Management of Downy Mildew in Onions

प्याज में मृदुरोमिल आसिता रोग का प्रबंधन:-

लक्षण:-

  • पत्तियो और पुष्प वृंत पर बैगनी कवक वृद्धि करते हैं, जो कि बाद में हल्के हरे रंग के हो जाते है।
  • पत्तियाँ और पुष्प वृंत अंत मे गिर जाते है।
  • यह रोग अधिक नमी एवं अत्यधिक उर्वरक के उपयोग एवं सधी सिंचाई के कारण होती है

रोकथाम

  • बीज के लिए जिन प्याज के कन्दो का उपयोग करते है उन्हें 12 दिन के लिए सूर्य के प्रकाश में रखने से कवक ख़त्म हो जाती है
  • मेंकोजेब + मेटालेक्ज़ील या कार्बेंडाजीम+ मेंकोजेब @ 400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 15 दिनों के अंतराल में छिड़काव करना चाहिये।

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Do’s and Don’ts for Brinjal Cultivation

बैगन की खेती क्या करें और क्या न करें:- 

क्या करें:-

  • समय पर बुवाई|
  • खेत की स्वच्छता बनाए रखे |
  • केवल जब आवश्यक हो तभी कीटनाशकों का उपयोग करें|
  • उपयोग से पहले बैगन के फल को धोएं|

क्या न करें:-

  • कीटनाशक की अनुशंसित खुराक से ज्यादा नहीं डालें|
  • एक ही कीटनाशक लगातार नहीं दोहराएं|
  • कीटनाशकों के मिश्रण का प्रयोग न करें|
  • सब्जियों पर मोनोक्रोटोफ़ॉस जैसे अत्यधिक खतरनाक कीटनाशक का प्रयोग नहीं करें|
  • कटाई से ठीक पहले कीटनाशकों का प्रयोग नहीं करें|
  • कीटनाशकों के प्रयोग के बाद 3-4 दिन तक सब्ज़ी का उपयोग नहीं करें|

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Management of Fusarium basal rot/basal rot

  • ट्राईकोडर्मा @ 6 किलोग्राम/एकड़

  • कार्बेन्डिज़िम + मनकोजेब (साफ/टर्फ) @ 1 किग्रा/एकड़

  • किटजाइन @ 1 लीटर/एकड़

  • कोनिका (कसुगामाइसिन 5% + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 45%) WP @ 300 ग्राम/एकड़।

  • ट्रिगर प्रो (हेक्साकोनाजोल 5% SC) @ 400 ml/एकड़ + स्ट्रेप्टोसाइक्लिन (स्ट्रेप्टोमाइसिन सल्फेट IP90% W/W + टेट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड आईपी 10% W/W) 12 ग्राम/एकड़

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Fusarium rot/basal rot in garlic

  • पौधे की बढ़वार रुक जाती तथा पत्तियो पर पीला पन आ जाता हैं तथा पौधा ऊपर से नीचे की ओर  सूखता चला जाता हैं |

  • संक्रमण के प्रारंभिक चरण में, पौधों की जड़ें रंग में गुलाबी हो जाती हैं और सड़ने लगती हैं। बल्ब निचले सिरे से सड़ने लगता है और अंततः पूरा पौधा मर जाता है।

  • उत्तरजीविता और प्रसार: – रोगज़नक़ मिट्टी और लहसुन के बल्ब में रहता है |

  • अनुकूल परिस्थितियां: – नम मिट्टी और 27 डिग्री सेल्सियस तापमान रोग के विकास के लिए अनुकूल होता है।

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Manures and fertilisers for Mustard

खेत की तैयारी के समय 6-8 टन गोबर की खाद डालें। और 25-40 किलो नाइट्रोजन, 25 किलो  फास्फोरस और 16 किलो पोटास प्रति एकड़।

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Time of sowing for mustard

  • सरसो की बुवाई सितम्बर के अंतिम सप्ताह से अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक की जाती हैं |  
  • सामन्यतः सरसो के लिए  कतार से कतार की दूरी 30-45 सेमी रखते हैं तथा पौधे से पौधे की दूरी 10 – 15 सेमी  रखी जाती हैं 

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How to Control Cauliflower Diamondback moth

  • डायमण्ड बैक मोथ की रोकथाम के लिये बोल्ड सरसों को गोभी के प्रत्येक 25 कतारों के बाद 2 कतारों में लगाना चाहिये।
  • प्रोफेनोफ़ोस (50 ई.सी.) का 500 मिली/एकड़ या सायपरमेथ्रिन 4% ईसी + प्रोफेनोफॉस 40% ईसी @ 400 मिली/एकड़ की दर से घोल बना कर छिडकाव करें।
  • स्पाइनोसेड (25 एस.सी.) 100 मिली/एकड़ या ईंडोक्साकार्ब 300 मिली/एकड़ या इमामेक्टिन बेंजोएट @ 100 ग्राम/एकड़ पानी की दर से घोल बना कर छिड़काव करें। छिडकाव रोपण के 25 दिन व दूसरा इसके 15 दिन बाद करे।
  • जैविक नियंत्रण के लिए बेवेरिया बैसियाना @ 1  किलो/एकड़ | 
  • नोट :- हर स्प्रे के साथ स्टीकर अवश्य मिलाये | 

 

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Cauliflower Diamondback moth

पहचान

  • अंडे सफ़ेद-पीले व हल्के हरे रंग लिये होते है|
  • इल्लियाँ 7-12 मिमी. लम्बी, हल्के पीले- हरे रंग की व पुरे शरीर पर बारीक रोयें होते है|
  • वयस्क 8-10 मिमी. लम्बे मटमैले भूरे रंग के व हल्के गेहुएं रंग के पतले पंख जिनका भीतरी किनारा पीले रंग का होता है|
  • वयस्क मादा पत्तियों पर एक एक कर या समूह में अंडे देती है|
  • इनके पखों के ऊपर सफेद धारी होती है जिन्हें मोड़ने पर हीरे जैसी आकृति दिखती है|

नुकसान

  • छोटी पतली हरी इल्लियाँ अण्डों से निकलने के बाद पत्तियों की बाहरी परत को खाकर छेद कर देती है |
  • अधिक आक्रमण होने पर पत्तियां पूरी तरह से ढांचानुमा रहा जाती है | 

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 Why, when and how to add mycorrhiza in the field :- 

  • पौधे की जड़ की वृद्धि और विकास में सहायक हैं |
  • यह फॉस्फेट को मिट्टी से फसलों तक पहुंचने में मदद करता हैं |
  • नाइट्रोजन, पोटेशियम,लोहा,मैंगनीज,मैग्नीशियम,तांबा,जस्ता, बोरान, सल्फर और मोलिब्डेनम जैसे पोषक तत्वों को मिट्टी से जड़ो तक पहुंचाने का कार्य करता हैं जिससे पौधों को अधिक मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त हो पाते  हैं |
  • यह पौधों को मज़बूती प्रदान करता हैं जिससे वह कई रोग, पानी की कमी आदि के लिए कुछ हद तक सहिष्णु हो जाते हैं |
  • फसल की प्रतिरक्षा शक्ति में वृद्धि करता हैं परिणाम स्वरूप उत्पाद की गुणवत्ता में वृद्धि होती हैं |
  • क्योकी माइकोराइजा जड़ क्षेत्र को बढ़ाता हैं इसलिए फसल अधिक स्थान से जल ले पाते हैं |
  • मृदा उपचार –  50 किलो अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद/कम्पोस्ट/वर्मी कम्पोस्ट/खेत की मिट्टी में @ 4 किलो माइकोराइजा को मिला कर फिर यह मात्रा प्रति एकड़ की दर से फसल बुवाई/रोपाई से पहले मिट्टी में मिला दें।
  • बुआई के 25-30 दिन बाद खड़ी फसल में उपरोक्त मिश्रण का बुरकाव करें।

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Aphid of Cucumber

  • शिशु व वयस्क कोमल नाशपाती  के आकार के काले रंग के होते है । 
  • शिशु एवं वयस्को का समूह पत्तियों की निचली सतह पर चिपके हुये होते है, जो इनके ऊतको से रस चूसते है । 
  • ग्रसित भाग पीले होकर सिकुडकर मुड जाते है। अत्यधिक आक्रमण की अवस्था में पत्तियाँ सूख जाती है व धारे-धीरे पौधा सूख जाता है। 
  • फलों का आकार एवं गुणवत्ता कम हो जाती है। 
  • माहू के द्वारा पत्तियों की सतह पर या पौधे के भागों के ऊपर मधुरस का स्त्राव किया जाता है, जिन पर सूटी फंगस का विकास हो जाता है,जिसके कारण पौधे की प्रकाश संश्लेषण की क्रिया प्रभावित होती है, अंततः पौधे की वृद्धि रूक जाती है। 
  • सूटी फंगस द्धारा ग्रसित फल अनाकर्षक होते है, जिनका मूल्य कम हो जाता है । 
  • प्रोफेनोफॉस 50% ईसी @ 400 मिली / एकड़ या
  • एसिटामिप्राइड 20% एसपी 40-80 ग्राम / एकड़ या
  • ऐसफेट 50% + इमिडाक्लोप्रिड 1.8% एसपी @ 300 ग्राम / एकड़

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