Intercropping in vegetables

सब्जियो में अंतरसस्य फसले:-सब्जियो की फसले कम अवधि एवं अधिक उत्पादन देती है जिसके कारण इन्हें मिश्रित अंतरवर्ती व चक्रीय क्रम में अन्य फसले के साथ भी उगाया जाता है |अंतरवर्ती या मिश्रित फसल लेने के लिए, सब्जियों की विकास दर, जड़ो का वितरण, पोषक प्रकृति, कीट व रोगों के आक्रमण, बाज़ार में मांग इत्यादि पर विचार करना चाहियें| फसल पद्धति स्थायी नहीं होना चाहियें  एवं मोसम, कीट व रोगों के आक्रमण, बाजार- भाव व मांग तथा उत्पादक के आवश्यकतानुसार बदलना चाहिये|

क्र.    सब्जी का नाम       अंतरसस्य फसले

1.)    टमाटर       -केला, नीम्बू, कपास, भिन्डी, गेंदा, तुराई, गिलकी, मक्का

2.)    बैगन        -गाजर, फूलगोभी, मेथी, पत्तागोभी, हल्दी, मक्का

3.)    मिर्च         -आलू, शलजम, बरबटी

4.)    पत्तागोभी     -नीम्बू, गाजर, मुली, बैगन

5.)    फूलगोभी      -पालक, बैगन, मक्का, गांठगोभी

6.)    प्याज        -गाजर, मुली, धनियाँ, शलजम

7.)    लहसुन       -चुकंदर, मुली, गाजर

8.)    मटर         -बाजरा, मक्का, सूरजमुखी, अमरुद

9.)    फरासबीन     -बैगन, मिर्च, गेंदा, मक्का

10.)   बरबटी       -फरासबीन, धनियाँ, मक्का, बाजरा, केला

11.)   भिन्डी        -धनियाँ, ग्वारफली

12.)   लौकी        -बरबटी, कुंदरू, चौलाई, लम्बी ककड़ी

13.)   तुरई         -पालक, टमाटर

14.)   ककड़ी        -बरबटी, पालक

15.)   करेला        -लोबिया, बरबटी, पर्सनीप, सलाद

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