इंदौर मंडी में 2 मई को क्या रहे प्याज के भाव?

Indore onion Mandi Bhaw

वीडियो के माध्यम से जानें आज यानी 2 मई के दिन इंदौर के मंडी में क्या रहे प्याज के मंडी भाव?

वीडियो स्रोत: मंदसौर मंडी भाव

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी लहसुन-प्याज जैसी फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। वीडियो पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share

मूंग की फसल में भभूतिया रोग की रोकथाम के उपाय

Measures for prevention of powdery mildew disease in moong crop

👉🏻किसान भाइयों मूंग की फसल में सफेद चूर्ण की समस्या होना पाउडरी मिल्ड्यू रोग या फिर भभूतिया के लक्षण हैं। 

👉🏻इस रोग में पत्तियों और अन्य हरे भागों पर सफेद चूर्ण दिखाई देता है जो बाद में हल्के रंग के सफेद धब्बेदार क्षेत्र में बदल जाता है। ये धब्बे धीरे-धीरे आकार में बढ़ जाते हैं और निचली सतह को भी ढकते हुए गोलाकार हो जाते हैं। 

👉🏻गंभीर संक्रमण में पर्णसमूह पीला हो जाता है जिससे समय से पहले पत्तियाँ गिर जाती हैं। 

👉🏻रोग संक्रमित पौधों में जल्दी परिपक्वता आ जाती है जिसके परिणामस्वरूप उपज में भारी नुकसान होता है। 

👉🏻इसके नियंत्रण के लिए पंद्रह दिन के अंतराल से हेक्ज़ाकोनाजोल 5% एससी [नोवाकोन] @ 400 मिली या मायक्लोबुटानिल 10% डब्ल्यूपी [इंडेक्स] @ 100 ग्राम या एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 11% + टेबुकोनाज़ोल 18.3% एससी [कस्टोडिया] @ 300 मिली/एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। 

कृषि क्षेत्र से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share

कपास की कम अवधि वाली किस्में लगाएं और बंपर पैदावार पाएं

Plant short duration varieties of cotton Get bumper yield

👉🏻किसान भाइयों मध्य प्रदेश में कपास की फसल मई जून माह में सिंचित एवं असिंचित दोनों क्षेत्रों में बोयी जाती है। कपास की किस्मों की सामान्यतः फसल अवधि 140 -180 दिन के मध्य होती है l आज हम इस लेख के माध्यम से आपको मध्य प्रदेश में बोई जाने वाली कुछ कम अवधि (140 -150 दिन) वाली कपास की उन्नत किस्में एवं उनकी महत्वपूर्ण विशेषताओं के बारे में चर्चा करेंगे। 

👉🏻आदित्य मोक्षा: इसके डेंडु का आकार मध्यम, कुल वज़न 6 ग्राम से लेकर 7 ग्राम के बीच, फसल अवधि 140 से 150 दिन, हल्की मध्यम मिट्टी के लिए उत्तम, यह किस्म सिंचित एवं असिंचित क्षेत्र में बुवाई के लिए उपयुक्त है।  

👉🏻नुजीवीडू भक्ति: इसके डेंडु का आकार मध्यम, कुल वज़न 5 ग्राम, फसल अवधि 140 दिन, भारी मिट्टी के लिए उत्तम, अमेरिकन बोलवर्म, गुलाबी बोलवर्म के लिए प्रतिरोधी, कीटों को दूर करने के लिए प्रभावी है। 

👉🏻प्रभात सुपर कोट:  इसके डेंडु का आकार बड़ा होता है, कुल वज़न 5.5 ग्राम से लेकर 6.5 ग्राम के बीच होता है, फसल अवधि 140 से 150 दिन, भारी काली मिट्टी के लिए उत्तम।  यह किस्म रस चूसक कीट के प्रति सहिष्णु, अच्छी गुणवत्ता, व्यापक अनुकूलन वाली है, इस किस्म में बॉल का निर्माण बहुत अच्छा होता है l

कृषि क्षेत्र से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share

गर्मी से जल्द मिलेगी राहत, कई राज्यों में बारिश के आसार

know the weather forecast,

पूर्वी भारत के कई राज्यों जैसे कि बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश की गतिविधियां संभव है। उत्तर भारत के भी कुछ राज्यों में छुटपुट आंधी या हल्की वर्षा संभव है जिससे तापमान में गिरावट दर्ज होगी तथा लू से राहत मिलेगी। दक्षिण भारत तथा उत्तर पूर्वी राज्यों सहित पहाड़ों पर एक बार फिर बारिश होने की संभावना है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर जरूर करें।

Share

करें ऊंट पालन की शुरुआत, सरकार देगी भारी अनुदान

Start camel rearing government will give huge grant

गांवों में ज्यादातर किसान कृषि के साथ पशुपालन व्यवसाय भी करते हैं। वो इसलिए क्योंकि पशुओं के लिए चारा और घांस खेतों से ही मिल जाता है। ऐसे में किसान पशुपालन में कम लागत लगाकर दुग्ध उत्पादन के जरिए बढ़िया मुनाफा कमाते हैं।

बात अगर दुग्ध उत्पादन की हो तो ऊंटनी के दूध को कैसे भूल सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार ऊंटनी के दूध में कई विशेष पोषक तत्व पाए जाते हैं। जिसका सेवन कई घातक रोगों से बचाव करता है। इसी कारण ऊंटनी के दूध की बाजार में काफी मांग है। इसके अलावा ऊंट का प्रयोग बोझा ढ़ोने और सवारी में भी किया जाता है। ऐसे में ऊंट पालन के जरिए अच्छी कमाई की जा सकती है।

हालांकि कई किसान ऐसे हैं जो ऊंट खरीदने में सक्षम नहीं है। ऐसे किसानों की आर्थिक मदद के लिए राजस्थान सरकार एक योजना चला रही है। इसके तहत किसानों को ऊंट खरीदने के लिए अनुदान राशि प्रदान की जाती है। इसके साथ ही ऊंटनी का दूध बेचने के लिए सरकारी डेयरी आरसीडीएफ का भी निर्माण किया जा रहा है। इस डेयरी के शूरू होने के बाद से किसानों को दूध बेचने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।

स्रोत: कृषि जागरण

लाभकारी सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारियों के लिए ग्रामोफ़ोन के लेख प्रतिदिन जरूर पढ़ें। जानकारी पसंद आये तो लाइक शेयर जरूर करें।

Share

मूंग की फसल में जीवाणु झुलसा रोग से बचाव के उपाय

How to prevent bacterial blight in green gram

👉🏻किसान भाइयों मूंग की फसल में जीवाणु झुलसा रोग के लक्षण पत्तियों की सतह पर भूरे, सूखे और उभरे हुए धब्बे के रूप में दिखाई देते हैं।

👉🏻पत्तियों की निचली सतह पर ये धब्बे लाल रंग के पाये जाते हैं। 

👉🏻जब रोग का प्रकोप बढ़ता है तो धब्बे आपस में मिल जाते हैं और पत्तियां पीली पड़ जाती हैं अतः समय से पहले पत्तियां गिर जाती हैं। 

👉🏻इसके नियंत्रण के लिए कसुगामाइसिन 3% एसएल [कासु बी] @ 300 मिली प्रति एकड़ या कसुगामाइसिन 5% + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 45% डब्ल्यूपी  [कोनिका] @ 250 ग्राम प्रति एकड़ या हेक्ज़ाकोनाजोल 5% एससी [नोवाकोन] 400 मिली 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। 

कृषि क्षेत्र से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share

जल्द शुरू होगी आंधी और बारिश, मिलेगी गर्मी निजात

know the weather forecast,

देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी के कारण बिजली का संकट गहरा गया है। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में अभी तक का सबसे अधिक तापमान 47.4 डिग्री दर्ज किया गया। कई जिलों में नए कीर्तिमान बने परंतु अब जल्द ही पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर राजस्थान सहित उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में प्री मानसून गतिविधियां शुरू होने से कुछ राहत मिल सकती है।

स्रोत: स्काइमेट वेदर

मौसम सम्बंधित पूर्वानुमानों की जानकारियों के लिए रोजाना ग्रामोफ़ोन एप पर जरूर आएं। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर जरूर करें।

Share

शुरू हुआ नया डेयरी हब, किसानों को होगा अब और ज्यादा फायदा

New dairy hub started in Banas

भारत कृषि के साथ ही डेयरी क्षेत्र के लिए भी जाना जाता है। देश के करोड़ों किसानों की आजीविका दुग्ध व्यवसाय पर ही निर्भर है। ऐसे में डेयरी क्षेत्र को और आगे ले जाने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। डेयरी क्षेत्र के विकास के लिए सरकार ने बनास डेयरी हब की शुरूआत की है।

इस डेयरी हब में लगभग 30 लाख लीटर दूध को प्रसंस्करण करने की क्षमता है। इसके अलावा प्रतिदिन यहां लगभग 80 टन मक्खन, एक लाख लीटर आइस्क्रीम, 20 टन खोया और 6 टन चॉकलेट का उत्पादन किया जा सकेगा। इसके चलते किसानों को दुग्ध व्यापार में कई गुना मुनाफा होगा।

इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कृषि और पशुपालन संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने के लिए बनास सामुदायिक रेडियो स्टेशन भी स्थापित किया है। इसके माध्यम से सरकार ने देश के लगभग 1700 गांवों के किसानों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। किसान यहां विशेषज्ञों की मदद से अपनी सभी परेशानियों का हल पता कर पाएंगे।

स्रोत: टीवी 9

कृषि क्षेत्र से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share

मध्य प्रदेश के संतरे अब पाएंगे दुनिया भर में प्रसिद्धि, किसानों को होगा लाभ

Satpura oranges

भारत में बड़े पैमाने पर संतरे की खेती की जाती है। महाराष्ट्र का नागपुर शहर ‘ऑरेंज सिटी’ के नाम से जाना जाता है। वो इसलिए क्योंकि नागपुर संतरा व्यापार का सबसे बड़ा केंद्र है। हालांकि यह बात बहुत ही कम लोग जानते हैं कि इसका श्रेय मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले को भी जाता है।

छिंदवाड़ा के संतरों का एक बड़ा हिस्सा नागपुर भेजा जाता है। यहां के संतरे की खास बात यह है कि इसका छिलका पतला होता है। इसके साथ ही इस संतरे का स्वाद मीठा और रसीला होता है। इसके बावजूद भी छिदवाड़ा के संतरों को अपनी पहचान नहीं मिल पाई है।

मध्यप्रदेश सरकार ने छिदवाड़ा जिले के संतरों को पड़ोसी राज्य से अलग पहचान दिलाने के लिए अहम कदम उठाया है। सरकार ने इन संतरों को ‘एक जिला एक उपज’ में शामिल कर लिया है। इसके तहत अब से छिदवाड़ा के संतरे ‘सतपुड़ा ऑरेंज’ के नाम से जाने जाएंगे। इसके साथ ही इसका क्यूआर कोड भी बनाया गया है। जिसके माध्यम से सतपुड़ा संतरे की पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।

स्रोत: टीवी 9

कृषि क्षेत्र से जुड़ी ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए रोजाना पढ़ते रहें ग्रामोफ़ोन के लेख। आज की जानकारी पसंद आई हो तो लाइक और शेयर करना ना भूलें।

Share

सरसों के किसानों को हो रहा अच्छा लाभ, मिल रहा है अच्छा भाव

Mustard mandi rates

सरसों किसानों के लिए फिलहाल मंडियों से बहुत अच्छी खबर आ रही है। सरसों के मंडी भाव में तेजी देखने को मिल रही है। वीडियो के माध्यम से देखें पूरी रिपोर्ट।

स्रोत: मार्केट टाइम्स टीवी

अब ग्रामोफ़ोन के ग्राम व्यापार से घर बैठे, सही रेट पर करें अपनी  फसलों की बिक्री। भरोसेमंद खरीददारों से खुद भी जुड़ें और अपने किसान मित्रों को भी जोड़ें। जानकारी पसंद आई हो तो लाइक शेयर जरूर करें।

Share