लहसुन की फसल को भंडारण के समय ब्लैक मोल्ड से कैसे बचाएं?

Know how to protect garlic crop from black mold during storage

लहसुन की फसल कटाई के बाद भंडारण के समय ब्लैक मोल्ड रोग का खतरा बढ़ जाता है। जहां भी प्याज और लहसुन का भंडारण किया जाता है वहा ये रोग लगना सामान्य होता है। 

लक्षण: लहसुन के पकने की अवस्था में ब्लैक मोल्ड आमतौर पर देखा जाता है। इस रोग के लक्षण लहसुन की कलियों के बीच और गांठों पर काले पाउडर के रूप में दिखाई देते हैं। इससे बाजार में लहसुन की कीमत कम होने लगती है, साथ ही प्रभवित गांठों का भंडारण ज्यादा समय तक नहीं रख जा सकता है। 

रोकथाम के उपाय:

  • लहसुन के भंडारण से पहले कंदों को अच्छी तरह सूखाकर साफ करें।

  • भंडारण में अच्छी तरह से पके, ठोस और स्वस्थ कंदों को ही रखें। 

  • भंडारण की जगह को नमी रहित और हवादार होना जरूरी होता है। 

  • भंडारण करने वाली जगह में कंदों का ढेर नहीं लगाना चाहिए।

  • कंदों को पत्तियों से गुच्छों में बांध कर रस्सियों पर लटका दें या फिर बांस की टोकरियों में भरकर रखें।

  • समय-समय पर सड़े-गले कंदों को निकालते रहना चाहिए।

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ज्यादातर राज्यों में भीषण गर्मी के आसार, जानें अपने क्षेत्र का मौसम पूर्वानुमान

know the weather forecast,

अब देश के अधिकांश हिस्सों में भीषण गर्मी का प्रकोप देखने को मिलेगा। हीटवेव की संभावना बढ़ रही है और कई राज्यों में तापमान फिर से 40 डिग्री के पार जा सकता है। हालांकि, राहत की बात यह है कि पहाड़ों पर एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। अगले तीन दिनों तक जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी जारी रहने की उम्मीद है। वहीं, उत्तर-पूर्वी और दक्षिण भारत में भी हल्की बारिश हो सकती है, जिससे कुछ इलाकों को मामूली राहत मिलेगी।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से फसलों को हुआ नुकसान, सरकार देगी मुआवजा

Unseasonal rain and hailstorm caused damage to crops, government will give compensation

पिछले कुछ दिनों से हो रही बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। इस नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, 22 मार्च तक मध्य प्रदेश के 12 जिलों—सिंगरौली, मैहर, शहडोल, अनुपपुर, उमरिया, सागर, दमोह, पन्ना, जबलपुर, कटनी, सिवनी और डिंडौरी—में भारी फसल क्षति हुई है।

प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, इन 12 जिलों की 29 तहसीलों के 275 गांवों में करीब 2160 किसानों की 2194 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है। इसके अलावा, आकाशीय बिजली गिरने से 5 लोगों की मृत्यु हुई, 16 पशु हानि और 2 मकानों को नुकसान पहुंचा है। सरकार ने जल्द से जल्द राहत पहुंचाने के लिए सर्वेक्षण प्रक्रिया तेज कर दी है। बीमित किसान अपनी फसल क्षति की सूचना कृषि रक्षक हेल्पलाइन नंबर 14447 पर दे सकते हैं।

किन जिलों में कितना नुकसान हुआ?

  • सिंगरौली: 50 गांव

  • मैहर: 15 गांव

  • शहडोल: 34 गांव

  • अनूपपुर: 2 गांव

  • उमरिया: 7 गांव

  • सागर: 2 गांव (1 जनहानि, 2 पशु हानि)

  • दमोह: 105 गांव

  • पन्ना: 2 गांव

  • जबलपुर: 2 गांव

  • कटनी: 2 तहसील

  • सिवनी: 10 गांव

  • डिंडौरी: 20 गांव

किसानों को राहत के लिए वितरित की गई राशि

वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक विभिन्न आपदाओं से प्रभावित किसानों को 643.92 करोड़ रुपये की राहत राशि वितरित की गई है, जिसमें शामिल हैं:

  • ओलावृष्टि से क्षति पर: 216.44 करोड़ रुपये

  • बाढ़/अतिवृष्टि से नुकसान पर: 104.04 करोड़ रुपये

  • आग से फसल क्षति पर: 16.02 करोड़ रुपये

  • सर्पदंश से मृत्यु पर: 98.51 करोड़ रुपये

  • कीट प्रकोप से नुकसान पर: 13.13 करोड़ रुपये

  • वन्य प्राणियों द्वारा फसल क्षति पर: 2.18 करोड़ रुपये

  • अन्य आपदाओं के लिए: 154.51 करोड़ रुपये

सरकार किसानों को जल्द राहत प्रदान करने के लिए सर्वेक्षण कार्य में तेजी ला रही है ताकि प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा मिल सके।

स्रोत: किसान समाधान

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क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव, देखें मध्य प्रदेश के मंडियों का हाल

soybean mandi Bhaw

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं सोयाबीन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
शाजापुर आगर सोयाबीन 4050 4050
आलीराजपुर आलीराजपुर सोयाबीन 3400 3600
छतरपुर बड़ामलहेड़ा सोयाबीन 3700 3700
छतरपुर बड़ामलहेड़ा पीला 3650 3650
धार बदनावर सोयाबीन 4006 4006
धार बदनावर पीला 4000 4000
सागर बाँदा सोयाबीन 3800 3810
शिवपुरी बराड़ सोयाबीन 3550 3820
मन्दसौर भानपुरा सोयाबीन 3725 3725
बेतुल भेंसदेही पीला 3880 3880
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन 1401 3990
खरगोन भीकनगांव सोयाबीन-जैविक 3640 3640
राजगढ़ ब्यावरा सोयाबीन 3420 3945
छतरपुर बिजावर सोयाबीन 3750 3810
सागर बीना सोयाबीन 4000 4000
दमोह दमोह सोयाबीन 3590 3850
सागर देवरी अन्य 3500 3500
देवास देवास सोयाबीन 3679 3831
धार धार सोयाबीन 3900 3950
धार गंधवानी सोयाबीन 3400 3950
इंदौर गौतमपुरा सोयाबीन 4000 4000
नरसिंहपुर गोटेगांव सोयाबीन-जैविक 4075 4100
नरसिंहपुर गोटेगांव पीला 4000 4050
हरदा हरदा पीला 3500 3500
इंदौर इंदौर सोयाबीन 3890 3890
इंदौर इंदौर सोयाबीन-जैविक 1300 4070
होशंगाबाद इटारसी (F&V) पीला 3000 3951
सागर जैसीनगर पीला 3650 3800
राजगढ़ जीरापुर सोयाबीन 3900 3910
राजगढ़ जीरापुर पीला 3990 3990
झाबुआ झाबुआ सोयाबीन 3790 3911
झाबुआ झाबुआ पीला 3800 3870
आलीराजपुर जोबट सोयाबीन 3700 3800
आलीराजपुर जोबट पीला 4000 4000
खरगोन खरगोन सोयाबीन 3825 3950
देवास खातेगांव सोयाबीन 3900 3900
राजगढ़ खिलचीपुर पीला 3800 3800
सागर खुरई सोयाबीन 3800 3875
धार कुक्षी सोयाबीन 3600 4200
राजगढ़ कुरावर काला 2700 2700
राजगढ़ कुरावर सोयाबीन 3900 3900
राजगढ़ कुरावर सोयाबीन-जैविक 2005 4130
गुना मकसूदनगढ़ सोयाबीन 3995 3995
नरसिंहपुर नरसिंहपुर सोयाबीन 3000 3000
नरसिंहपुर नरसिंहपुर पीला 3800 3840
नीमच नीमच सोयाबीन 3909 3909
राजगढ़ पचौर सोयाबीन 3100 4145
राजगढ़ पचौर सोयाबीन 2215 4400
खंडवा पंधाना पीला 3740 3927
छिंदवाड़ा पंधुरना सोयाबीन 3900 3900
झाबुआ पेटलावद सोयाबीन 3700 3700
झाबुआ पेटलावद पीला 4100 4100
रतलाम रतलाम सोयाबीन 4000 4000
रीवा रीवा सोयाबीन 3700 3700
सागर सागर सोयाबीन 3405 4070
सागर सागर पीला 3800 3800
रतलाम सैलाना सोयाबीन 3511 3611
इंदौर सांवेर सोयाबीन 3300 4200
खरगोन सेगांव सोयाबीन 3825 3825
बड़वानी सेंधवा सोयाबीन 3900 3900
बड़वानी सेंधवा सोयाबीन-जैविक 3855 3940
सागर शाहगढ़ सोयाबीन 3800 3800
शाहडोल शाहडोल सोयाबीन 4000 4100
शाजापुर शाजापुर सोयाबीन 3730 3800
विदिशा शमसाबाद सोयाबीन-जैविक 3600 3600
विदिशा शमसाबाद पीला 3400 3580
विदिशा सिरोंज सोयाबीन 4100 4100
देवास सोनकच पीला 3850 3850
उज्जैन तराना सोयाबीन 3500 3650
नरसिंहपुर तेंदूखेड़ा सोयाबीन 3900 4051
टीकमगढ़ टीकमगढ़ सोयाबीन 3000 3900
उज्जैन उज्जैन सोयाबीन 2500 3965
उमरिया उमरिया सोयाबीन 3700 3700

स्रोत: एगमार्कनेट

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फसल की कटाई के बाद ऐसे करें फसल अवशेष का प्रबंधन

How to manage crop residue after harvest

फसलों की कटाई के बाद खेत में बचे फसल अवशेषों को जलाने की जगह रोटावेटर की सहायता से जुताई करें और एक पानी लगाए। इससे फसल अवशेष मिट्टी में मिल जाते हैं। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढऩे के साथ ही अनेक लाभ मिलते है। 

फसल अवशेषों को खेत में मिला देने से होने वाले लाभ

  • किसान फसल अवशेषों को रोटावेटर की सहायता से खेत में मिला कर जैविक खेती का लाभ ले सकते हैं।

  • फसल अवशेषों को खेत में ही मिला देने से जैव विविधता बनी रहती है। जमीन में मौजूद मित्र कीट शत्रु  कीटों को खा कर नष्ट कर देते हैं।

  • इससे जमीन में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है, फलस्वरूप फसल उत्पादन ज्यादा होता है।

  • दलहनी फसलों के अवशेषों को जमीन में मिलाने से मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे अगली फसल का भी उत्पादन भी बढ़ता है।

  • किसानों द्वारा फसल अवशेष जलाने के बजाय भूसा बना कर रखने पर जहां एक ओर उनके पशुओं के लिए चारा मौजूद होगा, वहीं अतिरिक्त भूसे को बेच कर वे आमदनी भी बढ़ा सकते हैं।

फसल अवशेषों का कैसे करें प्रबंधन

  • फसल अवशेषों को पशु चारा अथवा औद्योगिक प्रबंधन के लिए एकत्रित किया जा सकता है।

  • धान की पराली को यूरिया/कैल्शियम हाइड्रोक्सॉइड से उपचार करके इसका उपयोग पशु चारे के लिए किया जा सकता है।

  • खेत में स्ट्रा बेलन मशीन की मदद से फसल अवशेषों के ब्लॉक बनाकर कम जगह में भंडारित करके, पशु चारा के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।

  • गेहूँ के फनो पर रीपर मशीन को चलाकर भूसा बनाया जा सकता है।

  • फसल अवशेषों का उपयोग मशरूम की खेती करने में भी मदतगार होता है। 

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पहाड़ों पर फिर पहुंचेंगे वेस्टर्न डिस्टरबेंस, कई राज्यों पर होगा असर

know the weather forecast,

हीट वेव अब कई राज्यों को परेशान कर सकती है। 24 मार्च की रात से पहाड़ों पर वेस्टर्न डिस्टरबेंस आ जाएगा। पहाड़ों पर 26 या 27 मार्च तक तेज बारिश और बर्फबारी की संभावना बन रही है। वेस्टर्न डिस्टरबेंस के प्रभाव से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, और मध्य प्रदेश सहित महाराष्ट्र के तापमान बढ़ जाएंगे। 3 दिन के बाद यहां पर हीट वेव आने की संभावना है। दक्षिण भारत में हल्की बारिश होगी तथा पूर्वोत्तर राज्यों में तेज बारिश की संभावना है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

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नींबू वर्गीय फसलों के प्रमुख कीट व नियंत्रण के उपाय

Symptoms of major pests in citrus crop

साइट्रस सिल्ला: इस कीट के वयस्क और निम्फ दोनों ही अवस्था कलियों, पत्तियों, शाखाओं के कोमल भागों से रस चूसते हैं और उनमें विषैला पदार्थ को इंजेक्ट करते हैं। निम्फ सफ़ेद क्रिस्टलीय पदार्थ उत्सर्जित करते हैं, जिस पर काला धब्बेदार सांचा विकसित हो सकता है, जो पौधों के प्रकाश संश्लेषक क्षेत्र को कम करता है। अधिक संक्रमण में पत्तियां विकृत हो जाती हैं और ऊपर की ओर सिकुड़ जाती हैं। साथ ही यह कीट साइट्रस ग्रीनिंग रोग फ़ैलाने के लिए वेक्टर बनता है। 

प्रबंधन: इसके नियंत्रण के लिए संक्रमण दिखाई देते ही, थियानोवा 25 (थायोमिथाक्साम 25% डब्लू जी) @ 40 ग्राम प्रति एकड़ या मिडिया ( इमिडाक्लोप्रिड 17.80% एस एल) 20 मिली प्रति एकड़ के दर से छिड़काव करें।

साइट्रस लीफ माइनर: यह कीट नर्सरी और बगीचा दोनों में नुकसान पहुंचाता है। इसकी इल्लियां कोमल पत्तियों पर हमला करती हैं और पत्तियों पर सर्पीली रेखाएं बनाकर पत्तियों को खाती हैं। प्रभावित पत्तियां हलके पीले रंग की हो जाती हैं और विकृत होकर नीचे गिर जाती हैं। इस कीट के संक्रमण से साइट्रस कैंकर रोग के विकास को बढ़ावा मिलता है। 

प्रबंधन: इस कीट के नियंत्रण के लिए, पौधों की सभी प्रभावित भागों की छटाई की जानी चाहिए। संक्रमण बढ़ने पर मिडिया ( इमिडाक्लोप्रिड  17.80% एस एल) 20 मिली या प्रोफेनोवा सुपर (प्रोफेनोफोस 40% + सायपरमेथ्रिन 4% इसी) 2 मिली प्रति लीटर पानी के दर से छिड़काव करें।  

माहु: इस कीट के निम्फ और वयस्क स्वरूप कोमल पत्तियों एवं शखाओं से रस चूसते हैं। प्रभावित पत्ते पीले, रूखे और विकृत होकर सूख जाते हैं। पौधों की वृद्धि रुक जाती है और इसके मावा द्वारा उत्सर्जित हनीड्यू पर सूटी मोल्ड का उत्पादन हो जाता है। यदि संक्रमण फूल अवस्था के दौरान होता है, तो इसके परिणाम से फल कम बनते हैं।  

प्रबंधन: इसके नियंत्रण के लिए प्रकोप दिखाई देते ही, टफगोर (डायमेथोएट 30% इसी) @ 594 मिली प्रति एकड़ या मिडिया ( इमिडाक्लोप्रिड 17.80 % एस एल) @ 20 मिली प्रति एकड़ के दर से छिड़काव करें। 

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मध्य प्रदेश की प्रमुख मंडियों में गेहूँ भाव में दिखी कितनी तेजी

wheat mandi bhaw,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं गेहूँ के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूँ के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
बड़वानी अंजड़ लोकवन 2525 2525
छतरपुर बड़ामलहेड़ा मिल गुणवत्ता 2450 2525
धार बदनावर गेहूँ 2350 2370
छतरपुर बकस्वाहा मिल गुणवत्ता 2508 2508
मंडला बिछिया मिल गुणवत्ता 2500 2500
सागर बीना गेहूँ 2500 3705
छिंदवाड़ा चौरई मिल गुणवत्ता 2390 2409
सिवनी छपारा मिल गुणवत्ता 2475 2480
दमोह दमोह मिल गुणवत्ता 2425 2425
देवास देवास गेहूँ 2375 2521
धार धार मालवा शक्ति 2445 2450
धार धार मिल गुणवत्ता 2448 2900
सागर गढ़ाकोटा गेहूँ 2420 2440
इंदौर गौतमपुरा लोकवन 2350 2350
इंदौर गौतमपुरा गेहूँ 2380 2505
इंदौर गौतमपुरा गेहूं का मिश्रण 2600 2650
सिवनी घंसौर मिल गुणवत्ता 2200 2200
नरसिंहपुर गोटेगांव गेहूँ 2425 2450
गुना गुना गेहूँ 2530 2530
हरदा हरदा मिल गुणवत्ता 2560 2575
खंडवा हरसूद गेहूँ 2300 2300
इंदौर इंदौर मालवा शक्ति 2480 2550
इंदौर इंदौर मिल गुणवत्ता 2378 2520
इंदौर इंदौर गेहूँ 2475 2515
रतलाम जावरा मिल गुणवत्ता 2450 2450
दमोह जवेरा मिल गुणवत्ता 2440 2452
दमोह जवेरा गेहूँ 2440 2455
झाबुआ झाबुआ गेहूँ 2425 2520
शिवपुरी करेरा मिल गुणवत्ता 2385 2385
कटनी कटनी स्थानीय 2305 2305
कटनी कटनी मिल गुणवत्ता 2305 2460
सिवनी केवलारी मिल गुणवत्ता 2450 2490
खरगोन खरगोन गेहूँ 2411 2530
खरगोन खरगोन गेहूँ 2400 2515
धार कुक्षी गेहूँ 2400 2400
सिवनी लखनादौन स्थानीय 2410 2410
सिवनी लखनादौन मिल गुणवत्ता 2380 2380
बेतुल मुल्ताई मिल गुणवत्ता 2430 2480
खंडवा मुंडी मिल गुणवत्ता 2450 2450
खंडवा मुंडी गेहूँ 2350 2450
खंडवा मुंडी गेहूं का मिश्रण 2475 2475
राजगढ़ नरसिंहगढ़ मिल गुणवत्ता 2395 2440
राजगढ़ नरसिंहगढ़ गेहूँ 2375 2375
सीहोर नसरुल्लागंज गेहूँ 2401 2444
छतरपुर नौगांव गेहूँ 2510 2540
राजगढ़ पचौर गेहूँ 2350 2400
दमोह पथरिया गेहूँ 2100 2100
झाबुआ पेटलावद गेहूँ 2500 2530
रतलाम रतलाम मिल गुणवत्ता 2300 2300
रतलाम रतलाम गेहूँ 2650 2650
रतलाम सैलाना गेहूँ 2350 2625
खरगोन सनावद गेहूँ 2315 2450
इंदौर सांवेर गेहूँ 2361 2465
बड़वानी सेंधवा लोकवन 2625 2625
बड़वानी सेंधवा गेहूँ 2950 3001
सिवनी सिवनी स्थानीय 2400 2450
सिवनी सिवनी मिल गुणवत्ता 2400 2475
सिवनी सिवनी गेहूँ 2390 2470
सिवनी सिवनी गेहूँ-जैविक 2400 2400
सागर शाहगढ़ मिल गुणवत्ता 2525 2550
सागर शाहगढ़ गेहूँ 2430 2450
देवास सोनकच गेहूँ 2325 2450
मन्दसौर सुवासरा गेहूँ 2351 2351
उज्जैन तराना गेहूँ 2000 2150
उज्जैन उज्जैन गेहूँ 2426 2426

स्रोत: एगमार्कनेट

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ऐसे तैयार करें कई पोषक तत्वों से भरपूर संपूर्ण पशु आहार साइलेज

Know the method of making silage for animals

साइलेज बनाने के लिए गड्ढा बनाएं जो 6 फुट गहरा तथा 5 फुट चौड़ा हो। गौरतलब है की एक साइलेज का गड्ढा जिसकी लम्बाई 10 फुट, चौड़ाई 5 फुट एवं गहराई 6 फुट हो, उसमें करीब 45 क्विंटल हरा चारा तैयार किया जा सकता है। ध्यान रखें की यह गड्ढा जहां बनाएं वह जगह ऊंची तथा ढालू हो जिससे की बारिश का पानी उसके अंदर न जा पाए। गड्ढे की दिवारें बिल्कुल सीधी, समतल व इसके कोने गोल होने चाहिए। कच्चे गड्ढे की दीवारें तथा फर्श को चारा भरने से पहले अच्छी तरह से मिट्टी से लिपाई कर देनी चाहिए जिससे उसमें हवा अंदर जाने के लिए रास्ता न रहे। हवा अंदर जाने पर साइलेज में फफूंद लग सकती है। हरा चारा भरने से पहले गड्ढे में भूसा, फूस या पुआल बिछा दें। दीवार व चारे के बीच में भी भूसा या पुआल डालें जिससे चारे व दीवार सीधे संपर्क में न रहे। गड्ढे में चारा थोड़ा-थोड़ा भरकर उसे पैरों से दबा-दबा कर भरें जिससे चारे के बीच हवा न रह पाए। गड्ढे को जमीन से 2-3 फुट ऊंचा बनाएं। गड्ढे के मुंह को बंद करने के लिए प्लास्टिक की चादर से ढककर उसके किनारों को अच्छी तरह से मिट्टी से दबा दें ताकि हवा चादर के अंदर न घुस सके। साइलेज तकरीबन दो महीने में तैयार हो जाता है।

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क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव, जानें मंडी का हाल

garlic mandi rate,

मध्य प्रदेश के अलग अलग मंडियों में क्या चल रहे हैं लहसुन के भाव? आइये देखते हैं पूरी सूची।

मध्य प्रदेश की मंडियों में लहसुन के ताजा मंडी भाव
जिला कृषि उपज मंडी किस्म न्यूनतम मूल्य (प्रति क्विंटल) अधिकतम मूल्य (प्रति क्विंटल)
रतलाम आलोट लहसुन 2800 5253
शाजापुर आगर देसी 6325 6325
शाजापुर आगर लहसुन 1300 6325
शाजापुर आगर लहसुन-जैविक 1925 1925
सीहोर आष्टा लहसुन 3580 5200
उज्जैन बड़नगर लहसुन 2110 2499
धार बदनावर औसत 1500 4500
धार बदनावर देसी 2800 4100
धार बदनावर लहसुन 1005 6600
धार बदनावर नया माध्यम 2500 4900
भोपाल भोपाल लहसुन 2150 8750
भोपाल भोपाल लहसुन-जैविक 3950 3950
मन्दसौर दलौदा लहसुन 1800 13800
सागर देवरी औसत 4500 4500
सागर देवरी लहसुन 4550 4550
इंदौर गौतमपुरा लहसुन 1000 5500
सीहोर इछावर (F&V) लहसुन 1500 6400
इंदौर इंदौर लहसुन 200 10700
इंदौर इंदौर लहसुन-जैविक 2500 2500
रतलाम जावरा लहसुन 888 14700
नीमच जावद लहसुन 3102 11960
शाजापुर कालापीपल लहसुन 2505 5375
शाजापुर कालापीपल (F&V) लहसुन 2165 6375
नीमच मनसा लहसुन 2700 6816
मन्दसौर मन्दसौर लहसुन 1000 14100
नीमच नीमच औसत 2011 8711
नीमच नीमच लहसुन 2100 17100
होशंगाबाद पिपरिया(F&V) लहसुन 6000 11500
मन्दसौर पिपल्या लहसुन 815 10280
मन्दसौर पिपल्या लहसुन-जैविक 2900 7791
धार राजगढ़ लहसुन 3500 6351
रतलाम रतलाम चीन 3541 3541
रतलाम रतलाम देसी 100 9001
रतलाम रतलाम लहसुन 100 8301
रतलाम सैलाना औसत 3600 4727
रतलाम सैलाना देसी 5000 5500
रतलाम सैलाना लहसुन 600 6381
सीहोर सीहोर लहसुन 1320 5810
शाजापुर शाजापुर लहसुन 1220 5575
शाजापुर शाजापुर नया माध्यम 3990 3990
मन्दसौर शामगढ़ लहसुन 200 7191
शाजापुर शुजालपुर देसी 500 6700
शाजापुर शुजालपुर(F&V) लहसुन 1000 6700
मन्दसौर सीतामऊ लहसुन 2000 5890
उज्जैन उज्जैन लहसुन 500 7472

स्रोत: एगमार्कनेट

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