यह योजना आपकी बेटियों का भविष्य सुरक्षित कर देगा
बेटियों की पढ़ाई, करियर और शादी के लिए ज्यादातर परिवार चिंतित रहते हैं। सरकार ने इसी फ़िक्र को दूर करने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की है जिसके अंतर्गत हर रोज 35 रुपये जमा कर के 5 लाख रूपये तक की बड़ी रकम प्राप्त कर सकते हैं।
बता दें की इस योजना के अंतर्गत 14 साल तक पैसा निवेश करना होता है। आप बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाकर 10 साल से कम उम्र की बेटियों के अकाउंट खुलवा सकते हैं। यह अकाउंट बेटियों के कानूनी अभिभावक खुलवा सकते हैं। स्कीम पूरी होने पर पूरा फंड उस लड़की को मिलेगा, जिसके नाम पर ये खाता खुलवाया गया हो।
बता दें की इस योजना में खाता खुलने के दिन से 14 साल पूरा होने तक निवेश करना होता है। लेकिन यह खाता 21 साल पूरा होने पर मेच्योर होता है। खाते के 14 साल पूरा होने के बाद से 21 साल तक खाते में उस समय के तय ब्याज दर के हिसाब से पैसा जुड़ता रहेगा।
स्रोत: लाइव हिंदुस्तान
Shareलाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।
घर खरीदने के लिए सरकार देती है सब्सिडी, जानें योजना की पूरी जानकारी
केंद्र सरकार द्वारा साल 2015 में शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से आप सरकारी सब्सिडी पर अपना घर खरीद सकते हैं। सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य है कि साल 2022 तक देश के सभी ग्रामीण इलाकों के लोगों के पास अपना पक्का मकान हो।
इस योजना से अब तक लाखों लोग लाभान्वित हो चुके हैं। इस योजना के अंतर्गत आपको सब्सिडी मिलने में करीब 3 महीने का समय लग सकता है। इस योजना से जुड़ी अन्य जानकारियों के लिए योजना के आधिकारिक वेबसाइट http://pmaymis.gov.in/ पर जाएँ।
स्रोत: कृषि जागरण
Shareलाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।
बैटरी पंप की मदद से फसलों में जल छिड़काव करने से मिलेंगे कई लाभ
-
आजकल किसान अपनी खेती को आधुनिक बनाने के लिए बहुत से यंत्रों का उपयोग करते हैं।
-
इनमें बैटरी आधारित जल छिड़काव यंत्र भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
-
यह एक प्रकार का छिड़काव यंत्र ही है जिसका उपयोग कीटनाशक छिड़काव में भी किया जा सकता है।
-
इसके उपयोग ऐसे किसानों के लिए लाभकारी है जिनके पास पानी की कमी होती है क्योंकि इससे पानी बर्बाद नहीं होता है।
Shareकृषि एवं कृषि उत्पादों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। उपर्युक्त बताये गए बैटरी पंप की खरीदी के लिए एप के बाजार विकल्प पर जाएँ।
मिर्च की इन उन्नत किस्म के बीजों का करें चयन, मिलेगा बंपर उत्पादन
एडवांटा AK-47: इस किस्म में पौधा आधा सीधा होता है, पहली फल परिपक्वता 60-65 दिनों में होती है, फल का रंग गहरा लाल एवं गहरा हरा होता है, लंबाई 6-8 सेंटीमीटर एवं मोटाई 1.1-1.2 सेंटीमीटर होती है। इस किस्म में तीखापन बहुत अधिक होता है, इसके फल को गिला एवं सुखाकर दोनों प्रकार से बेचा जा सकता है। यह किस्म लीफ कर्ल वायरस के लिए प्रतिरोधी होती है।
BASF आर्मर: इस किस्म में पौधा आधा सीधा व मजबूत होता है। इसकी पहली फल परिपक्वता 50-55 दिनों में होती है, फल का सतह भाग अर्द्ध झुर्रीदार होते हैं, ताज़े हरे फल की तुड़ाई 8-10 दिनों के अंतराल से होती रहती है एवं फल की मोटाई लंबाई 9X1 सेंटीमीटर होती है। इस किस्म में तीखापन बहुत अधिक होता है, यह लाल सुर्ख करके बेची जाती है। यह किस्म लीफ कर्ल वायरस के लिए प्रतिरोधी होती है।
दिव्या शक्ति (शक्ति-51): इस किस्म में पौधा मजबूत और अधिक शाखाओं वाला होता है। इस किस्म की पहली फल परिपक्वता 42-50 दिनों में हो जाती है, फल का रंग गहरा हरा होता है, लंबाई 6-8 सेंटीमीटर व मोटाई 0.7-0.8 सेंटीमीटर होती है। इस किस्म में तीखापन अधिक होता है, यह अत्यधिक गर्म और गहरे लाल रंग की होती है। इसके फल सूखने पर इसे बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। यह किस्म लीफ कर्ल वायरस के लिए 100% प्रतिरोधी होती है।
हु वाज सानिया 03: इस किस्म में पौधा सीधा एवं पहली फल परिपक्वता 50-55 दिनों में हो जाती है। इसके परिपक्व फल लाल एवं अपरिपक्व फल पीले-हरे होते हैं। फल की लम्बाई 15-17 सेंटीमीटर एवं मोटाई 0.3 MM होती है। इस किस्म में तीखापन अधिक होता है और यह किस्म सुखाने के लिए उपयुक्त होती है।
Shareकृषि एवं कृषि उत्पादों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। उपर्युक्त बताये गए बीजों की खरीदी के लिए एप के बाजार विकल्प पर जाएँ।
अब गेहूँ की कटाई होगी आसान, ब्रश कटर से घंटों की कटाई करें मिनटों में
रबी मौसम की मुख्य फसल गेहूँ की कटाई का समय आ गया है। आम तौर पर ज्यादातर किसान पारम्परिक तरीके से गेहूँ की कटाई करते हैं। इसमें बहुत अधिक मेहनत लगती है साथ ही काफी समय भी लगता है। अपनी मेहनत और समय को बचाने के लिए आप इस बार गेहूँ की कटाई के लिए नेपच्यून ब्रश कटर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस ब्रश कटर की मदद से आप आसानी से और कम समय में गेहूँ की कटाई कर पाएंगे। यह ब्रश कटर 4 स्ट्रोक एवं 2 स्ट्रोक के इंजन विकल्प में ग्रामोफ़ोन पर उपलब्ध है। इसमें अलग अलग प्रकार के कटिंग ब्लेड भी उपलब्ध है जिससे आप गेहूँ के अलावा अन्य फसलों व खेतों के अनचाहे घास, खरपतवार व झाड़ियों की भी सफाई आसानी से कर सकते हैं।
Shareक्या होती गोबर और गोमूत्र की मदद से की जाने वाली जीरो बजट खेती?
-
जीरो बजट खेती एक प्रकार से प्राकृतिक खेती होती है।
-
यह खेती देसी गाय के गोबर एवं गोमूत्र पर निर्भर होती है।
-
इस विधि से खेती करने वाले किसान को बाजार से किसी प्रकार की खाद और कीटनाशक रसायन खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है।
-
इसमें रासायनिक खाद के स्थान पर किसान गोबर से तैयार की हुई खाद बनाते हैं।
-
देसी प्रजाति के गाय के गोबर एवं मूत्र से जीवामृत तथा घनजीवामृत बनाया जाता है।
-
इनका खेत में उपयोग करने से मिट्टी में पोषक तत्वों की वृद्धि के साथ-साथ जैविक गतिविधियों का विस्तार होता है।
-
जीवामृत का महीने में एक अथवा दो बार खेत में छिड़काव किया जा सकता है।
-
जबकि जीवामृत का इस्तेमाल बीजों को उपचारित करने में कि जा सकता है।
Shareआधुनिक और स्मार्ट खेती से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए पढ़ते रहे ग्रामोफ़ोन के लेख। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने किसान मित्रों से भी करें साझा।
बेल वाली फसलों के लिए कई प्रकार के फायदे पहुंचाता है छाया घर
-
छाया घर एक जालों एवं अन्य बुनी हुई सामग्री से बना हुआ ऐसा ढांचा होता है जिसमें खुली जगहों से आवश्यक धूप, नमी व वायु का प्रवेश होता है।
-
यह पौधे के विकास के लिए सहायक तथा उचित सूक्ष्म वातावरण बनाता है।
-
यह बेलबूटेदार, सब्ज़ियों एवं पौधों की खेती में मदद करता है।
-
कीट प्रकोप के विरुद्ध सुरक्षा के लिये भी इसका उपयोग किया जाता है।
-
आंधी, वर्षा, ओले व पाले जैसे मौसम के प्राकृतिक प्रकोपों के विरुद्ध भी यह सुरक्षा प्रदान करता है।
-
गर्मियों के दिनों में पौधों की मृत्यु दर कम करने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।
-
टिशू कल्चर के पौधों की मज़बूती के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।
Shareआधुनिक और स्मार्ट खेती से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए पढ़ते रहे ग्रामोफ़ोन के लेख। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने किसान मित्रों से भी करें साझा।
किसानों को इंडियन ऑयल कंपनी देगी डीजल की खरीदी पर छूट
सरकार की प्रसिद्ध तेल कंपनी इंडियन ऑयल किसानों के लिए एक ख़ास कार्ड जारी किया है जिसकी मदद से डीज़ल की खरीदी करते समय किसानों को छूट मिलती है। इस कार्ड का नाम एक्स्ट्रापावर रूरल कार्ड (XTRAPOWER Rural Card) है।
एक्स्ट्रापावर रूरल कार्ड की मदद से पंप सेट, डीजी सेट, मछली पालन, सिंचाई जैसी प्रक्रियाओं के लिए डीज़ल खरीदी के समय कुछ छूट दी जाती है। यह कार्ड प्राप्त करने के लिए आपको एक पहचान पत्र एवं संपर्क सूत्र संबंधी जानकारी देनी पड़ती है।
इस कार्ड के माध्यम से छूट एक लॉयल्टी प्रोग्राम के माध्यम से दी जाती है। कार्डधारक को 100 रुपए की डीज़ल खरीदी पर 30 प्वॉइंट्स मिलते हैं और ये 30 प्वॉइंट्स 30 पैसे के बराबर होते हैं। जब कार्ड धारक के पास 10 हजार प्वॉइंट्स हो जाएंगे, तब इसका उपयोग किया जा सकता हैं।
स्रोत: कृषि जागरण
Shareकृषि एवं किसानों से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। इस लेख को शेयर बटन के माध्यम से अपने मित्रों के साथ साझा करें।
मल्चिंग का ऐसे करें उपयोग, फसलों को मिलेंगे कई लाभ
खेत में लगायी गयी फसल को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पौधे के चारो और घास या फिर प्लास्टिक की एक परत बिछाई जाती है इसी को मल्चिंग कहा जाता है।
मल्चिंग दो प्रकार की होती है
प्लास्टिक मल्चिंग विधि: जब खेत में लगाए गए पौधों की जमीन को चारों तरफ से प्लास्टिक शीट द्वारा अच्छी तरह ढक दिया जाता है, तो इस विधि को प्लास्टिक मल्चिंग कहा जाता है। इस तरह पौधों की सुरक्षा होती है और फसल उत्पादन भी बढ़ता है। बता दें कि यह शीट कई प्रकार और कई रंग में उपलब्ध होती है।
घास मल्चिंग विधि: इस विधि में खेत से निकले बीज़ रहित घास को पौधो के चारों तरफ बिछा दिया जाता है जिससे तेज़ रौशनी एवं कम पानी में भी फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
Shareआधुनिक और स्मार्ट खेती से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए पढ़ते रहे ग्रामोफ़ोन के लेख। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने किसान मित्रों से भी करें साझा।