- स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस एक जैविक कवकनाशी एवं जीवाणु नाशी की तरह कार्य करता है।
- यह कद्दू वर्गीय फसलों को कवक जनित, जीवाणु जनित, मिट्टी जनित एवं बीज़ जनित रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है।
- बदलते मौसम के कारण फसलों पर होने वाले प्रतिकूल प्रभावों से यह फसल की रक्षा करता है।
- यह कद्दू वर्गीय फसलों में गमी स्टेम ब्लाइट रोग को नियंत्रित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- कद्दूवर्गीय फसलों में अच्छे जड़ विकास, फल विकास, फूल विकास अड्डी में भी यह बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस कद्दूवर्गीय फसलों को प्रभावित करने वाले रोग जैसे आर्द्र गलन, जड़ गलन, उकठा, तना गलन, फल सड़न, तना झुलसा आदि की रोकथाम में भी सहायक होता है।
मध्य प्रदेश के मंडियों में 20 मार्च को क्या रहे फसलों के भाव
मंडी | फसल | न्यूनतम | अधिकतम |
मंदसौर | धनिया | 5400 | 7003 |
मंदसौर | चना | 4200 | 4751 |
मंदसौर | अलसी | 5800 | 6250 |
मंदसौर | मेथी | 5400 | 5860 |
मंदसौर | सोयाबीन | 4800 | 5550 |
खरगोन | कपास | 4600 | 6455 |
खरगोन | गेहूं | 1650 | 1876 |
खरगोन | चना | 4436 | 4941 |
खरगोन | मक्का | 1175 | 1325 |
खरगोन | सोयाबीन | 5351 | 5351 |
खरगोन | डॉलर चना | 7341 | 8000 |
खरगोन | तुवर | 5350 | 6270 |
नीमच | शरबती गेहूं | 2250 | 2250 |
नीमच | लोकवन गेहूं | 2000 | 2050 |
नीमच | सोयाबीन | 5400 | 5552 |
नीमच | मेथी | 5700 | 6200 |
नीमच | धनिया | 6800 | 9100 |
नीमच | रायडा | 5100 | 5400 |
नीमच | अलसी | 5850 | 6150 |
नीमच | विशाल चना | 4800 | 4840 |
नीमच | चना | 4600 | 4886 |
नीमच | डॉलर चना | 7800 | 9000 |
नीमच | मसूर | 5000 | 5350 |
नीमच | उड़द | 4500 | 6400 |
हरसूद | सोयाबीन | 4727 | 5313 |
हरसूद | तुवर | 4000 | 6110 |
हरसूद | गेहूं | 1703 | 1724 |
हरसूद | चना | 4498 | 4700 |
हरसूद | मूंग | 4900 | 4900 |
हरसूद | मक्का | 1276 | 1276 |
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तरबूज की दो पत्ती अवस्था में लीफ माइनर के प्रकोप का ऐसे करें नियंत्रण
- लीफ माइनर कीट के वयस्क गहरे रंग के होते हैं।
- इस कीट का तरबूज की फसल की दो पत्ती अवस्था में बहुत प्रकोप दिखाई दे रहा है।
- इसके कारण पत्तियों पर सफेद टेढ़ी मेढ़ी धारियां बन जाती है। यह धारियाँ इल्ली के द्वारा पत्ती के अंदर सुरंग बनाये जाने के कारण बनती हैं।
- इससे तरबूज के पौधे की बढ़वार रुक जाती है एवं पौधे छोटे रह जाते हैं।
- इस कीट से ग्रसित पौधों की फल एवं फूल लगने की क्षमता पर बहुत प्रभाव पड़ता है।
- इसके नियंत्रण के लिए एबामेक्टिन 1.9% EC @ 150 मिली/एकड़ या प्रोफेनोफोस 50% EC @ 500 मिली/एकड़ या थियामेंथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 9.5% ZC@ 80 मिली/एकड़ या सायनट्रानिलीप्रोल 10.26% OD@ 250 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
मध्य प्रदेश में जारी बारिश का दौर अब धीरे धीरे थम जाएगा, जानें मौसम पूर्वानुमान
मध्य प्रदेश समेत मध्य भारत के अन्य क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश का दौर आगामी 24 घंटे में थम जाएगा। बता दें कि पिछले 24 घंटे में मध्य प्रदेश के जबलपुर, भोपाल, सागर, सतना, रायसेन, उमरिया जैसे कई क्षेत्रों में बारिश के साथ साथ बिजली चमकने की भी खबर आई है और कुछ क्षेत्रों से ओलावृष्टि की भी खबर है।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
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टमाटर की फसल के लिए पोटाश होता है बहुत महत्वपूर्ण
- टमाटर की फसल में अच्छे फल उत्पादन के लिए पोटाश का बहुत अधिक महत्व होता है।
- फसल की शुरुआती अवस्था में पोटाश का उपयोग जमीन से करने पर टमाटर की जड़ों का विकास बहुत अच्छा होता है।
- पोटाश पौधों में संश्लेषित शर्करा को फलों तक पहुंचाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- पोटाश प्राकृतिक नत्रजन की कार्य क्षमता को भी बढ़ावा देता है।
- टमाटर के सुर्ख़ लाल रंग के लिए आवश्यक लाइकोपेन के निर्माण के लिए भी पोटाश जरूरी है।
- पोटाश टमाटर के फल का वजन बढ़ाने में भी मदद करता है।
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मध्य प्रदेश के मंडियों में 19 मार्च को क्या रहे फसलों के भाव
मंडी | फसल | न्यूनतम | अधिकतम | मॉडल |
हरसूद | सोयाबीन | 3299 | 5275 | 5100 |
हरसूद | तुवर | 5700 | 6100 | 5950 |
हरसूद | गेहूं | 1600 | 1745 | 1711 |
हरसूद | चना | 4400 | 4700 | 4580 |
हरसूद | मूंग | 5301 | 5301 | 5301 |
हरसूद | मक्का | 1250 | 1265 | 1260 |
हरसूद | सरसो | 4201 | 4642 | 4600 |
खरगोन | कपास | 4850 | 6730 | 6000 |
खरगोन | गेहूं | 1650 | 2002 | 1740 |
खरगोन | चना | 4400 | 4900 | 4650 |
खरगोन | मक्का | 1241 | 1380 | 1360 |
खरगोन | सोयाबीन | 5130 | 5376 | 5320 |
खरगोन | डॉलर चना | 7350 | 7850 | 7600 |
खरगोन | तुवर | 5500 | 6700 | 6500 |
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लौकी की फसल में एफिड प्रकोप के लक्षण एवं बचाव के उपाय
- एफिड रस चूसक कीटों की श्रेणी में आते हैं।
- ये कीट लौकी की फसल की पत्तियों का रस चूसकर पौधे के विकास को प्रभावित करते हैं।
- इससे ग्रसित पौधे की पत्तियां पीली होकर सिकुड़ कर मुड़ जाती हैं।
- इसके अत्यधिक संक्रमण की अवस्था में पत्तियां सूख जाती हैं और धीरे-धीरे पूरा पौधा सूख जाता है।
- एफिड एक प्रकार का मधु रस छोड़ते हैं जिसके कारण काले फफूंद का प्रकोप होता है।
- इसके नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL@ 100 मिली/एकड़ या एसीफेट 75% SP@ 300 ग्राम/एकड़ या थियामेंथोक्साम 25% WG@ 100 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
- जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से उपयोग करें।
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किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए ग्रामोफ़ोन और गोदरेज एग्रोवेट ने शुरू की नई साझेदारी
देश की अग्रणी कृषि क्षेत्र कंपनी गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड और किसानों के सच्चे साथी ग्रामोफ़ोन ने किसानों के हित में काम करने के लिए सहभागिता की नई शुरुआत की है। इस सहभागिता से दोनों ही कम्पनी कृषि उत्पादकता में वृद्धि ला कर किसानों को समृद्ध बनाने के अपने साझा उदेश्य की पूर्ती के लिए कार्य करेंगे।
कृषि क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता और विश्वस्तरीय तकनीकों के साथ अपने टेक प्लेटफॉर्म ग्रामोफ़ोन एप के माध्यम से ग्रामोफ़ोन कंपनी किसानों तक अपनी पहुंच बनाने में कामयाब हुई है। गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड अब ग्रामोफ़ोन के साथ सहभागिता स्थापित कर किसानों को अपने उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का आसान वितरण सुनिश्चित करेगा। इससे किसानों को काफी लाभ मिलेगा और उन्हें इन उत्पादों की खरीदी के लिए महज एक कॉल या फिर एप पर क्लिक करना होगा।
Shareबारिश और ओलावृष्टि के कारण मध्य प्रदेश में बदल गई एमएसपी पर खरीदी की तारीख
फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए अलग-अलग राज्यों के सरकारों द्वारा किसानों से पंजीकरण करवाया जाता है। अगर बात करें मध्य प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी हेतु किसानों के पंजीकरण का तो इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है। हालांकि यह प्रक्रिया अन्य राज्यों में अभी तक चल रही है। मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से उपज खरीदने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। इस बाबत किसानों से उपज खरीदने की तारीख भी निर्धारित हो चुकी है।
मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा था कि मध्य प्रदेश के किसानों से गेहूँ, सरसों, चना और मसूर की खरीदी 15 मार्च तक कराई जाएगी। लेकिन बारिश और ओलावृष्टि के कारण इस तारीख से खरीदी की शुरुआत नहीं हो पाई है। अब खबर है की खरीदी की प्रक्रिया 22 मार्च से शुरू की जाएगी।
स्रोत: किसान समाधान
Share22, 23 और 24 मार्च को मध्य प्रदेश इन क्षेत्रों में जारी रहेगा बारिश का दौर
पिछले दो दिनों से मध्य प्रदेश के कई इलाकों में हल्की बारिश हो रही है। बारिश की ये गतिविधियां आने वाले दो दिनों में कम होने लगेगी। हालांकि 22, 23 और 24 मार्च को मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के साथ-साथ विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के कई इलाकों में बारिश की गतिविधियाँ देखने को मिलेगी। इसके साथ ही एक- दो जगहों पर ओलावृष्टि की भी संभावना बन रही है।
वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर
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