जाने भिंडी में चूर्णिल आसिता (पाउडरी मिल्ड्यू) के प्रकोप से बचाव

  • पत्तियों के निचली और ऊपरी सतह पर सफ़ेद-भूरे रंग के पाउडर का विकास होता है जिससे फल की पैदावार में गंभीर कमी आती है| 
  • यह फफूंद भिंडी को गंभीर रूप से संक्रमित करती है| 

पंद्रह दिन के अंतराल से हेक्ज़ाकोनाजोल 5% SC 400 मिली या थियोफेनेट मिथाइल 70 डब्लू पी या एज़ोक्सिस्ट्रोबिन  23 एस सी का 200 मिली प्रति एकड़ 200 से 250 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

Share

समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद स्थगित

  • कोरोना महामारी के कारण देश में लॉक डाउन के चलते वैसे तो केंद्र सरकार के द्वारा किसानों को कृषि कार्यों एवं फसल बेचने आदि के लिए छूट दी गई है परन्तु अभी भी राज्य सरकारों द्वारा फसल खरीदी शुरू नहीं की जा सकी है, इसका मुख्य कारण यह है की सरकार एक साथ एक जगह पर ज्यादा भीड़ एकत्रित नहीं होने देना चाहती | 
  • पहले ही राजस्थान में समर्थन मूल्य पर खरीदी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है| अब मध्यप्रदेश सरकार ने भी समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद स्थगित करने का फैसला लिया है | 
  • पहले सामान्य हालात में मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद 1 अप्रैल 2020 से की जानी थी | इसके लिए किसान पहले ही ई-उपार्जन से पंजीयन कर चुके हैं | 
  • परन्तु अभी राज्य शासन कोविड-19 संक्रमण की स्थिति को ध्यान में रखकर एक अप्रैल 2020 से प्रारंभ किये जा रहे गेहूँ उपार्जन कार्य को आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया है। 
Share

साइलेज किस तरह से बनाया जाए

  • दाने वाली फ़सलों जैसे मक्का, ज्वार, बाजरा, जई आदि को साईलेज बनाने के लिए जब दाने दूधि्या अवस्था में हो तो 2-5 सेंटीमीटर छोटे टुकड़ों में काट लें। 
  • काटे गए हरे चारे के टुकड़ों को जमीन पर कुछ घंटे के लिए फैला देना चाहिए ताकि अधिक पानी की कुछ मात्रा उड़ जाए।
  • अब कटे हुए चारे को पहले से तैयार साइलोपिट या साइलेज गड्ढों में डाल दें। 
  • गड्ढे में चारे को पैरों या ट्रैक्टर से अच्छे से दबाकर भरे जिससे चारे के बीच की हवा निकल जाए।
  • गड्ढे को पूरी तरह भरने के बाद उसे ऊपर से मोटी पॉलिथीन डालकर अच्छी तरह से सील कर दें। 
  • इसके बाद पॉलीथिन कवर के ऊपर से मिट्टी की लगभग एक फीट मोटी परत चढ़ा दें जिससे हवा अंदर ना जा सके।
  • साइलोपिट या साइलेज गड्ढों में भंडारित किए गए हरे चारे के टुकड़ों से साइलेज बनने लगता है, क्योंकि हवा और पानी के न होने से दबाए गए चारे में लैक्टिक अम्ल बनता है, जिस से चारा लंबे समय तक खराब नहीं होता है।
  • चारे की आवश्यकता अनुसार गड्ढों को कम से कम 45 दिनों के बाद पशुओं को खिलाने के लिए खोलें। 
Share

लॉकडाउन पर ICAR के वैज्ञानिकों द्वारा किसानों हेतु दिए सलाह को अपनाएँ और रहें सुरक्षित

देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए लॉकडाउन लगा हुआ है ऐसे में किसान भाइयों को इस वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए सरकार की तरफ से कई दिशा निर्देश लगातार जारी किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने भी रबी फसलों की कटाई एवं मड़ाई हेतु एडवाइजरी जारी किये हैं। 

फ़सलों की कटाई एवं मड़ाई हेतु सलाह

गेहूं की कटाई हेतु कम्बाइन कटाई मशीन का उपयोग तथा इनके आवागमन की अनुमति सरकार ने दी है। इन मशीनों के रखरखाव के साथ साथ फसल की कटाई में लगे श्रमिकों की सावधानी एवं सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है। 

गेहूं के अलावा सरसों, मसूर, मक्का, मिर्ची और गन्ने जैसे फसलों की भी कटाई एवं तुड़ाई चल रही है। ऐसी स्थिति में समस्त किसानों एवं कृषि श्रमिकों को कटाई एवं तुड़ाई के कार्यों के पहले, कार्यों के दौरान एवं कार्यों के उपरांत व्यक्तिगत स्वच्छता तथा सामाजिक दूरी को सुनिश्चित करना अति आवश्यक है। इस दौरान समस्त किसानों एवं कृषि श्रमिकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे मास्क पहन कर काम करें तथा बीच-बीच में साबुन से हाथ धोते रहें। 

Share

तोरई की फसल में पत्ती सुरंगक का प्रकोप

  • इसका वयस्क रूप एक हलके पीले रंग की मक्खी होती है जो पत्तियों पर अंडे देती है। 
  • इससे पत्तियों पर सफेद टेढ़ी मेढ़ी धारियां बन जाती है तथा अधिक प्रकोप होने पर पत्तियाँ सूख कर गिर जाती है। 
  • इस कीट से प्रभावित पौधों पर फलन की समस्या देखने को मिलती है जिससे उपज में कमी आ जाती है। 
  • खरपतवार को खेत और उसके आसपास से हटाएँ हटाएँ।  

इसकी रोकथाम हेतु एबामेक्टिन 1.8% ईसी @ 160 मिली/एकड़  या साइपरमैथ्रिन 4% ईसी + प्रोफेनोफॉस 40% ईसी 400 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।

Share

टमाटर को नोक की सड़न (ब्लॉसम एन्ड रॉट) से कैसे बचाएं?

Tomatoes Blossom End Rot disease
  • यह एक दैहिक विकार है जो कैल्सियम की कमी से फलों में होता है।
  • रोपाई के 15 दिन पहले मुख्य खेत में गोबर की ठीक से सड़ी हुई खाद का उपयोग करें।
  • कमी के लक्षण दिखाई देने पर कैल्शियम EDTA @ 150 ग्राम/एकड़ की दर से दो बार छिड़काव करें। या
  • मेटलैक्सिल 4% + मैन्कोजेब 64% डब्लू.पी 30 ग्राम और कासुगामायसिन 3% एस.एल 25 मिली प्रति 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें तथा चौथे दिन चिलेटेड कैल्सियम 15 ग्राम + बोरोन 15 ग्राम प्रति 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
Share

देश पर मंडरा रहे बड़े जल संकट को बेहतर जल प्रबंधन से कर सकते हैं दूर

Better water management can overcome big water crisis hovering over the country

हमारा देश आने वाले सालों में भीषण जल संकट का सामना कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है की भारत में लोग पानी का महत्व नहीं समझ रहे हैं और इसकी खूब बर्बादी कर रहे हैं। ऐसे में पानी की इसी बर्बादी के कारण आने वाले समय में देश के लगभग 60 करोड़ लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।

वर्तमान की बात करें तो लगभग दो लाख लोगों की एक बड़ी आबादी को स्वच्छ पानी नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण वे या तो अपनी जान गंवा रहे हैं या फिर गंभीर रोगों से ग्रसित हो रहे हैं।

क्या है इसका समाधान
ऐसा नहीं है की भारत में जल की कोई बड़ी समस्या है, पर भारत में जल प्रबंधन पर जोड़ नहीं दिया जाता है जिस कारण हर साल देश के कई राज्यों में बारिश के पानी को बह जाने दिया जाता है। यही कारण है की देश में कुछ जगहों पर बाढ़ तो कुछ जगहों पर सूखा देखने को मिलता है। सच तो यही है की भारत में जल का बेहतर प्रबंधन कर के ही आने वाली जल संकट की समस्या को रोका जा सकता है

Share

लौकी की फसल को फल छेदक से कैसे बचाएं?

How to avoid fruit borer in Bottle Gourd
  • एक ही खेत में लगातार एक जैसी फसल न लेते हुये फसल चक्र अपनाएं।
  • वयस्क मक्खी फूलों में अंडे देती है। अंडे मैगट में जाते हैं, जो फलों के अंदर खिलते हैं और सड़ने का कारण बनते हैं।
  • कीट के प्रभावी रोकथाम के लिए कीटनाशक के छिड़काव के पूर्व छेद किये गये फलों की तुड़ाई कर लें।
  • संक्रमित फलों का आकार बिगड़ जाता है और काटने पर दुर्गंध आती है।
  • कीटों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए बचाव के तौर पर फेरोमोन ट्रैप @ 4 जाल/एकड़ लगाए।
  • कीट रोकथाम के लिए इमामेक्टीन बेंजोएट 5% SG @100 ग्राम + बिवेरिया बेसियाना 250 ग्राम प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करें। या
  • क्लोरोपाईरिफोस 20% EC 300 मिली प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी के साथ छिडकाव करें। या
  • बाइफेंथ्रीन 10% EC @ 400 मिली/एकड़ की दर से स्प्रे करें।

 

Share

कोरोना की आशंकाओं के बीच भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने फसल कटाई पर दी उपयोगी सलाह

Amidst fears of Corona, Indian Council of Agricultural Research gave useful advice on harvesting

कोरोना की आशंकाओं के बीच भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने किसानों को फसल कटाई पर कुछ उपयोगी सलाह दिए हैं। परिषद ने कहा है कि किसान गेंहू की कटाई अभी कुछ दिनों के लिए टाल सकते हैं। परिषद का मानना है की गेहूं की कटाई में 20 अप्रैल तक देरी की जा सकती है और इससे कोई नुकसान नहीं होगा।

इसके पीछे का कारण बताते हुए परिषद ने कहा की ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान अभी भी औसत से नीचे है और इसीलिए कटाई में कुछ देरी की जा सकती है। ग़ौरतलब है की आमतौर पर, गेहूं की कटाई मार्च महीने के अंत से शुरू होती है।

Share

मौसम में हो रहे बदलाव के दौरान बरतें कृषि संबंधित सावधानियां

Take precautions related to agriculture during the weather changes
  • खेत में जल निकास का प्रबंधन करें ताकि खेत में पानी ज्यादा देर तक न रुक सके।
  • फसल कटाई के दौरान उसे खुले खेत में न रखकर किसी छपरे, कमरे, गोदाम अथवा जहाँ बारिश का पानी न आये, ऐसी जगह पर रखें।
  • आसमान के साफ़ होने पर चना मसूर गेहूं को तिरपाल या प्लास्टिक की चादरों पर खोलकर 2 से 3 दिन तक अच्छी तरह सुखा लें। दानों में नमी की मात्रा 12% से कम हो जाए तभी इसका भंडारण करें।
  • बीज भंडारण के पहले फफूंदनाशक दवा से बीज उपचार करना जरूरी होता है जिससे बीज जनित रोग का सस्ता एवं कारगर नियंत्रण हो सकता है।
  • बीज उपचार हेतु थाइरम या केप्टान दवा 3 ग्राम अथवा कार्बोक्सिन 2 ग्राम प्रति किलो की दर से उपचारित करना चाहिए।
Share