थनैला रोग के पहचान के लक्षण

  • थनैला रोग एक जीवाणु जनित रोग है, जो ज्यादातर दुधारू पशु गाय, भैंस, बकरी को होता है।
  • थनैला रोग में पशु के अयन (थन) का सुजना, अयन का गरम होना एवं अयन का रंग हल्का लाल होना इस रोग की प्रमुख पहचान हैं |
  • अधिक संक्रमण से दूध निकालने का रास्ता एक दम बारीक हो जाता है और साथ में दूध फट के आना, मवाद आना जैसे लक्षण दिखाई देते है।
  • संक्रमित पशु के दूध सेवन से मनुष्यों में कई बिमारियों हो सकती है |इस कारण यह रोग और महत्वपूर्ण हो जाता है | 
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केंद्रीय कृषि मंत्री ने राज्यों के कृषि मंत्रियों संग वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर कृषि कार्यों का लिया जायजा

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को देश के सभी राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की और कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने के लिए चल रहे देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान हो रहे कृषि से जुड़े कार्यों का जायजा लिया।

यह वीडियो कान्फ्रेंसिंग कृषि भवन में बुधवार को आयोजित किया गया और इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर के साथ केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और कैलाश चौधरी भी उपस्थित थे। उन्होंने राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ रबी फ़सलों की कटाई तथा ख़रीद जैसे मुद्दों पर चर्चा की और अगले सीजन की फसल की बुआई के लिए उर्वरकों और बीजों व अन्य आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की व्यवस्था को लेकर भी विचार-विमर्श किया। इससे एक दिन पहले केंद्रीय कृषि मंत्री ने विभाग के अधिकारियों से भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की थी।

ग़ौरतलब है की वर्तमान में गेहूं, सरसों, चना समेत कई रबी फ़सलों की कटाई का सीजन चल रहा है साथ ही साथ कॉटन, मिर्च और मूंग जैसी जायद फ़सलों की बुआई भी होनी है। फ़सलों की कटाई या बुआई को रोका नहीं जा सकता, इसलिए, सरकार ने लॉकडाउन के दौरान भी इसकी इजाज़त दी है और रोज़ाना इस पर नए नए कदम उठा रही है।

स्रोत: ANI 

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किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 4.91 करोड़ किसान परिवारों को मिले 9826 करोड़ रुपये

PM kisan samman

वर्तमान में देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने लिए लॉकडाउन लगा हुआ है जिसकी वजह से गरीब किसान परिवारों के पास पैसे की कमी हो रही है। इसी कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने “प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना” के अंतर्गत 1.70 लाख करोड़ रूपये के बड़े राहत पैकेज की और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसान परिवारों सहायता देने के लिए अप्रैल माह के पहले सप्ताह में ही 2000 रुपये की किस्त देने की घोषणा सरकार की तरफ से की गई थी | 

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 8.7 करोड़ किसान परिवार को पैसे दिए जाएंगे जिसमें से सरकार ने 24 मार्च से 03 अप्रैल तक लगभग 4.91 करोड़ किसानों को इस वित्त वर्ष की किस्त जारी कर दी है। इसके अंतर्गत 4.91 करोड़ किसान परिवारों को 9826 करोड़ रुपये दिए गए हैं। किसानों को दी गई राशि की जानकारी देश के केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने दी।

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प्याज में बैगनी धब्बा रोग की समस्या और समाधान

  • यह रोग पुरानी पत्तियों के किनारों से शुरू होता है | शुरुआत में छोटे, अंडाकार धब्बे जो आगे चल कर बैगनी भूरे हो जाते हैं तथा इन धब्बो के किनारे पीले रंग के होते हैं | 
  • जब धब्बे बड़े होने लगते है तब पीले किनारे फ़ैल कर ऊपर नीचे घाव बनते है| 
  • पत्ते व फूलों की डंठल मुरझा जाती है और पौधा सूख जाता है| 
  • बिना कंद वाली दूसरी फसलों के साथ 2-3 साल का फसल चक्र का अपनाना चाहिए। 
  • इस रोग की रोकथाम हेतु कीटाजीन 48 ईसी 80 मिली या क्लोरोथालोनिल 75 डब्लूपी 300 ग्राम या कार्बेन्डाजिम 12 + मेंकोजेब 63 डब्लूपी 500 ग्राम @ 200 मिली/एकड़ की दर से 200 लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करे|   
  • जैविक उपचार के माध्यम से स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करे|  
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आधारीय खुराक (बेसल डोज) और प्रथम सिंचाई

बुवाई के ठीक बाद पहली सिंचाई करें और उपरोक्त उर्वरक की बेसल डोज दे DAP- 40 किलो, MoP- 20 किलो, जिंक सल्फेट 5 किलो प्रति एकड़ की दर से इन सभी को मिलाएं और मिट्टी में फैलाएं| अधिक जानकारी के लिए हमारे टोल नंबर 1800-315-7566 पर मिस्ड कॉल करे|

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कोरोना का असर अण्डे मुर्गी की बिक्री पर

  • सोशल मिडिया में ऐसे हजारों मैसेज फैल रहे है जिसमे कहा जा रहा है कि यह जानलेवा वायरस मांसहार करने से फैलता है|
  • बीमारी के डर से लोगों ने मांसाहार खाना छोड़ दिया जिससे इसका सीधा असर पोल्ट्री तथा मीट इंडस्ट्री पर पडा|
  • राष्ट्रीय अण्डा समन्वय समिति (NECC) के अनुसार अण्डों की कीमतें एक साल पहले के मुकाबले लगभग 15 फीसदी कम है|
  • मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी करके बताया है कि पोल्ट्री के माध्यम से कोरोना फैलने की बात सिर्फ अफवाह ही है, पुरे विश्व में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया, जिसमे कहा जा सके कि कोरोना का इस पर असर है|
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लॉकडाउन के बीच गेहूं की खरीदी के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने बनाया रोडमैप

कोरोना वैश्विक महामारी को लेकर चल रहे लॉकडाउन के बीच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के बीच गेंहूं की बिक्री को लेकर चल रहे संशय को दूर करते हुए बड़ी राहत दी है। इसके अंतर्गत राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी 15 अप्रैल से आरम्भ होगी। इस दौरान सामाजिक दूरी का भी ख्याल रखा जाएगा और हर रोज उपार्जन केंद्रों पर चुनिंदा किसानों को ही एसएमएस के माध्यम से बुलाया जाएगा।

इसके साथ ही साथ खरीदी केंद्रों पर हम्माल, तुलावटी और समिति के अन्य कर्मचारी भी सीमित संख्या में रहेंगे। ग़ौरतलब है की पिछले साल राज्य में 3545 खरीदी केंद्र थे, जिन्हें इस बार बढ़ाकर 3813 किया गया है और अन्य नए केंद्र भी बनाए जा रहे जा रहे हैं। इस बार कुल खरीदी केंद्रों की संख्या 4000 तक हो जाएगी।

इस पूरे मुद्दे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि “प्रदेश में 14 अप्रैल को लॉक डाउन खुलना संभावित है। इसके बाद 15 अप्रैल से प्रदेश में रबी उपार्जन का कार्य प्रारंभ किया जायेगा। 31 मई तक उपार्जन कार्य समाप्त कर लेना है। समय कम है। अतः ऐसी व्यवस्था करें, जिससे किसानों की गेहूं, चना, सरसों और मसूर फसलें समर्थन मूल्य पर सुगमता से खरीदी जा सकें।” 

 

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राइज़ोबियम कल्चर से बीज उपचार कैसे करे

  • 1 लीटर पानी में 250 ग्राम गुड़ डाल कर लगभग 15 मिनट तक गर्म करे और इसका घोल बनाएं 
  • घोल ठंडा होने पर इस में 3 पैकेट (600 ग्राम) राइजोबियम कल्चर मिलाएं और धीरे धीरे लकड़ी के डंडे से हिलाते रहें| 
  • इस घोल को बीजों पर धीरे-धीरे इस तरह छिड़कना चाहिए कि घोल की परत सब बीजों पर समान रूप से चिपक जाए. 10 किलो बीज के लिए यह पर्याप्त है| 
  • हाथों में दस्ताने पहनकर बीजों को अच्छी तरह मिला कर इन बीजों को छायादार जगह पर सुखाएं| ध्यान रखें कि बीज आपस में चिपके नहीं|
  • उपचारित बीजों को शीघ्र ही बुवाई कर दे| 
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कपास की सफेद मक्खी प्रतिरोधी ट्रांसजेनिक किस्म विकसित

  • राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान- लखनऊ के वैज्ञानिकों ने कपास की सफेद मक्खी प्रतिरोधी किस्म विकसित की है|  
  • शोधकर्ताओं ने पौधों की जैव-विविधता से 250 पौधों की पहचान करके ऐसे प्रोटीन अणुओं का पता लगाया जो सफेद मक्खी के लिए विषैले होते है|
  • प्रयोगशाला में सफेद मक्खी को जब कीटनाशक प्रोटीन के सम्पर्क में लाया गया तो उसके जीवन चक्र में विपरीत बदलाव आये|  
  • पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के अधीन केन्द्र में अप्रैल से अक्टूबर के मध्य इस किस्म का परीक्षण किया जायेगा | 
  • सफेद मक्खी रोधी जिन गुणों को कपास में शामिल किया गया है, यदि प्रक्षेत्र में किये गए परीक्षणों में भी उन्हें प्रभावी पाया जाता है, तो इस किस्म को किसानों को खेती के लिए दिया जा सकता है| 
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लॉकडाउन में बड़ी राहत: किसानों के घर से सरकार करेगी रबी फसलों की ख़रीद

कोरोना संकट की वजह से चल रहे देशव्यापी लॉकडाउन के कारण किसानों को कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल वर्तमान समय रबी फसलों कटाई और सरकारी ख़रीद का है और अब इस विषय पर लॉकडाउन के दौरान सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देने की पहल की है। 

इस समस्या से निपटने के लिए पंजाब सरकार ने एक अहम फैसला किया है। पंजाब सरकार रबी फ़सलों की ख़रीद के दौरान मंडियों में होने वाले भीड़भाड़ को रोकने के लिए गांवों में जाकर फसल ख़रीद की तैयारी कर रही है। इस दौरान उन गांवों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो मंडियों से लगभग 1 से 2 किमी की दूरी पर स्थित हैं। 

पंजाब सरकार द्वारा कृषि एवं खाद्य विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह जल्द ही गांवों के किसानों के घर जाकर गेहूं की ख़रीद करने का तरीका ढूंढ निकालें। मंडियों से दूर स्थित गांवों के किसान को मदद पहुंचाने के लिए किसानों के घर मुलाजिमों को भेजने का सुझाव दिया गया है।

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