अगले एक हफ्ते मानसून पर लगा ब्रेक, मध्य प्रदेश में गर्मी बढ़ेगी

monsoon rains

पश्चिमी हवाओं की वजह से मानसून पर एक हफ्ते के लिए ब्रेक लग गया है। इस वजह से मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में जो थोड़ी बहुत बारिश हो रही थी वो भी रुक सकती है। पंजाब हरियाणा दिल्ली के अधिकांश क्षेत्रों का मौसम भी शुष्क और गर्म बना रहेगा। वहीं उत्तर पूर्वी भारत में बारिश जारी रहेगी।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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JIO ला रहा है दुनिया का सबसे सस्ता 4G मोबाइल स्मार्ट फ़ोन

Jio is bringing the world's cheapest 4G mobile smart phone

देश की प्रसिद्ध टेलीकॉम कंपनी JIO ने हाल ही में दुनिया का सबसे सस्ता 4G मोबाइल स्मार्ट फ़ोन लांच किया है जो आपको बेहद कम रेट पर आने वाले कुछ दिनों में बाजार में मिलने लगेंगे। वीडियो के माध्यम से इस मोबाइल से जुड़ी जानकारियां प्राप्त करें।

वीडियो स्रोत: Biz Tak

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आपकी जरूरतों से जुड़ी ऐसी ही अन्य महत्वपूर्ण सूचनाओं के लिए प्रतिदिन पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख और अपनी कृषि समस्याओं की तस्वीरें समुदाय सेक्शन में पोस्ट कर प्राप्त करें कृषि विशेषज्ञों की सलाह।

 

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खरीफ मूंग की उन्नत खेती के लिए बुआई से पहले जरूर करें बीज़ उपचार

seed treatment in kharif Green Gram
  • मूंग की फसल में बुआई से पहले बीज उपचार करना बहुत आवश्यक होता है।

  • बीज़ उपचार जैविक एवं रासयनिक दोनों विधियों से किया जा सकता है।

  • मूंग में बीज़ उपचार एफआईआर पद्धति से करना चाहिए अथार्त पहले कवकनाशी, फिर कीटनाशी अंत में राइज़ोबियम का उपयोग करना चाहिए।

  • कवकनाशी से बीज़ उपचार करने के लिए कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% @ 2.5 ग्राम/किलो बीज़ या कार्बोक्सिन 17.5% + थायरम 17.5% @ 2.5 मिली/किलो बीज़ से या ट्रायकोडर्मा विरिडी @ 5-10 ग्राम/किलो बीज़ से उपचारित करें।

  • कीटनाशी से बीज़ उपचार करने के लिए, थियामेंथोक्साम 30% FS @ 4 मिली/किलो बीज़ या इमिडाक्लोरोप्रिड 48% FS @ 4-5 मिली/किलो बीज़ से बीज़ उपचार करें।

  • मूंग में नाइट्रोज़न स्थिरीकरण को बढ़ाने के लिए, राइजोबियम @ 5 ग्राम/किलो बीज़ से उपचारित करें।

  • कवकनाशी से बीज़ उपचार करने से मूंग की फसल उकठा रोग एवं जड़ सड़न रोग से सुरक्षित रहती है, साथ ही बीज का अंकुरण सही ढंग से होता है एवं अंकुरण प्रतिशत बढ़ता है। इससे मूंग की फसल का प्रारंभिक विकास समान रूप से होता है।

  • राइज़ोबियम से बीज़ उपचार करने से, मूंग की फसल की जड़ में गाठों (नॉड्यूलेशन) को बढ़ाता है एवं अधिक नाइट्रोज़न को स्थिर करता है।

  • कीटनाशकों से बीज़ उपचार करने से मिट्टी जनित कीटों जैसे सफ़ेद ग्रब, चींटी, दीमक आदि से मूंग की फसल की रक्षा होती है। प्रतिकूल परिस्थितियों (कम/उच्च नमी) में भी अच्छी फसल प्राप्त होती है।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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मध्य प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बारिश का दौर रहेगा जारी, जानें मौसम पूर्वानुमान

weather forecast

मध्य प्रदेश के उत्तरी जिलों को छोड़ कर लगभग पूरे प्रदेश में बारिश की संभावना है। उत्तर पश्चिम भारत में गर्मी और उमस के बीच धूल भरी आंधी और हल्की बारिश हो सकती है। जुलाई के पहले सप्ताह के अंत में मानसून आगे बढ़ सकता है। पूर्वी तथा उत्तर पूर्वी भारत के भागों में अच्छी बारिश जारी रहेगी। तेलंगाना, टटिया आंध्र प्रदेश तथा कर्नाटक के तटों पर तेज बारिश संभव है।

वीडियो स्रोत: स्काईमेट वेदर

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26 जून को इंदौर मंडी में क्या रहे प्याज, आलू, लहसुन के भाव?

Indore Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 26 जून के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज, आलू और लहसुन के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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कपास किसान बलराम जी ने ग्रामोफ़ोन की मदद से लागत आधा कर डबल मुनाफ़ा कमाया

Cotton farmer Balram made double profit by halving the cost with the help of Gramophone

कृषि लाभ का सौदा तभी बनता है जब खेती में लागत कम रहती है और मुनाफ़ा अच्छा होता है। कुछ ऐसी ही सफलता हासिल की बड़वानी जिले के राजपुर तहसील के अंतर्गत आने वाले साली गांव के निवासी श्री बलराम काग ने जो पिछले कई साल से कपास की खेती करते आ रहे हैं। बलराम कपास की खेती पारंपरिक तरीके से करते थे। इसमें उन्हें कभी नुकसान तो कभी औसत स्तर का लाभ भी होता था।  पर बलराम इससे खुश नहीं थे और अपनी फसल से और ज्यादा उत्पादन प्राप्त करने के लिए प्रयासरत थे।

इसी दौरान बलराम ग्रामोफ़ोन के संपर्क में आये। इसके बाद उनकी खेती का तरीका पूरी तरह बदल गया। उन्होंने खेती की तैयारी और बुआई से लेकर कटाई तक के फसल चक्र में ग्रामोफ़ोन के कृषि विशेषज्ञों से कई बार सलाह प्राप्त की। इस दौरान विशेषज्ञों की सलाह पर ही उन्होंने सभी कृषि उत्पाद खरीदे और उनका उपयोग अपने खेतों में किया। ग्रामोफ़ोन से जुड़ने के बाद बड़वानी के इस कपास किसान बलराम काग की खेती भी लाभ का सौदा बन गई। जहाँ पहले उनकी लागत 2.5 लाख होती थी वहीं इस बार उन्हें महज 1.5 लाख लगाने पड़े और मुनाफ़ा भी पहले के 4.5 लाख से सीधा डबल होकर 9 लाख हो गया है।

अगर आप भी बलराम की तरह अपनी कृषि पद्धति में इसी प्रकार का बड़ा अंतर लाना चाहते हैं तो आप भी ग्रामोफ़ोन एप की अलग अलग सुविधाओं का लाभ उठायें और अपनी खेती को स्मार्ट बनायें।

फसल की बुआई के साथ ही अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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स्प्रिंकलर, पाइप लाइन, विद्युत पम्प पर मध्य प्रदेश के किसानों को मिलेगी सब्सिडी

Farmers of Madhya Pradesh will get subsidy on sprinkler pipeline electric pump

स्प्रिंकलर सेट, पाइप लाइन सेट, विद्युत पम्प सेट आदि के उपयोग से फसलों को बेहतर सिंचाई मिलती है और किसान समृद्ध होते हैं। इन सिंचाई यंत्रों को किसानों को आसानी से उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से राज्य सरकारों के द्वारा समय-समय सब्सिडी दी जाती है।

वर्तमान में मध्यप्रदेश कृषि विभाग की तरफ नेशनल फूड सिक्यूरिटी मिशन व बुंदेलखंड विशेष पैकेज योजना- दलहन के अंतर्गत किसानों से सब्सिडी के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इस योजना से प्रदेश के 6 जिले जिनमे सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी शामिल है के किसान लाभ ले सकते हैं। वहीं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (दलहन) और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (तिलहन व ऑइल पाम) के तहत सभी जिलों में सिंचाई यंत्रों के लिए किसान आवेदन कर सकते हैं।

योजना का लाभ उठाने के लिए किसान 22 जून 2021 से 04 जुलाई 2021 तक ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टलपर अपने आवेदन कर सकते हैं। आवदेन के लिए आधार कार्ड की कॉपी, बैंक पासबुक के प्रथम प्रष्ठ की कॉपी, जाति प्रमाण पत्र ( केवल अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषकों हेतु) एवं बिजली कनेक्शन का प्रमाण जैसे दस्तावेज लगेंगे।

स्रोत: किसान समाधान

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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मक्का की फसल से पाएं जबरदस्त उपज, इस्तेमाल करें मक्का समृद्धि किट

मक्का समृद्धि किट
  • मक्का समृद्धि किट कई उन्नत जैविक उत्पादों से भरा एक किट है जिसका उपयोग मक्का की फसल में बुआई से पहले मिट्टी उपचार रूप में किया जाता है। आइये जानते हैं इस किट में कौन कौन से उत्पाद शामिल हैं?

  • एनपीके बैक्टीरिया का कंसोर्टिया: यह उत्पाद तीन प्रकार के बैक्टीरिया ‘नाइट्रोजन फिक्सेशन बैक्टीरिया, पीएसबी और केएमबी से मिलकर बना है। यह मिट्टी एवं फसल में तीन प्रमुख पोषक तत्व नाइट्रोजन, पोटाश एवं फास्फोरस की पूर्ति में सहायक होता है। इससे मिट्टी में पोषक तत्वों की उपलब्धता में वृद्धि होती है जिससे पौधों को समय पर आवश्यक तत्व मिल जाते हैं और पौधे की बढ़वार अच्छी होती है साथ ही फसल का उत्पादन भी बढ़ता है।

  • ज़िंक सोलुब्लाइज़िंग बैक्टीरिया: यह उत्पाद मिट्टी में मौजूद, अघुलनशील जिंक को घुलनशील बनाने में मदद करता है और पौधों को यह उपलब्ध करवाता है। यह पौधों की वृद्धि के लिए सबसे महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्वों में से एक है।

  • ह्यूमिक एसिड, समुद्री शैवाल, अमीनो एसिड एवं मायकोराइज़ा: ह्यूमिक एसिड मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करके मिट्टी की जल धारण क्षमता में वृद्धि करता और सफेद जड़ के विकास को बढ़ाता है। समुद्री शैवाल पौधों को पोषक तत्व ग्रहण करने में मदद करता है और अमीनो एसिड प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया को बढ़ाता है।मायकोराइज़ा सफेद जड़ के विकास में मदद करता है।

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बस दो आसान स्टेप्स से जुड़ें खेती प्लस के ज़ूम क्लास से, जानें पूरी प्रक्रिया

Join the Zoom class of Kheti Plus in just two easy steps

खेती प्लस से जुड़े किसानों के लिए जल्द ही ऑनलाइन क्लास शुरू होने जा रही है। सभी किसान इस क्लास से जुड़ का इसका लाभ ले सकते हैं। यह क्लास ज़ूम एप के माध्यम से दी जायेगी अतः इस लेख के माध्यम से आपको ज़ूम एप पर होने वाली इस क्लास से जुड़ने की पूरी प्रक्रिया बताई जायेगी। 

  • सबसे पहले आपको अपने मोबाइल के प्ले स्टोर से ज़ूम एप डाउनलोड करना होगा। 

  • इसके बाद जब भी खेती प्लस क्लास का आयोजन होगा तब आपको इसकी पूर्व सूचना SMS और ग्रामोफ़ोन एप के नोटिफिकेशन के माध्यम से दी जायेगी। इस सूचना के साथ आपको ज़ूम क्लास का एक लिंक भी भेजा जाएगा। 

  • आपको क्लास के लिए तय किये गए समय पर भेजे गए लिंक पर क्लिक करना होगा। बस लिंक पर क्लिक कर के आप क्लास में शामिल हो जाएंगे। 

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धनिया की खेती से महज डेढ़ महीने में की जा सकती है अच्छी कमाई

Do Coriander Farming and get good income in just one and a half months

धनिया की खेती कर के आप कम समय में अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं। वीडियो के माध्यम से जानें धनियां की खेती से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां।

वीडियो स्रोत: इंडियन फार्मर

कृषि क्षेत्री की ऐसी ही नई नई व महत्वपूर्ण जानकारी के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन एप के लेख। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन पर क्लिक कर अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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