- जैविक खेती किसानों के लिए बहुत लाभकारी खेती होती है।
- इससे भूमि की उपज क्षमता में वृद्धि हो जाती है।
- इससे सिंचाई अंतराल में भी वृद्धि होती है क्योंकि जैविक खाद लम्बे समय तक मिट्टी में नमी को बनाये रखते हैं।
- रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होने से लागत में कमी आती है।
- फसलों की उत्पादकता में वृद्धि होती है।
- जैविक खेती से प्राप्त उत्पादों का बाजार भाव अधिक मिलता है जिससे किसानों की आय में वृद्धि होती है।
आरा मक्खी से सरसों की फसल को होगा काफी नुकसान, जानें नियंत्रण विधि
- सरसोंं की फसल में आरा मक्खी का प्रकोप होने का डर सबसे ज्यादा रहता है।
- आरा मक्खी दरअसल काले रंग की होती हैं जो पत्तियों को बहुत तेजी के साथ नुकसान पहुँचाती है।
- इसके अलावा इसके कारण पत्तियों के किनारों पर छेद जैसी संरचना बनती है और यह कीट पत्तियों को खाती चली जाती है। इसके कारण सरसों की पत्तियां बिल्कुल छलनी हो जाती हैं।
- इसके निवारण के लिए प्रोफेनोफोस 50% EC@ 500 मिली/एकड़ या थियामेंथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 9.5% ZC@ 80 मिली/एकड़ या इमिडाक्लोप्रिड 30.5% SC@ 50 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
सरकार ने किया गोवर्धन एकीकृत पोर्टल लॉन्च, पशुपालकों को होगा लाभ
केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने साल 2018 में शुरू किये गए गोवर्द्धन योजना के अंतर्गत एक एकीकृत पोर्टल शुरू किया है। इस योजना का उद्देश्य मवेशियों के गोबर तथा अन्य जैव कचरे का बेहतर प्रबंधन करते हुए पशुपालकों की आमदनी में वृद्धि करना है।
स्वच्छ भारत अभियान के दूसरे चरण के तहत गोवर्द्धन योजना को प्राथमिक कार्यक्रम के रूप में अपनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत मवेशियों के गोबर तथा अन्य जैव कचरे से बायोगैस तथा ऑर्गेनिक खाद भी बनाई जा रही है।
स्रोत: अमर उजाला
Shareतरबूज की फसल के लिए हानिकारक है लीफ माइनर कीट, पढ़ें बचाव के उपाय
- लीफ माइनर (पत्ती सुरंगक) कीट आकार में बहुत ही छोटे होते हैं और ये पत्तियों के अंदर जाकर सुरंग बनाते हैं।
- इससे तरबूज़ की पत्तियों पर सफेद धारी जैसी लकीरें बन जाती हैं।
- इस कीट के वयस्क हल्के पीले रंग के एवं शिशु आकार में बहुत ही छोटे एवं पैर विहीन तथा पीले रंग के होते हैं। यह कीट पत्तियों में सुरंग बनाते हैं और इसी सुरंग में प्यूपा का निर्माण होता है।
- इस कीट का प्रकोप पत्तियों पर होता है और इससे प्रभावित पत्ती पर आड़ी सर्पिलाकार सुरंग बन जाता है। इसके कारण पौधों की प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में भी बाधा होती है और अततः पत्तियां गिर जाती हैं।
- इस कीट के नियंत्रण के लिए एबामेक्टिन 1.9% EC @ 150 मिली/एकड़ या क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 8.8 + थायोमेथोक्जाम 17.5% SC @ 200 मिली/एकड़ या सायनट्रानिलीप्रोल 10.26% OD@ 300 मिली/एकड़ का उपयोग करें।
भिंडी की फसल में बुआई के पूर्व ऐसे करें उर्वरक प्रबंधन
- तरबूज की उन्नत खेती के लिए बुआई के पूर्व उर्वरक प्रबंधन करने से खेत की मिट्टी में यदि किसी प्रकार के पोषक तत्वों की कमी होती है तो उसकी पूर्ति हो जाती है।
- इस प्रकार उर्वरक प्रबंधन करने से भिंडी के बीजों को अंकुरण के समय आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति में आसानी से हो जाती है।
- बुआई के समय DAP@ 75 किलो/एकड़ + पोटाश@ 30 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी में भुरकाव करें।
- भिंडी की फसल को बहुत से अलग अलग प्रकार की बीमारियों से रक्षा की भी करने की भी जरुरत पड़ती है।
- इसके लिए बुआई से पहले मिट्टी उपचार करना चाहिए या फिर बुआई के समय मिट्टी समृद्धि किट के द्वारा मिट्टी उपचार किया जाना चाहिए। इस किट में उन सभी आवश्यक उत्पादों को शामिल किया गया है जो भिंडी की फसल के लिए बहुत लाभकारी होते हैं।
ऑपरेशन ग्रीन से 22 फसलों को जोड़ने से किसानों को होगा लाभ
बजट 2021 के प्रावधानों में ऑपरेशन ग्रीन स्कीम से 22 फसलों को जोड़ने का निर्णय किया गया है। इस स्कीम की शुरुआत टमाटर, आलू एवं प्याज के साथ की गई थी। इस स्कीम का मुख्य लक्ष्य आलू, प्याज एवं टमाटर को बेहतर संरक्षण करने के साथ साथ इनकी आपूर्ति में वृद्धि करना था। साथ ही इस स्कीम का यह भी उद्देश्य था की टमाटर, आलू एवं प्याज के फसल का मूल्य स्थिर रहे और इसकी खेती करने वाले किसानों को इसका लाभ भी मिले।
बहरहाल आने वाले दिनों में इस स्कीम में 22 फसलों को और जोड़ा जाएगा जिससे किसानों को काफी लाभ होगा। इन 22 फसलों में मुख्यतः सब्जी व फलों को शामिल किया गया है।
स्रोत: जागरण
Share5 फरवरी से मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में बढ़ जाएंगी बारिश की गतिविधियां
मध्य प्रदेश के पूर्वी भागों, उत्तर प्रदेश के मध्य एवं पूर्वी क्षेत्र, बिहार, झारखंड एवं उत्तरी छत्तीसगढ़ में 5 फ़रवरी से बारिश की गतिविधियां बढ़ने की संभावना है।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
Shareविगरमैक्स जेल के इस्तेमाल से आपकी फसल को मिलेंगे कई चमत्कारिक लाभ
- विगरमैक्स जेल आपकी फसल को जबरदस्त पोषण देता है।
- यह फसल की उपज को बढ़ाने में मदद करता है और उन्हें तनाव से दूर रखता है।
- यह मिट्टी में मौजूद सभी सूक्ष्म पोषक तत्वों को अवशोषित कर पौधों को उपलब्ध करवा कर विकास को बढ़ावा देता है।
- यह आपके खेत की मिट्टी की सघनता को बढ़ाता है।
- साथ ही मिट्टी में हवा और पानी की अवधारण क्षमता में भी सुधार करता है।
- यह प्रकाश संश्लेषण, कोशिका वृद्धि, कोशिका विभाजन और ऊर्जा हस्तांतरण जैसी प्रक्रियाओं से फसल के स्वस्थ विकास को बढ़ावा देता है।
ऑनलाइन पोर्टल E-Nam से जुड़ेगी 1000 नई मंडी, किसानों को होगा लाभ
किसानों को अपनी उपज बेचने के कई बार बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है। कभी उन्हें सही दाम नहीं मिलते तो कभी ख़रीदार नहीं मिलते। इसी समस्या को दूर करने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। इसी कड़ी में वित्त वर्ष 2021-22 के बजट भाषण में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1000 नई मंडी को E-Nam स्कीम से जोड़ने का ऐलान किया है।
बता दें की साल 2016 में ऑनलाइन पोर्टल ई-नाम की शुरुआत की गई थी | इसका पूरा नाम ई- नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट है। इसके माध्यम से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग करने की सुविधा मिल जाती है। बताया जाता है की इस प्लेटफॉर्म पर पहले से ही करीब 1.68 करोड़ किसान रजिस्टर हो चुके हैं।
स्रोत: कृषि जागरण
Shareमध्यप्रदेश के कई क्षेत्रों में हो सकता है मौसम में बदलाव, जानें मौसम पूर्वानुमान
मध्य भारत के क्षेत्रों में फिलहाल उत्तरी तथा पूर्वी मध्य प्रदेश के साथ साथ उत्तरी छत्तीसगढ़ में मौसम में बदलाव हो सकता है इसके अलावा मध्य भारत के अन्य क्षेत्रों में मौसम पूर्ववत बना रहेगा।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
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