मार्च-अप्रैल में फसलों की इन किस्मों की करें बुवाई, तो ज़रूर बढ़ेगी पैदावार

क्र.  फसल का नाम        प्रमुख किस्म के नाम (कम्पनी का नाम)
1. करेला नागेश (हाइवेज),अमनश्री, US1315 (ननहेमस),आकाश (VNR)
2. लौकी आरती
3. कद्दू कोहीनूर (पाहुजा), VNR 11 (VNR)
4. भिंडी राधिका, विंस प्लस (गोल्डन), सिंघम (ननहेम्स), शताब्दी (राशि)
5. धनिया सुरभी (नामधारी), LS 800 (पाहुजा)
Share

मिर्च में मोजेक वायरस का प्रबंधन

  • मोजेक वायरस से ग्रसित पौधों को निकाल कर नष्ट कर दें। 
  • प्रतिरोधक किस्मों जैसे पूसा ज्वाला, पन्त सी-1, पूसा सदाबहार, पंजाब लाल इत्यादि को लगाएँ। 
  • वैक्टर को कम करने के लिए एसिटामिप्रीड 20% एसपी @ 130 ग्राम/एकड़ का नियमित अंतराल पर छिड़काव करें या फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% डब्ल्यूजी @ 40 ग्राम/एकड़ का छिड़काव करें।
Share

मिर्च में मोजेक वायरस की पहचान

image source - https://www.indiamart.com/proddetail/heavy-duty-agro-shade-net-house-15933969848.html
  • इस वायरस के संपर्क में आने से पत्तियों पर गहरे हरे और पीले रंग के धब्बे निकलते हैं।
  • इसके कारण हलके गड्ढे और फफोले भी दिखाई पड़ते हैं।
  • कभी-कभी पत्ती का आकार अति सुक्ष्म सूत्रकार हो जाता है।
  • यह सफ़ेद मक्खी के माध्यम से फैलता है।
  • इस वायरस से ग्रषित पौधों में फूल और फल कम लगते हैं।
  • इसके कारण फल भी विकृत और खुरदुरे हो जाते हैं।
Share

ऐसे करें सब्जियों के लिए रोग मुक्त नर्सरी का निर्माण

  • बुआई के लिए स्वस्थ बीज का चयन करें
  • बुआई के पूर्व बीजों का उपचार अनुशासित फफूंदनाशक से करना चाहिए
  • एक ही प्लॉट में बार-बार नर्सरी नहीं बनाना चाहिए 
  • नर्सरी की ऊपरी मिट्टी को कार्बेन्डाजिम 5 ग्राम/वर्ग मी. से उपचारित करना चाहिए तथा इसी रसायन का 2 ग्राम/लीटर पानी का घोल बनाकर नर्सरी में प्रत्येक 15 दिन में ड्रेंचिंग करना चाहिए
  • मृदा सौर्यीकरण करना चाहिए जिसके अंतर्गत गर्मियों में फसल बुआई के पहले नर्सरी बेड को 250 गेज के पोलीथीन शीट से 30 दिन के लिए ढक दिया जाता है
  • आद्रगलन रोग के नियंत्रण के लिए जैव नियंत्रण एजेंट ट्राइकोडर्मा विरिडी 500 ग्राम/एकड़ के अनुसार देना चाहिए।
Share

गिलकी एवं तुरई की फसल के लिए खेत की तैयारी के समय पोषक तत्व प्रबंधन:

image source -https://d2yfkimdefitg5.cloudfront.net/images/stories/virtuemart/product/nurserylive-sponge-gourd-jaipur-long.jpg
  • खेत की तैयारी के समय 8-10 टन प्रति एकड़ की दर से गोबर की खाद का प्रयोग करें
  • 30 किलोग्राम यूरिया 70 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट एवं 35 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश को अंतिम जुताई के समय डालें
  • अन्य बचे हुये 30 किलोग्राम यूरिया की आधी मात्रा को 8-10 पत्ती वाली अवस्था में तथा आधी मात्रा को फूल आने के समय डालें
Share

मिश्रित खेती के अंतर्गत लगायी जाने वाली फसलें

 

क्र. मुख्य फसल         अंतरसस्य फसले 
1. सोयाबीन  मक्का, अरहर
  • इंटरकल्चरल या मिश्रित फसलों के लिए, सब्जियों की वृद्धि दर, जड़ों का वितरण, पौष्टिक प्रकृति, कीटों के प्रकोप और बीमारी, बाजार की मांग आदि पर विचार किया जाना चाहिए।
  • फसल प्रणाली स्थायी नहीं होनी चाहिए और यह मौसम, कीट और बीमारियों के प्रकोप, बाजार मूल्य और मांग तथा उत्पादक के अनुसार बदलना चाहिए।
2. भिड़ी    धनियाँ, पालक 
3. कपास  मूँगफली, उड़द, हरी मूंग, मक्का
4. मिर्ची  मूली, गाजर 
5. आम  हल्दी, प्याज 

 

Share

प्याज की फसल में कंद फटने की समस्या की रोकथाम कैसे करें?

  • एक समान सिंचाई और उर्वरकों की मात्रा उपयोग करने से कंदों को फटने से रोका जा सकता है।
  • धीमी वृद्धि करने वाले प्याज की किस्मों का उपयोग करने से इस विकार को कम कर सकते हैं।
  • इसकी रोकथाम के लिए एक किलो 00:00: 50 प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करें।
Share

प्याज की फसल में कंद फटने की समस्या के कारणों की करें पहचान

  • प्याज़ के खेत में अनियमित सिंचाई के कारण इस विकार में वृद्धि होती है।
  • खेत में ज्यादा सिंचाई, के बाद में पुरी तरह से सूखने देने एवं अधिक सिंचाई दोबारा करने के कारण कंद फटने लगते हैं।
  • कंद के फटने के कारण कंदों में मकड़ी (राईज़ोफ़ाइगस प्रजाति) चिपक जाती है।
  • प्रथम लक्षण कंद के फटने के बाद आधार पर दिखाई देते हैं।
  • प्रभावित कंद फटे उभार के रूप में आधार वाले भाग में दिखाई देते हैं।
Share

सिंचाई के अच्छे प्रबंधन से तरबूज की पैदावार में सुधार कैसे करें

  • तरबूज अधिक पानी चाहने वाली फसल है लेकिन पानी का भराव इस फसल के लिए हानिकारक होता है|
  • तरबूज की खेती खासकर गर्म मौसम में होती हैं इसलिए इसमें सिंचाई का अंतराल बहुत महत्तवपूर्ण होता हैं|
  • तरबूज में 3-5 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करना चाहिए|
  • फूल आने के पहले, फूल आने के समय एवं फल की वृद्धि के समय पानी की कमी से उत्पादन में बहुत कमी आ जाती है|
  • फल पकने के समय सिंचाई रोक देना चाहिए ऐसा करने से फल की गुणवत्ता बढ़ती है और साथ ही फल फटने की समस्या भी नहीं आती है|
Share

तरबूज की महत्वपूर्ण किस्मे

 

क्र. किस्म का नाम  फल का आकार  फल का भार 

(किलोग्राम )

फसल अवधि 

    (दिन )

फल का रंग 
1.  सागर किंग  अंडाकार  3-5  60 – 70 फल का रंग काला  तथा गुदा लाल रंग का दिखाई देता है 
2.  सागर किंग प्लस   अंडाकार  3-5  60 – 70 फल का रंग काला  तथा गुदा लाल रंग का दिखाई देता है 
3.  काजल  अंडाकार  3- 3.5 60 – 70 फल का रंग काला  तथा गुदा गुलाबी रंग का दिखाई देता है 
4.  2208  अंडाकार  2-4 70 – 80 फल का रंग काला  तथा गुदा लाल रंग का दिखाई देता है 
Share