राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में बारिश के आसार

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9 जनवरी के आसपास दिल्ली और मुंबई में बारिश की संभावना दिखाई दे रही है। राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में भी बारिश के आसार हैं। पहाड़ों पर फिर से बर्फबारी होगी। पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान में पाला पड़ने की भी संभावना दिखाई दे रही है। इन राज्यों में न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जाएगी तथा शीतलहर जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मुफ्त की सिंचाई और घर बैठे कमाई, आधे से कम दाम पर सोलर पंप

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देश का एक बड़ा भूभाग कम बारिश की वजह से पानी की किल्लत झेलता है। इन क्षेत्रों के किसानों को इसकी वजह से खेती करने में भारी समस्या पेश आती है। यहाँ किसानों को फसलों में सिंचाई के लिए भूजल पर निर्भर होने पड़ता है। भूजल की निकासी में महंगे सिंचाई उपकरण की जरूरत पड़ती है जिसे हर किसान खरीद भी नहीं पाता है। इन उपकरणों में डीजल का उपयोग होता है जिसकी बढ़ती कीमतें किसानों को इसके इस्तेमाल से में रुकावटें पैदा करती हैं। किसानों की इन्हीं समस्याओं को देखते हुए केंद्र एवं राज्य सरकारें कई प्रकार की सिंचाई से जुड़ी योजनाएं चला रही हैं। इन योजनाओं की मदद से किसानों को आर्थिक मदद दी जाती है। “प्रधानमंत्री कुसुम योजना” ऐसी ही एक महत्वपूर्ण योजना है। आइये जानते हैं इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना का उद्देश्य किसानों के बीच सोलर पंप को बढ़ावा देना है और इसके लिए सरकार इस योजना की बड़द से सोलर पंप पर सब्सिडी देती है। इसकी मदद से किसान अपने खेतों की सिंचाई सौर ऊर्जा के उपयोग से करते हैं।

गौरतलब है की प्रधानमंत्री कुसुम योजना को 2019 में ऊर्जा मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था। इसके तहत केंद्र सरकार और राज्य सरकार 30-30% की सब्सिडी देती है। इसका मतलब हुआ की किसानों को इससे कुल 60% तक की सब्सिडी मिलती है। कुछ राज्यों में तो इस योजना के माध्यम से 90% सब्सिडी भी किसानों को दी जाती है।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के उच्च भाव 5000 रुपए के करीब

soybean mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम अलोट सोयाबीन 3600 4851
शाजापुर आगर सोयाबीन 4311 4728
शाजापुर अकोदिया सोयाबीन 4600 4600
आलीराजपुर आलीराजपुर सोयाबीन 4500 4611
गुना एरोन सोयाबीन 4200 4650
अशोकनगर अशोकनगर सोयाबीन 3990 4572
छतरपुर बड़ामलहेड़ा पीला 4000 4000
शिवपुरी बदरवास सोयाबीन 4270 4485
उज्जैन बड़नगर सोयाबीन 4600 4765
धार बदनावर पीला 3000 4800
धार बदनावर सोयाबीन 4015 4140
शाजापुर बड़ोद सोयाबीन 4009 4726
खरगोन बड़वाह सोयाबीन 3850 4440
भोपाल बैरसिया पीला 3450 4625
बेतुल बेतुल पीला 4550 4750
बेतुल बेतुल सोयाबीन 4000 4851
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन 3671 4970
भोपाल भोपाल सोयाबीन 4541 4541
सागर बीना सोयाबीन 4350 4656
गुना बीनागंज सोयाबीन 4410 4700
अशोकनगर चंदेरी सोयाबीन 4280 4280
मन्दसौर दलौदा सोयाबीन 4381 4790
मन्दसौर दलौदा अन्य 3631 4350
दमोह दमोह सोयाबीन 4420 4420
देवास देवास पीला 4590 4647
देवास देवास सोयाबीन 1280 4811
धार धामनोद सोयाबीन 4205 4250
धार धार सोयाबीन 1600 4900
नरसिंहपुर गाडरवाड़ा सोयाबीन 4550 4635
धार गंधवानी सोयाबीन 4450 4650
विदिशा गंज बासौदा सोयाबीन 4110 4130
इंदौर गौतमपुरा पीला 4320 4320
डिंडोरी गोरखपुर पीला 4300 4450
गुना गुना सोयाबीन 4250 4530
देवास हाटपिपलिया सोयाबीन 2901 4600
हरदा हरदा पीला 3751 4711
हरदा हरदा सोयाबीन 4403 4403
खंडवा हरसूद पीला 4300 4510
खंडवा हरसूद सोयाबीन 4050 4590
सीहोर इछावर सोयाबीन 3700 4681
इंदौर इंदौर पीला 2800 4680
इंदौर इंदौर सोयाबीन 1450 4755
इंदौर इंदौर (F&V) सोयाबीन 3500 4820
सागर जैसीनगर पीला 4250 4350
रतलाम जावरा पीला 4485 4822
रतलाम जावरा सोयाबीन 4251 4835
सीहोर जावर पीला 4299 4749
आलीराजपुर जोबट सोयाबीन 4475 4500
देवास कन्नोड सोयाबीन 4515 4515
नरसिंहपुर करेली पीला 4550 4665

स्रोत: एगमार्कनेट

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गेहूँ में पीलेपन के होते हैं कई कारण, जानें नियंत्रण के उपाय

Know what is the reason for the yellowing of the wheat crop

किसान भाइयों गेहूँ की फसल में पीलेपन की समस्या 3-4 कारणों से हो सकती हैं। शुरूआती अवस्था में गेहूँ की निचली पत्तियों में जो पीलापन आता है, वह नाइट्रोज़न के कमी से होता है। वहीं फफूंद जनित रोगों जिसमे मिट्टी एवं बीज जनित रोग शामिल होते हैं के कारण भी पीलापन बढ़ता है। कभी कभी अधिक जल भराव के कारण या पानी के लंबे समय तक रुके होने के कारण पौधों की जड़े सड़ जाती हैं और इसके कारण भी पौधा पीला पड़ जाता है। अभी सबसे ज्यादा फसल में जड़ माहु, दीमक एवं तना बेधक कीट देखने को मिल रहा है। यह भी गेहूँ की फसल में पीलापन का मुख्य कारण है। 

  • जड़ माहु: यह कीट नवंबर से फरवरी माह तक अधिक मिलता है। ये पारदर्शी कीट है जो बहुत छोटे और कोमल शरीर वाले पीले भूरे रंग के होते हैं। यह पौधों के आधार के पास या पौधों की जड़ों पर मौजूद होते हैं एवं पौधों का रस चूसते हैं। रस चूसने के कारण पत्तियां पीली हो जाती हैं या समय से पहले परिपक्व हो जाती हैं और इसके कारण पौधे मर जाते हैं।

  • दीमक: यह सफ़ेद मटमैले रंग का कीट है, जो कॉलोनी बनाकर रहता है। दीमक का प्रकोप बुवाई के तुरंत बाद से लेकर परिपक्वता की अवस्था तक होता है। ये कीट पौधों के जड़, तना यहाँ तक कि पौधों के मृत ऊतकों के सेल्युलोज को भी खाते हैं। इससे क्षतिग्रस्त पौधा पीला पड़कर पूरी तरह से सूख जाता है। फुल अवस्था में क्षतिग्रस्त पौधों से सफेद बालियां निकलती हैं। 

  • तना बेधक: इस कीट की गुलाबी सूंडी तने में प्रवेश करती है और डेड हार्ट के लक्षण पैदा करती है।

नियंत्रण के उपाय 

यूरिया: फसल में यूरिया नाइट्रोज़न की पूर्ति का सबसे बड़ा स्रोत है। इसके उपयोग से, पत्तियों में पीलापन एवं सूखने की समस्या नहीं आती है। यूरिया प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को तेज़ करता है। 40 किग्रा यूरिया प्रति एकड़ के हिसाब से अवश्य प्रयोग करें। 

फफूंद जनित रोग: इसके नियंत्रण के लिए, कॉम्बैट @ 2 किग्रा + मोनास कर्ब @ 500 ग्राम, प्रति एकड़ के हिसाब से समान रूप से भुरकाव कर हल्की सिंचाई करें। 

दीमक: इस कीट के नियंत्रण के लिए आप अभी धनवान 20 (क्लोरपाइरीफोस 20% इसी) @ 1400 मिली प्रति एकड़ के हिसाब से सिंचाई पानी के साथ दें।

गुलाबी तना बेधक: इस कीट के नियंत्रण के लिए सेलक्विन (क्विनालफॉस 25% ईसी) @320 मिली, प्रति एकड़ 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। 

जड़ माहु: इस कीट के नियंत्रण के लिए, थियानोवा 25 (थियामेथोक्सम 25 % डब्ल्यूजी) @ 100 ग्राम (बारीक़ कर के) + बवे कर्ब @ 500 ग्राम, प्रति एकड़ यूरिया के साथ मिलाकर समान रूप से भुरकाव कर हल्की सिंचाई करें।

या 

सिंचाई कर चुके हैं तो मीडिया (इमिडाक्लोप्रिड 17.80% एसएल) @ 60 से 70 मिली + सिलिकोमैक्स गोल्ड @50 मिली + नोवामैक्स @300 मिली, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

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आधे से ज्यादा राज्यों में होगी बारिश, उत्तर भारत में बिछी रहेगी कोहरे की चादर

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अगले एक हफ्ते के दौरान देश के कई राज्यों में बारिश होने के आसार दिखाई दे रहे हैं। दक्षिण भारत सहित मध्य भारत और पूर्वी भारत में बारिश होगी। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित झारखंड, दक्षिणी बिहार, उत्तरी छत्तीसगढ़ तथा विदर्भ के कुछ भागों में बारिश होगी। 6 जनवरी से एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस पहाड़ों पर बर्फबारी दे सकता है। गंगा के मैदानी भागों में कोहरे की चादर छाई रह सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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इस ट्रैक्टर पर मिल रही है 2.50 लाख रुपए की सुपर सब्सिडी, जानें कैसे मिलेगा लाभ?

Super subsidy of Rs 2.50 lakh is available on this tractor

किसानों की खेती को आसान बनाने के उद्देश्य से केंद्र एवं राज्य सरकारें ट्रैक्टर पर भारी सब्सिडी उपलब्ध करवाते हैं। इस सब्सिडी से आम किसान भी कम दाम पर ट्रैक्टर खरीद पाते हैं। सरकार की ओर से ट्रैक्टर पर सब्सिडी के लिए कृषि मशीनीकरण पर उप मिशन योजना चलाई जा रही है।

इस योजना के माध्यम से किसानों को 2WD ट्रैक्टर पर 2.5 लाख रुपए तक की सुपर सब्सिडी दी जा रही है। अगर आप भी सरकार की इस योजना का लाभ लेने के इच्छुक है तो इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके तहत 20 पीटीओ एचपी से लेकर 40 पीटीओ एचपी तक के ट्रैक्टर 50% तक की सब्सिडी पर दिए जाएंगे।

इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु और सीमांत किसान, महिलाओं और पूर्वात्तर राज्य के इच्छुक किसानों को 50% (अधिकतम 2.50 लाख रुपए) की सब्सिडी मिलती है वहीं अन्य वर्ग के इच्छुक किसानों को 40% (अधिकतम 2 लाख रुपए) की सब्सिडी मिलती है। योजना में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन एवं अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://agrimachinery.nic.in/ पर जा सकते हैं।

स्रोत: ट्रैक्टर जंक्शन

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लहसुन के भाव में तेजी बरकरार, उच्च भाव पहुंचे 28500 रुपये के पार

garlic Mandi bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
राजगढ़ ब्यावरा लहसुन 3000 3100
मन्दसौर दलौदा लहसुन 9200 20601
इंदौर इंदौर लहसुन 9835 17699
रतलाम जावरा लहसुन 13000 28700
शाजापुर कालापीपल लहसुन 14010 14010
नीमच मनसा लहसुन 10001 23001
नीमच मनसा नया माध्यम 1200 12400
मन्दसौर मन्दसौर लहसुन 9511 25000
नीमच नीमच लहसुन 10500 10500
नीमच नीमच औसत 700 22900
मन्दसौर पिपल्या लहसुन 3300 26560
शाजापुर साजापुर लहसुन 18450 18450
सीहोर सीहोर लहसुन 19101 22500
शाजापुर शुजालपुर देसी 18695 20545
उज्जैन उज्जैन लहसुन 2000 17199

स्रोत: एगमार्कनेट

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आलू की फसल में अगेती झुलसा रोग के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय!

Symptoms and control measures of early blight in potato crops

क्षति के लक्षण

  • अगेती झुलसा रोग के लक्षण आलू के तने, पत्ते और कंदों पर दिखाई देते हैं। 

  • पत्तियों पर प्रारंभिक लक्षण के तौर पर छोटे 1-2 मिमी काले या भूरे घाव दिखाई देते हैं। 

  • अनुकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों में घाव बड़े हो जाते हैं। 10 मिमी से अधिक व्यास वाले घावों में अक्सर गहरे छल्ले होते हैं। जैसे-जैसे घाव बढ़ते हैं, पूरी पत्तियां हरिमाहीन हो जाती हैं। 

  • तनों पर होने वाले घाव अक्सर धंसे हुए होते हैं। इसमें पौधे की मृत्यु हो सकती है।

  • गंभीर रूप से संक्रमित पत्तियाँ पीली होकर गिर जाती हैं। संक्रमित कंदों में भूरी, कार्क जैसी सूखी सड़न दिखाई देती है।

नियंत्रण के उपाय 

  • इस रोग के नियंत्रण के लिए, नोवाक्रस्ट (एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 11% + टेबुकनाज़ोल 18.3% एससी) @ 300 मिली या करमानोवा (कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% डब्ल्यूपी) @ 700 ग्राम + नोवामैक्स (जिब्रेलिक एसिड 0.001% एल) 300 मिली + सिलिकोमैक्स गोल्ड 50 मिली, प्रति एकड़ 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

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भारी बारिश की संभावना, तीन दिन बाद कई राज्यों का बदलेगा मौसम

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अरब सागर में बना गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र भारत के पश्चिमी तट की तरफ बढ़ते हुए कर्नाटक, महाराष्ट्र में बारिश देगा। इसकी वजह से दक्षिण भारत में भी बारिश बढ़ेगी। 6 जनवरी से नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस पहाड़ों पर बर्फबारी देगा। 6 और 7 जनवरी को महाराष्ट्र के कई भागों सहित मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं। 7 और 8 जनवरी को राजस्थान सहित दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी बारिश संभव है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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कब तक मिलेंगे पीएम किसान योजना की 16वीं किस्त के 2000 रुपए?

Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने वाले किसानों के लिए यह खबर बेहद जरूरी है। गौरतलब है की देश भर के करोड़ों किसान अब तक 2000 रूपये की 15 किस्तों का लाभ ले चुके हैं। पिछली यानी 15वीं क़िस्त को पीएम नरेंद्र मोदी ने बिरसा मुंडा जयंती के दिन जारी की थी। अब किसान इस योजना की 16वीं किस्त के इंतजार में हैं।

ख़बरों के अनुसार, सरकार इस योजना की 16वीं किस्त फरवरी या फिर मार्च महीने में किसानों के बैंक खाते में भेज सकती है। वैसे सरकार की तरफ से इस बाबत कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। पर ऐसी संभावना जताई जा रही है की आगामी लोकसभा चुनावों के पहले यह क़िस्त जरूर जारी कर दी जायेगी।

यहाँ यह ध्यान जरूर रखें की जिन किसानों ने अभी तक इस योजना के लिए अपने भूलेखों का सत्यापन एवं ई-केवाईसी नहीं करवाया है, उन्हें इससे बंचित रहना पड़ेगा। बता दें की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए पात्र किसानों को अपना ई-केवाईसी करवाना जरूरी होता है। इसके बगैर किसान योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं। ई-केवाईसी करवाने के लिए आप अपने आसपास सीएससी सेंटर या बैंक में जा सकते हैं। आप चाहें तो घर बैठे पीएम किसान पोर्टल के माध्यम से ई-केवाईसी की प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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