- खीरा एक उथली जड़ वाली फसल है इस कारण इसमें अधिक गहरी अन्तर शस्य क्रियाएँ आवश्यक नही होती है।
- छँटाई करने हेतु सभी द्वितीयक शाखाओं को पाँच गाँठों के साथ काट देने से इसकी फलों की गुणवत्ता में सुधार होता हैं एवं उपज बढ़ती है।
- पौधे को सहारा देकर उगाया जाता है, जिससे फलों में सड़न की समस्या कम हो जाती है।
जाने कद्दु, करेला, ककड़ी, तरबूज, खरबूज, लौकी और गिल्की की खेती के लिये उपयुक्त जलवायु कैसी होनी चाहिए?
- गर्म एवं नमी युक्त मौसम इस फसल के लिये उपयुक्त होता है।
- इस फसल की अच्छी वृद्धि एवं विकास के लिये रात व दिन का तापमान 18-22 C एवं 30-35 C के मध्य होना चाहिये।
- 25-30 C तापमान पर बीज अंकुरण बहुत तेजी से होता हैं।
- अनुकूल तापमान होने पर मादा फुलो एवं फलो की संख्या प्रति पौधा मे वृद्धि होती है।
खीरा-ककड़ी की फसल के लिए खेत की तैयारी
- प्रारंभिक अवस्था में भूमि को भुरभुरी बनाने के लिए खेत की जुताई 4-5 बार करें और अंतिम जुताई के पूर्व 10 -15 टन अच्छी पकी हुई गोबर की खाद को प्रति एकड़ भूमि में मिला दें।
- यदि भूमि में निमेटोड या सफ़ेद चीटी या लाल चीटी का प्रकोप हो तो कार्बोफुरान का 10 कि.ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिडकाव करें।
- खेत को समतल करने के दौरान 60 से.मी. चौड़ाई वाली नालियों का निर्माण 2- 2.5 से.मी. की दूरी पर करना चाहिए।
Control of Anthracnose in Cucumber
- खेतों को साफ रखे एवं उचित फसल चक्र अपनाकर बीमारी के फैलने से रोकना चाहिये ।
- बीजों को कार्बोंन्डाजिम 50% WP से 2.5 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें।
- 10 दिनों के अंतराल से मेंकोजेब 75% डब्ल्यूपी @ 400 ग्राम प्रति एकड़ या क्लोरोथालोनिल 75% डब्ल्यूपी @ 300 ग्राम प्रति एकड़ की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।
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ShareAnthracnose disease in Cucumber
- इस बीमारी के लक्षण पत्तियों, पर्णवृंत, तना एवं फलों पर दिखाई देते है।
- नये फलों के ऊपर अण्डाकार जल रहित धब्बे निर्मित होते है जो आपस में मिलकर बहुत बडा क्षेत्र ढँक लेते है।
- अत्यधिक नमी युक्त वातावरण में निर्मित धब्बों के बीच में गुलाबी रंग के समूह वाले जीवाणु दिखाई देते है।
- निर्मित धब्बों से गुलाबी चिपचिपा पदार्थ निकलने लगता है, जिन पर रोग के बीजाणु उत्पन्न होते है।
- लताओं पर भूरे रंग की धारियाँ निर्मित होती है जिन पर कोणीय एवं गोलाकार धब्बो का निर्माण होता है।
- इस बीमारी में प्रभावित भागों पर अंगमारी रोग नुमा लक्षण निर्मित हो जाते है।
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ShareWeed management in cucumber
- फसल की प्रारंभिक अवस्था में खेत को खरपतवार रहित रखना आवश्यक हैं।
- जब लताऐ अच्छी तरह से खेत को ढक लेती है, इस दशा में निदाई की आवश्यकता नही होती है।
- प्रायः फसल की पहली एवं दूसरी निदाई बुवाई के 20-25 दिन एवं 45-50 दिनों के अंतराल से की जाती है।
- मण्डप या सहारे से लगी हुई ककड़ी में सभी तरह की पत्ती वाले खरपतवार के लिए पैराक्वाट डाईक्लोराइड 24% एस.एल.( ग्रामोक्सोन ) या ग्लाइफोसेट 41% एसएल @ 1 लीटर/एकड़ कतारों के बीच में हुड लगा कर स्प्रे करे क्योकी यह एक नॉन सिलेक्टिव खरपतवारनाशक हैं | अतः हुड लगाना आवश्यक हैं |
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ShareIntercultural Practices in Cucumber
खीरा में किये जाने वाले कार्य:-
- खीरा एक उथली जड़वाली फसल है इस कारण इसमें अधिक गहरी अन्तर शस्य क्रियाएँ आवश्यक नही होती है।
- वर्षा के मौसम में निदाई गुड़ाई के द्वारा जड़ो में मिट्टी डालकर ढकना आवश्यक होता है।
- छँटाई करने हेतु सभी द्वितीयक शाखाओं को पाँच गाँठों के साथ काट देने से फलों की गुणवत्ता में सुधार होता हैं एवं उपज बढ़ती हैं|
- खरीफ के मौसम में पौधे को सहारा देकर उगाया जाता है। इसके कारण फलों की सड़न कम हो जाती है।
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ShareSpacing of Cucumber
खीरा की रोपाई दूरी:-
- बीजो की बुबाई मेढ़ो पर की जाते है पोधो के बीच की दूरी 1 से 1.5 मीटर के लगभग रखी जाती है|
- जब ककड़ी को मण्डपनुमा आकार वाला ढाचे का सहारा देकर उगाया जाता है| तब इस दशा में 3*1 मीटर की दूरी पर उगाया जाता है|
- जब बीजो की बुवाई 0.5 से 75 मीटर की दूरी पर की जाती है तो प्रत्येक गड्डे में 4-6 बीजो को बोया जाता है| सभी बीजो के उग जाने के बाद उसमे से दो पोधो को ही वृद्धि के लिए रखा जाता है|
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ShareField preparation of Cucumber
खीरा ककड़ी के लिए खेत की तैयारी
- प्रारंभिक अवस्था में भूमि को भुरभुरी बनाने के लिए खेत की जुताई 4-5 बार की जाती है और अंतिम जुताई के पूर्व 20-25 टन अच्छी पकी हुई गोबर की खाद को भूमि में मिला दे|
- यदि भूमि में निमेटोड या सफ़ेद चीटी या लाल चीटी का प्रकोप हो तो कार्बोफुरान का 25 कि.ग्राम प्रति हक्टेयर की दर से छिडकाव करे|
- खेत को समतल करने के दौरान 60 से.मी. चौड़ाई वाली नालियों का निर्माण 2-2.5 से.मी. की दूरी पर करना चाहिये|
- तैयार की गई नालियों को लंबाई सिंचाई के स्त्रोत, मौसम, वर्षा एवम भूमि की प्रकृति पर निर्भर करता है|
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