कम ज़मीन पर ज्यादा उत्पादन पाने वाले छोटे किसानों पर बनाई जायेगी फ़िल्में 

केंद्र सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार ने मिलकर वैसे किसानों पर फिल्म बनाने का निर्णय लिया है जो अपने छोटे जमीनों पर खेती कर लाखों का मुनाफ़ा कमाते हैं। इसके पीछे का उद्देश्य बाकी के छोटे किसानों को भी ऐसा करने के लिए उत्साहित करना है ताकि वे भी अपने खेतों में उन्नत खेती कर के अच्छा उत्पादन प्राप्त करें।

बता दें की गुजरात की एक संस्था को फिल्म निर्माण का यह कार्य दिया गया है जो आने वाले महीने में श्योपुर से इसकी शुरुआत करेगा।

अनार की खेती से किसान ने लिखी सफलता की इबारत

त्रिलोक तोषनीवाल नामक इस किसान ने अपने गांव जैदा की 8 बीघा पथरीली ज़मीन को जी तोड़ मेहनत कर खेती करने लायक बनाया और फिर अनार व अन्य फलों के पौधे लगाकर 15 से 20 लाख की वार्षिक कमाई की। अब सफलता की इसी कहानी को फिल्म के रूप में पेश किया जाएगा।

अमरुद की खेती ने बदली किसानों की किस्मत

मध्यप्रदेश के ज्वालापुर और सोंईकलां क्षेत्र में बहुत सारे किसानों ने कई वर्षों पहले पारंपरिक खेती की राह छोड़ कर अमरूद की फसल पर ध्यान केंद्रित किया था और इसका फल अब वहां नजर आने लगा है। यहाँ 5 से 8 बीघा ज़मीन वाले किसान अमरूद से 8 से 10 लाख रुपए की वार्षिक कमाई कर रहे हैं। इनकी सफलता की कहानी भी अब फिल्म का शक्ल लेगी।

कराहल की महिला किसानों ने की उन्नत खेती

मध्यप्रदेश के कराहल में महिलाओं ने खेती की शक्ल बदल दी। आमतौर पर यहाँ तोरई, सरसों और ज्वार-बाजरा की खेती होती थी पर अब यहाँ किसान और महिला किसानों ने दलहनी फसल और सब्ज़ियाँ उगाकर अपनी आय काफी बढ़ा ली है। अब यहाँ सालाना 10-12 लाख तक की कमाई महिला किसान कर पा रही हैं। बहरहाल इन महिलाओं की सफलता पर भी फिल्म बनने वाली है।

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