इस योजना से युवाओं को हर महीने मिलेंगे 10000 रुपये, पढ़ें पूरी जानकारी

Mukhyamantri Sikho Kamao Yojana

भारत एक युवा देश है और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है। केंद्र सरकार की ओर से “आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना” और “प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना” चलाई जा रही है तो वहीं प्रदेश सरकारें भी कई सारी लाभकारी योजनाएं चला रही है। आज के इस लेख में हम आपको मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही ख़ास योजना ‘मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना’ से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत सरकार युवाओं को हर महीने एकमुश्त राशि उपलब्ध करवाएगी।

इस योजना के तहत सरकार द्वारा मिलने वाके खर्चे की राशी अधिकतम 10000 रूपये तक हो सकती है। यहाँ राशि विभिन्न कोर्स के अनुसार निर्धारित होगी। यह योजना एक से अधिक चरणों में संचालित की जा रही है। बता दें की पहले चरण में एक लाख युवाओं को सरकार ने रोजगार कौशल प्रशिक्षण देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार यह योजना प्रदेश के 46 अलग अलग क्षेत्रों के 700 से ज्यादा पाठ्यक्रमों के साथ शुरू करेगी। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार के लिए आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।

इस योजना में 18 से 29 साल की आयु के मध्य प्रदेश के युवा आवेदन कर सकते हैं। इन युवाओं की उच्चतम शैक्षिक योग्यता या तो 12वीं या ITI पास होना जरूरी है। अगर युवक 12वीं पास होगा तो उसे हर महीने 8000 रुपये मिलेंगे वहीं आईटीआई पास युवकों को 8500 रूपये मिलेंगे। अगर युवक स्नातक पास होगा तो 9000 रुपये और इससे भी उच्च डिग्री धारक होगा तो अधिकतम 10000 रुपये की रकम हर महीने मिलेगी। योजना में आवेदन करने के इच्छुक युवा एमएमवायएस पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

Share

मध्य प्रदेश की मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव?

soybean mandi Bhaw,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
धार बदनावर पीला 4200 4400
शिवपुरी बराड़ सोयाबीन 4000 4600
सागर बीना पीला 4350 4501
देवास देवास अन्य 3400 4500
विदिशा गंज बासौदा पीला 2800 4582
झाबुआ झाबुआ सोयाबीन 4196 4253
झाबुआ झाबुआ पीला 4200 4350
शाजापुर कालापीपल पीला 3950 4595
उज्जैन खाचरौद पीला 4100 4100
राजगढ़ खिलचीपुर पीला 4240 4240
हरदा खिरकिया पीला 4402 4402
राजगढ़ माचलपुर पीला 4100 4750
सागर मालथोन अन्य 3600 4075
टीकमगढ़ निवाड़ी पीला 4290 4300
खंडवा पंधाना अन्य 4100 4575
खरगोन सेगांव अन्य 4100 4281
बड़वानी सेंधवा पीला 4100 4100
सागर शाहगढ़ अन्य 4050 4200
रतलाम ताल सोयाबीन 4700 4700
उज्जैन उन्हेल सोयाबीन 4120 4360

स्रोत: एगमार्कनेट

ताज़ातरीन मंडी भाव व कृषि क्षेत्र की सभी महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज का लेख पसंद आया हो तो  शेयर करना ना भूलें।

Share

सल्फर का फसल के लिए क्या होता है महत्व, जानें इसके लाभ

Importance of Sulfur in crops
  • सल्फर (गंधक) फसलों में प्रोटीन के प्रतिशत को बढ़ाने में सहायक होता है साथ ही साथ यह पर्णहरित लवक के निर्माण में योगदान देता है जिसके कारण पत्तियां हरी रहती हैं तथा पौधों के लिए भोजन का निर्माण हो पाता है।

  • सल्फर पौधों में नाइट्रोजन की क्षमता और उपलब्धता को बढ़ाता है।

  • दलहनी फसलों में, सल्फर के कारण हीं जड़ों में अधिक गाठों का विकास होता है। इससे जड़ों में उपस्थित राइज़ोबियम नामक जीवाणु, वायुमंडल में उपस्थित नाइट्रोजन को लेकर, फसलों को उपलब्ध कराते हैं।   

  • तम्बाकू, सब्जियों एवं चारे वाली फसलों की गुणवत्ता भी सल्फर के कारण बढ़ जाती है।

  • सल्फर का महत्वपूर्ण उपयोग तिलहन फसलों में प्रोटीन और तेल की मात्रा में वृद्धि करना है। 

  • सल्फर आलू की फसल में स्टार्च की मात्रा को बढ़ाता है।

  • सल्फर को मिट्टी का सुधारक भी कहा जाता है क्योंकि यह मिट्टी के पीएच को कम करता है।

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

Share

भारी बारिश के साथ कहीं कहीं गिर सकते हैं ओले, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव पहाड़ों पर पूरी तरह से नजर आ रहा है। कई स्थानों पर तेज बारिश के साथ बर्फबारी भी देखी गई है। पंजाब में तेज बारिश हो रही है साथ हीं कुछ स्थानों पर ओले भी गिरे हैं। अब जल्दी ही हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तरी और पश्चिम मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई जिलों में बारिश होगी। इन राज्यों में कहीं-कहीं ओले गिरने की भी संभावना दिखाई दे रही है। दक्षिण भारत में कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल सहित रॉयलसीमा में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है। एक चक्रवातीय हवाओं का क्षेत्र दक्षिणी पूर्वी अरब सागर पर बना है जिसके प्रभाव से लक्षद्वीप में भारी बारिश होगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम संबंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। आज की जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने मित्रों के साथ शेयर जरूर करें।

Share

रबी फसलों में ऐसे करें दीमक का नियंत्रण

  • दीमक एक पोलीफेगस कीट होता है जिसका मतलब यह होता है की यह सभी फसलों को बर्बाद कर सकता है।

  • दीमक भूमि के अंदर फैली पौधों की जड़ों को बहुत नुकसान पहुँचाता है। इसका प्रकोप अधिक होने पर ये तने को भी नुकसान पहुंचाता है।

  • आलू, टमाटर, मिर्च, बैंगन, फूल गोभी, पत्ता गोभी, सरसों, राई, मूली, गेहू आदि फसलों को यह सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है।

  • इस कीट के नियंत्रण के लिए निम्र प्रबंधन करना जरूरी है।

  • बीजों को कीटनाशकों के द्वारा बीज़ उपचार करके ही बोना चाहिए।

  • कीट नाशक मेट्राजियम से मिट्टी उपचार अवश्य करना चाहिए।

  • कच्ची गोबर की खाद का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि कच्चा गोबर इस कीट का मुख्य भोजन है।

  • दीमक को नियंत्रित करने के लिए क्लोरपायरीफोस 20% EC @ 1 लीटर को 4 किलो रेत में मिलाकर प्रति एकड़ खेत में बुआई के समय डालना चाहिए।

कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो शेयर करना ना भूलें।

Share

कई राज्यों में बारिश और ओलावृष्टि की संभावना, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

पहाड़ों पर अब आएंगे एक के बाद एक कई पश्चिमी विक्षोभ जिससे जमकर बारिश और बर्फबारी होगी। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के पश्चिमी भागों और राजस्थान और गुजरात के कुछ इलाकों में भी बारिश की संभावना है। एक दो स्थानों पर ओले भी गिर सकते हैं। 20 और 21 तारीख तक इस तरह का मौसम बना रहेगा उसके बाद उत्तरी हवाएं मौसम को ठंडा करेंगे तथा सर्दी की शुरुआत हो जाएगी। महाराष्ट्र के तटीय जिलों में भी हल्की बारिश की संभावना है। दक्षिण भारत में तेज बारिश हो सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम संबंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। आज की जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने मित्रों के साथ शेयर जरूर करें।

Share

ट्रैक्टर थ्रेसर की खरीद पर मिल रहा अनुदान, जानें टॉप 5 थ्रेसर की पूरी जानकारी

tractor thresher

खेतीबाड़ी में कृषि मशीनरी का उपयोग बढ़ता जा रहा है। इनके उपयोग से लागत और श्रम दोनों की बचत होती है। इसके साथ ही खेती के दूसरों कामों के लिए भी समय बच जाता है। हालांकि सभी किसान भाई इन कृषि यंत्रों को खरीदने में आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं। ऐसे में कृषि उपकरणों की बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए सरकार किसानों के लिए एक खास योजना चला रही है।

केंद्र सरकार की ओर से देश के किसानों के लिए हर तरह की कृषि मशीनरी खरीदने पर 30% से 50% का अनुदान दिया जाता है। हालांकि सभी राज्यों में ये सब्सिडी अलग-अलग तय की गई है। इसी क्रम में मध्य प्रदेश सरकार अपने राज्य के किसानों को ट्रैक्टर थ्रेसर की खरीद पर 50% का अनुदान दे रही है।

खेती में ट्रैक्टर थेसर की उपयोगिता

यह मशीन अनाज को काटने का काम करती है। इसकी मदद से फसल की भूसी और डंठल से बीज निकाला जाता है। सोयाबीन, गेहूं, मक्का, मटर और अन्य कई छोटे अनाज वाली फसलों की कटाई और गहाई के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। थ्रेसर को ट्रैक्टर से जोड़कर चलाया जाता है।

वैसे तो सरकार सभी प्रकार के थ्रेसर पर किसानों को सब्सिडी प्रदान कर रही है। इस लेख के जरिए आपको चुनिंदा 5 कंपनियों के ट्रैक्टर थ्रेसर के बारे में जानकारी देंगे, जो खेतीबाड़ी में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं।

  • लैंडफोर्स ट्रैक्टर थ्रेसर

लैंडफोर्स कंपनी के पैडी थ्रेसर, मल्टीक्रोप थ्रेसर, हारम्भा थ्रेसर और मेज थ्रेसर बाजार में काफी लोकप्रिय है। ये उपकरण बड़े क्षेत्रफल में कम समय के साथ कटाई और गहाई का काम करने में सक्षम हैं।

  • दशमेश ट्रैक्टर थ्रेसर

दशमेश कंपनी के मेज थ्रेसर और पैडी थ्रेसर का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है। मेज थ्रेसर की क्षमता 4000 से 6000 किलो प्रति घंटा है। जो कि अपनी गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। इसी तरह पैडी थ्रेसर धान की बढ़िया गहाई के लिए जाना जाता है।

  • महिंद्रा ट्रैक्टर थ्रेसर

इसके महिंद्रा थ्रेसर और महिंद्रा एम-55 किसान भाईयों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। ये दोनों ही भूसी से अनाज अलग करने में एक्सपर्ट हैं। इन्हें खेत में किसी भी स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता है।  

  • केएस ग्रुप ट्रैक्टर थ्रेसर

इसके केएस ग्रुप थ्रेसर और मल्टीक्रॉप थ्रेसर बाजार में काफी प्रचलित है। मल्टीक्रॉप थ्रेसर की मदद से मूंगफली, मक्का, सोयाबीन, राजमा, गेहूंं के अलावा हरी और काली दाल की गहाई आसानी से की जा सकती है। वहीं केएस ग्रुप के थ्रेसर अपनी कार्य कुशलता के लिए जाना जाता है।

  • स्वराज ट्रैक्टर थ्रेसर

इसके पी 550 मल्टीक्रॉप थ्रेसर की मांग किसानों के बीच सबसे ज्यादा है। इसका प्रयोग दाल, सोयाबीन एवं गेहूं सहित फलियों वाली फसल के दाने अलग करने में किया जाता है। हालांकि इस उपकरण का वजन 1550 किलोग्राम है, जो की काफी ज्यादा है।

स्रोत: ट्रैक्टर जंक्शन

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

Share

20000 रुपये तक पहुंचे लहसुन के भाव, जानें मध्यप्रदेश की मंडियों का हाल

garlic mandi rate

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर अकोदिया औसत 2000 13055
धार बदनावर (F&V) लहसुन 4500 9000
खरगोन बड़वाह अन्य 12000 18000
मन्दसौर दलौदा औसत 3500 15550
सीहोर इछावर लहसुन 6600 8800
रतलाम जावरा देसी 8500 20400
शाजापुर कालापीपल अन्य 4365 12825
ग्वालियर लश्कर (F&V) लहसुन 7000 9000
नीमच मनसा अन्य 6900 12910
मन्दसौर मन्दसौर अन्य 5000 17000
सीहोर सीहोर अन्य 4700 13100
शाजापुर शाजापुर (F&V) अन्य 6000 12000
झाबुआ थांदला औसत 5000 6000

स्रोत: एगमार्कनेट

ताज़ातरीन मंडी भाव व कृषि क्षेत्र की सभी महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज का लेख पसंद आया हो तो  शेयर करना ना भूलें।

Share

भिंडी की फसल में पीला शिरा मोज़ेक वायरस प्रकोप के लक्षण एवं नियंत्रण

Symptoms and control of yellow vein mosaic virus in okra crop

पीला शिरा मोज़ेक दरअसल एक वायरस यानी विषाणु जनित रोग है जो फसल में उपस्थित रसचूसक कीट के कारण से और ज्यादा फैलता है। यह भिंडी की फसल के लिए वर्तमान समय में बेहद घातक हो सकता है।  

लक्षण: इस रोग के शुरुआती अवस्था में ग्रासित पौधे की पत्तियों की शिराएँ पीली पड़ने लगती हैं और जैसे ही रोग बढ़ता जाता है वैसे वैसे पीलापन पूरी पत्ती पर फैलता जाता है और इसके परिणाम से पत्तियाँ मुड़ने एवं सिकुड़ने लगती है, पौधे की वृद्धि रुक जाती है। प्रभावित पौधे के फल हल्के पीले, विकृत और सख्त हो जाते हैं।

नियंत्रण: यह रोग मुख्यत सफेद मक्खी से फैलता है, इसके नियंत्रण के लिए नोवासेटा (एसिटामिप्रिड 20% SP) @ 30 ग्राम प्रती एकड़ या पेजर (डायफैनथीयुरॉन 50% WP) 240 ग्राम/एकड़ के दर से 150 से 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो शेयर करना ना भूलें।

Share

अगले कुछ दिन भारी बारिश की संभावना, देखें मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

एक नया पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ों के आसपास पहुंच रहा है। इसके कारण जल्दी ही पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी शुरू हो जाएगी। अगले 24 घंटे में पंजाब में बारिश शुरू हो जाएगी उसके बाद हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से दिल्ली तथा उत्तरी राजस्थान बारिश देखेंगे। 16 और 17 अक्टूबर से बारिश की गतिविधियां पश्चिम मध्य प्रदेश राजस्थान गुजरात के कुछ भागों सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तर प्रदेश के बाकी भागों में भी दिखाई देंगे। मुंबई सहित महाराष्ट्र के कुछ भागों में हल्की बारिश की संभावना बन रही है। पूर्वी भारत शुष्क रहेगा उत्तर पूर्वी भारत में हल्की बारिश होगी परंतु दक्षिण भारत में बारिश की गतिविधियां तेज हो सकती हैं।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम संबंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। आज की जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने मित्रों के साथ शेयर जरूर करें।

Share