Seed rate for Cabbage

  • हाईब्रीड किस्मों  के लिए:- 175-200 ग्राम/एकड़ बीज की आवश्यकता होती हैं।
  • उन्नत किस्मों के लिए:- 400-500 ग्राम/एकड़ बीज की आवश्यकता होती हैं।

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Seed treatment in Cabbage

  • स्वस्थ बीजों की बुवाई करें ।
  • बुवाई के पूर्व बीजों को 2 ग्राम कार्बोक्सिन 37.5% + थाइरम 37.5% WP प्रति कि.ग्राम की दर से उपचारित करें  ।
  • पौधशाला को खेत में एक ही जगह लगातार नहीं उगाना चाहिये ।  

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Climate and soil for sweet corn

  • मक्के की फसल के लिए गर्म मौसम अच्छा होता हैं |
  • अच्छे अंकुरण के लिए तापमान 18 °C से ऊपर होना चाहिए।
  • अच्छे विकास और गुणवत्ता के लिए तापमान 24 °C से 30 °C तक है।
  • स्वीट कॉर्न के लिए अच्छे जल निकास वाली मिट्टी जिसमे पर्याप्त मात्रा में नमी हो आवश्यक हैं
  • स्वीट कॉर्न की अच्छी उपज के लिए 5.8 – 6.5 pH अच्छा होता हैं |

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Suitable soil for Cauliflower

  • फूल गोभी की खेती, हल्की एवं दोमट मिट्टी जिसका जल निकास अच्छा हो तथा पी.एच. 5.5 से 6.8 हो उपयुक्त होती हैं।
  • अगेती किस्मों के लिए हल्की मिट्टी व मध्य अवधि किस्मों और पिछेती किस्मों के लिए भारी दोमट भूमि उपयुक्त हैं।
  • लवणीय भूमि में फंगस व जीवाणु से फैलने वाले रोग ज्यादा होते हैं।

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Nursery bed preparation for Cabbage

  • बीजों की बुवाई क्यारियों में की जाती हैं। प्रायः 4 – 6 सप्ताह पुरानी पौध को रोपित किया जाता हैं।
  • क्यारियों की ऊंचाई 10 से 15 से.मी. होती है तथा आकार 3 x 6 मी. होता हैं।
  • दो क्यारियों के बीच की दूरी 70 से.मी. होती है जिससे अंतरशस्य क्रियायें जैसे निदाई, आसानी से की जा सके।
  • नर्सरी क्यारियों की सतह भूरभूरी एवं समतल होनी चाहिये।
  • नर्सरी क्यारियों का निर्माण करते समय 8-10 कि.ग्रा. गोबर की खाद को प्रति वर्ग मीटर की दर से मिलाना चाहिये।
  • भारी भूमि में ऊंची क्यारियों का निर्माण करके जल भराव की समस्या को दूर किया जा सकता हैं।
  • आर्द्रगलन बीमारी द्वारा पौध को होने वाली हानि से बचाने के लिये थायोफेनेट मिथाइल 70% का 30 ग्राम प्रति 15 लीटर पानी में घोल बनाकर अच्छी तरह से भूमि में मिलाना चाहिये।

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Root knot nematode of coriander

  • संक्रमित जड़ो में गांठे बन जाती हैं और अनिश्चित आकार में पूरी जड़ पर फैल जाती हैं।
  • इसके नियंत्रण के लिए स्वस्थ एवं रोग रहित बीजो का चुनाव करे |
  • खेत में प्रयोग की जा रही मशीनों और औजारों को अच्छे से साफ़ करे |
  • धनिया की फसल में खरपतवार का उचित प्रबंधन करें।
  • जिस खेत में यह रोग आने की सम्भावना हैं वहाँ गर्मियों में खेत की गहरी जुताई करें और खेत को तेज धूप में खुला छोड़ दें |
  • जब संक्रमण पौधे पर होता है तो ड्रिप सिंचाई के द्वारा 2-4 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से पैसीलोमाईसिस लीलासिन्स से जैविक नियंत्रण करें।

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Harvesting of muskmelon

  • किस्म और कृषि जलवायु के आधार पर लगभग 110 दिनों में खरबूज के फल तोड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं।
  • जब फल परिपक्व हो जाते हैं तब बाहरी आवरण का रंग बदल जाता हैं,और छिलका नरम हो जाता हैं| 
  • पके हुए फल आसानी से बेल से अलग हो जाते हैं।
  • खरबूज की तुड़ाई हाथ से की जाती हैं |

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Importance of mulching in tomato

  • प्लास्टिक मल्चिंग टमाटर की फसल में लगने वाले कीड़ों, बीमारियों और खरपतवारों से बचाती है|
  • काले रंग की पॉलिथीन के द्वारा खरपतवारो का नियंत्रण किया जाता है और साथ ही हवा, बारिश व सिंचाई से होने वाले मृदा कटाव को भी रोकती है|
  • पारदर्शी पॉलीथिन का उपयोग  मृदा जनित रोगों और नमी संरक्षण को नियंत्रित करने में किया जाता है।

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Cutting in makkhan grass

  • पहली कटाई बुवाई के 50 से 60 सेमी की ऊँचाई या 50 से 60 दिनों के बाद करनी चाहिए।
  • अगली कटाई विकास के आधार पर 25 से 30 दिनों के अंतराल पर करनी चाहिए।

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Harvesting in moong

  • जब मूंग की फलिया 80-85 % तक परिपक़्व हो जाये तब फसल की कटाई करनी चाहिए |
  • कटाई के पूर्व पैराक्वाट की 800 मिली मात्रा का 150-200 लीटर पानी में घोल बना कर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव किया जाना चाहिए जिससे बाकी फसल भी सूख जाये |
  • मूंग की कटाई हसिये की सहायता से करे|
  • पौधे को उखाड़ना नहीं चाहिए |

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