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👉🏻प्रिय किसान भाइयों, कपास एक महत्वपूर्ण रेशादार और नकदी फसल है।
👉🏻इसकी बुवाई के पूर्व मिट्टी उपचार करना बहुत आवश्यक होता है।
👉🏻कपास में बुवाई के पूर्व मिट्टी उपचार के लिए कपास समृद्धि किट का उपयोग करने से फसल का विकास बहुत अच्छा होता है।
👉🏻अंतिम जुताई के बाद बुवाई के समय या मानसून की पहली बारिश के बाद ग्रामोफ़ोन की विशेष पेशकश
👉🏻कपास समृद्धि किट’ जिसकी मात्रा 4.2 किलो प्रति एकड़ है, उसे 50 किलो बढ़िया से सड़ी हुई गोबर की खाद में अच्छी तरह मिलाकर इसे खेत में भुरकाव करें और इसके बाद हल्की सिंचाई कर दें।
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👉🏻प्रिय किसान भाइयों, मूंग की फसल में मैग्नीशियम की कमी के लक्षण सबसे पहले निचली पत्तियों पर दिखाई देते हैं, जिसमें पत्ती हरे रंग की दिखाई देती है तथा पत्ती के आधार पीले से सफेद रंग के दिखाई देते हैं।
👉🏻कुछ समय बाद पत्ती की शिरा के बीच में धब्बे दिखाई देते है तथा पत्ती नीचे की ओर मुड़ने लगती है।
👉🏻गंभीर कमी के दौरान पत्ती तथा पत्ती के ऊपर भूरे रंग के सूखे धब्बे दिखाई देते है जिनके किनारे गहरे भूरे रंग के हो जाते है।
👉🏻इसके नियंत्रण के लिए मैग्नीशियम सल्फेट @ 1 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से 150 – 200 लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें।
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👉🏻प्रिय किसान भाइयों, वर्मीवाश एक तरल पदार्थ है, जो केंचुआ द्वारा स्रावित हार्मोन्स, पोषक तत्वों एवं एन्ज़ाइम युक्त होता है जिसमे रोग रोधक गुण पाए जाते है l
👉🏻इसका उपयोग फसलों एवं सब्जियों पर छिड़काव के रूप में किया जाता है।
👉🏻इसमें ऑक्सिन एवं साइटोकाईनिन हार्मोन्स और विभिन्न एन्ज़ाइम भी पाए जाते है। इसी के साथ इसमें नाइट्रोजन फिक्सिंग जीवाणु एजोटोबैक्टर और फॉस्फोरस घोलक जीवाणु भी पाए जाते है।
👉🏻वर्मीवाश का उपयोग फसलों में रोग रोधी और कीटनाशक दोनों ही रूप में किया जाता हैं।
👉🏻वर्मीवाश के उपयोग से फसलों में अधिक उत्पादन और अच्छी गुणवत्ता युक्त उपज प्राप्त होती है जिससे बाजार में किसानों को फसलों के अच्छे दाम प्राप्त होते है।
👉🏻वर्मीवाश के उपयोग से किसान की लागत में कमी आती है और उत्पादन बढ़ जाता है।
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👉🏻किसान भाइयों, यह एक ऐसी तकनीक है जिससे किसान पूरे वर्ष आमदनी ले सकते है।
👉🏻किसानों की आय बढ़ाने के लिए एकीकृत (इंटीग्रेटेड) फार्मिंग सिस्टम प्रणाली काफी लाभकारी है।
👉🏻एकीकृत खेती का मूल यह है कि किसान की जमीन का अधिकतम इस्तेमाल किया जाए।
👉🏻इस तकनीक में किसान खेती के साथ साथ मछली पालन, पशुपालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन आदि कर सकते है।
👉🏻इसमें एक घटक दूसरे घटक के उपयोग में लाया जाता है।
👉🏻एकीकृत खेती से अधिक से अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।
👉🏻इस तकनीक से खेती करने से कृषि कार्य में लागत भी कम आती है।
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👉🏻किसान मित्रों, जिप्सम एक अच्छा भू सुधारक है, यह क्षारीय भूमि को सुधारने का कार्य करता है।
👉🏻जिप्सम को मृदा में फसलों की बुवाई से पहले डालते हैं। ध्यान रहे जिप्सम डालने से पहले खेत की गहरी जुताई अवश्य करें।
👉🏻मुख्यतः जिप्सम का उपयोग क्षारीय भूमि के सुधार के लिए किया जाता है।
👉🏻जिप्सम का उपयोग करने पर फसल को कैल्शियम 22% एवं सल्फर 18 % मिलता है।
👉🏻जिप्सम को मृदा में अधिक गहराई तक नहीं मिलाना चाहिए।
👉🏻अलग अलग फसल को जिप्सम की अलग अलग मात्रा की आवश्यकता होती है, अतः फसल के अनुसार ही जिप्सम की मात्रा का उपयोग करें।
👉🏻उपयोग के पहले मृदा परीक्षण कराये एवं इसके उपरान्त ही जिप्सम की मात्रा सुनिश्चित करें।
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👉🏻पंचगव्य एक जैविक उत्पाद है जिसका उपयोग फसलों व खाली खेत में करने से फसलों और मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है।
👉🏻पंचगव्य का खाली खेत में उपयोग करने से मिट्टी में मौजूद हानिकारक कीट, फफूंद व जीवाणुओं को आसानी से खत्म किया जा सकता है।
👉🏻पंचगव्य एक मिट्टी सुधारक की तरह भी कार्य करता है।
👉🏻पंचगव्य का खाली खेत में उपयोग के लिए 3 लीटर प्रति एकड़ के लिए पर्याप्त होता है।
👉🏻इसके अलावा पंचगव्य के 3% घोल को फल पेड़-पौधों और फसल पर छिड़काव करके प्रयोग किया जा सकता है।
👉🏻खड़ी फसल के लिए 3 लीटर पंचगव्य एक एकड़ क्षेत्र के लिए पर्याप्त होता है।
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👉🏻किसान भाइयों, गर्मियों में फसल ना लगी होने के कारण खेत खाली रहते है। यह समय खेत को खरपतवार से मुक्त करने का सही समय रहता है।
👉🏻इसके लिए गहरी जुताई करके खेत को समतल करें।
👉🏻जब गर्मियो में खेत में गहरी जुताई की जाती है तो तेज़ धुप होने के कारण खरपतवार के बीज़ जो मिट्टी में दबे रहते है वह नष्ट हो जाते है।
👉🏻इसके अलावा खाली खेत में स्पीड कम्पोस्ट (डीकम्पोज़र) का उपयोग करके खरपतवार के बीजों को नष्ट किया जा सकता है।
👉🏻इस प्रकार अगली फसल को खरपतवार से मुक्त रख कर उगाया जा सकता है।
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👉🏻किसान भाइयों, ग्रामोफोन विशेष मैक्समायको उत्पाद को ह्यूमिक एसिड, अमीनो एसिड, सीवीड एक्सट्रेट एवं मायकोराइज़ा आदि को मिलाकर तैयार किया गया है।
👉🏻यह उत्पाद उच्च गुणवत्ता वाले प्राकृतिक अवयवों से बना है, यह मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की गतिविधि को बढ़ाने में सहायक है, साथ ही मिट्टी के पीएच को बेहतर बनाने में मदद करता है।
👉🏻इसमें ह्यूमिक एसिड मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करके मिट्टी की जल धारण क्षमता में वृद्धि करता और सफेद जड़ के विकास को बढ़ाता है।
👉🏻समुद्री शैवाल पौधों को पोषक तत्व ग्रहण करने में मदद करता है और अमीनो एसिड प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया को बढ़ाता है जिससे पौधे का बेहतर वनस्पति विकास होता है।
👉🏻माइकोराइजा पौधों को मजबूती प्रदान करता हैं साथ ही प्रतिरक्षा शक्ति में वृद्धि करता हैं परिणाम स्वरूप उत्पाद की गुणवत्ता में वृद्धि होती हैं।
👉🏻माइकोराइजा जड़ क्षेत्र को बढ़ाता हैं इसके कारण जड़ो में जल अवशोषण की क्षमता बढ़ जाती है। यह सफेद जड़ के विकास में भी मदद करता है।
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👉🏻किसान भाइयों, कपास फसल की अच्छी पैदावार एवं उत्पादन को बढ़ाने के लिए ग्रामोफोन लेकर आया है कपास फर्टी किट।
👉🏻यह किट कपास की फसल को प्रारम्भिक वृद्धि अवस्था में सभी प्रकार के आवश्यक पोषक तत्वों को उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
👉🏻ग्रामोफोन की कपास पोषण किट मिट्टी उपचार एवं ड्रिप उपचार दोनों के लिए ही उपयोगी है।
👉🏻मिट्टी उपचार के लिए इस किट का कुल वजन 7.25 किलो है जो एक एकड़ के लिए पर्याप्त है l इसके अंतर्गत निम्न उत्पादों जैसे केलबोर, मैक्समायको, मैक्सरुट आदि को सम्मिलित किया गया है।
👉🏻ड्रिप के लिए इस किट का कुल वजन 1.1 किलो है जो एक एकड़ के लिए पर्याप्त है l इसके अंतर्गत निम्न उत्पादों जैसे एक्सपोलरर ग्लोरी, एग्रोमिन गोल्ड, मैक्सरुट, वीगरमैक्स जेल आदि उत्पाद उपलब्ध है।
👉🏻कपास पोषण किट का उपयोग, फसल के अंकुरण के पश्चात दूसरी वृद्धि अवस्था तक किया जा सकता है।
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👉🏻किसान भाइयों, मिर्च की नर्सरी तैयार करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि जिस जगह पर नर्सरी लगाई जा रही है, वह पूरी तरह से साफ होनी चाहिए और जल भराव की समस्या नहीं होनी चाहिए।
👉🏻अच्छी फसल उगाने के लिए पौधे का स्वस्थ होना जरूरी होता है। इसलिए पौधशाला की मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में जैविक पदार्थ होने चाहिए।
👉🏻पौधशाला में नमी अधिक होने पर पद गलन रोग की आशंका बनी रहती है।
👉🏻पहले नर्सरी की मिट्टी और बीजों का उपचार करें, उसके बाद ही बुवाई करें।
👉🏻हर सप्ताह खरपतवार और अवांछनीय पौधों को हटाये।
👉🏻आवश्यकतानुसार नर्सरी की सिंचाई करें।
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