मध्यप्रदेश में 21 फ़रवरी से थम जाएगा बारिश का दौर, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather report

मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से बरसात का दौर जारी है। 20 फ़रवरी के बाद बारिश का ये दौर थम जाएगा और मौसम साफ़ हो जाएगा। 21 फरवरी से 25 फरवरी के बीच मध्य प्रदेश के तक़रीबन सभी क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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तरबूज की अंकुरण अवस्था में फसल का कवक रोगों से कैसे करें बचाव

How to protect watermelon crop against fungal diseases in the germination stage
  • तरबूज की बुआई के बाद 10 से 15 दिनों में फसल की अंकुरण अवस्था होती है।
  • अंकुरण की शुरूआती अवस्था में तरबूज की फसल में कवक रोगों का नियंत्रण बहुत आवश्यक होता है।
  • इस अवस्था में कवक रोगों के नियंत्रण के लिए जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम/एकड़ या ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड की दर से उपयोग करें।
  • रासायनिक उपचार के रूप में क्लोरोथालोनिल 75% WP@ 400 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • अंकुरण अवस्था में तरबूज की फसल में पत्तियों के पीले होने व पौध के जलने की समस्या बढ़ने की संभावना होती है।
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मूंग की इन उन्नत किस्मों की खेती से मिलेगी जबरदस्त उपज, जानें इनकी विशेषताएं

Cultivation of these advanced varieties of moong will give tremendous yield
  • PDM139 सम्राट (प्रसाद), PDM139 सम्राट (ईगल), PDM139 सम्राट (अवस्थी): ये तीनो मूंग की बेहद उन्नत किस्में मानी जाती हैं। इनकी फसल अवधि 55 से 60 दिनों की होती है। ये किस्में गर्मी एवं बसंत ऋतू की मुख्य किस्में हैं। इन किस्मों का कुल उत्पादन 5 से 6 क्विण्टल की दर से होता है। ये किस्में येलो मोजेक वायरस के प्रति प्रतिरोधी होती हैं एवं इनका दाना चमकीले हरे रंग का होता है। 
  • IPM205 विराट: यह किस्म भी मूंग की एक उन्नत किस्म है और इसकी फसल अवधि 52 से 55 दिनों की होती है। यह किस्म गर्मी एवं बसंत ऋतू की मुख्य किस्म है और इसका कुल उत्पादन 4 से 5 क्विण्टल तक होता है। इस किस्म के पौधे सीधे तथा बौने होते हैं तथा इसके दाने बड़े होते हैं।
  • Hum-1(अरिहंत): यह मूंग की बहुत उन्नत किस्म है। इसकी फसल अवधि 60 से 65  दिन की होती है। यह किस्म गर्मी एवं बसंत ऋतू की मुख्य किस्म है और इसका कुल उत्पादन 3 से 4 क्विण्टल तक रहता है।
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भिंडी की फसल में जरूर करें मिट्टी उपचार, मिलेंगे कई फायदे

Benefits of soil treatment in okra
  • बुआई के समय भिंडी की फसल में मिट्टी उपचार करने से मिट्टी जनित रोगों एवं कीटों से फसल की रक्षा होती है।
  • बुआई के समय यह प्रक्रिया अपनाने से अंकुरण के समय भिंडी के बीजों का अंकुरण प्रतिशत बहुत अच्छा हो जाता है।
  • FYM या वर्मी कम्पोस्ट से मिट्टी उपचार करने से मिट्टी हवादार हो जाती है।
  • किसी भी रासायनिक या जैव उर्वरक से मिट्टी उपचार करने से मिट्टी में पोषक तत्वों की पूर्ति आसानी से हो जाती है।
  • इससे फसल उत्पादन बहुत हद तक बढ़ जाता है एवं फसल रोगरहित पैदा होती है।
  • साथ ही अंकुरण अवस्था में लगने वाले कवक रोगों से अंकुरित पौध को सुरक्षा भी मिलती है।
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मध्यप्रदेश में एक ही दिन शुरू होगी गेहूँ, चना, सरसों एवं मसूर की खरीदी

Purchase of wheat, gram, mustard and lentils will start on same day in Madhya Pradesh

रबी फसलों की कटाई का समय आ गया है। किसान गेहूँ की कटाई अब शुरू करने वाले हैं। फसल कटाई की तैयारियों को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने उपज खरीदने की तारीखों की भी घोषणा कर दी है। आने वाले महीने मार्च की 15 तारीख से सरकार खरीदी प्रक्रिया शुरू कर देगी।

इस बाबत मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा कि “15 मार्च से गेहूँ के साथ चना, सरसों, मसूर की खरीद भी होगी और खरीद की सीमा को भी बढ़ा दिया गया है।” उन्होंने आगे कहा की “गेहूँ के साथ ही चना, सरसों, मसूर की खरीदी शुरू होने से किसानों को समर्थन मूल्य से ज्यादा दाम मिलेगा।

स्रोत: न्यूज़ 18

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अगले 24 घंटे में मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में फिर होगी बारिश

Weather Forecast

पिछले कुछ दिनों से देश के कई क्षेत्रों में मौसम ने करवट ले ली है। मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में बारिश के साथ साथ ओले गिरने की भी खबर आई है। आने वाले 24 घंटे में भी बारिश होने के आसार बताये जा रहे हैं।

आने वाले 24 घंटों के दौरान मध्यप्रदेश के साथ साथ छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है साथ ही कहीं कहीं गरज के साथ बौछारें गिरने के भी आसार हैं। इन क्षेत्रों में कहीं कहीं ओले गिरने की भी संभावनाएं हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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भिंडी की फसल से अच्छी उपज प्राप्ति के लिए जरूरी है बीज उपचार

Benefits of seed treatment in okra crop
  • बुआई के पूर्व भिंडी की बीजों का बीज़ उपचार करने से कई प्रकार के कीट तथा रोगों के प्रकोप से बीजों का बचाव होता है।
  • बीज़ उपचार करने से भिंडी के बीजों का अंकुरण बहुत अच्छा होता है।
  • रासायनिक उपचार: बुआई से पहले भिंडी के बीजों को कवकनाशी कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% WP@ 2.5 ग्राम/किलो बीज या कार्बोक्सिन 37.5% + थायरम 37.5% DS @ 2.5 ग्राम/किलो बीज या कीटनाशी इमिडाक्लोप्रिड 48% FS @ 4 मिली/किलो बीज या थियामेंथोक्साम 30% FS@ 4 मिली/किलो बीज से बीज उपचार करें।
  • जैविक उपचार: ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 5 ग्राम + PSB बैक्टेरिया @ 2 ग्राम/किलो बीज या स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ @ 5 ग्राम/किलो बीज की दर से बीज उपचार करें।
  • इस बात का विशेष ध्यान रखें की बीज उपचार के बाद उपचारित बीजों को उसी दिन बुआई के लिए उपयोग करें। उपचारित बीजों को संगृहीत करके ना रखें।
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तरबूज़ की फसल में अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा रोग का नियंत्रण कैसे करें?

How to control Alternaria leaf spot disease in watermelon crop
  • अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा रोग तरबूज़ की फसल में बुआई के बाद से ही दिखाई देने लगता है।
  • इस रोग के कारण पत्तियों पर भूरे रंग के सकेंद्रिय गोल धब्बे दिखाई देते हैं। यह धब्बे धीरे धीरे बढ़ते जाते है और आखिर में ग्रसित पत्तियाँ सूख कर गिर जाती हैं।
  • इस रोग के निवारण के लिए कार्बेडेंजियम 12% + मैंकोजेब 63% WP @ 300 ग्राम/एकड़ या कीटाजिन@ 300 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • जैविक उपचार के रूप में ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 500 ग्राम/एकड़ की दर छिड़काव करें।
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अब गौ पालकों की बढ़ेगी कमाई, गोबर से बनाया जाएगा इकोफ्रेंडली पेंट

Eco-friendly paint will be made from cow dung

किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए सरकार कई नए कदम उठा रही है। इसी कड़ी में पिछले दिनों केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने गोबर से तैयार किये गए पेंट लॉन्च किये थे। अब बताया जा रहा है की नितिन गडकरी गोबर से पेंट बनाने की फैक्ट्री शुरू करने की तैयारी में हैं।

सरकार की इस पहल से हर गांव में रोज़गार के नए और बेहतर अवसर पैदा होंगे। बता दें की गोबर से पेंट तैयार करने वाली एक फैक्ट्री शुरू करने में करीब 15 लाख रुपए का खर्च होगा। गोबर से तैयार यह पेंट इकोफ्रेंडली होगा और लम्बे समय तक चलेगा।

स्रोत: कृषि जागरण

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मध्य प्रदेश के 18 जिलों में ओलावृष्टि की चेतावनी, 4 जिलों में बारिश जारी

Hailstorm warning in 18 districts of Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में अचानक मौसम ने करवट ली है और बरसात का दौर शुरू हो गया है। यह मौसमी बदलाव बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी वाली हवाओं के कारण देखने को मिल रही है। यही कारण है की मध्य प्रदेश के 4 जिले भोपाल, रायसेन, सीहोर, सागर में बारिश हो रही है साथ ही रायसेन एवं नरसिंहपुर में ओले गिरने की भी खबर आई है। इसके अलावा सिवनी जिले में भी कई जगहों पर बारिश के साथ ओले गिरने की खबर आई है।

मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में मध्य प्रदेश के 18 जिले में ओलावृष्टि की संभावना जताई है। इस मौसम पूर्वानुमान को देखते हुए किसानों को सावधान रखने की जरुरत है और अपने अपने स्तर पर इस बाबत प्रबंध करने की जरुरत है।

मध्य प्रदेश के किन जिलों में ओले गिरने की है संभावना?

मौसम विभाग के अनुसार ओले गिरने की है संभावना वाले जिलों में शहडोल और होशंगाबाद संभाग के साथ साथ रीवा, सतना, दमोह, सागर, छिंदवाड़ा, सिवनी, रायसेन, सीहोर, दतिया, भोपाल, गुना और भिंड जिले शामिल हैं।

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