही आने वाली जल संकट की समस्या को रोका जा सकता है

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कोरोना की आशंकाओं के बीच भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने फसल कटाई पर दी उपयोगी सलाह

Amidst fears of Corona, Indian Council of Agricultural Research gave useful advice on harvesting

कोरोना की आशंकाओं के बीच भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने किसानों को फसल कटाई पर कुछ उपयोगी सलाह दिए हैं। परिषद ने कहा है कि किसान गेंहू की कटाई अभी कुछ दिनों के लिए टाल सकते हैं। परिषद का मानना है की गेहूं की कटाई में 20 अप्रैल तक देरी की जा सकती है और इससे कोई नुकसान नहीं होगा।

इसके पीछे का कारण बताते हुए परिषद ने कहा की ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान अभी भी औसत से नीचे है और इसीलिए कटाई में कुछ देरी की जा सकती है। ग़ौरतलब है की आमतौर पर, गेहूं की कटाई मार्च महीने के अंत से शुरू होती है।

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अप्रैल के पहले हफ्ते में किसानों को मिलेगी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की पहली किस्त

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए देश भर में चल रहे लॉकडाउन के बीच किसान भाइयों के लिए एक खुशख़बरी आई है। यह खुशख़बरी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत आई है। इस योजना के अंतर्गत आने वाले किसानों को इसकी पहली किस्त दिए जाने की तारीख घोषित कर दी गई है।

ख़बरों के अनुसार आगामी एक अप्रैल से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत पहली किस्त के भुगतान की शुरुआत कर दी जायेगी। ग़ौरतलब है की इस योजना के अंतर्गत सरकार किसानों को पूरे वर्ष के दौरान तीन समान किस्तों में 6000 रुपये देती है। भारत सरकार की तरफ से किसानों को आर्थिक मदद देने हेतु यह महत्वाकांक्षी योजना पिछले वर्ष आरम्भ की गई थी।

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कोरोना वायरस के मद्देनजर क्या है देश में खाद्य भंडारण की स्थिति?

What is the situation of food storage in the country
  • कोरोना वायरस से बचने के लिए 21 दिनों तक घोषित देश में तालाबंदी (लॉक डाउन) के इस कठिन समय में भारतीय खाद्य निगम के चेयरमैन ने बताया कि देश में इस वक्त सरकारी गोदामों में गेहूं, दाल, तेल और चीनी का भरपूर भंडार है।
  • देश के पास पर्याप्त खाद्य भंडार, मौजूदा स्टॉक से ज़रूरतमंदों को 18 महीने तक आपूर्ति की जा सकती है।
  • इस साल देश में रिकॉर्ड 291.10 लाख टन खाद्यान्न के उत्पादन का अनुमान लगाया गया है जो मेहनती किसानों के कारण संभव हो सका।
  • इस विपदा के समय में ग्रामोफ़ोन परिवार सभी किसानों का आभार व्यक्त करता है।
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मध्य प्रदेश में बारिश और ओलावृष्टि से फसल को हुए नुकसान पर सीएम ने दिया मदद का भरोसा

Crops in damaged in MP due to rain and hailstorm, CM ensured for help

 

पिछले 24 घंटे में मध्य प्रदेश के करीब 20 जिले में बारिश के साथ भारी ओलावृष्टि हुई जिससे किसानों द्वारा लगाई गई फ़सलों को भारी नुकसान हुआ है। इस ओलावृष्टि की वजह से खेतों में सफ़ेद चादर बिछ गई। फ़सलों के नष्ट होने की वजह से लाखों किसान नुकसान झेलने को मजबूर हुए हैं।

एक तरफ पहले ही कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए चल रहे देशव्यापी लॉक डाउन से किसानों को परेशानी हो रही थी वहीं दूसरी तरफ अब इस ओलावृष्टि से किसानों को और ज्यादा परेशानी होती नजर आ रही है।

बहरहाल इस परेशानी के समय में किसान भाइयों को मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से मदद की उम्मीद है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस ओलावृष्टि को देखते हुए किसान भाइयों की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है। सीएम शिवराज ने इस बाबत ट्वीट करते हुए किसानों को फ़िक्र ना करने को कहा है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्वीट में लिखा की “मेरे किसान भाइयों, प्रदेश के विभिन्न स्थानों में भारी बारिश के साथ ओले गिरने का समाचार मिला है। मैं स्थिति की लगातार मॉनिटरिंग कर रहा हूँ। आप चिंता मत कीजिए, फसल के नुकसान को लेकर परेशान मत होइये। मैं संकट की हर घड़ी में आपके साथ खड़ा हूँ, इससे भी बाहर निकालकर ले जाऊंगा।”

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किसानों को राहत, अल्पकालीन फसली ऋण चुकाने की मियाद एक महीने बढ़ाई गई

Relief for farmers, Govt. extended the duration of short-term crop loan

कोरोना वैश्विक महामारी की वजह से देश भर में चल रहे लॉक डाउन से बहुत सारे लोगों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है। हमारे किसान भाइयों को भी इसकी वजह से कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन्ही समस्याओं को देखते हुए भारत सरकार ने किसानों द्वारा ली गई अल्पकालीन फसली ऋण के भुगतान की तिथि एक महीने आगे बढ़ा दी है। 

केंद्र सरकार ने किसानों के लिए अल्पकालीन फसली ऋण के पुनर्भुगतान की अवधि 31 मई 2020 तक बढ़ाने का फैसला किया है। बता दें की अब किसान भाई 31 मई 2020 तक अल्पकालीन फसली ऋण को बगैर किसी दंडात्मक ब्याज के महज 4% सालाना ब्याज की दर पर भुगतान कर सकते हैं।

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गेहूँ और चावल की कीमतों पर केंद्र सरकार देगी रियायत

Central government will give concession on the prices of wheat and rice
  • कोरोना विश्व महामारी के इस मुश्किल दौर से निपटने के लिए सरकार ने कुछ बड़े कदम उठाये हैं। 
  • जनता को परेशानी ना हो इसका ध्यान रखते हुए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में देश के 80 करोड़ लोगों को सस्ती दर पर अनाज देने का फैसला किया गया है। 
  • सरकार ने 80 करोड़ लोगों को 27 रूपये प्रति किलो वाला गेहूं मात्र ₹2 प्रति किलोग्राम में और 37 रूपये प्रति किलो वाला चावल 3 रूपये प्रति किलोग्राम में देने का फैसला किया है। 
  • इस पर 1 लाख 80 हजार करोड़ रूपये खर्च होंगें जो तीन महीने के लिए राज्यों को एडवांस में दिया गया है।
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21 दिन के लॉकडाउन में सरकार ने किसानों की परेशानियों का रखा ख्याल, दी विशेष छूट

इस वक़्त पूरी दुनिया कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से परेशान है। भारत में भी इस वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच केंद्र सरकार ने 21 दिन का देशव्यापी लॉकडाउन लगा दिया है। इसका अर्थ हुआ की 21 दिनों तक पूरे देश में बाजार, दफ्तर, यातायात के साधन आदि बंद रहेंगे। इस खबर के आने के बाद किसान भाइयों के बीच असमंजस की स्थिति बन गई थी। पर सरकार ने लॉकडाउन में भी किसानों के लिए विशेष छूट देकर इस असमंजस की स्थिति को खत्म कर दिया है।

दरअसल किसान भाइयों को उर्वरक और बीज जैसे कई कृषि उत्पादों की जरुरत पड़ती रहती है। ऐसे में अगर लॉकडाउन की वजह से उन्हें ये उत्पाद नहीं मिलते तो उन्हें बड़ी परेशानी झेलनी पड़ जाती। सरकार ने किसानों की इन्हीं परेशानियों को ध्यान में रखते हुए बीज और उर्वरक जैसे उत्पादों की खरीदी पर छूट दी है। इसका अर्थ यह हुआ की अपनी कृषि आवश्यकताओं को किसान भाई लॉकडाउन के दौरान भी आसानी से पूरा कर पाएंगे।

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बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि: बिहार सरकार ने की प्रभावित किसानों के लिए सब्सिडी की घोषणा

फरवरी और मार्च में हुई बेमौसम की बारिश तथा ओलावृष्टि की वजह से यूपी और बिहार में अधिकांश फ़सलों को नुकसान पहुंचा। इस बारिश ने फ़सलों को नुकसान पहुँचाकर कई किसानों की उम्मीदों को तोड़ कर रख दिया। बहरहाल इस मामले में अब बिहार के किसानों के लिए एक राहत की खबर आई है।

बता दें की सीएम नीतीश कुमार ने हाल ही में यह घोषणा की है कि सरकार प्रभावित फ़सलों के लिए प्रति हेक्टेयर 13,500 रुपये का मुआवजा प्रदान करेगी। इस उद्देश्य के लिए पहले ही 60 करोड़ रुपये का कोष स्वीकृत किया जा चुका है। इस राशि का उपयोग उन किसानों को कृषि इनपुट सब्सिडी प्रदान करने के लिए किया जाएगा, जिनकी फसल 24 से 26 फरवरी की बेमौसम बारिश से खराब हो गई थी। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस बेमौसम बारिश ने 31,000 हेक्टेयर से अधिक फ़सलों को नुकसान पहुंचाया है।

राज्य के कृषि मंत्री प्रेम कुमार के अनुसार, एक बार दावों का सत्यापन पूरा हो जाने के बाद, 25 दिनों के भीतर सब्सिडी प्रदान की जाएगी। यह अनुदान सिंचित खेत के लिए 13,500 रुपये प्रति हेक्टेयर और असिंचित खेत के लिए 6,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से भुगतान किया जाएगा। हालांकि, यह सब्सिडी अधिकतम दो हेक्टेयर भूमि के लिए ही प्रदान की जाएगी।

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सोशल मीडिया के जरिए किसानों को शिक्षित कर रही है सरकार: नरेंद्र सिंह तोमर

हम इंटरनेट और सोशल मीडिया के युग में हैं। लगभग हर कंपनी या संगठन अपने ग्राहकों से जुड़ने के लिए इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रही है। अब इसी कड़ी में अब सरकार राष्ट्र के किसानों के साथ जुड़ने के लिए भी कई सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का भी उपयोग कर रही है।

कृषि और किसान कल्याण मंत्री, नरेंद्र सिंह तोमर ने इस बाबत कहा कि सरकार देश भर में किसानों को शिक्षित करने के लिए फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब आदि का उपयोग कर रही है। भारत में खेती के विकास पर बोलते हुए, तोमर ने कहा कि “सरकार ने किसानों के लाभ के लिए लगभग 100 मोबाइल एप संकलित किए हैं। ये एप ICAR, कृषि विज्ञान केंद्र और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा विकसित किए गए हैं।”

किसानों का सच्चा साथी ग्रामोफ़ोन भी पिछले चार वर्षों से किसानों का मार्गदर्शन कर रहा है। हमारे कृषि विशेषज्ञ हमारे मोबाइल एप और विभिन्न सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से किसानों को बहुमूल्य सुझाव देते रहते हैं। किसान अपनी फ़सलों में किसी भी समस्या का समाधान पाने के लिए हमें हमारे टोल-फ्री नंबर पर भी कॉल कर सकते हैं।

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