आलू की उन्नत किस्में एवं खेत तैयार करने की विधि

Improved varieties of potato and method of preparation of the field
  • आलू की सामान्यता लगाई जाने वाली किस्म में सोलनम ट्यूबरोसम मुख्य है। इसके पौधे छोटे और मोटे तने वाले तथा इनकी पत्तियों का आकार बड़ा व अपेक्षाकृत लंबा होता है। आलू की किस्मों में आमतौर पर किसान भाई कुफरी ज्योति, कुफरी मुथु, कुफरी स्वर्णा, कुफरी मलार, कुफरी सोगा, कुफरी आनंद, कुफरी चमत्कार, कुफरी अलंकार और कुफरी गिरिराज का चुनाव कर सकते हैं।

  • उन्नत बीज किस्म के चयन के बाद बारी आती है आलू के खेत की तैयारी की, आलू की फसल के अच्छे ट्यूब्राइजेशन के लिए एक अच्छी तरह से भुरभुरी मिट्टी या सीड बेड की आवश्यकता होती है। खरीफ फसल की कटाई के तुरंत बाद खेत में मिट्टी पलटने वाले हल से एक बार 20-25 सेमी गहरी जुताई करें। इसके बाद, दो से तीन क्रॉस हैरोइंग या स्थानीय हल से चार से पांच जुताई करें, यह सतह को चिकना और समतल बनाने के लिए आवश्यक है। बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी बनाए रखें।

  • आलू की बुवाई आप रिज तथा फरो जैसे प्रचलित बिधियों से खेत को तैयार करके कर सकते हैं।

  • जिस मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा कम हो उस मिट्टी में 4 मैट्रिक टन प्रति एकड़ गोबर की ठीक से सड़ी हुई खाद को भूमि तैयार करने के दौरान देना चाहिए, यह मात्रा रोपण के एक पखवाड़े पहले दिया जाना चाहिए। बता दें की आलू के पौधे को अधिक मात्रा में पोषक तत्वों की आवश्यकता होती हैं।

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मध्य प्रदेश के इन क्षेत्रो में और बढ़ेगी बारिश, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather Update

मध्य प्रदेश के भी उत्तरी तथा मध्य भागों में बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी। निम्न दबाव का क्षेत्र अब गुजरात पर बना हुआ है जो राजस्थान की ओर बढ़ेगा। गुजरात सहित राजस्थान के दक्षिणी और पूर्वी जिलों में तेज बारिश अगले 24 घंटों तक जारी रहेगी। उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड पश्चिम बंगाल सहित दिल्ली में मानसून सक्रिय होने की संभावना है। दक्षिण भारत में जारी बारिश के गतिविधियों में अब कमी आएगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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मंदसौर मंडी में 8 सितंबर को क्या रहे लहसुन के भाव?

Mandsaur garlic Mandi bhaw

वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के मंदसौर मंडी में आज क्या रहे लहसुन के भाव ?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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8 सितंबर को इंदौर मंडी में क्या रहे प्याज के भाव?

onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 8 सितंबर के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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कपास की 105 से 115 दिनों की फसल में छिड़काव प्रबंधन

Spray management in cotton in 105-115 days
  • कपास की फसल में बहुत अधिक मात्रा में अलग अलग प्रकार के रस चूसक कीटों एवं इल्लियों का आक्रमण होता है जैसे की गुलाबी सुंडी, एफिड, जैसिड, मकड़ी, आदि।

  • इन कीटों के साथ-साथ कुछ कवक जनित बीमारियाँ भी कपास की फसल को बहुत अधिक प्रभावित करती हैं। इसमें जीवाणु धब्बा रोग, जड़ गलन, तना गलन, अल्टेरनेरिया पत्ती धब्बा रोग आदि प्रकार के रोग कपास फसल को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं।

  • इनके नियंत्रण के लिए निम्न छिड़काव उपयोग में ला सकते हैं।

  • इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG @ 100 ग्राम/एकड़ + डायफैनथीयुरॉन 50% WP @ 250 ग्राम/एकड़ + थायोफिनेट मिथाइल 70% WP @ 300 ग्राम/एकड़ + कासुगामायसिन 3% SL @ 400 मिली/एकड़ ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • या फेनप्रोप्रेथ्रिन 10% EC @ 400 मिली/एकड़ + इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL@ 100 मिली/एकड़ + हेक्साकोनाज़ोल 5% SC @ 300 मिली/एकड़ + स्ट्रेप्टोमाइसिन सल्फेट + टेट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड @ 24 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी बारिश के आसार, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather Update

मध्य प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में अच्छी बारिश की संभावना है। राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में खूब बारिश की उम्मीद है। वीडियो के माध्यम से देखें मध्य प्रदेश किन जिलों में हो सकती है बारिश।

स्रोत: मौसम तक

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7 सितंबर को इंदौर मंडी में क्या रहे प्याज के भाव?

onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 7 सितंबर के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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मंदसौर मंडी में 7 सितंबर को क्या रहे लहसुन के भाव?

Mandsaur garlic Mandi bhaw

वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के मंदसौर मंडी में आज क्या रहे लहसुन के भाव ?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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प्याज़ में आ रहे बैंगनी धब्बा रोग के लक्षणों की ऐसे करें पहचान व नियंत्रण

How to recognize Purple blotch disease in onion

प्याज में आने वाले बैगनी धब्बा रोग को अंग्रेजी में Purple blotch के नाम से भी जाना जाता है। यह एक मिट्टी जनित रोग है। इस रोग के कारण पत्तियों और डंठलों पर छोटे, धँसे हुए, सफेद धब्बों के साथ बैंगनी रंग के केंद्र बन जाते हैं। इसके घाव पत्तियों/डंठल को घेर लेते हैं और उनके गिरने का कारण बन सकते हैं। संक्रमित पौधे बल्ब विकसित करने में विफल हो जाते हैं।

रोकथाम के उपाय:

  • बुआई के लिए स्वस्थ बीजों का प्रयोग करें।

  • 2-3 साल का फसल चक्र अपनाएँ एवं उचित जल निकास की व्यवस्था करें।

  • नाइट्रोजन और फॉस्फोरस युक्त उर्वरकों की अनुसंशित मात्रा का उपयोग करें।

  • बुआई के पूर्व बीजों को गर्म पानी में 20 मिनट के लिए 50 डिग्री सेल्सियस पर उपचारित करें साथ ही प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।

मृदा उपचार: इस रोग से सुरक्षा के लिए, बुआई के पूर्व मिट्टी में ट्राइकोडर्मा विरिडी 500 ग्राम को 4 से 5 टन अच्छे से सड़ी हुई गोबर की खाद के साथ मिलाकर प्रति एकड़ समान रूप से फैलाएं। 30 दिन के बाद ट्राइकोडर्मा विरिडी 500 ग्राम/एकड़ का पुनः उपयोग करें।

रासायनिक नियंत्रण:

बीज उपचार: बुआई के पूर्व बीजों को करमानोवा 2.5 ग्राम/किलो ग्राम बीज के हिसाव से उपचारित करें।

फसल में रोग के लक्षण दिखाई देने पर रोकथाम के उपाय: रोग के प्रारंभिक लक्षण दिखाई देने पर हेक्साकोनाज़ोल 5% SC (नोवाकोन), @ 400 मिली + सिलिकोमैक्स (स्टीकर) @ 50 मिली प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें या किटाज़िन 48% ईसी @ 200 मिली +  सिलिकोमैक्स (स्टीकर), @ 50 मिली प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें या फिर जैविक नियंत्रण के लिए स्यूडोमोनास फ्लोरसेंस (मोनास कर्ब @250 ग्राम 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें)

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तूफान व बारिश से हुई फसल क्षति की भरपाई हेतु मिलेगा अनुदान, जल्द करें आवेदन करें

Grant will be given to compensate for crop damage caused by storm and rain

इस साल देश में आये चक्रवातीय तूफान और भारी बारिश की वजह से किसानों को अपनी फसल में काफी नुकसान झेलना पड़ा है। सरकार की तरफ से फसल को हुई क्षति की भारपाई के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसी कड़ी में अब बिहार सरकार ने यास तूफान से हुई फसल क्षति की भरपाई करने का निर्णय लिया हैं।

बिहार के किसानों से इसके लिए ऑनलाइन आवेदन भी आमंत्रित किये गए हैं। इस हेतु आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुके हैं। राज्य के 16 जिले के किसान 12 सितम्बर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए किसान को पहले DBT में पंजीयन करना होगा। फिर पंजीयन संख्या से आवेदन किया जाता है। आवेदन में अगर कोई गलती हो जाए तो 48 घंटे के अंदर इसे सुधारा भी जा सकता है।

स्रोत: किसान समाधान

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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