जानिए, खेती में जिप्सम उपयोग का उचित समय

👉🏻किसान मित्रों, जिप्सम एक अच्छा भू सुधारक है, यह क्षारीय भूमि को सुधारने का कार्य करता है।

👉🏻जिप्सम को मृदा में फसलों की बुवाई से पहले डालते हैं। ध्यान रहे जिप्सम डालने से पहले खेत की गहरी जुताई अवश्य करें। 

👉🏻मुख्यतः जिप्सम का उपयोग क्षारीय भूमि के सुधार के लिए किया जाता है। 

👉🏻जिप्सम का उपयोग करने पर फसल को कैल्शियम 22% एवं सल्फर 18 % मिलता है। 

👉🏻जिप्सम को मृदा में अधिक गहराई तक नहीं मिलाना चाहिए। 

👉🏻अलग अलग फसल को जिप्सम की अलग अलग मात्रा की आवश्यकता होती है, अतः फसल के अनुसार ही जिप्सम की मात्रा का उपयोग करें। 

👉🏻उपयोग के पहले मृदा परीक्षण कराये एवं इसके उपरान्त ही जिप्सम की मात्रा सुनिश्चित करें।

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जानिए, पंचगव्य का उपयोग खाली खेत में कैसे करें

👉🏻पंचगव्य एक जैविक उत्पाद है जिसका उपयोग फसलों व खाली खेत में करने से फसलों और मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है।

👉🏻पंचगव्य का खाली खेत में उपयोग करने से मिट्टी में मौजूद हानिकारक कीट, फफूंद व जीवाणुओं को आसानी से खत्म किया जा सकता है।

👉🏻पंचगव्य एक मिट्टी सुधारक की तरह भी कार्य करता है।

👉🏻पंचगव्य का खाली खेत में उपयोग के लिए 3 लीटर प्रति एकड़ के लिए पर्याप्त होता है।

👉🏻इसके अलावा पंचगव्य के 3% घोल को फल पेड़-पौधों और फसल पर छिड़काव करके प्रयोग किया जा सकता है।

👉🏻खड़ी फसल के लिए 3 लीटर पंचगव्य एक एकड़ क्षेत्र के लिए पर्याप्त होता है।

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गर्मियों में आसान है खेतों से खरपतवारों के बीजों को नष्ट करना

👉🏻किसान भाइयों, गर्मियों में फसल ना लगी होने के कारण खेत खाली रहते है। यह समय खेत को खरपतवार से मुक्त करने का सही समय रहता है। 

👉🏻इसके लिए गहरी जुताई करके खेत को समतल करें।

👉🏻जब गर्मियो में खेत में गहरी जुताई की जाती है तो तेज़ धुप होने के कारण खरपतवार के बीज़ जो मिट्टी में दबे रहते है वह नष्ट हो जाते है। 

👉🏻इसके अलावा खाली खेत में स्पीड कम्पोस्ट (डीकम्पोज़र) का उपयोग करके खरपतवार के बीजों को नष्ट किया जा सकता है। 

👉🏻इस प्रकार अगली फसल को खरपतवार से मुक्त रख कर उगाया जा सकता है।

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जानिए, फसलों में मैक्समायको के फायदे

Advantages of Maxxmyco product in crops

👉🏻किसान भाइयों, ग्रामोफोन विशेष मैक्समायको उत्पाद को ह्यूमिक एसिड, अमीनो एसिड, सीवीड एक्सट्रेट एवं मायकोराइज़ा आदि को मिलाकर तैयार किया गया है।

👉🏻यह उत्पाद उच्च गुणवत्ता वाले प्राकृतिक अवयवों से बना है, यह मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की गतिविधि को बढ़ाने में सहायक है, साथ ही मिट्टी के पीएच को बेहतर बनाने में मदद करता है। 

👉🏻इसमें ह्यूमिक एसिड मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करके मिट्टी की जल धारण क्षमता में वृद्धि करता और सफेद जड़ के विकास को बढ़ाता है।

👉🏻समुद्री शैवाल पौधों को पोषक तत्व ग्रहण करने में मदद करता है और अमीनो एसिड प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया को बढ़ाता है जिससे पौधे का बेहतर वनस्पति विकास होता है।

👉🏻माइकोराइजा पौधों को मजबूती प्रदान करता हैं साथ ही प्रतिरक्षा शक्ति में वृद्धि करता हैं परिणाम स्वरूप उत्पाद की गुणवत्ता में वृद्धि होती हैं। 

👉🏻माइकोराइजा जड़ क्षेत्र को बढ़ाता हैं इसके कारण जड़ो में जल अवशोषण की क्षमता बढ़ जाती है। यह सफेद जड़ के विकास में भी मदद करता है।

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आइये जानते हैं कपास फर्टी किट के बारे में

👉🏻किसान भाइयों, कपास फसल की अच्छी पैदावार एवं उत्पादन को बढ़ाने के लिए ग्रामोफोन लेकर आया है कपास फर्टी किट।

👉🏻यह किट कपास की फसल को प्रारम्भिक वृद्धि अवस्था में सभी प्रकार के आवश्यक पोषक तत्वों को उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 

👉🏻ग्रामोफोन की कपास पोषण किट मिट्टी उपचार एवं ड्रिप उपचार दोनों के लिए ही उपयोगी है। 

👉🏻मिट्टी उपचार के लिए इस किट का कुल वजन 7.25 किलो है जो एक एकड़ के लिए पर्याप्त है l इसके अंतर्गत निम्न उत्पादों जैसे केलबोर, मैक्समायको, मैक्सरुट आदि को सम्मिलित किया गया है। 

👉🏻ड्रिप के लिए इस किट का कुल वजन 1.1 किलो है जो एक एकड़ के लिए पर्याप्त है l इसके अंतर्गत निम्न उत्पादों जैसे एक्सपोलरर ग्लोरी, एग्रोमिन गोल्ड, मैक्सरुट, वीगरमैक्स जेल आदि उत्पाद उपलब्ध है। 

👉🏻कपास पोषण किट का उपयोग, फसल के अंकुरण के पश्चात दूसरी वृद्धि अवस्था तक किया जा सकता है। 

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मिर्च की नर्सरी तैयार करते समय रखी जाने वाली सावधानियां

👉🏻किसान भाइयों, मिर्च की नर्सरी तैयार करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि जिस जगह पर नर्सरी लगाई जा रही है, वह पूरी तरह से साफ होनी चाहिए और जल भराव की समस्या नहीं होनी चाहिए।

👉🏻अच्छी फसल उगाने के लिए पौधे का स्वस्थ होना जरूरी होता है। इसलिए पौधशाला की मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में जैविक पदार्थ होने चाहिए।  

👉🏻पौधशाला में नमी अधिक होने पर पद गलन रोग की आशंका बनी रहती है।

👉🏻पहले नर्सरी की मिट्टी और बीजों का उपचार करें, उसके बाद ही बुवाई करें।  

👉🏻हर सप्ताह खरपतवार और अवांछनीय पौधों को हटाये।

👉🏻आवश्यकतानुसार नर्सरी की सिंचाई करें।

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गेहूँ भाव में जबरदस्त तेजी, देखें 20 मई को देश के प्रमुख मंडियों के भाव

wheat mandi rates

गेहूँ भाव में कितनी तेजी या मंदी देखने को मिल रही है? वीडियो के माध्यम से देखें अलग अलग मंडियों में क्या चल रहा है गेहूँ का भाव !

स्रोत: बाजार इन्फो इंडिया

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। जानकारी पसंद आये तो लाइक और शेयर जरूर करें।

 

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ग्रीष्मकालीन सब्जियों की खेती के लिए आवश्यक सुझाव

👉🏻किसान भाइयों, ग्रीष्मकाल में जिस प्रकार तापमान में बढ़ोतरी होती है, इस कारण सब्जी वर्गीय फसलों को बहुत नुकसान पहुँचता है। 

👉🏻गर्मियों में सब्जियां उगाने के लिए पहले से तैयार किये गये पौधों का उपयोग करना चाहिये। 

सब्जी वर्गीय फसलों को गर्मियों में नेट या पॉली हाउस में लगाने से फसलों में होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। 

👉🏻सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था होनी चहिये, ताकि तापमान बढ़ने के बाद भी फसल में पानी की कमी के कारण तनाव की स्थिति ना हो। 

👉🏻फसल में फूल व फल वृद्धि के लिए समय समय पर उपाय करते रहना चाहिए l 

👉🏻गर्मियों में कद्दू वर्गीय फसलें, मिर्च, टमाटर, बैंगन,आदि सब्जियों की बुवाई कर सकते है।

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पशुओं को लू से बचाने के उपाय

👉🏻किसान भाइयों, पशुओं को लू से बचाने के ये कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, जैसे –

👉🏻पशु आवास में स्वस्थ वायु आने व दूषित वायु बाहर निकलने के लिए रोशनदान होना चाहिए।

👉🏻गर्म दिनों में पशुओं को दिन में नहलाना चाहिए। विशेष तौर पर भैसों को ठन्डे पानी से नहलाना चाहिए।

👉🏻पशुओं को ठंडा पानी पर्याप्त मात्रा में पिलाना चाहिए।

👉🏻संकर नस्ल के पशु जिनको अधिक गर्मी सहन नहीं होती है उनके आवास में पंखे या कूलर लगाना चाहिए। 

👉🏻गर्मी में पशुओं को हरे चारे की अधिक मात्रा उपलब्ध करानी चाहिए, इसके दो फायदे हैं, एक तो पशु चाव से हरा चारा खाकर अपनी उदरपूर्ति करता है, दूसरा हरे चारे में 70 से 90 प्रतिशत पानी की मात्रा होती है, जो पशु में पानी की कमी को पूरा करती है। 

👉🏻गर्मी के मौसम में पशुओं को भूख कम व प्यास अधिक लगती है। पशुपालकों को पशुओं को इस समय दिन में कम से कम तीन बार पानी जरूर पिलाना चाहिए, इससे पशुओं के शरीर के तापक्रम को कम करने में मदद मिलती है।

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सब्सिडी पर मिलेंगे कृषि उपकरण, इस योजना से मिलेगा लाभ

e-Krishi Yantra Anudan Schem

भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि पर बहुत ज्यादा निर्भर करती है। इसीलिए सरकार कृषि उत्पादन की बढ़ाने के लिए कई कदम उठाती रहती है। इन्हीं क़दमों में से एक है मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों के लिए शुरू की गई ‘ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना’

इस योजना के माध्यम से किसानों को कई प्रकार के कृषि यंत्रों पर सब्सिडी यानी की अनुदान दी जाती है। इसके लिए जारी सूची में नाम आ जाने पर किसान सब्सिडी पर कृषि यंत्र खरीद सकते हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को नई तकनीकी उपकरण से परिचित करवाना है ताकि इसके उपयोग से वे अपनी कृषि उपज बढ़ा सके।

इन योजना के अंतर्गत सरकार समय समय पर किसानों से आवेदन आमंत्रित करती रहती है और इसके माध्यम से किसान लाभ प्राप्त करते रहते हैं। किसान इस योजना में आवेदन करने के लिए ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल (https://dbt.mpdage.org/index.htm) पर आवेदन की नई तिथि देखते रहें और नई तिथि आने पर तुरंत आवेदन कर दें। ग़ौरतलब है की जून महीने में भी कई किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया है।

कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल: https://dbt.mpdage.org/index.htm

स्रोत: पत्रिका

ग्रामीण क्षेत्र व कृषि सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

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