- इस बीमारी के लक्षण पत्तियों, पर्णवृंत, तना एवं फलों पर दिखाई देते है।
- नये फलों के ऊपर अण्डाकार जल रहित धब्बे निर्मित होते है जो आपस में मिलकर बहुत बडा क्षेत्र ढँक लेते है।
- अत्यधिक नमी युक्त वातावरण में निर्मित धब्बों के बीच में गुलाबी रंग के समूह वाले जीवाणु दिखाई देते है।
- निर्मित धब्बों से गुलाबी चिपचिपा पदार्थ निकलने लगता है, जिन पर रोग के बीजाणु उत्पन्न होते है।
- लताओं पर भूरे रंग की धारियाँ निर्मित होती है जिन पर कोणीय एवं गोलाकार धब्बो का निर्माण होता है।
- इस बीमारी में प्रभावित भागों पर अंगमारी रोग नुमा लक्षण निर्मित हो जाते है।
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