मध्य प्रदेश समेत देश के कई क्षेत्रों में फरवरी के पहले हफ्ते में होगी बारिश

weather forecast

फरवरी के पहले सप्ताह में देश के विभिन्न राज्यों में बारिश होने के लिए मौसम अनुकूल बन रहा है। बारिश की गतिविधियां मुख्यतः उत्तर, मध्य और पूर्वी राज्यों में देखने को मिलेंगी। दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर राज्यों में मौसम में नहीं होगा विशेष बदलाव।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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गेहूँ की फसल में 80-90 दिनों की अवस्था में जरूर करें पोषण प्रबंधन

Nutrition management in wheat crop in 80-90 days
  • गेहूँ की फसल की 80-90 दिनों की अवस्था परिपक्वता की अवस्था रहती है। इस अवस्था में फसल को पर्याप्त आवश्यक तत्व प्रदान करना बहुत आवश्यक होता है।
  • इसके लिए कवक जनित रोगों से बचाव के लिए प्रोपिकोनाज़ोल 25% EC @ 200 मिली/एकड़ की दर छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • पोषण प्रबंधन के लिए 00:00:50 @ 1 किलो/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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मिट्टी में उपस्थित अति सूक्ष्म पोषक तत्वों से क्या लाभ मिलता है?

What is the benefit from the micro nutrients present in the soil?
  • सूक्ष्म पोषक तत्व या पोषक तत्व दरअसल वे तत्व हैं जिनका मिट्टी में अच्छी मात्रा में होना एक अच्छी मिट्टी की पहचान होती है।
  • मिट्टी में इन तत्वों की उपस्थिति बहुत जरूरी होती है हालाँकि इन तत्वों की आवश्यकता बहुत कम मात्रा में होती है।
  • इन सूक्ष्म पोषक तत्वों में लोहा, कोबाल्ट, क्रोमियम, तांबा, आयोडीन, मैंगनीज, सेलेनियम, जस्ता और मोलिब्डेनम आदि शामिल होते हैं।
  • इन तत्वों की संतुलित मात्रा मिट्टी की उर्वरा शक्ति एवं फसल उत्पादन को बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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बजट 2021 में कृषि क्षेत्र को सरकार ने दिया बड़ा तोहफ़ा, पढ़ें पूरी जानकारी

Government gave big gift to agriculture sector in budget 2021

लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2021 का बजट पेश कर दिया है। इस बजट में किसानों की आमदनी को दोगुना करने की बात दोहराई गई है। इसके साथ ही बजट में कृषि क्षेत्र को कई सौगात दिए गए हैं।

  • समर्थन मूल्य में डेढ़ गुने तक का इज़ाफा किया जाएगा।
  • दाल, गेहूँ, धान सही अन्य कई फ़सलों का समर्थन मूल्य बढ़ाया गया।
  • 32 राज्यों में वन नेशन वन राशन कार्ड की व्यवस्था लागू हुई।
  • पूरे देश में 5 बड़े फिशिंग हब बनाये जाएंगे।
  • E-NAM से जोड़ी जाएंगी 1000 नई मंडियां।
  • महिलाओं को सभी शिफ्ट में काम करने की मिलेगी अनुमति।
  • स्वामित्व योजना होगी लागू।
  • एग्रीकल्चर के क्रेडिट टारगेट को 16 लाख करोड़ तक किया जाएगा।
  • ऑपरेशन ग्रीन स्कीम शुरू किया जाएगा।
  • उज्ज्वला योजना से और 1 करोड़ लाभार्थियों को जोड़ा जाएगा।

स्रोत: कृषि जागरण

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सरकारी सब्सिडी पर करें मछली पालन और कमाएं लाखों का फायदा

Do Fish farming and earn millions on government subsidy

मछली पालन से किसान भाई अच्छी कमाई कर सकते हैं। हालाँकि इसके लिए काफी खर्च भी लगता है इसलिए कई किसान इसे व्यवसाय के रूप में नहीं अपनाते हैं। बहरहाल अब मध्य प्रदेश के किसानों को मछली पालन का व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकार की तरफ से अच्छी खासी सब्सिडी भी दी जाने लगी है। इस सब्सिडी की मदद से किसान इस व्यवसाय को अपना सकते हैं।

इसके लिए मध्य प्रदेश के किसानों के खुद की जमीन होनी चाहिए। इस जमीन पर तालाब निर्माण हेतु सरकार 50% तक सब्सिडी प्रदान कर रही है। इस सब्सिडी का लाभ मध्य प्रदेश के सभी जिलों के किसान उठा सकते हैं। हालांकि एससी, एसटी, महिला वर्ग के लघु और सीमान्त किसानों को इसमें प्राथमिकता दी जाती है।

बता दें की मछली पालन की कुल ईकाई का संभावित खर्च 7 लाख रूपये तक आता है। इस पूरी खर्च का 50% सब्सिडी के रूप में सरकार की तरफ से मिलेगी और शेष राशि हितग्राही को खुद या या बैंको से लोन देना होगा।

स्रोत: कृषि जागरण

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चने की 30-40 दिनों की अवस्था में ऐसे करें फसल प्रबंधन

How to manage gram crop during the period of 30-40 days

चने की फसल में फूल अवस्था के समय अच्छे फूल उत्पादन एवं फल उत्पादन के लिए पोषण प्रबधन करना बहुत जरूरी होता है।

कवक जनित  रोगो  के  लिए: हेक्साकोनाज़ोल 5% SC @ 400 ग्राम/एकड़ या थायोफिनेट मिथाइल 70% W/P@ 300 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

जैविक उपचार के  रूप में  स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर  से उपयोग करें। 

कीट प्रबंधन के लिए: इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG@ 100 ग्राम/एकड़ या क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5% SC@ 60 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।   

पोषण प्रबंधन के लिए: होमब्रेसीनोलाइड 0.04% @ 100 मिली/एकड़ या पिक्लोबूट्राज़ोल 40% SC @ 30 मिली/एकड़ या सूक्ष्म पोषक तत्व @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।  

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भिंडी की फसल में बुआई पूर्व खेत की तैयारी एवं मिट्टी उपचार

How to prepare the soil and soil treatment before sowing in okra crop

सब्जियों की खेती करने वाले ज्यादातर किसान भाई भिंडी की खेती कर के काफी कम कृषि लागत में अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं। अच्छा मुनाफ़ा प्राप्त करने के लिए भिंडी की फसल की बुआई से पहले ही कुछ बातों का ख़ास ध्यान रखने की जरुरत होती है। भिंडी की फसल के बुआई से पहले खेत की अच्छे से तैयारी की जानी चाहिए और मिट्टी उपचार के साथ साथ उर्वरकों के प्रबंधन का भी ध्यान रखना चाहिए। 

खेत की तैयारी

भिंडी की फसल को हर प्रकार की मिट्टी में अच्छे से उगाया जा सकता है। फसल की बुआई से पहले खेत की मिट्टी में गोबर की खाद को अच्छी तरह मिलाना चाहिए एवं गोबर के साथ नीम खली को मिलाकर मिट्टी में मिलाना चाहिए। खेत की मिट्टी का पी. एच. मान 5.5-7.0 के बीच होना चाहिए। भूमि की तैयारी के दौरान आवश्यकता अनुसार जुताई करके खेत को ठीक प्रकार से तैयार कर लेना चाहिए तथा साथ ही साथ छोटी-छोटी क्यारियां भी बना लेना चाहिए। भारी मिट्टी को ढेले रहित करने के बाद ही बुआई करनी चाहिए। रेतीली भूमि के लिये अधिक जुताइयों की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इस प्रकार से 3-4 जुताई पर्याप्त होती हैं।

मिट्टी उपचार

भिंडी की फसल के बुआई से पहले मिट्टी उपचार करना भी बहुत जरूरी होता है। इससे भिंडी  की फसल के बीमारी रहित रहती है और उत्पादन भी अच्छा होता है। मिट्टी उपचार के लिए सबसे पहले 50-100 किलो FYM या पकी हुई गोबर की खाद या खेत की मिट्टी में मिलाकर बुआई से पहले खाली खेत में भुरकाव करें। इसके बाद ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से कवक जनित रोगों के लिए उपयोग करें। इसी के साथ कम्पोस्टिंग बैक्टीरिया @ 4 किलो/एकड़ की दर से खाली खेत में पुरानी फसलों के अवशेषों को सड़ाने के लिए भुरकाव के रूप में इस्तेमाल करें। इन दोनों उत्पादों को 50 किलो FYM के साथ मिलाकर भुरकाव के रूप में उपयोग कर सकते हैं। इसके उपयोग के समय खेत में नमी होना बहुत आवश्यक है।

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तरबूज की फसल में बुआई के 10 से 15 दिनों में प्रबंधन के उपाय

Management measures in 10-15 days sowing in watermelon crop

तरबूज़ की फसल के बुआई के 10 से 15 दिनों में कवक रोगों के प्रकोप तथा एवं कीट प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा उपाय किये जाते हैं। दरअसल इस दौरान अंकुरण की शुरुआतों अवस्था में तरबूज़ की फसल में कवक रोगों का नियंत्रण बहुत ही आवश्यक होता है। अंकुरण की शुरूआती अवस्था में पौधे गलने लगते हैं, पत्ते पीले पड़ने लगते हैं एवं अच्छे से अंकुरण भी नहीं हो पाता है। इसके नियंत्रण के लिए निम्र उत्पादों का उपयोग आवश्यक होता है। 

कवक रोगो के लिए: क्लोरोथालोनिल 75% WP@ 400 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें। जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।  

कीटों के नियंत्रण के लिए: फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% WG @ 40 ग्राम/एकड़ या थियामेंथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 9.5% ZC@ 80 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें। जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।

पोषण प्रबधन: यूरिया @ 75 किलो/एकड़ + सूक्ष्म पोषक तत्व @ 8 किलो/एकड़ + सल्फर @ 5 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार के रूप में उपयोग करें। ह्यूमिक एसिड @ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव के रूप में उपयोग करें।

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आलू की खेती के बाद उसी खेत में गेहूँ लगाएं तो फॉस्फोरस की मात्रा का ध्यान रखें

How much phosphorus to use at the time of sowing wheat after potato cultivation
  • आलू की फसल में फॉस्फोरस की काफी आवश्यकता होती है अतः जब आप आलू की खेती के बाद उसी खेत में अगर गेहूँ की फसल लगाना चाहते हैं तो फॉस्फोरस की मात्रा मिट्टी की आवश्यकता के अनुसार ही उपयोग करना चाहिए।
  • गेहूँ की फसल लगाने के समय फॉस्फोरस की कुल मात्रा 50 किलो/एकड़ होती है।
  • इस प्रकार किसान अपने गेहूँ की फसल से कम लागत में ही अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
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मध्य प्रदेश के किसान इस तारीख से एमएसपी पर बेच सकेंगे अपनी उपज

Farmers of MP will be able to sell their produce on MSP from this date

मध्य प्रदेश के किसान जल्द ही रबी फसलों की उपज समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे। शिवराज सरकार समर्थन मूल्य पर फसल खरीदी की प्रक्रिया आगामी 15 मार्च से शुरू करने जा रही है। इस बार सरकार ने फैसला किया है की चना, सरसों, मसूर एवं गेहूँ की खरीदी एक साथ करेगी।

ये जानकारी मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने दी है। उन्होंने बताया कि आगामी एक फरवरी से समर्थन मूल्य पर खरीदी हेतु पंजीयन करवाने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी। बता दें की पंजीयन की प्रक्रिया करीब डेढ़ महीने चलेगी।

स्रोत: ज़ी न्यूज़

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