प्याज की फसल में रोपाई के 40 दिन बाद जरूरी है पोषक तत्व प्रबंधन!

प्याज की फसल में इस अवस्था में अच्छे जड़ों के विकास एवं पौधों की स्वस्थ वृद्धि के लिए, यूरिया 30 किलोग्राम + कैल्शियम नाइट्रेट 10 किलोग्राम + मैग्नीशियम सल्फेट 10 किलोग्राम इन सभी को आपस में मिलाकर एक एकड़ के हिसाब से समान रूप से भुरकाव करें।

  • यूरिया: प्याज की फसल में यूरिया नाइट्रोज़न की पूर्ति का सबसे बड़ा स्रोत है| इसके उपयोग से, पत्तियो में पीलापन एवं सूखने की समस्या नहीं आती है| यूरिया प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को तेज़ करता है।

  • कैल्शियम नाइट्रेट: कैल्शियम नाइट्रेट से प्याज की कंद का आकार बढ़ाता है, एवं बेहतर गुणवत्ता वाली उपज प्राप्त होती है। साथ ही पौधो में कैल्शियम की कमी को पूरा करता है।

  • मैग्नीशियम सल्फेट: मैग्नेशियम सल्फेट प्याज की फसल में मैग्नेशियम के प्रयोग से हरियाली बढ़ती है एवं प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में तेज़ी आती हैं अंततः उच्च पैदावार और फसल की गुणवत्ता बढ़ती है| साथ ही सल्फर गंध बढ़ाने में मदद करता है।

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