कपास की 105 से 115 दिनों की फसल में छिड़काव प्रबंधन

  • कपास की फसल में बहुत अधिक मात्रा में अलग अलग प्रकार के रस चूसक कीटों एवं इल्लियों का आक्रमण होता है जैसे की गुलाबी सुंडी, एफिड, जैसिड, मकड़ी, आदि।

  • इन कीटों के साथ-साथ कुछ कवक जनित बीमारियाँ भी कपास की फसल को बहुत अधिक प्रभावित करती हैं। इसमें जीवाणु धब्बा रोग, जड़ गलन, तना गलन, अल्टेरनेरिया पत्ती धब्बा रोग आदि प्रकार के रोग कपास फसल को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं।

  • इनके नियंत्रण के लिए निम्न छिड़काव उपयोग में ला सकते हैं।

  • इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG @ 100 ग्राम/एकड़ + डायफैनथीयुरॉन 50% WP @ 250 ग्राम/एकड़ + थायोफिनेट मिथाइल 70% WP @ 300 ग्राम/एकड़ + कासुगामायसिन 3% SL @ 400 मिली/एकड़ ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

  • या फेनप्रोप्रेथ्रिन 10% EC @ 400 मिली/एकड़ + इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL@ 100 मिली/एकड़ + हेक्साकोनाज़ोल 5% SC @ 300 मिली/एकड़ + स्ट्रेप्टोमाइसिन सल्फेट + टेट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड @ 24 ग्राम/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

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