मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी बारिश के आसार, जानें मौसम पूर्वानुमान

Weather Update

मध्य प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में अच्छी बारिश की संभावना है। राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में खूब बारिश की उम्मीद है। वीडियो के माध्यम से देखें मध्य प्रदेश किन जिलों में हो सकती है बारिश।

स्रोत: मौसम तक

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7 सितंबर को इंदौर मंडी में क्या रहे प्याज के भाव?

onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 7 सितंबर के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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मंदसौर मंडी में 7 सितंबर को क्या रहे लहसुन के भाव?

Mandsaur garlic Mandi bhaw

वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के मंदसौर मंडी में आज क्या रहे लहसुन के भाव ?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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प्याज़ में आ रहे बैंगनी धब्बा रोग के लक्षणों की ऐसे करें पहचान व नियंत्रण

How to recognize Purple blotch disease in onion

प्याज में आने वाले बैगनी धब्बा रोग को अंग्रेजी में Purple blotch के नाम से भी जाना जाता है। यह एक मिट्टी जनित रोग है। इस रोग के कारण पत्तियों और डंठलों पर छोटे, धँसे हुए, सफेद धब्बों के साथ बैंगनी रंग के केंद्र बन जाते हैं। इसके घाव पत्तियों/डंठल को घेर लेते हैं और उनके गिरने का कारण बन सकते हैं। संक्रमित पौधे बल्ब विकसित करने में विफल हो जाते हैं।

रोकथाम के उपाय:

  • बुआई के लिए स्वस्थ बीजों का प्रयोग करें।

  • 2-3 साल का फसल चक्र अपनाएँ एवं उचित जल निकास की व्यवस्था करें।

  • नाइट्रोजन और फॉस्फोरस युक्त उर्वरकों की अनुसंशित मात्रा का उपयोग करें।

  • बुआई के पूर्व बीजों को गर्म पानी में 20 मिनट के लिए 50 डिग्री सेल्सियस पर उपचारित करें साथ ही प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।

मृदा उपचार: इस रोग से सुरक्षा के लिए, बुआई के पूर्व मिट्टी में ट्राइकोडर्मा विरिडी 500 ग्राम को 4 से 5 टन अच्छे से सड़ी हुई गोबर की खाद के साथ मिलाकर प्रति एकड़ समान रूप से फैलाएं। 30 दिन के बाद ट्राइकोडर्मा विरिडी 500 ग्राम/एकड़ का पुनः उपयोग करें।

रासायनिक नियंत्रण:

बीज उपचार: बुआई के पूर्व बीजों को करमानोवा 2.5 ग्राम/किलो ग्राम बीज के हिसाव से उपचारित करें।

फसल में रोग के लक्षण दिखाई देने पर रोकथाम के उपाय: रोग के प्रारंभिक लक्षण दिखाई देने पर हेक्साकोनाज़ोल 5% SC (नोवाकोन), @ 400 मिली + सिलिकोमैक्स (स्टीकर) @ 50 मिली प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें या किटाज़िन 48% ईसी @ 200 मिली +  सिलिकोमैक्स (स्टीकर), @ 50 मिली प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें या फिर जैविक नियंत्रण के लिए स्यूडोमोनास फ्लोरसेंस (मोनास कर्ब @250 ग्राम 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें)

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तूफान व बारिश से हुई फसल क्षति की भरपाई हेतु मिलेगा अनुदान, जल्द करें आवेदन करें

Grant will be given to compensate for crop damage caused by storm and rain

इस साल देश में आये चक्रवातीय तूफान और भारी बारिश की वजह से किसानों को अपनी फसल में काफी नुकसान झेलना पड़ा है। सरकार की तरफ से फसल को हुई क्षति की भारपाई के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसी कड़ी में अब बिहार सरकार ने यास तूफान से हुई फसल क्षति की भरपाई करने का निर्णय लिया हैं।

बिहार के किसानों से इसके लिए ऑनलाइन आवेदन भी आमंत्रित किये गए हैं। इस हेतु आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुके हैं। राज्य के 16 जिले के किसान 12 सितम्बर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए किसान को पहले DBT में पंजीयन करना होगा। फिर पंजीयन संख्या से आवेदन किया जाता है। आवेदन में अगर कोई गलती हो जाए तो 48 घंटे के अंदर इसे सुधारा भी जा सकता है।

स्रोत: किसान समाधान

कृषि एवं किसानों से सम्बंधित लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। इस लेख को नीचे दिए शेयर बटन से अपने मित्रों के साथ साझा करना ना भूलें।

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रबी फसलों में बुआई के पूर्व मिट्टी उपचार का महत्व

Importance of soil treatment before sowing of Rabi crops
  • किसी भी मौसम में फसल बुआई के पूर्व मिट्टी उपचार करना बहुत आवश्यक होता है।

  • मिट्टी की उर्वरता और पोषक तत्व प्रबंधन फसल से अच्छी उपज प्राप्त करने एवं रोग मुक्त फसल के लिए बहुत महत्वपूर्ण कारक होते हैं। यह फसल की उपज के साथ साथ गुणवत्ता पर भी सीधा प्रभाव डालते हैं।

  • खरीफ के मौसम के बाद रबी की बुआई के पूर्व मिट्टी में बहुत अधिक नमी होने के कारण कवक जनित रोगों एवं कीट जनित रोगों का बहुत अधिक प्रकोप होता है।

  • इन रोगों के निवारण के लिए मिट्टी उपचार कवकनाशी एवं कीटनाशी से किया जाता है।

  • मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए भी मिट्टी उपचार बहुत आवश्यक होता है। इसके लिए मुख्य पोषक तत्वों का उपयोग किया जाता है।

  • मिट्टी उपचार करने से मिट्टी की सरचना में सुधार होता है एवं उत्पादन भी काफी हद तक बढ़ जाता है।

अपने खेत को ग्रामोफ़ोन एप के मेरे खेत विकल्प से जोड़ें और पूरे फसल चक्र में पाते रहें स्मार्ट कृषि से जुड़ी सटीक सलाह व समाधान। इस लेख को नीचे दिए गए शेयर बटन से अपने मित्रों संग साझा करें।

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अगले 5-6 दिन पूरे मध्य प्रदेश में होगी जबरदस्त बारिश, देखें मौसम पूर्वानुमान

Weather Update

मध्य प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में अच्छी बारिश की संभावना बन रही है जिसके कारण आने वाले 5-6 दिनों में खूब बारिश हो सकती है। वीडियो के माध्यम से देखें मध्य प्रदेश का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान।

स्रोत: स्काईमेट वेदर

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मंदसौर मंडी में 6 सितंबर को क्या रहे लहसुन के भाव?

Mandsaur garlic Mandi bhaw

वीडियो के माध्यम से देखें, मध्य प्रदेश के मंदसौर मंडी में आज क्या रहे लहसुन के भाव ?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

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6 सितंबर को इंदौर मंडी में क्या रहे प्याज के भाव?

onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 6 सितंबर के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: यूट्यूब

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें।

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राजस्थान में किसानों के बीच छा गया ग्रामोफ़ोन एप, रोजाना जुड़ रहे हैं हजारो किसान

Gramophone in Rajasthan

किसानों को हर पल कृषि मदद उपलब्ध करवाने वाला ग्रामोफ़ोन कृषि मित्र एप राजस्थान के किसानों के बीच खूब प्रसिद्ध हो रहा है। कुछ महीने पहले जब ग्रामोफ़ोन ने राजस्थान के लिए भी अपनी डिलीवरी सेवाएं शुरू की तो किसान भाइयों ने इसका स्वागत किया।

बता दें की राजस्थान के बहुत सारे किसान पहले से ग्रामोफ़ोन एप के माध्यम से कृषि विशेषज्ञों से अपने कृषि समस्याओं के समाधान प्राप्त करते थे। पर अब जब राजस्थान में भी ग्रामोफ़ोन की डिलीवरी सेवाएं शुरू कर दी गई हैं तब ग्रामोफ़ोन एप से किसानों के जुड़ने की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ गई है।

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