जुगाड़ से की गई तैयार लहसुन कटाई मशीन, मिनटों में करेगी घंटों का काम

Garlic Cutting Jugad

भारतीय किसान खेती के कार्य में काफी मेहनत करते हैं पर कई बार अपने कृषि कार्यों को आसान बनाने के लिए किसान जुगाड़ वाली तकनीक का भी इस्तेमाल करते हैं। इसी जुगाड़ तकनीक से बनाई गई यह लहसुन कटाई मशीन लहसुन की कटाई बहुत ही आसानी से और कम समय में कर देती है।

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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ग्रामोफ़ोन एप से खेत जोड़ कर मूंग की खेती करने से किसान का मुनाफ़ा 60% तक बढ़ा

Farmer Success story

अगर आप किसान हैं और आप या आपके घर में का कोई भी सदस्य स्मार्ट फ़ोन का इस्तेमाल करता है तो आप अपनी कृषि में कई क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं। कुछ ऐसा ही बदलाव देवास जिले के निवासी प्रितेश गोयल जी भी अपनी खेती में लेकर आये हैं।

प्रितेश एक युवा किसान है और कृषि में तकनीक के महत्व को समझते हैं, इसीलिए जब उन्हें ग्रामोफ़ोन एप के बारे में पता चला तो उन्होंने तुरंत इसे अपने स्मार्ट फ़ोन में इंस्टॉल किया और इसका लाभ उन्हें जल्द ही मिलने लग गया।

प्रितेश जब अपनी मूंग की फसल की बुआई कर रहे थे तभी उन्होंने अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के ‘मेरी खेत’ विकल्प से जोड़ दिया। खेत को एप से जोड़ने का फल प्रितेश को मुनाफे में 60% की वृद्धि के रूप में मिला। एप की मदद से खेती करने पर उनकी कृषि लागत भी पहले से कम रही और उपज में भी अच्छी खासी वृद्धि देखने को मिली। प्रितेश ने अपने 7 एकड़ के खेत में मूंग की खेती कर 38.5 क्विंटल का उत्पादन प्राप्त किया। यह उत्पादन पहले की तुलना में 10% अधिक रहा।

बहरहाल अगर आपके पास स्मार्ट फोन नहीं है तब भी आप ग्रामोफ़ोन से जुड़ सकते हैं। इसके लिए आपको हमारे टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्ड कॉल करना होगा और फिर हमारे कृषि विशेषज्ञ आपको फ़ोन कर के आपकी समस्याओं का समाधान करेंगे।

आप भी अपने खेत ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ सकते हैं और पूरे फसल चक्र में पाते रहें समय पूर्व कृषि सलाह। इस लेख को शेयर बटन पर क्लिक कर अपने मित्रों संग भी साझा करें।

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मध्य भारत के कुछ क्षेत्रों में अगले 24 घंटे में हो सकती है हल्की बारिश

weather forecast

मध्य भारत के विदर्भ, छत्तीसगढ़, मराठवाड़ा, दक्षिणी मध्य प्रदेश आदि क्षेत्रों में अगले 24 घंटे में हल्की बारिश होने की संभावना है। वहीं उत्तर भारत के ज्यादातर इलाके अब शुष्क बने रहेंगे। पूर्वोत्तर राज्यों में भी मौसम शुष्क रहने की संभावना है हलाकि एक दो स्थानों पर हल्की बारिश देखने को मिल सकती है।

वीडियो स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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करेले की फसल में फूल अवस्था आने तक ऐसे करें उर्वरक प्रबंधन

How to manage fertilizer till the flowering stage of bitter gourd crop
  • सब्जी वर्गीय फसलों में करेले की फसल को बहुत महत्वपूर्ण फसल माना जाता है।

  • करेले की फसल किसान भाई पूरे वर्ष लगाते है।

  • इसकी बुआई के समय यूरिया @ 40 किलो/एकड़ + एसएसपी @ 100 किलो/एकड़ + MOP @ 35 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।

  • यदि करेले की फसल को ड्रिप सिंचाई के तहत लगाया गया है तो यूरिया @ 1 किलो/एकड़ + 12:61:00 @ 1 किलो/एकड़ की दर से प्रतिदिन ड्रिप में चलाएं।

अपनी करेले एवं अन्य सभी प्रकार की फसलों को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जरूर जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें समय पूर्व कृषि सलाह। इस लेख को शेयर बटन पर क्लिक कर अपने मित्रों संग भी साझा करें।

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मिर्च समृद्धि किट का दिखा कमाल, किसान ने मिर्च की खेती से कमाएं लाखों रुपये

Chilli Samriddhi Kit Success story

भारतीय किसान खेतों में खूब मेहनत करते हैं, पर ज्यादातर किसान इसलिए अपनी मेहनत का अच्छा फल नहीं प्राप्त कर पाते क्योंकि वे अपनी जानकारी के अनुसार पारंपरिक कृषि पर जोर देते हैं। जबकि आज के जमाने में कृषि क्षेत्र में कई बड़े अनुसंधान हुए हैं जिसके परिणाम स्वरूप कई नए कृषि उत्पादों की मदद से कृषि आधुनिक होने के साथ साथ लाभकारी भी हो गई है। मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के खेड़ी खानपुरा गांव के निवासी विकास पाटीदार जी ने ग्रामोफ़ोन की सानिध्य में अपनी पारंपरिक कृषि को आधुनिक बनाया जिसका लाभ अब उन्हें देखने को मिल रहा है।

ग्रामोफ़ोन की सलाह पर ही विकास जी ने अपनी मिर्च की फसल में मिर्च समृद्धि किट का उपयोग किया था। समृद्धि किट की वजह से मिर्च की फसल में अच्छी बढ़वार हुई और उपज भी अच्छा मिल गया। विकास जी बताते हैं की पहले मिर्च की फसल में पौधों के सूख जाने की समस्या आती थी पर इस बार सभी पौधे हरे रहे और सूखने की समस्या बिलकुल नहीं आई। डेढ़ एकड़ के खेत में विकास जी को मिर्च की उपज से 7-8 लाख की आमदनी हुई और समृद्धि किट के उपयोग की वजह से कृषि खर्च भी बहुत कम रहा।

ग़ौरतलब है की ग्रामोफ़ोन द्वारा तैयार किये गए समृद्धि किट का इस्तेमाल करने से खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है और फसल को अन्य किसी बाहरी पोषक तत्व की जरुरत नहीं पड़ती है इसीलिए विकास जी की फसल भी स्वस्थ रही और अच्छी उपज प्राप्त हुई।

ग्रामोफ़ोन मिर्च, मूंग, कपास, सोयाबीन समेत कई फ़सलों के लिए भी समृद्धि किट उपलब्ध करवाता है और इन सभी किट के बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे हैं। विकास जी के साथ साथ अन्य कई किसानों ने इसके इस्तेमाल से बेहतर परिणाम प्राप्त किये हैं। अगर आप भी इनमें से किसी किट का इस्तेमाल करना चाहते हैं या ग्रामोफ़ोन से जुड़ कर अपनी खेती को आधुनिक बनाना चाहते हैं तो तुरंत हमारे टोल फ्री नंबर 18003157566 पर मिस्ड कॉल करें या फिर ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर लॉगिन करें।

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ओमेगा 3 से भरपूर अलसी से मिलते हैं फायदे

linseeds provide healthy benefits
  • अलसी या तीसी समसीतोष्ण प्रदेशों का पौधा है।

  • रेशेदार फसलों में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। इसके रेशे से मोटे कपड़े, डोरी, रस्सी और टाट बनाए जाते हैं।

  • इसके बीजों से तेल निकाला जाता है और तेल का प्रयोग वार्निश, रंग, साबुन, रोगन, पेंट तैयार करने में किया जाता है।

  • अलसी में ‘ओमेगा-3’ पाया जाता है जिस के उपयोग से हृदय को रक्त पहुंचाने वाली वाहिनी सिकुड़ती नहीं है।

  • अलसी रक्त के कोलेस्ट्रॉल को 9 से 18 प्रतिशत कम करती है। इससे गठिया की समस्या से भी आराम मिलता है।

  • इससे ‘ट्राईग्लिसराइड’ का प्रमाण कम होता है साथ ही इसके सेवन से कर्करोग नहीं होता है।

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मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में तापमान 43-44 डिग्री को पार कर सकता है

Weather Update Hot

मध्य प्रदेश के साथ राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे इलाके में मौसम शुष्क ही बने रहेंगे। मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों और विदर्भ में तापमान अभी भी 41-42 डिग्री तक है और अगले 2-3 दिनों में 43-44 डिग्री तक बने रहने की संभावना है। इन इलाकों में अब तापमान काफी बढ़ेंगे और हिटवेव जैसी स्थिति रहेगी।

स्त्रोत : स्काईमेट वीडियो

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रोगों से बचाने के साथ साथ पौधों को पोटेशियम से मिलते हैं कई और लाभ

Potassium contributes to plant nutrition
  • पोटेशियम पत्तियों में शर्करा और स्टार्च के निर्माण में सहायता करता है।

  • यह दोनों के आकार तथा भार को बढ़ाता है साथ ही नाइट्रोजन की दक्षता को भी बढ़ाता है।

  • पोटेशियम कोशिका पारगम्यता में सहायक होता है कार्बोहाइड्रेट के स्थानांतरण में सहायता करता है।

  • पोटेशियम पौधों में रोगों के प्रति प्रतिरोधिता को बढ़ाता है और प्रोटीन संक्ष्लेषण को बढ़ाता है।

  • पौधे की सम्पूर्ण जल व्यवस्था को नियंत्रित करने में भी पोटेशियम सहायक होता है।

  • इसके अलावा यह पौधों के तने को कठोरता प्रदान करता है और गिरने से बचाता है।

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फसलों में फास्फोरस की कमी के सामान्य लक्षण को पहचानें

What are the common symptoms of phosphorus deficiency
  • फास्फोरस की कमी से पौधों की पत्तियों का रंग बैंगनी या गहरा हो जाता है।

  • पुरानी पत्तियां शुरुआत में पीली और बाद में लाल-भूरी पड़ हो जाती हैं।

  • पत्तियों के सिरे सूखने लगते हैं और पौधों की वृद्धि लगातार कम होने लग जाती है।

  • इसकी वजह से पौधे बौने, कमजोर एवं कम पत्तियों वाले हो जाते हैं और जड़ों का फैलाव भी कम होता है।

  • इससे पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।

  • दलहनी फसलों में जीवाणुओं द्वारा नाइट्रोजन का स्थिरीकरण कम होता है।

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