कपास की फसल में 60-70 दिनों में सबसे ज्यादा प्रकोप गुलाबी इल्ली का होता है।
यह इल्ली शुरूआती दौर में कपास के फूल पर पायी जाती है।
ये फूल से कपास के परागकण खाने के साथ-साथ जैसे ही कपास का टिंडा तैयार होता है उसके अंदर चली जाती है और टिंडे के अंदर के कपास के बीज को खाना शुरू कर देती है।
इसी के साथ रस चूसक कीट एफिड, जेसिड, थ्रिप्स, सफेद मक्खी का भी प्रकोप कपास की फसल में होता है।
इनके नियंत्रण के लिए 60-70 दिनों में छिड़काव करना बहुत आवश्यक होता है।
इसके लिए नोवालूरान 5.25% + इमामेक्टिन बेंजोएट 0.9% SC@ 600 मिली/एकड़ या या लैम्डा साइहेलोथ्रिन 4.6% + क्लोरानिट्रानिलीप्रोल 9.3% ZC@ 80 मिली/एकड़ की दर से छिड़काव करें।
पायरीप्रोक्सीफैन 10% + बॉयफैनथ्रिन 10% EC 250 मिली/एकड़ या इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG @ 100 ग्राम/एकड़ का उपयोग करें।
अच्छी वृद्धि एवं विकास के लिए एमिनो एसिड @ 300 मिली/एकड़ + 00:52:34 @ 1 किलो/एकड़ की दर से छिड़काव करें।