प्याज की 40-50 दिनों की फसल में जरूर अपनाएं ये प्रबंधन प्रक्रिया

40 - 50 days crop management in onion crop
  • प्याज की फसल की 40-50 दिनों की अवस्था में कवक जनित रोगों तथा कीटों से बचाव के साथ-साथ पोषण सम्बन्धी आवश्यकता की भी पूर्ति करनी पड़ती है।
  • इसीलिए प्याज की फसल की इस अवस्था में तीन अलग-अलग रूपों में फसल प्रबंधन करना आवश्यक होता है।
  • कवक रोगो से रक्षा के लिए: टेबुकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% WG @ 500 ग्राम/एकड़ मेटालैक्सिल 4% + मैनकोज़ेब 64% WP @ 600 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • कीटों से रक्षा के लिए: फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% WG@ 40 ग्राम/एकड़ या थियामेंथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 9.5% ZC@ 80 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • पोषण प्रबंधन: प्याज की इस अवस्था में पोषण प्रबंधन मिट्टी उपचार के रूप में किया जाता है। इसके लिए कैल्शियम नाइट्रेट @ 10 किलो/एकड़ + पोटाश @ 20 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • प्याज की फसल में छिड़काव करते समय एक बात का विशेष ध्यान रखें की उत्पाद का पत्तियों द्वारा अच्छे से अवशोषण हो सके या उपयोग हो सके। इसके लिए हर छिड़काव के समय प्रति पंप 5 मिली/पंप चिपको का उपयोग अवश्य करें।
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चने की 75-90 दिनों की फसल में जरूर अपनाएं ये प्रबंधन उपाय

Gram crop crop management in 75-90 days

चने की फसल की 75 से 90 दिनों की अवस्था दरअसल परिपक्वता की अवस्था होती है। इसलिए इस समय फसल की सुरक्षा करना बहुत आवश्यक होता है।

कवक जनित रोगो के लिए: हेक्साकोनाज़ोल 5% SC @ 400 ग्राम/एकड़ या थायोफिनेट मिथाइल 70% W/P@ 300 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें। जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।

कीट प्रबंधन के लिए: इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG @ 100 ग्राम/एकड़ या क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5% SC@ 60 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें। जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।

पोषण प्रबंधन के लिए: 00:00: 50@ 1 किलो/एकड़ की दर से उपयोग करें।

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उज्ज्वला योजना के तहत 1 करोड़ लोगों को मिलेगा फ्री एलपीजी गैस कनेक्शन

1 Crore people to get free LPG connection under Ujjwala scheme

वर्ष 2021 के राष्ट्रीय बजट में 1 करोड़ लोगों को उज्ज्वला योजना के तहत फ्री एलपीजी गैस कनेक्शन देने की बात कही गई है। इससे खासकर के ग्रामीण महिलाओं को काफी लाभ मिलेगा।

बता दें की प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत बीपीएल कैटेगरी के लोगों को फ्री एलपीजी गैस कनेक्शन दिए जाते हैं। इस योजना के माध्यम से लगभग 8 करोड़ परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्‍शन देने का लक्ष्‍य है।

उज्ज्वला योजना केंद्र सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सहयोग से चलाई जाती है। सरकार ने इस स्कीम की शुरुआत 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया से की थी।

स्रोत: पत्रिका

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फोटो प्रतियोगिता में इन किसानों को मिलेंगे आकर्षक पुरस्कार

Gramophone Krishi Mitra app

ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप पर 22 जनवरी से शुरू हुआ ‘मेरा गांव मेरा अभिमान’ फोटो प्रतियोगिता 31 जनवरी को समाप्त हो गया है। इस प्रतियोगिता में हजारों किसानों ने भाग लिया और अपने गांव की खूबसूरत तस्वीरें पोस्ट की साथ ही अपने मित्रों से उस तस्वीर पर लाइक भी बढ़वाए। इस प्रतियोगिता की समाप्ति पर कई किसानों को आकर्षक पुरस्कार दिए जाएंगे।

इन टॉप 3 किसानों को मिलेंगे बम्पर पुरस्कार
दीपेश सोलंकी: हरदा, मध्य प्रदेश
भूपेंद्र सिंह: धार, मध्य प्रदेश
धर्मेंद्र विश्वकर्मा: उज्जैन, मध्य प्रदेश

इन 12 किसानों को भी मिलेंगे आकर्षक पुरस्कार
एस के अलेरिया वर्मा: सीहोर, मध्य प्रदेश
शिवशंकर यादव: खंडवा, मध्य प्रदेश
प्रिंस सिंह: उत्तरप्रदेश
प्रेम पाटीदार: मंदसौर, मध्य प्रदेश
नरेंद्र सिसोदिया: खातेगांव, मध्य प्रदेश
सुमित राजपूत: हरदा, मध्य प्रदेश
धरम कन्नोज: धार, मध्य प्रदेश
नागेश पाटीदार: मंदसौर, मध्य प्रदेश
सतीश बाडिया: शाजापुर, मध्य प्रदेश
सतीश मेवाड़ा: सीहोर, मध्य प्रदेश
भुरू पटेल: इंदौर, मध्य प्रदेश
मोतीलाल पाटीदार: धार, मध्य प्रदेश

सभी विजेताओं को ग्रामोफ़ोन की तरफ से हार्दिक बधाई। आपके पुरस्कार आने वाले हफ्ते में आप तक पहुंचा दिए जाएंगे।

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मध्य प्रदेश समेत देश के कई क्षेत्रों में फरवरी के पहले हफ्ते में होगी बारिश

weather forecast

फरवरी के पहले सप्ताह में देश के विभिन्न राज्यों में बारिश होने के लिए मौसम अनुकूल बन रहा है। बारिश की गतिविधियां मुख्यतः उत्तर, मध्य और पूर्वी राज्यों में देखने को मिलेंगी। दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर राज्यों में मौसम में नहीं होगा विशेष बदलाव।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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गेहूँ की फसल में 80-90 दिनों की अवस्था में जरूर करें पोषण प्रबंधन

Nutrition management in wheat crop in 80-90 days
  • गेहूँ की फसल की 80-90 दिनों की अवस्था परिपक्वता की अवस्था रहती है। इस अवस्था में फसल को पर्याप्त आवश्यक तत्व प्रदान करना बहुत आवश्यक होता है।
  • इसके लिए कवक जनित रोगों से बचाव के लिए प्रोपिकोनाज़ोल 25% EC @ 200 मिली/एकड़ की दर छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
  • पोषण प्रबंधन के लिए 00:00:50 @ 1 किलो/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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मिट्टी में उपस्थित अति सूक्ष्म पोषक तत्वों से क्या लाभ मिलता है?

What is the benefit from the micro nutrients present in the soil?
  • सूक्ष्म पोषक तत्व या पोषक तत्व दरअसल वे तत्व हैं जिनका मिट्टी में अच्छी मात्रा में होना एक अच्छी मिट्टी की पहचान होती है।
  • मिट्टी में इन तत्वों की उपस्थिति बहुत जरूरी होती है हालाँकि इन तत्वों की आवश्यकता बहुत कम मात्रा में होती है।
  • इन सूक्ष्म पोषक तत्वों में लोहा, कोबाल्ट, क्रोमियम, तांबा, आयोडीन, मैंगनीज, सेलेनियम, जस्ता और मोलिब्डेनम आदि शामिल होते हैं।
  • इन तत्वों की संतुलित मात्रा मिट्टी की उर्वरा शक्ति एवं फसल उत्पादन को बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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बजट 2021 में कृषि क्षेत्र को सरकार ने दिया बड़ा तोहफ़ा, पढ़ें पूरी जानकारी

Government gave big gift to agriculture sector in budget 2021

लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2021 का बजट पेश कर दिया है। इस बजट में किसानों की आमदनी को दोगुना करने की बात दोहराई गई है। इसके साथ ही बजट में कृषि क्षेत्र को कई सौगात दिए गए हैं।

  • समर्थन मूल्य में डेढ़ गुने तक का इज़ाफा किया जाएगा।
  • दाल, गेहूँ, धान सही अन्य कई फ़सलों का समर्थन मूल्य बढ़ाया गया।
  • 32 राज्यों में वन नेशन वन राशन कार्ड की व्यवस्था लागू हुई।
  • पूरे देश में 5 बड़े फिशिंग हब बनाये जाएंगे।
  • E-NAM से जोड़ी जाएंगी 1000 नई मंडियां।
  • महिलाओं को सभी शिफ्ट में काम करने की मिलेगी अनुमति।
  • स्वामित्व योजना होगी लागू।
  • एग्रीकल्चर के क्रेडिट टारगेट को 16 लाख करोड़ तक किया जाएगा।
  • ऑपरेशन ग्रीन स्कीम शुरू किया जाएगा।
  • उज्ज्वला योजना से और 1 करोड़ लाभार्थियों को जोड़ा जाएगा।

स्रोत: कृषि जागरण

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सरकारी सब्सिडी पर करें मछली पालन और कमाएं लाखों का फायदा

Do Fish farming and earn millions on government subsidy

मछली पालन से किसान भाई अच्छी कमाई कर सकते हैं। हालाँकि इसके लिए काफी खर्च भी लगता है इसलिए कई किसान इसे व्यवसाय के रूप में नहीं अपनाते हैं। बहरहाल अब मध्य प्रदेश के किसानों को मछली पालन का व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकार की तरफ से अच्छी खासी सब्सिडी भी दी जाने लगी है। इस सब्सिडी की मदद से किसान इस व्यवसाय को अपना सकते हैं।

इसके लिए मध्य प्रदेश के किसानों के खुद की जमीन होनी चाहिए। इस जमीन पर तालाब निर्माण हेतु सरकार 50% तक सब्सिडी प्रदान कर रही है। इस सब्सिडी का लाभ मध्य प्रदेश के सभी जिलों के किसान उठा सकते हैं। हालांकि एससी, एसटी, महिला वर्ग के लघु और सीमान्त किसानों को इसमें प्राथमिकता दी जाती है।

बता दें की मछली पालन की कुल ईकाई का संभावित खर्च 7 लाख रूपये तक आता है। इस पूरी खर्च का 50% सब्सिडी के रूप में सरकार की तरफ से मिलेगी और शेष राशि हितग्राही को खुद या या बैंको से लोन देना होगा।

स्रोत: कृषि जागरण

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चने की 30-40 दिनों की अवस्था में ऐसे करें फसल प्रबंधन

How to manage gram crop during the period of 30-40 days

चने की फसल में फूल अवस्था के समय अच्छे फूल उत्पादन एवं फल उत्पादन के लिए पोषण प्रबधन करना बहुत जरूरी होता है।

कवक जनित  रोगो  के  लिए: हेक्साकोनाज़ोल 5% SC @ 400 ग्राम/एकड़ या थायोफिनेट मिथाइल 70% W/P@ 300 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

जैविक उपचार के  रूप में  स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ की दर  से उपयोग करें। 

कीट प्रबंधन के लिए: इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG@ 100 ग्राम/एकड़ या क्लोरानट्रानिलीप्रोल 18.5% SC@ 60 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें। 

जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।   

पोषण प्रबंधन के लिए: होमब्रेसीनोलाइड 0.04% @ 100 मिली/एकड़ या पिक्लोबूट्राज़ोल 40% SC @ 30 मिली/एकड़ या सूक्ष्म पोषक तत्व @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।  

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