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यह छोटे एवं कोमल शरीर वाले हल्के पीले रंग के कीट होते हैं, इस कीट का शिशु कीट एवं वयस्क कीट दोनों ही मिर्च की फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। यह पत्तियों की ऊपरी सतह पर अधिक मात्रा में एवं पत्तियों की निचली सतह पर भी पाए जाते हैं।
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ये अपने तेज मुखपत्र के साथ मिर्च की फसल की पत्तियों और एवं फूलों का रस चूसते हैं। थ्रिप्स के प्रकोप से पत्तियां किनारों से भूरी हो जाती हैं, एवं प्रभावित पौधे की पत्तियां सुखी एवं मुरझाई हुई दिखाई देती हैं साथ ही विकृत होकर ऊपर की ओर मुड़ जाती हैं।
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रासायनिक प्रबंधन: थ्रिप्स के प्रकोप के निवारण के लिए फिप्रोनिल 5% SC @ 400 मिली/एकड़ या लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 4.9% CS @ 250 मिली/एकड़ या स्पिनोसेड 45% SC @ 75 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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जैविक प्रबधन: इस कीट के नियंत्रण के लिए बवेरिया बेसियाना @ 500 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
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मिर्च की फसल के अच्छे विकास एवं थ्रिप्स के कारण हुई क्षति में सुधार के लिए, सीवीड एक्सट्रेक्ट + एमिनो एसिड + फल्विक एसिड (विगरमैक्स जेल) का 400 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव अवश्य करें।
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