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आलू की सामान्यता लगाई जाने वाली किस्म में सोलनम ट्यूबरोसम मुख्य है। इसके पौधे छोटे और मोटे तने वाले तथा इनकी पत्तियों का आकार बड़ा व अपेक्षाकृत लंबा होता है। आलू की किस्मों में आमतौर पर किसान भाई कुफरी ज्योति, कुफरी मुथु, कुफरी स्वर्णा, कुफरी मलार, कुफरी सोगा, कुफरी आनंद, कुफरी चमत्कार, कुफरी अलंकार और कुफरी गिरिराज का चुनाव कर सकते हैं।
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उन्नत बीज किस्म के चयन के बाद बारी आती है आलू के खेत की तैयारी की, आलू की फसल के अच्छे ट्यूब्राइजेशन के लिए एक अच्छी तरह से भुरभुरी मिट्टी या सीड बेड की आवश्यकता होती है। खरीफ फसल की कटाई के तुरंत बाद खेत में मिट्टी पलटने वाले हल से एक बार 20-25 सेमी गहरी जुताई करें। इसके बाद, दो से तीन क्रॉस हैरोइंग या स्थानीय हल से चार से पांच जुताई करें, यह सतह को चिकना और समतल बनाने के लिए आवश्यक है। बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी बनाए रखें।
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आलू की बुवाई आप रिज तथा फरो जैसे प्रचलित बिधियों से खेत को तैयार करके कर सकते हैं।
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जिस मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा कम हो उस मिट्टी में 4 मैट्रिक टन प्रति एकड़ गोबर की ठीक से सड़ी हुई खाद को भूमि तैयार करने के दौरान देना चाहिए, यह मात्रा रोपण के एक पखवाड़े पहले दिया जाना चाहिए। बता दें की आलू के पौधे को अधिक मात्रा में पोषक तत्वों की आवश्यकता होती हैं।
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