लक्षण:-
- इस बीमारी के लक्षण प्राय: पौधों की पुरानी पत्तियों एवं तने पर दिखाई देते है|
- वातावरण में अत्यधिक आर्द्रता इस बीमारी के अनुकूलन को बढ़ाता है |
- इस बीमारी में पत्तियों और तनों पर सफ़ेद रंग के छोटे-छोटे एवं गोलाकार धब्बो का निर्माण होता है|
- अत्यधिक ग्रसित पत्तियां पीले रंग की होकर सुख कर भूरे रंग की हो जाती है |
- बाद में पत्तियां सड़ने लगती है |
नियंत्रण:- घुलनशील सल्फर 80% का 50 ग्राम प्रति 15 ली पानी में घोल बना कर 15 दिन के अंतराल पर छिडकाव करे|
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