मल्टीलेयर खेती करने से किसानों को मिलेंगे कई फायदे

Multilayer Farming
  • मल्टीलेयर खेती के अंतर्गत एक ही खेत में एक ही मौसम में एक साथ बहुत सी फसलें लगायी जाती है। खेती की इस तकनीक को मल्टीलेयर खेती कहते हैं।

  • मल्टीलेयर खेती के लिए किसान पहले जमीन में ऐसी फसल लगाएं, जो कि भूमि के अंदर उगती है। इसके बाद उसी भूमि में सब्जी और फलदार पौधे लगा सकते हैं।

  • इन फसलों के अलावा छायादार और फलदार वृक्ष भी लगा सकते हैं। इस तकनीक से किसान कम भूमि में भी एक से अधिक फसल की खेती कर सकता है।

  • मल्टी लेयर फार्मिंग में एक ही खेत में एक साथ चार से पांच फसल आसानी से लगाई जा सकती है।

  • मल्टीलेयर खेती में किसान कम भूमि में अधिक खेती करके अधिक लाभ कमा सकते हैं।

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एमएसपी पर मूंग की खरीदी के लिए जल्द शुरू होगा पंजीयन

वर्तमान में कई राज्य सरकारें रबी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी कर रही है। मध्य प्रदेश में भी यह कार्य जारी है। बहरहाल मध्य प्रदेश सरकार ने इस कार्य में एक कदम आगे बढ़ते हुए यह घोषणा कर दी है की रबी फसलों की ही तरह आने वाले समय में ज़ायद सीजन की मुख्य फसल मूंग की खरीदी एमएसपी पर की जायेगी।

हालांकि मूंग की कटाई अभी नहीं हुई है इसके बाद भी प्रदेश सरकार इसकी खरीदी के लिए निर्णय ले रही है। मूंग की खरीदी के लिए किसानों का पंजीयन जल्द शुरू कराया जाएगा। मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि “संकट की इस घड़ी में सरकार किसानों के साथ है। उन्हें उपज का समर्थन मूल्य दिलाने के लिए कोरोना संकट काल में भी समिति स्तर पर खरीद की जा रही है।”

स्रोत: नई दुनिया

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50% की भारी सरकारी सब्सिडी के लिए फ़ूड प्रोसेसिंग उद्योग करें आवेदन

Food processing industries apply for heavy government subsidy of 50%

फ़ूड प्रोसेसिंग उद्योग शुरू करने के इच्छुक लोगों के लिए सरकार अनुदान, प्रोत्साहन योजना चला रही है। इस योजना में प्रोत्साहन/अनुदान प्राप्त करने के इच्छुक खाद्य प्रसंस्करण उद्योग विनिर्माता आवेदन कर सकते हैं। इसके अंतर्गत गाइडलाइन अधिकारी वेबसाइट www.mofpi.nic.in पर दर्ज कर दी गई हैI

केंद्रीय कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक, “भारत सरकार ने 10,900 करोड़ रुपए के बजट के साथ वर्ष 2021-22 से वर्ष 2026-27 के दौरान खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। मंत्रालय ने विस्तृत गाइडलाइन जारी की है।”

बता दें कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय इस योजना के अंतर्गत तीन श्रेणियों के आवेदकों से विदेशों में ब्रांडिंग एवं विपणन गतिविधियों को आरम्भ करने के लिए बिक्री आधारित प्रोत्साहन तथा अनुदान प्राप्त करने हेतु आवेदन आमंत्रित कर रहा है।

योजना से विदेशों में ब्रांडिंग व विपणन पर कुल खर्च के 50% की दर से अनुदान मिलेगा और इसके लिए न्यूनतम खर्च 5 वर्ष की अवधि में 5 करोड़ रुपये होगा। इस योजना में आवेदन करने की आखिरी तारीख 17 जून 2021, शाम 5 बजे तक है।

स्रोत: कृषक जगत

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कपास की बुआई से पहले सफेद लट्ट का कर दें खेत से खात्मा

What are the measures to control the white grub before sowing of cotton crop

  • सफ़ेद ग्रब सफेद रंग का कीट हैं जो खेत में सुप्तावस्था में ग्रब के रूप में रहता है।

  • आमतौर पर प्रारंभिक रूप में ये जड़ों में नुकसान पहुंचाते हैं।

  • सफेद ग्रब के प्रकोप के लक्षण कपास के पौधे पर देखे जा सकते हैं, जैसे कि कपास के पौधे का एकदम से मुरझा जाना, पौधे की बढ़वार रूक जाना और बाद में पौधे का मर जाना इसका मुख्य लक्षण है।

  • इस इस कीट का नियंत्रण जून माह में और जुलाई के शुरुआती सप्ताह में कर लेना चाहिए। इसके लिए मेट्राजियम (kalichakra) 2 किलो + 50-75 किलो FYM/कम्पोस्ट के साथ मिलाकर प्रति एकड़ की दर से खाली खेत में भुरकाव करें।

  • लेकिन यदि कपास की फसल की प्रारम्भिक अवस्था में भी इस कीट का प्रकोप दिखाई दे रहा हो तो सफेद ग्रब के नियंत्रण के लिए रासायनिक उपचार भी किया जा सकता है।

  • इसके लिए फेनप्रोप्रेथ्रिन 10% EC @ 500 मिली/एकड़, क्लोथियानिडिन 50.00% WG @ (डोन्टोटसु) 100 ग्राम/एकड़ को मिट्टी में मिला कर उपयोग करें।

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मध्य प्रदेश के इन इलाकों में आज तेज बारिश की है संभावना, जानें मौसम पूर्वानुमान

weather forecast

मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में बारिश की संभावनाएं बन रही हैं। ख़ास कर के दक्षिण-पूर्वी मध्यप्रदेश में तेज बारिश की संभावनाएं हैं। इसके साथ ही विदर्भ के क्षेत्रों में भी तेज बारिश हो सकती है। मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में ही हल्की बारिश हो सकती है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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लहसुन के भंडारण में इन बातों का रखेंगे ध्यान तो उपज को नहीं होगा कोई नुकसान

storage of garlic

बहुत सारे किसान लहसुन की उपज प्राप्ति के बाद इसे बेचने के बजाय इसका भंडारण कर के रखना चाहते हैं ताकि जब लहसुन के रेट बढे तब वे इसका अच्छा दाम ले सकें। पर भंडारण करने में भी किसानों को कई बातों का ध्यान रखने की जरूरत है। अगर इन बातों का ख्याल नहीं रखा जाए तो आप लहसुन का लंबे समय तक स्वस्थ भंडारण कर पाएंगे। विस्तृत जानकारी के लिए देखें वीडियो।

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर की हुई सफल टेस्टिंग, जानें क्या होंगी इसकी खूबियां

Successful testing of electric tractor

इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर के आने से ट्रैक्टर इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। इस बदलाव के लिए कई ट्रैक्टर निर्माता कंपनियों ने कमर कस ली है। इस कड़ी में पहले सोनालिका और अब एक और ट्रैक्टर निर्माता कंपनी ने इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर की टेस्टिंग सफलता से पूरी कर ली है। इसकी टेस्टिंग मध्य प्रदेश के बुदनी में स्थित सेंट्रल फार्म मशीनरी ट्रेनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट में हुई।

अभी तक यह निश्चित नहीं है कि ये इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर बाजार में कब तक आ जाएंगे। सोनालिका कंपनी ने भी इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर बना लिया है और यह कहा जा रहा है की डीजल ट्रैक्टरों के मुकाबले इस इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर से खर्च एक चौथाई से भी कम हो जाएगा। कंपनी ने बताया है की इस ट्रैक्टर को घरेलू सॉकेट से भी आसानी से चार्ज किया जा सकेगा और एक बार फुल चार्ज होने में यह करीब 10 घंटे का वक़्त लेगा।

बता दें की इसी साल फरवरी महीने में देश का पहला सीएनजी ट्रैक्टर भी लॉन्च हो चूका है। ज्यादा जानकारी के लिए पढ़ें सीएनजी ट्रैक्टर से जुड़ी विस्तृत जानकारी

स्रोत: टीवी 9 भारतवर्ष

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मूंग की फसल में ऐन्थ्रेक्नोज धब्बा रोग की पहचान एवं बचाव के उपाय

Identification and prevention measures of Anthracnose spot in Green gram crop
  • एन्थ्रेक्नोज धब्बा रोग के संक्रमण के कारण मूंग बीज के अंकुरण के तुरंत बाद पौध झुलस जाती है।

  • पत्तियों और फलियों पर गोल, गहरे, काले केंद्र युक्त चमकीले लाल नारंगी रंग के धब्बे हो जाते हैं।

  • रोगज़नक़ बीज और पौधे के अवशेष पर जीवित रहता है।

  • रोग वायु-जनित बीजाणु के माध्यम से क्षेत्र में फैलता है।

  • प्रभावित पौधे के अवशेष को हटा दें और नष्ट कर दें।

  • खेतों को साफ रखे एवं उचित फसल चक्र अपनाकर बीमारी के फैलने से रोकें।

  • बीजों को कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% WP से 2.5 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें।

  • इस रोग के निवारण के लिए मैनकोज़ेब 75% WP@ 500 ग्राम/एकड़ या क्लोरोथालोनिल 75% WP@ 300 ग्राम/एकड़ या हेक्साकोनाज़ोल 5% SC@ 300 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • जैविक उपचार के रूप में स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस@ 250 ग्राम/एकड़ या ट्राइकोडर्मा विरिड@ 500 ग्राम /एकड़ के रूप में उपयोग करें।

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कई विशेष गुणों वाले मिर्च के इन उन्नत किस्म के बीजों की करें खेती

Advanced varieties of chilies and their properties

सीजेंटा HPH 12: इसके पौधे मजबूत होते हैं, पार्श्व शाखाओं के साथ इनके पौधों की ऊंचाई में 80-110 सेमी होती है। इसकी पहली फल परिपक्वता 50-55 दिनों में होती है। इसके फल चिकने, हरे रंग के होते हैं, जो परिपक्वता के समय आकर्षक गहरे लाल रंग के हो जाते हैं। फलों की औसत लंबाई 7-8 सेमी व मोटाई 1 सेंटीमीटर होती है। इनमे अच्छी सुगंध के साथ उच्च तीखापन होता है और ये आयात निर्यात के लिए उपयुक्त होते हैं।

स्टार फील्ड 9211 एवं स्टार फील्ड शार्क-1: इनकी पत्तियां मोटी होती हैं। इस किस्म की पहली फल परिपक्वता 60-65 दिनों में होती है, फलों का रंग गहरा हरा, परिपक्व फलों का रंग गहरा लाल होता है, फल की लम्बाई 8-9 सेंटीमीटर होती है एवं फल की मोटाई 0.8-1.0 सेंटीमीटर होती है। इस किस्म में तीखापन बहुत अधिक होता है। इस किस्म का फल सुखाकर बेचने के लिए उपयुक्त होता है। यह कवक जनित रोगों के लिए प्रतिरोधी होते हैं।

US एग्री 720: इस किस्म की पहली फल परिपक्वता 60-65 दिनों में होती है, फलों का रंग गहरा हरा, परिपक्व फलों का रंग गहरा लाल होता है, फल की लम्बाई 18-20 सेंटीमीटर व मोटाई 1-2 सेंटीमीटर होती है। इस किस्म में तीखापन बहुत अधिक होता है और फल का वजन अच्छा होता है।

नुनहेम्स इन्दु 2070: इस किस्म के पौधे उत्कृष्ट माध्यमिक शाखाओं के साथ मज़बूत होते है एवं इसकी पहली फल परिपक्वता 50-55 दिनों में हो जाती है। इसके फल का रंग चमकीला होता है वहीं फल की लम्बाई 8-10 सेंटीमीटर व मोटाई 0.8-1.0 सेंटीमीटर होती है। इस किस्म में तीखापन बहुत अधिक होता है। इस किस्म का फल सुखाकर बेचने के लिए उपयुक्त होता है।

एडवांटा AK-47: इस किस्म में पौधा आधा सीधा होता है, पहली फल परिपक्वता 60-65 दिनों में होती है, फल का रंग गहरा लाल एवं गहरा हरा होता है, लंबाई 6-8 सेंटीमीटर एवं मोटाई 1.1-1.2 सेंटीमीटर होती है। इस किस्म में तीखापन बहुत अधिक होता है, इसके फल को गिला एवं सुखाकर दोनों प्रकार से बेचा जा सकता है। यह किस्म लीफ कर्ल वायरस के लिए प्रतिरोधी होती है।

BASF आर्मर: इस किस्म में पौधा आधा सीधा व मजबूत होता है। इसकी पहली फल परिपक्वता 50-55 दिनों में होती है, फल का सतह भाग अर्द्ध झुर्रीदार होते हैं, ताज़े हरे फल की तुड़ाई 8-10 दिनों के अंतराल से होती रहती है एवं फल की मोटाई लंबाई 9X1 सेंटीमीटर होती है। इस किस्म में तीखापन बहुत अधिक होता है, यह लाल सुर्ख करके बेची जाती है। यह किस्म लीफ कर्ल वायरस के लिए प्रतिरोधी होती है।

दिव्या शक्ति (शक्ति-51): इस किस्म में पौधा मजबूत और अधिक शाखाओं वाला होता है। इस किस्म की पहली फल परिपक्वता 42-50 दिनों में हो जाती है, फल का रंग गहरा हरा होता है, लंबाई 6-8 सेंटीमीटर व मोटाई 0.7-0.8 सेंटीमीटर होती है। इस किस्म में तीखापन अधिक होता है, यह अत्यधिक गर्म और गहरे लाल रंग की होती है। इसके फल सूखने पर इसे बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। यह किस्म लीफ कर्ल वायरस के लिए 100% प्रतिरोधी होती है।

हु वाज सानिया 03: इस किस्म में पौधा सीधा एवं पहली फल परिपक्वता 50-55 दिनों में हो जाती है। इसके परिपक्व फल लाल एवं अपरिपक्व फल पीले-हरे होते हैं। फल की लम्बाई 15-17 सेंटीमीटर एवं मोटाई 0.3 MM होती है। इस किस्म में तीखापन अधिक होता है और यह किस्म सुखाने के लिए उपयुक्त होती है।

कृषि एवं कृषि उत्पादों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। उपर्युक्त बताये गए बीजों की खरीदी के लिए एप के बाजार विकल्प पर जाएँ।

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एसबीआई में क्लर्क बनने का सुनहरा मौका, निकली हजारों पदों पर भर्तियां

Golden opportunity to become a clerk in SBI

20 वर्ष से 28 वर्ष तक के युवाओं के लिए भारतीय स्टेट बैंक में नौकरी करने का सुनहरा मौका सामने आया है। एसबीआई में क्लर्क पद के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इसके आवेदन की प्रक्रिया चल रही है और आवेदन करने की आखिरी तारीख 17 मई 2021 रखी गई है।

एसबीआई ने 5454 क्लर्क पद के लिए भर्तियां निकाली हैं। इसके चयन की प्रक्रिया के अंतर्गत प्रीलिमिनरी एग्जाम जून 2021 में और मुख्य परीक्षा 31 जुलाई, 2021 को निर्धारित की गई है। इस पद के लिए योग्य उम्मीदवार एसबीआई की आधिकारिक साइट http://sbi.co.in/ पर जा कर अपना आवेदन कर सकते हैं।

स्रोत: कृषि जागरण

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