- गोभी के तने पर भूरे धब्बे दिखाई देते हैं जिन पर सफेद फफूंदी मृदुरोमिल होती है।
- पत्तियों की निचली सतह पर बैगनी भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं।
- इस रोग के प्रभाव से फूलगोभी का शीर्ष संक्रमित होकर सड़ जाता है।
- उचित जल प्रबंधन करें ताकि मिट्टी की सतह पर अतिरिक्त नमी न रहे।
- कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% WP @ 300 ग्राम/एकड़ या मेटालैक्सिल 8% + मैनकोज़ेब 64% WP @ 600 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।
- एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 23% SC @ 200 मिली/एकड़ या एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 11% + टेबुकोनाज़ोल 18.3% SC@ 300 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- फसल चक्र अपनाएं एवं खेत में साफ़ सफाई बनाये रखें।
गेहूँ की बुआई के 40-45 दिनों में छिड़काव करने से मिलेंगे कई लाभ
- गेहूँ की 40-45 दिनों की अवस्था दरअसल फसल वृद्धि की बहुत महत्वपूर्ण अवस्था होती है।
- इस समय कवक जनित एवं कीट जनित रोगों से भी फसल की सुरक्षा की जाने की जरुरत होती है।
- कीट नियंत्रण के लिए: इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL @ 60 मिली/एकड़ या थियामेंथोक्साम 25% WG@ 100 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।
- जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- कवक रोगों के लिए: हेक्साकोनाज़ोल 5% SC @ 400 ग्राम/एकड़ या कासुगामायसिन 5% + कॉपर आक्सीक्लोराइड 45% WP@ 300 ग्राम/एकड़ की दर करें।
- जैविक उपचार के रूप में ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- वृद्धि विकास के लिए: होमोब्रेसीनोलाइड 0.04% @ 100 मिली/एकड़ या जिब्रेलिक एसिड @ 300 मिली/एकड़ की दर से उपयोग करें।
किसान पशुधन बीमा से अब पशुधन हानि पर पाएं मुआवजा
पशुपालन करने वाले किसान अक्सर पशुधन की हानि को लेकर चिंतित रहते हैं। पर अब पशुधन बीमा योजना के माध्यम से पशुधन हानि की भरपाई संभव हो गई है। इस योजना को मध्य प्रदेश के सभी जिलों में लागू कर दिया गया है।
इस योजना के अंतर्गत एक हितग्राही अधिक से अधिक 5 पशुओं का बीमा करवा सकता है। इस योजना में भेड़, बकरी, सूअर आदि में 10 पशुओं की संख्या को एक पशु इकाई माना जाता है। इसका मतलब ये हुआ कि भेड़, बकरी एवं सूअर पालक एक बार में 50 पशुओं का बीमा करवा सकते हैं।
स्रोत: कृषक जगत
Shareइंदौर मंडी में क्या चल रहा है प्याज लहसुन और आलू का भाव?
प्याज का भाव | |
किस्म का नाम | भाव |
सुपर | 1800-2100 रूपये प्रति क्विंटल |
एवरेज | 1400-1700 रूपये प्रति क्विंटल |
गोलटा | 900-1200 रूपये प्रति क्विंटल |
गोलटी | 500-700 रूपये प्रति क्विंटल |
छाटन | 300-800 रूपये प्रति क्विंटल |
लहसुन का भाव | |
किस्म का नाम | भाव |
सुपर | 5500-6500 रूपये प्रति क्विंटल |
एवरेज | 4500-5500 रूपये प्रति क्विंटल |
मीडियम | 3100-4500 रूपये प्रति क्विंटल |
हल्की | 2000-2500 रूपये प्रति क्विंटल |
आलू का भाव | |
आवक: 15000 कट्टे | |
किस्म का नाम | भाव |
सुपर पक्का | 1400-1800 रूपये प्रति क्विंटल |
ऐवरेज | 1100-1300 रूपये प्रति क्विंटल |
गुल्ला | 600-900 रूपये प्रति क्विंटल |
छररी | 300-500 रूपये प्रति क्विंटल |
छाटन | 400-700 रूपये प्रति क्विंटल |
तरबूज़ की फसल में बुआई के समय उर्वरक प्रबंधन
- तरबूज़ की फसल में बुआई के समय उर्वरक प्रबंधन करने से फसल में पोषण से संबंधित समस्याओं से सुरक्षा होती है।
- उर्वरक प्रबंधन करने से पोषक तत्वों की पूर्ति होती है एवं फसल में पोषक तत्वों की कमी से सुरक्षा होती है।
- बुआई के समय उर्वरक प्रबंधन करने के लिए DAP @ 50 किलो/एकड़ + एसएसपी @ 75 किलो/एकड़ + पोटाश @ 75 किलो/एकड़ + जिंक सल्फ़ेट @ 10किलो/एकड़ + मैगनेशियम सल्फ़ेट @ 10 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार के रूप में उपयोग करें।
- इस प्रकार उर्वरक प्रबंधन करने से फसल एवं मिट्टी में फॉस्फोरस, पोटाश, नाइट्रोजन जैसे उर्वरकों की पूर्ति आसानी से हो जाती है।
चने की फसल में बुआई के 40-45 दिनों में करें ये छिड़काव
- चने की फसल में 40-45 दिनों में छिड़काव प्रबंधन करने से फसल के वृद्धि एवं विकास में काफी लाभ मिलता है।
- इस समय चने की फसल में फूल एवं फल आने शुरू हो जाते हैं जिसकी वजह से चने की फसल में बहुत अधिक मात्रा में कीट प्रकोप होता है। कीटों के प्रकोप के कारण चने की फसल का उत्पादन बहुत ज्यादा प्रभावित होता है।
- कीट नियंत्रण के लिए: इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG@ 100 ग्राम/एकड़ या थियामेंथोक्साम 25% WG@ 100 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।
- जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना@ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- कवक रोगो के लिए: हेक्साकोनाज़ोल 5% SC@ 400 ग्राम/एकड़ या थायोफिनेट मिथाइल 70% W/W @ 300 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- जैविक उपचार के रूप में ट्रायकोडर्मा विरिडी@ 500 ग्राम/एकड़ या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
- वृद्धि विकास के लिए: होमोब्रेसीनोलाइड 0.04% @ 100 मिली/एकड़ या पेक्लोबूट्राज़ोल 40% SC@ 30 मिली/एकड़ की दर से उपयोग करें।
18 दिसंबर को किसानों के खातों में भेजे जाएंगे 1600 करोड़ रुपये
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है की प्रदेश के किसानों को आगामी 18 दिसंबर को 1600 करोड़ रूपये दिए जाएंगे। उन्होंने बताया की 1600 करोड़ रूपये की यह राशि इसी साल हुई सोयाबीन आदि फ़सलों के नुकसान का पैसा है।
बता दें की 1600 करोड़ रूपये दरअसल कुल राहत राशि का एक हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने किसानों से कहा है कि एक किस्त अभी देंगे और बाद में दूसरी किस्त भी देंगे। तब तक फसल बीमा योजना की राशि भी आ जाएगी।
स्रोत: नवभारत टाइम्स
Shareइंदौर के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहा है भाव?
डिवीजन | मंडी | फसल | न्यूनतम दर (₹/क्विंटल) |
अधिकतम दर (₹/क्विंटल) |
मॉडल दर (₹/क्विंटल) |
इन्दौर | खरगोन | कपास | 3800 | 5725 | 4700 |
इन्दौर | खरगोन | गेहूँ | 1550 | 1756 | 1630 |
इन्दौर | खरगोन | ज्वार | 1170 | 1175 | 1175 |
इन्दौर | खरगोन | तुअर/अरहर | 5456 | 5571 | 5571 |
इन्दौर | खरगोन | मक्का | 1250 | 1336 | 1280 |
इन्दौर | खरगोन | सोयाबीन | 3855 | 4380 | 4160 |
इन्दौर | सेंधवा | टमाटर | 700 | 1300 | 1000 |
इन्दौर | सेंधवा | पत्ता गोभी | 800 | 1200 | 1000 |
इन्दौर | सेंधवा | फूलगोभी | 900 | 1500 | 1200 |
इन्दौर | सेंधवा | बैंगन | 700 | 1100 | 900 |
इन्दौर | सेंधवा | भिण्डी | 900 | 1300 | 1100 |
इन्दौर | सेंधवा | लौकी | 900 | 1200 | 1050 |
अब किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए नहीं लगाने होंगे बैंकों के चक्कर
किसान क्रेडिट कार्ड का फायदा सभी किसानों तक पहुँचाने के लिए सरकार ने अब इसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जोड़ दिया है। हालाँकि इस कदम के बाद भी किसान क्रेडिट कार्ड लेने की प्रक्रिया कठिन थी जिसकी वजह से किसान योजना में आवेदन नहीं कर पा रहे थे। अब इस परेशानी को दूर करने के लिए सरकार ने यूपीपीएम किसान केसीसी मोबाइल एप लांच किया है।
इस एप की मदद से किसान अब घर बैठकर किसान क्रेडिट कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इससे उन्हें काफी सहूलियत होगी और कहीं जाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
स्रोत: जागरण
Shareप्याज़ के पौध की खेत में रोपाई के समय करें पोषण प्रबंधन
- प्याज़ की पौध को मुख्य खेत में लगाने से पहले पोषण प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है।
- अतः इस बात का विशेष ध्यान रखते हुए रोपाई के समय खेत में सभी पोषक तत्वों की पूर्ति होना आवश्यक है।
- इस समय पोषण प्रबधन करने के लिए युरिया @ 25 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार के रूप में उपयोग करें।
- युरिया का उपयोग नाइट्रोज़न स्रोत के रूप एवं फसल एवं मिट्टी में नाइट्रोज़न की कमी की पूर्ति के लिए किया जाता है। यह फसल की बढ़वार के लिए आवश्यक है।
- इसी के साथ ग्रामोफ़ोन की पेशकश प्याज़ समृद्धि किट का उपयोग अच्छी वृद्धि एवं प्याज़ की फसल के अच्छे विकास के लिए किया जा सकता है।