गेहूँ के बाद अब धान की खरीदी में भी मध्यप्रदेश बना सकता है रिकॉर्ड

After wheat now MP can create a record in the purchase of paddy

आपको पता होगा की समर्थन मूल्य पर गेहूँ की खरीदी के मामले में मध्यप्रदेश ने सी बार पंजाब को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया था। अब ऐसी संभावना जताई जा रही है की धान की खरीद में भी मध्यप्रदेश अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ सकता है।

गौरतलब है की पिछले साल मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 25.86 लाख टन धान की खरीद हुई थी। वहीं इस बार 40 लाख टन धान की खरीदी किये जाने अनुमान है। बता दें की पिछले कुछ सालों में प्रदेश में कृषि क्षेत्र के लिए कई बड़े बदलाव किये गए हैं। प्रदेश में कृषि कैबिनेट बनाने जैसे कदमों से कृषि क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। अब इन्ही सुधारों के नतीजे भी सामने आने लगे हैं।

स्रोत: नई दुनिया

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से दें अपनी फसल को सुरक्षा, जल्द कराएं पंजीकरण

Give protection to your crop with PMFBY, get registration soon

किसान रबी फसलों की बुआई के कार्य में लगे हैं। ऐसे में अपनी फसलों को भविष्य की प्राकृतिक आपदाओं से बचाने हेतु फसलों का बीमा करवाना भी जरूरी होता है। ऐसा करने से फसल क्षति होने पर उसकी भरपाई की जाती है। फसल क्षति की भरपाई के लिए ही सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाती है। इस योजना के अंतर्गत फसल की बुआई से लेकर कटाई के बाद तक की पूरे फसल चक्र में फसल की सुरक्षा होती है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना रबी 2020-21 के अंतर्गत पंजीकरण का कार्य शुरू हो गया है। ज्यादातर राज्यों में किसान 15 दिसम्बर 2020 तक बीमा करा सकते हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत ऋणी एवं अऋणी किसान जो भू-धारक व बटाईदार हो सम्मिलित हो सकते हैं।

स्रोत: किसान समाधान

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पशुपालन क्षेत्र में विकास हेतु मध्यप्रदेश में बनेगी गौ कैबिनेट

Gau-Cabinet to be developed in MP for development in animal husbandry

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के द्वारा गौधन के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु गौ-कैबिनेट बनाने का फैसला किया है। इस कैबिनेट के अंतर्गत पशुपालन, वन, पंचायत तथा ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह और कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग को शामिल किया जायेगा। बता दें कि इस कैबिनेट की पहली बैठक आने वाले 22 नवम्बर को प्रस्तावित है। इसी दिन गोपाष्टमी का पावन पर्व भी मनाया जाता है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने इससे पहले कृषि कैबिनेट भी बनाया था। इस कैबिनेट के निर्णयों पर अमल किया गया जिसका परिणाम कृषि क्षेत्र में उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि के रूप में मिला। इसके अलावा किसानों को शासन की योजनाओं का लाभ भी इससे मिला जिससे उन्हें आर्थिक लाभ हुआ। अब ठीक इसी प्रकार गौ-कैबिनेट के निर्माण से गौ-सेवकों, पशु पालकों और किसानों को लाभ होगा।

स्रोत: द हिंदू

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मध्य प्रदेश: डेढ़ रुपए की जगह अब देने होंगे महज 50 पैसे मंडी टैक्स

mandi tax

मध्यप्रदेश के मंडियों में लगने वाले टैक्स पर सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए टैक्स को घटा दिया है। इस निर्णय के बाद अब मंडी टैक्स के रूप में डेढ़ रुपए के बदले महज 50 पैसे ही देने होंगे। यह जानकारी प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने दीपावली पर्व के पावन अवसर पर दी।

कृषि मंत्री ने बताया कि “मध्य प्रदेश कृषि उपज मंडी अधिनियम अंतर्गत मंडियों में होने वाले विक्रय पर लगने वाले टैक्स में प्रदेश सरकार ने व्यापारियों के हित में कमी करने का निर्णय लिया था। दीपावली के दिन उसको अमली जामा पहना दिया गया है।” श्री पटेल ने बताया कि मंडियों में लगने वाले 20 पैसे निराश्रित निधि टैक्स को भी समाप्त कर दिया गया है।

स्रोत: कृषक जगत

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सरकार ने क्यों रद्द किए 43 लाख 90 हजार राशन कार्ड, जानें क्या थी वजह?

Why did the government cancel 4390000 ration cards, know what was the reason

राशन कार्ड को लेकर सरकार की तरफ से बहुत बड़ा निर्णय लिया गया है। पब्लिक डिस्ट्रीब्युशन सिस्टम से सरकार ने 43 लाख 90 हजार राशन कार्ड को रद्द कर दिया है। बताया जा रहा है की ये राशन कार्ड फर्जी थे और इसी वजह से इन्हे रद्द कर दिया गया।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत सिर्फ योग्य लाभार्थियों को अनाज मिल सके इसी उद्देश्य से सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है। ख़बरों से अनुसार सरकार ने राशन कार्ड पर बड़ा कदम उठाने से पहले पिछले सात साल तक नजर रखा धोखाधड़ी को रोका जा सके। इसे रोकने में डिजिटलीकरण अभियान ने भी काफी मदद की है।

स्रोत: कृषि जागरण

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करेले की फसल में फॉस्फोरस घोलक जीवाणु का महत्व

Advantage of phosphorus solubilizing bacteria in bitter gourd
  • ये जीवाणु फास्फोरस के साथ साथ सूक्ष्म पोषक तत्वों को भी पौधे को उपलब्ध करवाने में सहायक होते हैं। 
  • यह तेजी से जड़ों का विकास करने में सहायक होते है जिससे पानी और पोषक तत्व आसानी से पौधों को प्राप्त हो जाते हैं। 
  • पीएसबी बैक्टीरिया कुछ खास प्रकार के जैविक अम्ल बनाते हैं जैसे मैलिक, सक्सेनिक, फ्यूमरिक, साइट्रिक, टार्टरिक और एसिटिक एसिड। ये अम्ल फॉस्फोरस की उपलब्धता को बढ़ाते हैं। 
  • करेले में रोगों और सूखा के प्रति प्रतिरोध क्षमता को भी यह बढ़ा देते हैं।
  • इसका उपयोग करने से 25 से 30% फॉस्फेटिक उर्वरक की आवश्यकता कम होती है।
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मंडी भाव: मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या है सब्जियों और अन्य अनाजों का भाव?

इंदौर डिविज़न के अंतर्गत आने वाले बडवानी जिले के सेंधवा मंडी में बिना ओटी हुई कपास का भाव 5610 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है। इसके अलावा इसी मंडी में टमाटर, पत्ता गोभी, फूलगोभी, बैंगन, भिण्डी, लौकी आदि सब्जियों का भाव क्रमशः 950, 950, 1050, 1100, 1050,1050 रुपये प्रति क्विंटल है।

इसके अलावा उज्जैन डिविज़न के अंतर्गत आने वाले शाजापुर जिले के शुजालपुर कृषि उपज मंडी में गेहूं 1530 रुपये प्रति क्विंटल, कांटा चना 4500 रुपये प्रति क्विंटल, काबुली चना 5000 रुपये प्रति क्विंटल, मौसमी चना 4650 रुपये प्रति क्विंटल, हरा चना 5000 रुपये प्रति क्विंटल और मसूर 5100 रुपये प्रति क्विंटल है।

स्रोत: किसान समाधान

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मध्य प्रदेश के 5 लाख किसानों के बैंक खातों में दी गई 2000 रुपये की किश्त

2000 rupees given in bank accounts of 5 lakh farmers of Madhya Pradesh

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की तर्ज पर कुछ राज्य सरकारों की तरफ से भी किसानों को आर्थिक मदद देने हेतु योजनाएं बनाई गई है। ऐसी ही एक योजना मध्यप्रदेश सरकार ने भी शुरू की है जिसका नाम है “मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना” और इस योजना के अंतर्गत पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी किसान परिवारों को 4000 रुपये 2 किस्तों में दिए जाने हैं।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 2 नवम्बर को इसी योजना के अंतर्गत प्रदेश के उपचुनाव वाले 19 जिलों को छोड़कर 5 लाख किसानों को कुल 100 करोड़ रुपए भेजे। बता दें की इस योजना के अंतर्गत किसान परिवारों को दी गई 2000 रुपये की यह पहली किश्त है।

स्रोत: किसान समाधान

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किसानों की आय 40% तक बढ़ाने में सफल हो रहा है ग्रामोफ़ोन एप

Gramophone app is increasing farmers' income by 40%

साल 2016 में अपने शुरुआत के समय से अब तक पांच लाख से ज्यादा किसान ग्रामोफ़ोन से जुड़ चुके हैं और उनकी कृषि में बहुत सारे सकारात्मक सुधार भी देखने को मिले हैं। ग्रामोफ़ोन के कृषि विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में हज़ारों किसानों के आय में अच्छी वृद्धि देखने को मिली है। बहुत सारे किसानों की आय में औसतन 40% तक की वृद्धि देखने की मिल रही है।

खंडवा जिले के किसान पूनम चंद सिसोदिया ने अपनी सोयाबीन की फसल को बुआई के समय ही ग्रामोफ़ोन एप से जोड़ दिया और उन्हें सभी जरूरी सलाहें फ़ोन पर मिलती रहीं। इसका प्रतिफल उपज में 60% वृद्धि के रूप में सामने आया। इसके अलावा कृषि लागत में भी कमी आई।

खंडवा जिले के ही सागर सिंह सोलंकी ने भी ग्रामोफ़ोन एप के इस्तेमाल से अपनी कृषि लागत को 21% घटाया और आय में 25% की वृद्धि की। उनका कुल मुनाफ़ा पहले की तुलना में 37% तक बढ़ गया।

ऐसे ही एक किसान हैं देवास जिले निवासी विनोद गुज्जर जिनके लिए ग्रामोफ़ोन का मूंग समृद्धि किट किसी वरदान की तरह साबित हुआ। किट के उपयोग से 5 एकड़ में बोई गई फसल की उपज पहले के 25 क्विंटल से बढ़कर 30 क्विंटल हो गई। उपज बढ़ने के साथ ही आय में 38% और प्रॉफिट में 100% का इज़ाफा भी हुआ।

देवास के ही एक दूसरे किसान रामनिवास परमार की सोयाबीन की फसल को ग्रामोफ़ोन की सोया समृद्धि किट ने इतना अच्छा पोषण दिया की फसल से प्राप्त मुनाफ़ा पहले से 180% बढ़ गया और फसल से प्राप्त उपज की क्वालिटी इतनी बढ़िया हुई की मंडी में इसका मूल्य भी अन्य किसानों की उपज से अधिक मिला।

इन किसानों की तरह ही लाखों किसान ग्रामोफ़ोन की उच्च सेवाओं का लाभ ले रहे हैं और अपनी आय में वृद्धि करने के साथ साथ अपनी कृषि लागत को भी कम कर रहे हैं। महज चार साल में ग्रामोफ़ोन ने अपने ही द्वारा निश्चित किये गए लक्ष्य को प्राप्त करने लगा है। आने वाले दिनों में ग्रामोफ़ोन पूरे देश के किसानों से जुड़ कर भारतीय कृषि और भारतीय किसानों को आधुनिक स्मार्ट खेती करने के लक्ष्य पर चल पड़ा है।

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ग्रामोफ़ोन के मार्गदर्शन में महज 1.5 साल में किसान की वार्षिक कमाई बढ़ कर हुई 25 लाख

साल 2016 में जब ग्रामोफ़ोन की शुरुआत हुई तब से लेकर अब तक 5 लाख से भी ज्यादा किसान ग्रामोफ़ोन से जुड़े हैं और इस जुड़ाव से किसानों की समृद्धि भी बढ़ रही है। इन्ही समृद्ध किसानों में से एक है खरगोन जिले के भीकनगांव तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव पीपरी के निवासी शेखर पेमाजी चौधरी।

डेढ़ साल पहले टीम ग्रामोफ़ोन जब शेखर पेमाजी चौधरी से मिली थी तब उन्होंने अपने करेले के हरे भरे खेत दिखाए थे और बताया था की उन्होंने ग्रामोफ़ोन की सलाह पर अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण करवाया और इसी कारण करेले की फसल से उन्हें करीब 8 लाख की कमाई हुई। इस शुरूआती सफलता के करीब डेढ़ साल बाद आज शेखर एक समृद्ध किसान हो गए हैं और अपने आसपास के अन्य किसानों के लिए एक आदर्श की तरह साबित हुए हैं।

पिछले दिनों जब एक बार फिर टीम ग्रामोफ़ोन शेखर से मिलने पहुंची तो उन्होंने अपनी समृद्धि के पीछे की बड़ी ही प्रेरक कहानी बताई। उन्होंने बताया की कैसे पिछले डेढ़ साल में उन्होंने अपने छह एकड़ के खेतों में अपनी मेहनत और ग्रामोफ़ोन की सलाहों की मदद से खेती की और सालाना 25 लाख की कमाई की। उन्होंने यह भी बताया की इस कमाई से उन्होंने 16 लाख का घर बनाया और 8 लाख की कार भी खरीदी। बता दें की शेखर जी की 25 लाख की कुल कमाई में करीब 12 लाख का कृषि खर्च आता है और 13 लाख का मुनाफ़ा उन्हें हर साल मिलता है।

शेखर जी की यह कहानी सभी किसान भाइयों के लिए एक प्रेरणादायी है। दूसरे किसान भाई भी शेखर जी की तरह ग्रामोफोन से जुड़ कर समृद्ध हो सकते हैं। ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के लिए आप या तो टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्डकॉल करें या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर लॉगिन करें।

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