मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather Update

26 जुलाई से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी हिमालय क्षेत्रों, सहित उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, पूर्वी राजस्थान तथा गुजरात में तेज बारिश की संभावना बन रही है। वीडियो के माध्यम से देखें आज देश भर में कैसा रहेगा मौसम पूर्वानुमान।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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24 जुलाई को इंदौर मंडी में क्या रहे प्याज के भाव?

onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 24 जुलाई के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

 

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समूचे मध्य प्रदेश में होगी झमाझम बारिश, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather Update

मध्य प्रदेश पर ज़बरदस्त मानसूनी वर्षा का अनुमान है। समूचे मध्य प्रदेश में होगी बारिश। दिल्ली सहित उत्तर पश्चिम भारत, उत्तर प्रदेश तथा पूर्वी भारत में 26 जुलाई से बारिश बढ़ सकती है। बिहार और झारखंड में मूसलाधार बारिश से बाढ़ के आने की आशंका है। दक्षिण भारत में मानसून अब कमजोर हो जाएगा। महाराष्ट्र में जारी भारी बारिश में कमी आएगी और तेलंगाना में भी घटेगी बारिश।

स्रोत: मौसम तक

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अदरक व हल्दी की खेती पर मध्य प्रदेश के किसानों को मिलेंगे 70 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर

Farmers of MP will get 70 thousand rupees per hectare on the cultivation of ginger and turmeric

मध्यप्रदेश के उद्यानिकी विभाग ने मसाला उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक विशेष योजना शुरू की गई है। इसके अंतर्गत चयनित जिले के किसानों को अदरक एवं हल्दी की खेती पर अनुदान देने के उद्देश्य से आवदेन मांगे गए हैं।

इस योजना के माध्यम से जड़ व कंदवाली व्यावसायिक फसलों जैसे लहसुन, हल्दी व अदरक के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कृषि खर्च का 50% भाग जिसमे अधिकतम राशि 50000 रुपये तक हो सकती है प्रति हेक्टेयर अनुदान सामान्य वर्ग के किसानों को दी जाएगी। या राशि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों के लिए 70000 रुपये प्रति हेक्टेयर की रखी गई है जो की कृषि खर्च का 70% भाग हो सकता है।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए मध्यप्रदेश के उद्यानिकी विभाग ने फिलहाल शहडोल जिले में हल्दी और टीकमगढ़ व निवाड़ी जिले में अदरक के लिए किसानों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। इस योजना का आवेदन 23 जुलाई 2021 से http://www.mphorticulture.gov.in/hi पर कर सकते हैं।

स्रोत: किसान समाधान

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कपास की फसल की डेंडू अवस्था में जरूरी है पोषण प्रबध

Nutritional management during the ball formation in cotton crop

कपास की फसल में 40-45 दिनों की अवस्था डेंडू बनने की शुरुआती अवस्था होती हैं। इस अवस्था में कपास की फसल को अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इसके लिए उचित पोषक तत्वों का उपयोग कर सकते हैं, जिससे कपास की फसल में डेंडू का निर्माण एवं उत्पादन अच्छा हो एवं किसान को लाभ प्राप्त हो।

इस अवस्था में उर्वरक प्रबधन करने के लिए निम्र उत्पादों का उपयोग लाभकारी होता है।

  • यूरिया @ 30 किलो + MOP @ 30 किलो + मैग्नीशियम सल्फेट @ 10 किलो/एकड़ की दर से भूमि में मिलाएं।

  • यूरिया: कपास की फसल में, यूरिया नाइट्रोज़न की पूर्ति का सबसे बड़ा स्त्रोत है। इसके उपयोग से पत्तियों में पीलापन एवं सूखने जैसी समस्या नहीं आती है। यूरिया प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को भी तेज़ करता है।

  • MOP (पोटाश): पोटाश कपास के पौधे में संश्लेषित शर्करा को पौधे के सभी भागों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पोटाश प्राकृतिक नत्रजन की कार्य क्षमता को बढ़ावा देता है साथ ही पौधों में प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।

  • मैग्नीशियम सल्फेट: इसके उपयोग से कपास की फसल में हरियाली बढ़ती है एवं प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में तेज़ी आती है। अंततः इसकी मदद से उच्च पैदावार तो मिलती ही है साथ ही उत्पादन की गुणवत्ता भी बढ़ती है।

  • इस प्रकार पोषण प्रबधन करने से कपास की फसल में नाइट्रोज़न की पूर्ति बहुत अच्छे से होती है। पोटाश के कारण डेंडु की संख्या और आकार में बढ़ोतरी होती है। मैग्नीशियम सल्फेट सूक्ष्म पोषक तत्व की पूर्ति करता है। इससे स्वस्थ डेंडू का निर्माण होता है और कपास का उत्पादन भी बहुत अधिक होता है।

अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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23 जुलाई को इंदौर मंडी में क्या रहे प्याज के भाव?

What were the prices of onions in Indore's mandi today

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 23 जुलाई के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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मध्य भारत में और बढ़ेगी मानसून की बारिश, जानें मौसम पूर्वानुमान

Madhya Pradesh Weather Update

उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा और तेलंगाना में भारी बारिश की संभावना है। अगले 2 दिनों के बाद दक्षिण भारत के अधिकांश भागों में मानसून कमजोर पड़ जाएगा। 26 जुलाई से बिहार और झारखंड में मूसलाधार बारिश से बाढ़ की आशंका है। 26 से 29 जुलाई के बीच उत्तर पश्चिम भारत और दिल्ली में भी बढ़ेगी बारिश।

वीडियो स्रोत: स्काइमेट वेदर

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खेत से पशुओं को भगाने वाला यह यंत्र अब अनुदान पर है उपलब्ध

bio-acoustic device for crop protection from animal birds

अक्सर यह देखा जाता है की खेतों में लगी हुई फसल को पालतू या जंगली जानवर और कभी कभी पक्षी आदि भी काफी नुकसान पहुंचाते हैं। इन सभी से फसल का बचाव करना किसानों के लिए बहुत मुश्किल हो जाता है। बहरहाल वैज्ञानिकों ने इस समस्या का निदान ढूंढ लिया है और पशु पक्षियों से फसल बचाव के लिए पशु निवारक बायो अकॉस्टिक यंत्र बनाया है।

यह यंत्र पशु व पक्षियों को उनकी ही आवाज में डराता है। इस यंत्र को कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय मध्य प्रदेश के माध्यम से ऑन डिमांड लेने पर अनुदान भी दिया जा रहा है। कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय इस यंत्र पर 40 से 50% तक अनुदान दे रहा है।

इस यंत्र को खरीदने के इच्छुक किसान उचित दस्तावेजों के साथ अपने जिले के सहायक कृषि यंत्री कार्यालय जा कर आवेदन कर सकते हैं। आवश्यक दस्तावेजों में भूमि के लिए B1 प्रमाणपत्र, जाति प्रमाण पत्र व आधार कार्ड की प्रति जरूरी है।

स्रोत: कृषक जगत

ये भी पढ़ें: 70% सब्सिडी पर खेतों में लगाएं बाड़ और जानवरों से करें फसल की रक्षा

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मूंग बीज पर 90% और मूंग की खेती पर 4000 रुपये प्रति एकड़ का मिलेगा अनुदान

90% grant on moong seed and Rs 4000 per acre on moong cultivation

सरकार दलहन व तिलहन फसलों को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के मूंग बीज पर सब्सिडी दी जा रही है साथ ही साथ मूंग की खेती करने पर भी अनुदान देने का निर्णय लिया गया है।

हरियाणा के किसानों के लिए प्रदेश सरकार ने मूंग बीज की खरीदी पर 90% की भारी सब्सिडी देने का निश्चय किया है। इसके अलावा मूंग, उड़द व अरहर उगाने पर किसानों को 4 हजार रूपए प्रति एकड़ का अनुदान भी दिया जा रहा है। यह अनुदान उस किसान को मिलेगा जिसने पिछली बार बाजरे की बिजाई की थी और इस बार मूंग की खेती कर रहा है।

स्रोत: किसान समाधान

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प्याज की फसल में बढ़ेगा चारे का प्रकोप, जल्द करें प्रबंधन

How to manage weeds in onion crop
  • मिट्टी में प्रकृतिक रूप से बहुत सारे मुख्य एवं सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं जो फसल में चारे के प्रकोप का कारण बनते हैं। प्याज की फसल में भी इस मौसम में चारों का प्रकोप बहुत ज्यादा देखने को मिलता है।

  • इसके कारण फसलों में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और फसल की कुल उपज पर भी बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है।

  • प्याज की अच्छी फसल उत्पादन के लिए चारे जिसे खरपतवार भी कहते हैं का प्रबंधन समय-समय पर करना बहुत आवश्यक होता है।

  • खरपतवार प्रबंधन के लिए पेंडिमेथालीन 38.7% CS @ 700 मिली/एकड़ की दर से रोपाई के 3 दिनों के अंदर उपयोग करें।

  • प्रोपेक़्युज़ाफॉप 5% + ऑक्सीफ़्लोर्फिन 12% EC @ 250-350 मिली/एकड़ फसल में लगाने के 25-30 दिनों के बाद उपयोग करें।

  • ऑक्सीफ़्लोर्फिन 23.5% EC @ 100 मिली/एकड़ + प्रोपेक़्युज़ाफॉप 10% EC @ 300 मिली/एकड़ या क्युजालोफॉप इथाइल 5% EC @ 300 मिली/एकड़ की दर से 20 से 25 दिनों में छिड़काव करें।

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