कद्दू वर्गीय फसलों को फल मक्खी के प्रकोप से ऐसे बचाएं

Management of fruit fly in gourd crops
  • फल मक्खी के लार्वा फलों में छेद करके उनके भीतरी भाग को खाते हैं और इनसे ग्रसित फल खराब होकर गिर जाते हैं।

  • मक्खी प्रायः कोमल फलों पर ही अंडे देती है और अपने अंडे देने वाले भाग से फलों में छेद करके उन्हें हानि पहुचाती है। इन छेदों से, फलों का रस निकलता हुआ दिखाई देता है। अंततः छेद ग्रसित फल सड़ने लगते हैं।

  • इसके प्रबंधन के लिए ग्रसित फलों को इकट्ठा करके नष्ट कर देना चाहिए।

  • इन मक्खियों को नियंत्रित करने के लिये कद्दू वर्गीय फसलों की कतारों के बीच में मक्के के पौधों को उगाया जाना चाहिए। पौधे की ऊंचाई ज्यादा होने के कारण मक्खी पत्तों के नीचे अंडे देती है।

  • गर्मी के दिनों में, गहरी जुताई करके मृदा के अंदर उपस्थित, मक्खी की सुप्त अवस्था (प्यूपा) को नष्ट कर देना चाहिए।

  • कीट के प्रभावी नियंत्रण के लिए लाइट ट्रैप या फेरोमोन ट्रैप का उपयोग करें।

  • इसके अलावा थियामेंथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 9.5% ZC 80 मिली/एकड़ या प्रोफेनोफोस 40% + साइपरमेथ्रिन 4% EC @ 400 मिली/एकड़ या फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% WG 40 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • जैविक उपचार के रूप में बवेरिया बेसियाना @ 250 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

स्मार्ट कृषि एवं उन्नत कृषि उत्पादों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। उन्नत कृषि उत्पादों व यंत्रों की खरीदी के लिए ग्रामोफ़ोन के बाजार विकल्प पर जाना ना भूलें।

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अगले 6-7 दिन इंदौर देवास उज्जैन समेत पूरे मध्य प्रदेश होगी भारी बारिश

Weather Update

मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में फिर से बारिश का दौर शुरू हो चुका है। यह बारिश अभी और ज्यादा बढ़ेगी और 22 अगस्त तक पूरे प्रदेश में भारी बारिश करवाएगी। वीडियो के माध्यम से जानें मध्य प्रदेश का मौसम पूर्वानुमान।

स्रोत: मौसम तक

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। नीचे दिए गए शेयर बटन को क्लिक कर इस लेख को अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।

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17 अगस्त को इंदौर मंडी में क्या रहे प्याज के भाव?

onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 17 अगस्त के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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खरगोन के व्यापारी को ग्राम व्यापार से मिला फसल व्यापार का बड़ा प्लेटफॉर्म

Vyapari of Khargone got a big platform for crop trading from Gram Vyapar

हमारे देश में फसल का व्यापार करना हमेशा से एक जटिल कार्य रहा है। फसल व्यापारी को फसलों के स्रोत पता करने में काफी मेहनत करनी पड़ती है। गांवों में रहने वाले किसान हों या अलग अलग क्षेत्रों में रहने वाले अन्य विक्रेता हों, इन सबों तक अपनी पहुंच बनाने, फसल की क्वालिटी और भाव बगैरह पर बात करने में और आखिर में सौदा तय करने में काफी समय और मेहनत लगता है। इस कार्य में खर्च भी बहुत ज्यादा हो जाता है। पर ग्रामोफ़ोन एप के ग्राम व्यापार पर व्यापारी ये काम बड़ी आसानी से घर बैठे ही कर रहे हैं। इन्हीं व्यापारियों में से एक हैं खरगोन मध्य प्रदेश के मनोज कुमार गुप्ता जो पिछले 8-9 साल से फसलों का व्यापार कर रहे हैं।

जब ग्रामोफ़ोन पर ग्राम व्यापार की शुरुआत की गई तब से ही मनोज जी इसका लाभ लेने लगे और आज वे लगभग अपना पूरा व्यापार ग्राम व्यापार से ही कर लेते हैं। ग्राम व्यापार से व्यापार के अपने अनुभवों के बारे में बात करते हुए मनोज जी कहते हैं की “मेरे फसल व्यापार को अच्छा प्लेटफॉर्म नहीं मिल रहा था, और इसीलिए कुछ कमी रह जा रही थी। पर ग्राम व्यापार के आने से मुझे एक अच्छा प्लेटफॉर्म मिला जिसकी मुझे जरूरत थी।” वीडियो के माध्यम से जानें मनोज जी के अनुभव उन्हीं की जुबानी।

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एजोटोबैक्टर जैव उर्वरक का फसलों के लिए महत्व

Importance of Azotobacter biofertilizer for crops
  • एजोटोबैक्टर एक जीवाणु है जो जैविक खाद के रूप में उपयोग किया जाता है।

  • यह एक जैविक उत्पाद है जो के फसलों में नत्रजन स्थिरीकरण, के लिए उपयोग किया जाता है।

  • यह जैव उर्वरक सभी प्रकार की गैर दलहनी फसलें (दलहनी जाति की फसलों को छोड़कर) में प्रयोग किया जा सकता है।

  • इसकी वजह से फसलों के उत्पादन में 10 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी होती है तथा फलों एवं दानों का प्राकृतिक स्वाद बना रहता है।

  • इस जैविक उर्वरक का उपयोग करने से 20 से 30 किग्रा० नत्रजन की बचत भी की जा सकती है।

  • इसका उपयोग करने से फसलों का अंकुरण शीघ्र होता है तथा जड़ों का विकास अधिक एवं शीघ्र होता है।

  • इसके उपयोग से फसलों में रोगजनकों के प्रति प्रतिरोधकता बढ़ जाती है।

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इंदौर समेत मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में अच्छी बारिश की संभावना, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather Update

अगस्त महीने में पहला निम्न दबाव बंगाल की खाड़ी पर बना है जो पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए मध्य भारत को बारिश देगा। इसके साथ ही दिल्ली सहित पंजाब हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा बिहार में भी बारिश बढ़ेगी। पश्चिम बंगाल में भी कई स्थानों पर तेज बारिश की संभावना है। दक्षिण भारत में मानसून की चाल कमजोर रहेगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

Gramophone azadi sale
इस स्वतंत्रता दिवस ख़ास आपके लिए ग्रामोफ़ोन लेकर आया है “आज़ादी सेल” जहाँ आपको मिलेगी महाबचत में खरीदी की आजादी। फोटो पर क्लिक करें और देखें सेल में शामिल उत्पाद।

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16 अगस्त को इंदौर मंडी में क्या रहे प्याज के भाव?

onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 16 अगस्त के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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मिर्च की फसल में थ्रिप्स के प्रकोप को ऐसे करें नियंत्रित

How to control the attack of thrips in chilli crop

  • यह छोटे एवं कोमल शरीर वाले हल्के पीले रंग के कीट होते हैं, इस कीट का शिशु कीट एवं वयस्क कीट दोनों ही मिर्च की फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। यह पत्तियों की ऊपरी सतह पर अधिक मात्रा में एवं पत्तियों की निचली सतह पर भी पाए जाते हैं।

  • ये अपने तेज मुखपत्र के साथ मिर्च की फसल की पत्तियों और एवं फूलों का रस चूसते हैं। थ्रिप्स के प्रकोप से पत्तियां किनारों से भूरी हो जाती हैं, एवं प्रभावित पौधे की पत्तियां सुखी एवं मुरझाई हुई दिखाई देती हैं साथ ही विकृत होकर ऊपर की ओर मुड़ जाती हैं।

  • रासायनिक प्रबंधन: थ्रिप्स के प्रकोप के निवारण के लिए फिप्रोनिल 5% SC @ 400 मिली/एकड़ या लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 4.9% CS @ 250 मिली/एकड़ या स्पिनोसेड 45% SC @ 75 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • जैविक प्रबधन: इस कीट के नियंत्रण के लिए बवेरिया बेसियाना @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • मिर्च की फसल के अच्छे विकास एवं थ्रिप्स के कारण हुई क्षति में सुधार के लिए, सीवीड एक्सट्रेक्ट + एमिनो एसिड + फल्विक एसिड (विगरमैक्स जेल) का 400 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव अवश्य करें।

स्मार्ट कृषि एवं उन्नत कृषि उत्पादों से सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। उन्नत कृषि उत्पादों व यंत्रों की खरीदी के लिए ग्रामोफ़ोन के बाजार विकल्प पर जाना ना भूलें।

 

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घर की छत पर उगाएं सब्जियां, सरकार देगी 25 हजार की सब्सिडी

Grow vegetables on the roof of the house, the government will give a subsidy of 25 thousand

घर की छत का उपयोग कर आप अच्छी कमाई कर सकते हैं। कई लोग घर की छत पर बागबानी करते हैं और कई तरह की फसलें उगाते हैं। इससे ना सिर्फ आपको अपने घर पर ताज़ी सब्जियां प्राप्त हो जाएंगी बल्कि आप अतिरिक्त कमाई भी कर पाएंगे।

अपने छत पर बागबानी फसल लगाने के लिए बिहार सरकार सब्सिडी भी उपलब्ध करवाती है। दरअसल बिहार सरकार छत बागवानी योजना चला रही है। यह योजना पिछले 2 साल से चलाई जा रही है। इस साल के लिए भी सरकार नेइच्छुक व्यक्तियों से आवेदन मांगे हैं।

इस योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए उधान निदेशालय के horticulture.bihar.gov.in के डैशबोर्ड पर बने Roof top Gardening लिंक पर ऑनलाइन आवेदन की जा सकती है।

स्रोत: किसान समाधान

Gramophone azadi sale
इस स्वतंत्रता दिवस ख़ास आपके लिए ग्रामोफ़ोन लेकर आया है “आज़ादी सेल” जहाँ आपको मिलेगी महाबचत में खरीदी की आजादी। फोटो पर क्लिक करें और देखें सेल में शामिल उत्पाद।

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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बारिश से फसल हुई ख़राब तो ऐसे पाएं मुआवजा, यहाँ दें सूचना

If the crop is damaged due to rain, then get compensation like this, give information here

इस वर्ष देश के कई प्रदेशों में मानसून की बारिश के कारण खरीफ फसलों को काफी क्षति पहुंची है। कई क्षेत्रों में फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई। बहरहाल फसल क्षति की भरपाई हेतु “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” चलाई जा रही है। इस योजना का लाभ वैसे किसान ले सकते हैं जिन्होंने अपनी फसल का बीमा करवा रखा हो।

बीमित किसानों को अपनी फसल क्षति की सूचना देनी होगी और अपने खेतों का सर्वे करवाना होगा। ऐसा करने से आपकी फसल को हुई क्षति का आकलन किया जाएगा और आपको मुआबजे की रकम उपलब्ध करवाई जायेगी। फसल क्षति की सूचना आप राष्ट्रीय फसल योजना एनसीआईपी के वेब पोर्टल www.pmfby.gov.in तथा फसला बीमा ऐप के माध्यम से दे सकते हैं।

स्रोत: किसान समाधान

आपकी कृषि जरूरतों से जुड़ी ऐसी ही अन्य महत्वपूर्ण सूचनाओं के लिए प्रतिदिन पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख और अपनी कृषि समस्याओं की तस्वीरें समुदाय सेक्शन में पोस्ट कर प्राप्त करें कृषि विशेषज्ञों की सलाह।

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