29 व 30 अप्रैल को मध्यप्रदेश के इन इलाकों में हो सकती है बारिश
मध्य भारत के ज्यादातर इलाकों में तापमान बढ़ने लगे हैं। हालाँकि बंगाल से होकर दक्षिणी भारत की तरफ जा रही तरफ रेखा की वजह से मध्य प्रदेश के पश्चिमी इलाकों के साथ साथ गुजरात के कुछ इलाकों में बारिश की गतिविधियां बढ़ने की संभावना है। बताया जा रहा है की मई के महीने में इन इलाकों में बारिश के और ज्यादा बढ़ जाने की संभावना है।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
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मिर्च की नर्सरी बनाने से पहले मिट्टी उपचार जरूर करें
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नर्सरी में मिट्टी उपचार करके मिर्च के बीजों की बुआई करने से मिर्च की रोप बहुत अच्छी एवं रोग से मुक्त होती है।
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मिट्टी उपचार के लिए 10 किलो FYM के साथ DAP 1 किलो और मैक्सरुट 100 ग्राम प्रति स्क़्वेर मीटर के हिसाब से बेड का मिट्टी उपचार करें।
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बेड को चींटियों और दीमक से बचाने के लिए कार्बोफुरोन 15 ग्राम प्रति बेड के हिसाब से उपयोग करे और इसके पश्चात ही बुआई करें।
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इस प्रकार मिट्टी उपचार करके मिर्च के बीज की बुआई करे और बुआई के बाद आवश्यकता अनुसार नर्सरी में सिंचाई करते रहे।
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मिर्च के नर्सरी अवस्था में खरपतवार के निवारण के लिए आवश्यता अनुसार निदाई भी करते रहे।
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प्याज भंडार गृह निर्माण हेतु सरकार देगी 50% की सब्सिडी, पढ़ें पूरी प्रक्रिया
कृषि उत्पादन बढ़ाने के साथ साथ सरकार उपज के भंडारण हेतु भी कई योजनाएं चलाती है जिसका लाभ किसान ले सकते है। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने प्याज भंडारण गृह के निर्माण हेतु सब्सिडी देने का निर्णय किया है। इस सब्सिडी के लिए सरकार ने इक्च्छुक किसानों से आवेदन मांगे हैं।
इस योजना में प्याज भंडार गृह निर्माण पर किसान को 50% तक की भारी सब्सिडी मिलेगी। बता दें कि 50 मीट्रिक टन भंडारण वाले भंडार गृह हेतु अधिकतम 3,50,000 रुपये लगते हैं जिसमे किसानों को अधिकतम 1,75,000 रुपये सब्सिडी के तौर पर मिलेगी।
इस योजना का लाभ राज्य के अनुसूचित जाति व जनजाति के वैसे किसान ले सकते हैं जो कम से कम 2 हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज की खेती करते हों। इस योजना की अधिक जानकारी हेतु मध्यप्रदेश की उद्यानिकी एवं विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
स्रोत: किसान समाधान
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मध्य प्रदेश में अगले 1-2 दिनों में बारिश की है संभावना, जाने मौसम पूर्वानुमान
बांग्लादेश से होते हुए एक ट्रफ रेखा आ रही है। इस ट्रफ रेखा से मध्य प्रदेश के पूर्वी और ख़ास कर के दक्षिणी पूर्वी जिलों के साथ साथ विदर्भ और छत्तीसगढ़ में अगले 1-2 दिनों के दौरान बारिश होने की संभावना है।
स्त्रोत : स्काईमेट वेदर
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नर्सरी में बुआई से पहले मिर्च के बीजों का ऐसे करें उपचार
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नर्सरी में मिर्च के बीजों की बुआई करने से पहले बीज उपचार किया जाना बहुत आवश्यक होता है इसलिए जहाँ तक संभव हो बीज उपचार करके ही बुआई की जानी चाहिए।
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मिर्च में बीज उपचार रासायनिक एवं जैविक दोनों विधियों से किया जाता है।
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रासायनिक उपचार: इस उपचार के अंतर्गत कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% @ 2.5 ग्राम/किलो बीज या थियामेथाक्साम 30% FS @ 6-8 मिली/किलो बीज की दर से बीज उपचार के लिए उपयोग करें।
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जैविक उपचार: ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 5-10 ग्राम/किलो बीज या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 5-10 ग्राम/किलो बीज की दर से बीज उपचार करें।
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कोरोना का टीका लगवाने के लिए घर बैठे करें रजिस्ट्रेशन, जानें पूरी प्रक्रिया
कोरोना महामारी से बचाव के लिए 1 मई से टीकाकरण की शुरुआत होने वाली है जिसमे 18 साल से ऊपर के सभी लोग टीका लगवा पाएंगे। टीका लगवाने के लिए Co-WIN पोर्टल या फिर Aarogya Setu App पर आप रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
रजिस्ट्रेशन के लिए आपको cowin.gov.in या aarogyasetu.gov.in की वेबसाइट पर जाना होगा या फिर आरोग्य सेतु ऐप पर भी रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। आपको अपना मोबाइल फोन नंबर दर्ज करना होगा जिसके बाद आपके नंबर पर एक OTP आएगा। इस OTP को वेबसाइट या ऐप पर भरे और फिर वेरिफाई बटन पर क्लिक करें।
इतना करने के बाद रजिस्ट्रेशन पेज खुलेगा जिसमें आपको नाम, पता जैसी जानकारी भरनी होगी। साथ ही एक फोटो पहचान पत्र में भी यहाँ सबमिट करना होगा। यहाँ आपको अपने स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारियां भी भरनी है। आखिर में सबमिट पर क्लिक करें। इस तरह आप कोरोना वैक्सीन हेतु घर बैठे रजिस्ट्रेशन कर पाएंगे।
स्रोत: कृषि जागरण
Shareअच्छे उपज के लिए ऐसे करें मिर्च की नर्सरी की तैयारी
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मिर्च की उन्नत खेती के लिए सामान्य रूप से पहले नर्सरी तैयार की जाती है क्योंकि नर्सरी में पौध तैयार करने से बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं।
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जुताई से पहले नर्सरी के लिए चयनित क्षेत्र को पहले साफ कर लें।
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चयनित क्षेत्र अच्छी तरह से सूखा होना चाहिए और जलजमाव से मुक्त होना चाहिए साथ ही वहां उचित धूप मिलनी चाहिए।
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नर्सरी में पानी एवं सिंचाई की उचित व्यवस्था होनी चाहिए ताकि सिंचाई समय से हो सके।
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इस क्षेत्र को पालतू और जंगली जानवरों से अच्छी तरह से संरक्षित किया जाना चाहिए।
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कार्बनिक पदार्थ से भरपूर बालुई दोमट और दोमट मिट्टी नर्सरी हेतु उपयुक्त होती है।
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स्वस्थ रोपाई के लिए मिट्टी रोगज़नक़ से मुक्त होनी चाहिए।
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इसके बाद बेड की तैयारी से पहले हल से 2 बार खेत की जुताई करें। बीज बोने के लिए आवश्यकतानुसार उठी हुई क्यारियां (जैसे 33 फीट × 3 फीट × 0.3 फीट) बनायें।
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मध्य प्रदेश में आने वाले 24 घंटे में कैसा रहेगा मौसम, जानें मौसम पूर्वानुमान
मध्य प्रदेश में फिलहाल बारिश की कोई गतिविधि देखने को नहीं मिलने वाली है। पर मध्य भारत के कुछ क्षेत्रों में मराठवाड़ा और तेलंगाना के कुछ क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना है। वहीं मध्य प्रदेश के सभी इलाके शुष्क बने हुए रहेंगे और गर्मी जारी रहेगी।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
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पॉलीहाउस में ऐसे करें मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन
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पॉलीहाउस/ग्रीनहाउस में वर्ष भर फसलों की अच्छी पैदावार हेतु अलग अलग प्रकार के खादों का प्रयोग निरंतर किया जाता है।
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खादों के प्रयोग के कारण 3-4 वर्षों में ही पॉलीहाउस की मिट्टी का स्वास्थ्य ख़राब होने लगता है।
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अच्छे बीज, उचित पोषक तत्व तथा सभी सावधानियों के बावजूद फसल की पैदावार तथा गुणवत्ता में भरी कमी आनें लगी है।
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अतः यह आवश्यक है कि वैज्ञानिक ढंग से खेती करने के लिए किसान मिट्टी के स्वास्थ्य की लगातार जांच कराएं और उसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी रखें।
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मिट्टी की जांच के लिए सही तरीके से नमूना लेना बहुत महत्वपूर्ण है।
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नमूना पॉलीहाउस/ग्रीनहाउस के अंदर से अलग-अलग स्थानों से लिए जाता है, फिर इसे अच्छी तरह मिलाकर चार भागों में बाँट दिया जाता है।
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इस प्रक्रिया को तब तक दोहराया जाता है जब तक नमूना आधा किलोग्राम न रह जाए।
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इस तरह से प्राप्त किये गये नमूने को जाँच केंद्र में भेज दिया जाता है।
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परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार ही खेत में उर्वरक का उपयोग करना होता है।
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