तरबूज की फसल में ना होने दें कैल्शियम की कमी

Importance of calcium for watermelon crop
  • तरबूज की फसल में कैल्शियम की कमी से कई शारीरिक विकार उत्पन हो जाते हैं।

  • इसके कारण तरबूज के फलों में सड़न पैदा हो जाती है। यह विकार कोई कीट या रोगाणु से नहीं बल्कि यह कैल्शियम की कमी के कारण होता है।

  • मिट्टी में अगर कैल्शियम की कमी हो तो तरबूज के पौधे में इसकी पूर्ति नहीं हो पाती है और फलों में इसकी कमी के लक्षण देखने को मिलते हैं।

  • इसकी कमी को दूर करने के लिए कैल्शियम नाइट्रेट @ 10 किलो/एकड़ की दर से मिट्टी उपचार के रूप में उपयोग करें।

अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में रोगों व कीटों के प्रकोप की समयपूर्व जानकारी प्राप्त करते रहें । इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने किसान मित्रों से भी करें साझा।

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प्याज, तरबूज, गेहूँ, लहसुन जैसी सभी फसलें घर बैठे बेचें, खुद करें खरीददारों से बात

Gram Vyapar

रबी फसलों की कटाई के समय पूरे देश में एक बार फिर से कोरोना महामारी फैलने लगी है। कई क्षेत्रों में पिछले साल की तरह फिर लॉक डाउन लग गया है। पर कोरोना की इस दूसरी लहर में आपकी उपज बिक्री में कोई बाधा ना आये इसके लिए ग्रामोफ़ोन हर संभव कार्य कर रहा है। ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार के माध्यम से आप घर बैठे अपनी फसल के खरीददार ढूंढ सकते हैं और सौदा तय कर सकते हैं।

आप अपनी फसल की बिक्री सूची बना सकते है जिसे देख कर खरीददार स्वयं आपको सम्पर्क करेंगे। इसके साथ ही आप ग्राम व्यापार पर मौजूद बहुत सारे भरोसेमंद खरीददारों से स्वयं संपर्क कर सकते हैं और अपनी फसल का सौदा तय कर सकते हैं।

तो कुछ इस तरह आप बड़ी ही अपनी फसल के लिए सही खरीददार ढूंढ सकते हैं और डायरेक्ट बात कर सही भाव भी घर बैठे तय कर सकते हैं। देर ना करें ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से अपनी फसल का सौदा जल्द तय करें।

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मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में फिर तापमान में होगा इजाफा

Weather Forecast

मध्य भारत के ज्यादातर राज्य में पिछले 24 घंटे में मौसम शुष्क बना हुआ है। इन राज्यों में मध्यप्रदेश, गुजरात, दक्षिणी राजस्थान शामिल हैं। हालांकि विदर्भ के कुछ इलाकों में और छत्तीसगढ़ में बारिश की गतिविधियां देखने को मिली। अब विदर्भ और आसपास के इलाकों में मौसम साफ़ रहेगा और इन इलाकों में गर्मी बढ़ेगी। अगले 2-3 दिनों में इन इलाकों में तापमान 40 डिग्री के ऊपर बने रहने की संभावना है।

स्रोत : स्काईमेट वीडियो

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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सरसों के भाव में जबरदस्त उछाल, पिछले सात साल में सबसे उच्च स्तर पर

mandi Bhaw

वर्तमान में सरसों का सीजन होने के बाद भी इसके भाव में तेजी देखने को मिल रही है। राजस्थान के भरतपुर में बुधवार को आंबेडकर जयंती होने की वजह से मंडी बंद थी। इस दौरान जो रखे हुए सौदे हुए उसमें सरसों के भाव 6500 रुपए क्विंटल पहुँच गए जो पिछले सात साल में अपने उच्चतम स्तर पर हैं।

बता दें की पिछले साल सरसों के अधिकतम भाव 6400 रुपए हुए थे वो भी दिसंबर-जनवरी के दौरान पर इस बार सीजन में ही भाव में जबरदस्त उछाल आ गया है। मंडी एक्सपर्ट बताते हैं की आने वाले दिनों में सरसों के भाव और बढ़ेंगे और यह 7000 रुपए तक भी जा सकते हैं।

स्रोत: भास्कर

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपने फसल की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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जिंक एवं विटामिन पशुओं के लिए है काफी जरूरी

Loss due to deficiency of zinc and vitamins in animals

जिंक पशुओं में कई एंजाइम के निर्माण में मदद करता है। इसकी कमी से पशुओं में प्रोटीन संश्लेषण में कमी एवं कार्बोहाइड्रेट के उपापचय में बाधा उत्पन्न होने लगती है तथा त्वचा संबंधी विकार जैसे त्वचा रूखी, कड़ी एवं मोटी हो जाती है।

विटामिन ई एवं सेलेनियम पशुओं के वृद्धि एवं प्रजनन के लिये बहुत ही आवश्यक खनिज होते हैं। विटामिन ई एवं सेलेनियम दोनों ही शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करते हैं।

कृषि एवं पशुपालन से संबंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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इस योजना से 1 करोड़ तक का ऋण लें और अपना व्यवसाय शुरू करें

stand-up India scheme

सरकार द्वारा चलाई जा रही स्टैंड-अप इंडिया योजना से आप खुद का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं और इसके लिए आपको अधिकतम 1 करोड़ रुपये तक का ऋण मिल सकता है।

साल 2016 में शुरू की गई इस योजना से आर्थिक दृष्टि से कमजोर किसी भी अनुसूचित जाति, जनजाति या महिला को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए 10 लाख से 1 करोड़ रुपए तक का ऋण दिया जाता है।

इस योजना के अंतर्गत ऋण अवधि 7 महीने से 18 महीने तक का होता है और SC / ST तथा महिला उद्यमी के लिए न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष है। इसके अंतर्गत पहली बार व्यवसाय खोलने के लिए ही ऋण मिलता है।

स्रोत: कृषि जागरण

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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सुपर फसल प्रोग्राम से मिट्टी परीक्षण के साथ मिलेंगे कई और फायदे

Super Fasal Program

मिट्टी की उत्पादन क्षमता उसकी उर्वरा सकती पर निर्भर करती है। पौधे अपने विकास और बढ़वार के लिए आवश्यक पोषक तत्व मिट्टी से प्राप्त करते हैं, इसीलिए मिट्टी का पोषक तत्वों से परिपूर्ण रहना बहुत महत्वपूर्ण होता है। आपकी खेत की मिट्टी पोषक तत्वों से परिपूर्ण या नहीं इसकी जानकारी आपको मिट्टी परीक्षण से मिलती है। पर सिर्फ मिट्टी परीक्षण से ही मिट्टी से संबंधित हर समस्या का निदान नहीं हो सकता है इसीलिए आपको ग्रामोफ़ोन के सुपर फसल प्रोग्राम से जुड़ना होगा। 

सुपर फसल प्रोग्राम के अंतर्गत आपको एक साथ कई लाभ मिलेंगे। इसमें मिट्टी परीक्षण तो होगा ही साथ ही आपके द्वारा लगाई जाने वाली अगली फसल के लिए कृषि विशेषज्ञों की टीम द्वारा कृषि कार्यमाला सूची तैयार की जाएगी। इस सूची में आपको फसल बुआई से लेकर कटाई तक की सम्पूर्ण कार्यमाला दी जाएगी। साथ ही आपको समय समय पर कृषि विशेषज्ञों के सलाह भी मिलते रहेंगे।   

सुपर फसल प्रोग्राम से मिलने वाले फायदे

  • मिट्टी का नमूना लेने आपके खेत पर जाएंगे ग्रामोफ़ोन के प्रतिनिधि।

  • आपके खेत की मिट्टी का मध्य प्रदेश के सबसे विश्वसनीय मृदा परीक्षण संस्थान से घर बैठे होगा परीक्षण।  

  • मिट्टी के नमूने का परीक्षण रिपोर्ट आने के बाद आपकी अगली फसल के आधार पर कृषि कार्यमाला सूची तैयार की जाएगी।  

  • परीक्षण रिपोर्ट और कृषि कार्यमाला सूची की घर पहुँच सेवा दी जाएगी। 

  • पूर्ण फसल चक्र में कृषि विशेषज्ञों की सलाह व निरीक्षण की सुविधा मिलेगी। 

तो अब सोचना क्या, तुरंत सुपर फसल प्रोग्राम के अंतर्गत ऑर्डर करें और पाएं अपनी खेत की मिट्टी से बंपर मुनाफा। ऑर्डर करने के लिए 18003157566 पर मिस्ड कॉल करें या फिर बाजार सेक्शन में जाएँ। 

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आ गई है कोरोना की दूसरी लहर, जानें बचाव के उपाय, अन्य लोगों को भी जागरूक करें

preventive measures from Corona

कोरोना एक वायरस है जिसके संक्रमण की वजह से करीब एक साल से भी ज्यादा समय से वैश्विक महामारी फैली हुई है। इसने पूरी दुनिया को अपने गिरफ्त में ले लिया है। यह महामारी भारत में भी फैली हुई है और फिलहाल यह भारत के लगभग सभी राज्यों में असर दिखा रहा है। हालांकि इसकी वैक्सीनेशन भी अब शुरू हो चुकी है परन्तु इसके बाद भी आपको इससे सम्बंधित हर जानकारी और बचाव के उपाय पता होने चाहिए। 

कैसे होता है कोरोना का संक्रमण?

कोरोना एक वायरस है और इसके संक्रमण में आये व्यक्ति के माध्यम से ही यह दूसरे व्यक्तियों को संक्रमित करता है। 

संक्रमण से बचने के लिए क्या करें?

  • कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए आपको अपने हाथ को साबुन से धोना चाहिए। 

  • साबुन न हो तो आप 60% अल्कोहल वाले सेनेटाइजर से भी अपने हाथ साफ़ कर सकते हैं। 

  • आपके मुंह, आँख और नाक से ही कोरोना वायरस आप में प्रवेश कर सकता है इसलिए अपने हाथों से अपने मुंह, आँख और नाक को छूने से बचना चाहिए।

  • इसका संक्रमण संक्रमित व्यक्ति से होता इसलिए जब तक इस पर काबू ना पाया जा सके तब तक आपको किसी भी व्यक्ति से 6 फिट की दूरी पर रहना चाहिए साथ ही मास्क भी जरूर पहनना चाहिए। 

  • शुरूआती दिनों में संक्रमित व्यक्ति को भी यह पता नहीं होता है की वो संक्रमित है पर उससे यह संक्रमण दूसरे में फैलता रहता है इसलिए सरकार सोशल डिस्टेंसिंग यानी लोगों से दूर दूर रहने को कह रही है। 

देश के सभी लोगों  वैक्सीनेशन होने में समय लगेगा इसलिए अभी भी इसके फैलाव को रोकने के लिए सरकार मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, लॉकडाउन और कर्फ्यू का पालन करने को कह रही है। अतः सरकार के द्वारा उठाये जा रहे क़दमों में अपनी सहभागिता दर्ज करवाएं और कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकें।

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अगले 24 घंटे में मध्य प्रदेश के इन क्षेत्रों में होगी हल्की बारिश, जाने मौसम पूर्वानुमान

Weather report

अगले 24 घंटों में मध्य प्रदेश के साथ साथ छत्तीसगढ़, विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के कई इलाकों में बारिश होने की संभावना है। हालांकि इन सभी जगहों पर बारिश रुक रुक कर होगी। मध्य प्रदेश के पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी जिलों में बारिश की गतिविधियां हल्की रहेगी। वहीं मध्य प्रदेश के उत्तरी जिले शुष्क बने रहने की संभावना है।

स्रोत : स्काईमेट वीडियो

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जीवाणु अंगमारी के फसलों पर ऐसे होते हैं लक्षण, जानें बचाव के उपाय

Crops will be harmed due to bacterial blight
  • इस रोग की वजह से फसल की पत्तियों के सतह पर भूरे, सूखे और उभरे हुए धब्बे बन जाते हैं।

  • पत्तियों की सतह पर ये धब्बे लाल रंग के सदृश्य पाए जाते हैं।

  • जब रोग का प्रकोप बढ़ता है तो ये धब्बे आपस में मिल जाते हैं, पत्तियां पीली पड़ जाती हैं और आखिर में ये पत्तियां समय से पहले झड़ जाती हैं।

  • इससे नियंत्रण हेतु स्ट्रेप्टोमाइसिन सल्फेट आईपी 90% + टेट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड 10% w/w @ 20 ग्राम प्रति एकड़ या कसुगामाइसिन 3% SL @ 300 मिली प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

  • या फिर कसुगामाइसिन 5% + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 45% WP @ 250 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

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