इस स्कीम से किसानों को पीएम किसान के 6000 के अलावा और 5000 रूपये मिलेंगे

In this scheme, farmers will get 5000 rupees in addition to PM Kisan 6000

किसानों को फायदा पहुँचाने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही एक नई खुशख़बरी देने वाली है। अब किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत मिलने वाले 6000 रुपए के अलावा 5000 रुपए और देने की तैयारी चल रही है। इसका मतलब ये हुआ की अब किसानों को 6000 रूपये की जगह पर हर साल 11000 रुपए की रकम मिलेगी।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत मिलने वाले 6000 रुपए के अलावा जो 5000 रुपए दिए जाने की बात चल रही है वो दरअसल किसानों को खाद के लिए मिलेगी। इस योजना से सरकार बड़ी-बड़ी खाद कंपनियों को सब्सिडी देने के बदले सीधे किसानों के खाते में पैसा भेजने की सोच रही है।

बता दें की कृषि लागत एवं मूल्य आयोग ने केंद्र सरकार से किसानों को सीधे 5000 रुपए सालाना खाद सब्सिडी के रूप में नगद देने की अपील की है। आयोग यह चाहता है कि यह पूरी रकम किसानों को 2500 रुपए की दो किश्तों में भुगतान किये जाएँ। इनमे पहली किश्त खरीफ सीजन के आरम्भ में और दूसरी किश्त रबी सीजन के आरम्भ में दिए जाएँ।

स्रोत: कृषि जागरण

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काले गेहूं की खेती के फायदे

Benefits of black wheat cultivation
  • काला गेहूं दरअसल गेहूं की एक खास किस्म होती है, जिसकी खेती खास तरीके से की जाती है।
  • काले गेहूं में सामान्य गेहूं की तुलना में लगभग 60 प्रतिशत अधिक आयरन होता है। 
  • इस गेहूं में प्रोटीन, पोषक तत्व और स्टार्च की मात्रा सामान्य गेहूं की तरह ही समान रहती है। 
  • भारत में आम तौर पर काले गेहूं की खेती बहुत कम होती है।  
  • साधारण गेहूं में एंथोसाइनिन की मात्रा 5 से 15 पीपीएम होती है जबकि काले गेहूं में इसकी मात्रा 40 से 140 पीपीएम होती है
  • एंथ्रोसाइनीन एक नेचुरल एंटी ऑक्सीडेंट व एंटीबायोटिक है जो हार्ट अटैक, कैंसर, शुगर, मानसिक तनाव, घुटनों का दर्द, एनीमिया जैसे रोगों में काफी कारगर सिद्ध होता है
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कवक जनित रोगों के नियंत्रण हेतु क्या करना चाहिए?

How to control fungal diseases
  • किसी भी फसल से अच्छे उत्पादन की प्राप्ति के लिए फसल में कवक जनित रोगों को नियंत्रण करना बहुत आवश्यक होता है।
  • कवक जनित रोगों की रोकथाम में ‘सावधानी ही सुरक्षा है’ का मूल मंत्र काम करता है। इस रोग के प्रकोप होने से पहले उपचार करना बहुत आवश्यक है। अर्थात इसके लिए बुआई के पूर्व ही नियंत्रण करना बहुत आवश्यक होता है।
  • सबसे पहले बुआई के पूर्व मिट्टी उपचार करना बहुत आवश्यक होता है। 
  • मिट्टी उपचार बाद बीजो को कवक रोगों से बचाव के लिए कवक नाशी से बीज़ उपचार करना बहुत आवश्यक है। 
  • बुआई के 15-25 दिनों में कवकनाशी का छिड़काव करें जिससे की फसल को अच्छी शुरुआत मिल जाए एवं जड़ों विकास अच्छे से हो जाए। 
  • इसके अधिक प्रकोप की स्थिति में हर 10 से 15 दिनों में छिड़काव करते रहें।
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करेले की फसल में लाल भृंग कीट का नियंत्रण

Control of Red Pumpkin Beetle in Bitter Gourd
  • इस कीट के अंडे से निकले हुये ग्रब जड़ों, भूमिगत भागों एवं जो फल भूमि के संपर्क में रहते है उनको खाता है।
  • इनसे प्रभावित पौधे के संक्रमित भागों पर मृतजीवी फंगस का आक्रमण हो जाता है जिसके फलस्वरूप अपरिपक्व फल व लताएँ सुख जाती हैं। 
  • ये पत्तियों को खाकर उनमें छेद कर देते हैं। पौध अवस्था में बीटल का आक्रमण होने पर यह  मुलायम पत्तियों को खाकर हानि पहुँचाते है जिसके कारण पौधे मर जाते हैं।
  • गहरी जुताई करने से भूमि के अंदर उपस्थित प्यूपा या ग्रब ऊपर आ जाते हैं और सूर्य की किरणों के सम्पर्क में मर जाते हैं। 
  • इससे बचाव के लिए बीजो के अंकुरण के बाद पौध के चारों तरफ भूमि में कारटाप हाईड्रोक्लोराईड 4G@ 7.5 किलो प्रति एकड़ की दर से मिट्टी उपचार करें। 
  • इसके अलावा आपक प्रोफेनोफोस 40 % + सायपरमेथ्रिन 4% EC@ 400 मिली/एकड़ या लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 4.9% CS@ 200 मिली/एकड़ की दर से भी छिड़काव में उपयोग कर सकते हैं। 
  • जैविक उपचार के रूप बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करे या मिट्टी उपचार के रूप में उपयोग करें।
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अगले दस दिनों में सर्दियाँ देने वाली है दस्तक, जानें अपने क्षेत्र के मौसम का हाल

Weather report

पिछले कुछ दिनों से मौसम का मिजाज बदलने लगा है और न्यूनतम तापमान में गिरावट देखने को मिल रही है। गिरते हुए तापमान से अब संभावना जताई जा रही है की आने वाले आठ से दस दिनों में ठंड की शुरुआत हो जायेगी। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विभाग ने भी यह संभावना जताई है कि आने वाले 10 दिनों में ठंड देश के कई राज्यों में दस्तक दे देगी।

बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर में निम्न वायुदाब का क्षेत्र विकसित हो गया है जिस कारण पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और मध्य प्रदेश समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई राज्यों में हल्की बारिश के आसार हैं।

मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के मध्य भाग में निम्न दबाव का क्षेत्र बना है। गौरतलब है की मानसून के समय बारिश की हवा नमी लाती है पर वर्तमान में मानसून का सिस्टम कमजोर होने के बारिश नहीं हो रही है। पश्चिमी विक्षोभ की हवा शुष्क होती है तो वातावरण में ठंडक बढ़ती है। यही हवा हिमालय से टकराकर मैदानी क्षेत्रों में सर्दियों के समय बारिश कराती हैं।

स्रोत: जागरण

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बैंगन की फसल में छोटी पत्ती रोग से बचाव के उपाय

Little leaf disease of Brinjal
  • यह एक विषाणु जनित रोग है जो लीफ हॉपर के कारण होता है। 
  • यह छोटी पत्ती रोग बैगन की फसल में भारी आर्थिक नुकसान का कारण बनती है।
  • जैसा कि नाम से समझ आता है, इस रोग के लक्षणों में बैगन की फसल के पेटीओल्स का आकार छोटा रह जाता है।
  • पत्तियों का आकार भी इसके कारण बहुत छोटा रह जाता है। इसके अलावा पेटीओल्स इतने कम होते हैं कि पत्तियां तने से चिपकी हुई लगती है।
  • इससे बचाव के लिए एसिटामिप्रीड 20% SP@ 80 ग्राम/एकड़ या थियामेंथोक्साम 25% WG@100 ग्राम/एकड़ या थियामेंथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 9.5% ZC@ 100 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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पीएम किसान योजना से मिलेगा किसान क्रेडिट कार्ड, किसान ले सकेंगे सस्ते लोन

Kisan Credit Card will be available from PM Kisan Yojana, farmers will be able to get cheap loan

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के जरिए अब आप पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा आसानी से किसान क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं। इस योजना के जरिए आत्मनिर्भर भारत के तहत 1.5 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं और इनके खर्च की सीमा 1.35 लाख करोड़ रुपये है।

कृषि मंत्रालय के मुताबिक कुल 2 लाख करोड़ रुपये तक की खर्च सीमा के 2.5 करोड़ केसीसी जारी किए जाएंगे। इससे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के सभी लाभार्थियों को केसीसी का भी फायदा मिलेगा। इस कार्ड के जरिए 3 लाख रुपये तक का कर्ज खेती के लिए लिया जा सकता है और ये कर्ज 4 प्रतिशत की बहुत कम दर से मिलता है।

स्रोत: न्यूज 18

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भिंडी की फसल में सफ़ेद मक्खी के लक्षण एवं नियंत्रण

Characteristics and control of white fly in okra
  • इस कीट का शिशु एवं वयस्क दोनों ही रूप भिंडी की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुँचाते हैं। 
  • ये पत्ती की कोशिकाओं का रस चूसकर पौधे के विकास को बाधित कर देते हैं एवं पौधे पर उत्पन्न होने वाली काली कवक नामक हानिकारक कवक के संक्रमण का कारण भी बनते हैं।  
  • इसके अधिक प्रकोप की स्थिति में भिंडी की फसल पूर्णतः संक्रमित हो जाती है। फसल के पूर्ण विकसित हो जाने पर भी इस कीट का प्रकोप होता है। इसके कारण से पौधों की पत्तियां सूख कर गिर जाती हैं।  
  • प्रबंधन:- इस कीट के निवारण के लिए डायफेनथुरोंन 50% SP@ 250 ग्राम/एकड़ या  फ्लोनिकामाइड 50% WG @ 60 मिली/एकड़ या एसिटामेप्रिड 20% SP @ 100 ग्राम/एकड़ या पायरीप्रोक्सीफेन 10% + बॉयफेनथ्रीन 10% EC 250 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें। 
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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आलू की फसल में बुआई के समय ऐसे करें पोषण प्रबंधन

Nutrition management at the time of sowing in potato crop
  • आलू की फसल से अच्छे उत्पादन की प्राप्ति के लिए पोषक तत्वों की अधिक आवश्यकता पड़ती है  
  • आलू की फसल कन्द वाली फसल होती है इसी कारण आलू की फसल बहुत अधिक मात्रा में पोषक तत्व ग्रहण करती है 
  • अत: पौधे की अच्छी बढ़वार एवं अधिक उत्पादन के लिए उपयुक्त समय एवं उचित मात्रा में    खाद प्रबंधन बहुत ही आवश्यक होता है
  • बुआई के पहले मिट्टी उपचार के रूप में एसएसपी @ 200 किलो/एकड़ +  DAP @75 किलो/एकड़ + DAP (बिना एसएसपी के) @ 150 किलो/एकड़  + पोटाश@ 75 किलो/एकड़  की दर से उपयोग करें। 
  • बुआई समय पोषण प्रबंधन के लिए यूरिया (एसएसपी के साथ) @ 60 किलो/एकड़ + यूरिया (एसएसपी के बिना) @ 45 किलो/एकड़ की दर से खाली खेत में भुरकाव करें
  • इन सभी पोषक तत्वों के साथ ग्रामोफ़ोन की पेशकश “आलू समृद्धि किट” का उपयोग आलू की फसल के पोषण प्रबंधन लिए किया जा सकता है। इस किट का उपयोग मिट्टी उपचार के लिए किया जाता है।
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अगर नहीं आई है पीएम किसान योजना की क़िस्त तो ऐसे जानें अपना स्टेटस

If the installment of PM Kisan Yojana has not come, then know your status

अगर आपने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत आवेदन किया है और अब तक बैंक अकाउंट में आपकी क़िस्त के पैसे नहीं आये हैं तो इसका कारण आप खुद जान सकते हैं। अपने पीएम किसान स्कीम का स्टेटस जानने के लिए आपको ऑनलाइन पीएम किसान पोर्टल पर जाना होगा।

पीएम किसान पोर्टल पर जाकर कोई भी किसान भाई अपना आधार, मोबाइल और बैंक खाता नंबर दर्ज करके योजना से संबंधित अपने स्टेटस की जानकारी ले सकता है। अगर आपका भी पैसा आपके खाते में अभी तक नहीं पहुंचा है इस लिंक? https://pmkisan.gov.in/ पर जाकर इसके कारणों का पता लगाएं।

इस योजना के अंतर्गत अभी तक अगर आपने रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है तो इसी किसान पोर्टल के माध्यम से आप अपना रजिस्ट्रेशन खुद कर सकते हैं और योजना का लाभ ले सकते हैं।

स्रोत: न्यूज 18

 

 

 

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